लेागों के घरों की पहली रोटी मिले गौ-माता को, इसका किया जा रहा है पूरा प्रयास: उदयवीर टोकस

By: Dilip Kumar
2/15/2021 6:42:57 PM
नई दिल्ली

मोहम्दपुर व इसके आसपास के गावों में स्थित घरों की 'पहली रोटी गौै-माता को मिले', पहली रोटी गऊ माता नामक संस्था द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है। संस्था के द्वारा उक्त क्षेत्रों में रोटी के लिए 10 के आसपास स्टील के बॉक्सेज लगाए गए हैं। इसमें लोगों से घर में बनने वाली पहली रोटी को डालने की अपील की जा रही है। गौ-माता को रोटी खिलाने के महत्व को बताया जा रहा हैै। साथ ही लगाए गए उक्त स्टील के बॉॅक्सेज से रोजाना करीब १ क्विंटल रोटी जुटाकर किशनगढ गौै-शाला में पहुंचाया जा रहा है। गौ-माता के प्रति लोगों में आस्था जगाने व रोटी खिलाने आदि विभिन्न विषयोंं पर दुर्गेश कुमार झा ने 'पहली रोटी गऊ माता की' संस्था के अध्यक्ष उदयवीर टोकस से बात की। प्रस्तुत है उसके अंश:

प्रश्न: गाय को रोटी खिलाने का कार्य आप किस प्रकार कर रहे हैं?

उत्तर: हमने श्याम लाल चौैधरी, रोशन लाल, धर्मवीर टोकस, इकबाल चौैहान आदि दोस्तों के साथ मिलकर पहली रोटी गऊ माता की नामक एक संस्था बनाई है। इसे हमलोग अपने खर्चे से चला रहे हैं। इसके माध्यम से हमलोगों ने मौैजूदा समय में मोहम्दपुर गांव में जगह-जगह १० स्टील के बॉॅक्सेज लगाए हैैं। इन बॉक्स में रोजाना करीब १ क्विंटल रोटी जमा हो जा रही है। उसेे एक ई-रिक्शा के माध्यम से किशन गढ गौ-शाला मेंं पहुंचाया जा रहा है। वहां स्थित करीब २५०० से ३००० गायों कों लोगों के घरों की पहली रोटी खिलाई जा रही है।

प्रश्न: गायों को रोटी खिलानेे की प्रेरणा आपको कहां से मिली औैर यह कार्य कब से शुरू किया?

उत्तर: गाय को रोटी खिलाने का कार्य बड़ा पुण्य का कार्य होता है। मैं औैर मेरे परिवार के लोग यह कार्य नित्य करते हैं। एक बार मोहम्दपुर में भागवत कथा का आयोजन किया गया था। उसमें घर में बनने वाली पहली रोटी, गाय को खिलाने से मिलने वाले फल का वर्णन किया गया। उसी समय मेरे औैर भागवत कथा में मौजूद उक्त मित्रों के मन में गाय के लिए रोटी जुटाने की जिज्ञासा जगी। फि र क्या था, हम सभी ने यह कार्य शुरू कर दिया।

प्रश्न: लोग लगााए गए बॉक्सेज में रोटी डाले, इसके लिए क्या करते हैं?

उत्तर: देखिए, गाय को रोटी खिलाना, एक बड़ा पुण्य का काम हैै। यह हमारे धर्म-शास्त्र में है। हमलोगों ने जहां-जहां स्टील के बॉक्सेज लगाए हैैं, वहां व उसके आसपास के लोगों से समय-समय पर अपील करते हैं कि वह अपने घर बनने वाली रोटियों में से पहली रोटी को बॉक्स में अवश्य डालें। गाय को रोटी खिलाने से होने वाले धर्म की भी जानकारी देते हैं।
प्रश्न: स्टील बॉक्सेज औैर कहां-कहां लगाएंगे और आगे का क्या प्लान है?

उत्तर: हमारी संस्था मोहम्दपुर गांव के अलावा मेहरौैली गांव, बसंतपुर गांव आदि क्षेत्रों में भी स्टील के बॉक्सेज लगाने पर विचार कर रही हैै। इसके अलावा दो-तीन ई-रिक्शा भी रखने का प्लान है। संस्था की ओर से गऊ माता के लिए ज्यादा से ज्यादा रोटी जुटाने का प्लान है।

प्रश्न: काफी गाय व अन्य पशु सड़क पर घूमतेे रहते हैं, आपके संस्था द्वारा उसके लिए भी कुछ किया जाएगा?

उत्तर: हां जरूर, हमारी संस्था एक ऐनिमल एम्बुलेंस खरीदने पर विचार कर रही है। योजना है कि उस एम्बुलेंस से सड़क पर घूम रही गाय व अन्य पशुओं को अस्पताल पहुंचाया जाएगा। वहां पर समुचित उपचार के बाद गायों को गौशालाओं में शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा संस्था के सदस्य लोगाों से अपील भी करते हैं कि पशुपालक अपने पशुओं खासकर गाय को सड़क पर न छोड़ें। घर पर गाय की सेवा करें। क्योंकि सड़क पर घूमने के दौैरान गाय पॉलिथीन व अन्य कचड़ा चबाती है, जिससे वह बीमार पड़ती है। इससे गायों की मौैत भी हो रही है। इसलिए पशुपालक अपनी गाय को सड़क पर न छोड़ें।


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