मोदी ने लगवाई कोरोना वैक्सीन

By: Dilip Kumar
3/1/2021 3:35:55 PM
नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना का पहला टीका लगवा लिया है। उन्हें भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का डोज दिया गया। वे सोमवार सुबह असम का गमछा गले में डालकर दिल्ली एम्स पहुंचे। यहां पुडुचेरी की पी निवेदा ने मोदी को टीका लगाया, इस दौरान केरल की सिस्टर रोसम्मा अनिल पास में खड़ी थीं। इन तीनों राज्यों में 27 मार्च से 6 अप्रैल तक विधानसभा चुनाव होने हैं। दिल्ली एम्स में 3 साल से काम कर रहीं सिस्टर पी निवेदा ने बताया कि उनकी ड्यूटी वैक्सीन सेंटर पर लगी है। सोमवार सुबह ही उन्हें बताया गया कि प्रधानमंत्री टीका लगवाने के लिए आ रहे हैं। वैक्सीन लगवाने के बाद मोदी ने नर्स से कहा कि लगा भी दी, पता ही नहीं चला। प्रधानमंत्री ने वैक्सीन लगवाने के बाद सोशल मीडिया पर फोटो शेयर की। इसके जरिए उन्होंने वैक्सीन को लेकर आम लोगों के मन की शंकाएं दूर करने की कोशिश की। साथ ही विपक्ष के उन नेताओं को भी संदेश दिया, जिन्होंने वैक्सीनेशन की मंजूरी की प्रोसेस पर सवाल उठाए थे।

सभी योग्य लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील

मोदी ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करते हुए लिखा कि कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने में हमारे डॉक्टर और वैज्ञानिकों ने जिस तेजी से काम किया वह असाधारण है। मैं सभी योग्य लोगों से अपील करता हूं कि वे वैक्सीन लगवाएं। हमें साथ मिलकर देश को कोरोना मुक्त बनाना है। मोदी के एम्स तक पहुंचने के लिए कोई रूट तय नहीं किया गया था। उन्होंने सुबह का वक्त चुना, ताकि उनके काफिले की वजह से आम लोगों को परेशानी नहीं हो। मोदी के वैक्सीन लगवाने के शेड्यूल की जानकारी भी पहले से नहीं दी गई, बल्कि प्रधानमंत्री ने अचानक एम्स पहुंचकर लोगों को चौंका दिया। प्रधानमंत्री ने भारत बायोटेक की कोवैक्सिन लगवाई है। जनवरी में इसे लेकर विवाद हुआ था। इसे मिली मंजूरी पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे। विपक्ष ने कहा था कि अगर वैक्सीन इतनी ही भरोसेमंद है, तो सरकार से जुड़े लोग इसका डोज क्यों नहीं लगवा रहे? कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा था कि कोवैक्सिन ने अभी तक अपना तीसरा ट्रायल भी पूरा नहीं किया है। जल्दबाजी में वैक्सीन को मंजूरी दी गई और यह खतरनाक हो सकता है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि भारत बायोटेक एक फस्र्ट रेट इंटरप्राइज है, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि कोवैक्सिन के फेज-3 ट्रायल से जुड़े प्रोटोकॉल, जिन्हें इंटरनेशनल लेवल पर मंजूर किया गया है, उन्हें मोडिफाई किया जा रहा है।
इसके बाद भारत बायोटेक के एमडी डॉ. कृष्णा एल्ला को सामने आना पड़ा। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग हमारी वैक्सीन के बारे में केवल गॉसिप कर रहे हैं। ढ्ढष्टरूक्र के साथ मिलकर हमने इसे तैयार किया है और ये 200त्न सुरक्षित है। ट्रायल्स में 10त्न से भी कम साइड इफेक्ट देखने को मिले हैं।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी बोले- हमने पहले भी कोवैक्सिन पर सवाल पूछे थे। विशेषज्ञों ने भी सरकार को आगाह किया था। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष के लिए कहा कि ये भ्रम मंडली है। इन्हें लोगों की सेहत और सलामती के मुद्दे पर सियासत नहीं करनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा- प्रधानमंत्री ने वैक्सीन लगवाकर देश और दुनिया को भरोसा दिलाया है। यह हनुमान जी की संजीवनी बूटी है और प्रधानमंत्री हनुमान के रूप में संजीवनी बूटी जनता को दिला रहे हैं। यह विपक्ष के मुंह पर कड़ा तमाचा है। इस बीच, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि मेरी उम्र 70 साल से ज्यादा हो गई है। मैं 10-15 साल ही और जियूंगा। इसलिए मेरी जगह किसी युवा को वैक्सीन लगाई जाए, तो बेहतर रहेगा।
देश में कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे फेज में 60 साल से ज्यादा और 45 साल से 60 साल तक के वे लोग जिन्हें गंभीर बीमारियां हैं, उनको शामिल किया गया है। जिनकी उम्र 1 जनवरी 2022 को 60 साल होगी, वे भी इस बार टीका लगवा सकते हैं। वैक्सीनेशन दोपहर 3 बजे तक चलेगा। इसके लिए को-विन 2.0 पोर्टल के साथ ही आरोग्य सेतु ऐप पर सुबह 9 बजे से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। जिन लोगों की उम्र 60 साल या ज्यादा है, उन्हें रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन के वक्त ढ्ढष्ठ कार्ड साथ रखना होगा। 45 से 60 साल के जिन लोगों को गंभीर बीमारी है, उन्हें मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाना होगा। सरकार ने इसके लिए डिक्लरेशन फॉर्मेट के साथ इस क्राइटेरिया में आने वाली 20 बीमारियों की लिस्ट भी जारी की है। इस फॉर्म को डॉक्टर से सर्टिफाई करवाना होगा।
राज्यों में वैक्सीनेशन का दूसरा फेज
मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और गुजरात समेत देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा फेज सोमवार को शुरू हो गया। इस फेज में 60 साल से अधिक और 45 साल से ज्यादा उम्र के गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को शामिल किया जा रहा है। जिनकी उम्र 1 जनवरी 2022 को 60 साल होने वाली होगी, वे भी इस बार टीका लगवा सकेंगे। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने जेपी अस्पताल में टीका लगवाया। जबलपुर में संतों ने टीका लगवाया तो ग्वालियर में सांसद ने 12 बजे तक इंतजार करवाया। सांसद को पहला टीका लगने के बाद ही अभियान शुरू हो पाया। इंदौर में जानकारी के अभाव में बुजुर्ग और टीकाकरण में लगे कर्मचारी करीब 30 मिनट तक परेशान होते रहे। ये लोग ऑनलाइन और ऑफलाइन के चक्कर में उलझे रहे।
राजस्थान में कई जगहों पर एक से दो घंटे के बाद बुजुर्गों को टीका लग पाया। वहीं, बीकानेर के सेटेलाइट अस्पताल में टीका लगवाने पहुंचे बुजुर्ग को लौटा दिया गया। उनसे कहा गया कि टीकाकरण सोमवार को नहीं होगा। जब भी होगा, तब एक स्रूस् उनके पास आ जाएगा। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तीन सरकारी और एक प्राइवेट अस्पताल को टीकाकरण के लिए चुना गया है। पहले दिन प्रदेश के 75 जिलों में तीन-तीन टीकाकरण केंद्रों पर 100-100 लोगों को वैक्सीन लगाने का टार्गेट था। इस तरह 225 केंद्रों पर पहले दिन 22,500 लोगों को वैक्सीन लगने की उम्मीद थी। वैक्सीनेशन 3 बजे खत्म हो गया। इस दौरान कितने लोगों को वैक्सीन लग पाई, इसके आंकड़े अभी नहीं मिले हैं। पंजाब में सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन मुफ्त में लगाई गई, जबकि प्राइवेट हॉस्पिटल्स में इसके लिए 150 रुपए फीस ली गई। हालांकि, प्राइवेट हॉस्पिटल्स सर्विस मैनेजमेंट के खर्च के तौर पर 100 रुपए एक्स्ट्रा वसूल सकते हैं। गुजरात में 3600 हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर ने वैक्सीन नहीं लगवाई है। इसी बीच सोमवार से दूसरा फेज शुरू हो गया। सूरत शहर में 36 हजार हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर हैं। इनके वैक्सीनेशन के लिए इसके लिए 42 सरकारी और 23 प्राइवेट हॉस्पिटल तय किए गए हैं। दिल्ली में 192 सरकारी-निजी अस्पतालों में टीके लगाए गए। सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन मुफ्त लगाई गई, जबकि प्राइवेट हॉस्पिटल्स में इसके लिए 250 रुपए फीस ली गई।

दुनिया के सबसे उम्रदराज लीडर्स का वैक्सीनेशन

दुनियाभर के 117 देशों में कोरोना वायरस को लेकर वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू हो चुका है। कई अफवाहों के चलते अभी भी बड़ी संख्या में लोग वैक्सीन लगवाने से डर रहे हैं। यहां तक कि डॉक्टर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स भी वैक्सीन लगवाने से दूर भाग रहे हैं। ऐसे में लोगों को 78 साल के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ये संदेश दिया है कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और वो अफवाहों पर ध्यान न दें। सोमवार को 70 साल के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोवैक्सिन का पहला डोज लिया। इस कोवैक्सिन को भारतीय कंपनी भारत बायोटेक ने तैयार किया है। यह वही वैक्सीन है, जिस पर विपक्ष के नेता सवाल खड़े कर रहे थे। अब प्रधानमंत्री ने खुद इस वैक्सीन का डोज लगवाकर बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।

फरवरी में कम होने की बजाय बढ़कर 1.65 लाख के पार हो गए

देश में कोरोना के बढ़ते केस चिंता बढ़ा रहे हैं। पांच दिन से रोजाना 15 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही एक्टिव केस, यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। 31 दिसंबर को 2 लाख 52 हजार 701 एक्टिव केस थे, जो 31 जनवरी को घटकर 1 लाख 65 हजार 685 हो गए। यानी 87,016 की कमी आई, लेकिन 28 फरवरी तक ये बढ़कर 1 लाख 65 हजार 715 हो गए। अगर जनवरी के बराबर एक्टिव केस फरवरी में भी कम होते तो अभी यह आंकड़ा 80 हजार होता। रविवार को देश में 15,614 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 11,291 लोग ठीक हुए और 108 की मौत हो गई। अब तक 1.11 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 1.07 करोड़ से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। 1.57 लाख की मौत हो चुकी है। 1.65 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है।


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