CAA/NRC को लेकर मोर्चाबंदी शुरू

By: Dilip Kumar
11/22/2021 5:56:13 PM

कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद अब देश में नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) रद्द किए जाने की आवाज मुखर हो गई है। कई मुस्लिम संगठनों और नेताओं ने कृषि कानूनों के बाद सीएए और एनआरसी वापसी की मांग की है। यही नहीं ये संगठन सीएए के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की तैयारी में भी है। एक दिन पहले ही कानपुर में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अधिवेशन में सीएए वापस लेने के बारे में प्रस्ताव पास हुआ। इसके बाद ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी बीजेपी को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सीएए वापस नहीं हुआ तो फिर शाहीन बाग बना देंगे।

सीएए कानून को भी वापस लिया जाए: मदनी

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने कृषि कानूनों की वापसी पर किसानों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि 'जिस तरह से किसानों के लिए तीन कृषि कानून घातक थे, उसी तरह सीएए और एनआरसी कानून मुस्लिमों के हित के खिलाफ हैं। इन दोनों कानूनों के दुष्परिणाम मुस्लिम समाज को भुगतना होगा। इसलिए हम मांग करते हैं कि सीएए कानून को भी वापस लिया जाए। हम मुसलमान भी भारत के नागरिक हैं इसलिए सरकार को हमारे बारे में भी वैसे ही सोचना चाहिए, जैसे उसने किसानों के बारे में सोचा है।'

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने प्रस्ताव पारित किया

कानपुर में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का दो दिन का अधिवेशन रविवार को समाप्त हुआ। इसमें 11 प्रस्ताव पारित हुए जिसमें सीएए वापसी का भी प्रस्ताव था। बोर्ड के प्रवक्ता कासिम रसूल इलियासी के अनुसार, 'हमारी यह मांग है कि सीएए कानून को भी वापस लिया जाना चाहिए।'

ओवैसी की बीजेपी को धमकी- शाहीन बाग बना देंगे

बाराबंकी में रविवार को जनसभा संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, 'बीजेपी सरकार ने जैसे तीनों कृषि बिल कानून वापस लिया है, उसी तरह नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी कानून को भी वापस लेना चाहिए। ये कानून बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के बनाए हुए कानून के खिलाफ हैं। ओवैसी ने कहा कि अगर बीजेपी सरकार ने कानून वापस नहीं लिए तो फिर हम सड़कों पर निकलेंगे और यहीं पर फिर शाहीन बाग बना देंगे।'

बीएसपी सांसद ने CAA वापसी की मांग की

अमरोहा से बीएसपी सांसद कुंवर दानिश अली ने कहा, 'केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेकर एक अच्छा कदम उठाया है। इससे देश के करोड़ों किसानों को लाभ होगा। उन्होंने कहा है कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के करोड़ों लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए नागरिकता कानून (CAA) को भी वापस ले लेना चाहिए। देश के करोड़ों लोग नागरिकता कानून को वापस लेने के लिए सड़कों पर आंदोलन कर रहे थे।'

केंद्रीय मंत्री बोले- सांप्रदायिक राजनीति फिर शुरू

सीएए एनआरसी पर उठ रही मांगों पर केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सीएए पर सांप्रदायिक राजनीति फिर से शुरू हो गई है, क्योंकि कुछ लोग सीएए को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएए किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं, सिखों व उत्पीड़न के शिकार अन्य अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने के लिए है।

12 दिसंबर को प्रदर्शन की तैयारी

असम में 2019 को सबसे पहले CAA के खिलाफ हिंसा भड़की थी और 5 लोगों की जान गई थी। खबर है कि कृषि कानूनों की वापसी के बाद वहां सीएए के विरुद्ध कई समूह फिर से जाग उठे हैं और 12 दिसंबर को प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं।

क्या है नागरिकता संशोधन कानून?

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के तहत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले गैर मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रावधान है जो 31 दिसंबर 2014 तक इन देशों को छोड़ चुके हैं। सीएए को 12 दिसंबर, 2019 को अधिसूचित किया गया था और यह पिछले साल 10 जनवरी को प्रभाव में आया। संसद में सीएए को पारित किए जाने के बाद देश के अनेक हिस्सों में व्यापक विरोध प्रदर्शन देखे गए थे।


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