विश्व रक्तदाता दिवस पर विशेष : रक्तदान विश्व में महादान

By: Dilip Kumar
6/14/2022 9:36:42 PM

आज पूरी दुनिया में विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जा रहा है। यह दिवस 14 जून 1868 को कार्स लैंडस्टेनर के जन्मदिन की सालगिरह पर मनाया जाता है लैंडस्टेनर को रक्त समूह की खोज करने का श्रेया जाता है ।आपने रक्त समूह ए,बी ,एबी, और ओ की खोज की थी ।आपके लिए इस उत्क्रष्ट (उत्तम) कार्य रक्त समूह की खोज करने के लिए नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था । विश्व रक्तदाता दिवस मनाने का मूल उद्देश्य सुरक्षित रक्त और रक्त उत्पादों की आवश्यकता ओं के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने और रक्त दाताओं को धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता है ।

आमतौर पर रक्तदान दिवस का प्रारंभ 2005 में विश्व स्वास्थ्य संगठन, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसायटी की संयुक्त पहल द्वारा मनाया गया।
विश्व रक्तदान दिवस मनाने की हर वर्ष थीम रखी जाती है। इस वर्ष 2022 मैं विश्व रक्तदान दिवस की थीम है "रक्तदान एकजुटता का कार्य है प्रयासों में शामिल हो और जीवन बचाएं" अर्थात रक्तदान एक सामूहिक प्रयास होता है स्वेच्छा से मानव रक्तदान करके किसी अनजान जरूरतमंद व्यक्ति को रक्त दान कर जीवन देता है।
मानव जीवन में रक्त का अत्यंत महत्व है। रक्तदान एक आवश्यक संसाधन है यह उन रोगियों के लिए मददगार है जो लंबे समय तक जीवन की और जीवन की उच्च गुणवत्ता के साथ जीवन के लिए खतरनाक स्थितियों से पीड़ित हैं ।

यह जटिल चिकित्सा और शल्य चिकित्सा प्रक्रिया का समर्थन करता है । सामान्यत: रक्त समूहA+ वाला मानव रक्त ले सकता है- A+,A-,O+और O- और यह A+व,AB+के लिए दे सकता है। O+दे सकता है O+,A+,B+,AB+ समूह के रक्त वालों को दे सकता है। तथा यह O+,O-वालों से ही ले सकता है। B+दे सकते हैं B+,AB+को किंतु ले सकता हैB+,B-,O+,O- AB+केवलAB+को ही दे सकता है किंतु वह सभी से प्राप्त कर सकते हैं । A-दे सकता है A+,A-,AB+,AB-को मगर यह A-,O-से ही ले सकता है। O-सभी को दे सकता है किंतु वह ले सकता हैO-से। B-दे सकता हैB+,B-,AB+AB-और वह केवलB-,O-से ही ले सकता है। AB-दे सकता है AB+,AB-को मगर यह ले सकता है AB-,A-,B-और O-से प्राप्त कर सकते हैं। सामान्यत: विश्व रक्त दान दिवस मनाने से तात्पर्य है कि रक्त समूह के विषय में सभी को जागरूक करना , कौन किस से रक्त ले सकता है और कौन किस को रक्त दे सकता है के विषय में सभी जानकारी देना है।
वास्तव में रक्तदान दुनिया में महादान है इससे बढ़कर कोई दान नहीं है।

एक मानव को उदार हृदय से रक्त दान करना चाहिए। मानव शरीर में जब रक्त निकलता है तो तेजी से पुनः नया रक्त उत्पन्न हो जाता है। रक्तदान करके किसी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं आती है। वर्ष में एक बार कम से कम रक्त दान करना चाहिए। दानी प्रवृत्त के लोग सदा सुखी रहते हैं। रक्तदान करो और दूसरों को भी करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे।इसी में मानव कल्याण का भाव निहित है।सबका मंगल हो।

लेखक
सत्य प्रकाश
प्राचार्य
डॉ बी आर अंबेडकर जन्म शताब्दी महाविद्यालय धनसारी अलीगढ़


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