एएमयू कैंटीन में सिर्फ वेज खाना, छात्रों ने लगाया जबरन शाकाहारी बनाने का आरोप

By: Dilip Kumar
3/31/2017 1:10:44 PM
नई दिल्ली

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को भी मीट की कमी झेलनी पड़ रही है। पहले छात्रों को हफ्ते में दो दिन मीट दिया जाता था। लेकिन अब वहां खाने में केवल शाकाहारी खाना ही दिया जा रहा है। छात्रों का कहना है कि उन्हें केवल दाल सब्जी देकर जबरन शाकाहारी बनाया जा रहा है। छात्रों ने वाइस चांसलर को इस मामले पर चिट्ठी भी लिखी है।  

एएमयू छात्रसंघ अध्यक्ष फेजुल हसन ने कहा कि पिछले पांच-छह दिनों से छात्रों को खाने में मीट नहीं दिया जा रहा है। इसलिए उन्होंने वाइस चांसलर को एक पत्र लिखा है। उन्होंने जिसमें मांग की है कि लाइसेंसी मीट फैक्ट्रियों से सभी हॉलों में मीट की सप्लाई करवाई जाए। छात्रों को जल्द से जल्द मीट खाने के लिए मिले। उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी को छात्रों के लिए मीट ही मंगवाना होगा क्योंकि चिकन और मटन के रेट बढ़ने से कोई और ऑप्शन नहीं बचा है।

11 मार्च को उत्तर प्रदेश में सरकार बदलने के बाद अब हालात भी बदलने लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अवैध बूचड़खानों के खिलाफ हुई कार्रवाई से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की कैंटीन का मेन्यू कार्ड भी गड़बड़ा गया है। बीफ सहित तमाम वैरायटियां मेन्यू कार्ड से गायब हो गई हैं। ऐसे में छात्रों को दाल और चावल, शाकाहारी सब्जी ही खाने पड़ रही हैं। एएमयू छात्र संघ अध्यक्ष फैजुल हसन का कहना है कि पिछले पांच-छह दिनों से छात्रों को गोश्त नहीं मिल रहा है, ऐसे में वाइस चांसलर को एक पत्र लिखा है, जिसमें मांग की है कि लाइसेंसी मीट फेक्ट्रियो से सभी हालों में मीट की सप्लाई कराई जाये और छात्रों को जल्द से जल्द मीट खाने के लिए मिले। इसके अलावा कोई आप्शन नहीं है, चिकिन और मटन पर भी रेट बढ़ गया हैं।

विश्वविद्यालय में मीट की कमी को राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जा रहा हैं। करीब 15,000 छात्रों के लिए पांच सौ किलों मीट उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। हालांकि बफैलो मीट नहीं मिल पा रहा है लेकिन चुकन और मटन के मीट बाजार में उपलब्ध है, बहरहाल हॉस्टल में छात्र शाकाहारी भोजन ग्रहण कर रहे हैं।

 

 

 


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