आंदोलन रोका तो मुश्किल कर देंगे: दार्जिलिंग के गोरखा नेता, राजनाथ बोले- शांति रखें

By: Dilip Kumar
6/18/2017 5:36:57 PM
नई दिल्ली

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में अलग राज्य की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) का बेमियादी बंद 7वें दिन भी जारी है। अब तक कई जगहों पर हिंसा और आगजनी हो चुकी है। होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने रविवार को लोगों से शांति की अपील की। उन्होंने कहा- लोकतंत्र हिंसा की इजाजत नहीं देता। इससे कभी समस्या का हल नहीं निकलेगा, बातचीत से मुद्दे सुलझाए जा सकते हैं।

जीजेएम के प्रेसिडेंट बिमल गुरंग ने लोगों से कर्फ्यू तोड़ने की अपील करते हुए कहा कि अगर पुलिस ने आंदोलन रोकने की कोशिश की तो बड़ी मुश्किल खड़ी कर देंगे। पुलिस के मुताबिक, शनिवार को प्रदर्शनकारियों और सिक्युरिटी फोर्स में झड़प हुई। जीजेएम सपोर्टर्स ने उन पर पत्थर और बॉटल फेंकीं। उनकी गाड़ियों में आग लगा दी। एक अफसर पर धारदार हथियार से हमला किया था। वो गंभीर रूप से जख्मी हो गए।

 उधर, जीजेएम ने भी पुलिस पर उनके दो सपोर्टर को मार देने का आरोप लगाया। राज्य के हालात पर सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य में जो कुछ हो रहा है उसके पीछे गहरी साजिश है। पुलिस को जीजेएम सपोर्टर्स को काबू करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। इस हिंसा में इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के असिस्टेंट कमांडर टीएम तमांग गंभीर रूप से घायल हो गए।

GJM चीफ का आरोप, पुलिस ने हमारे 2 सपोर्टर्स मार दिए

 उधर, जीजेएम चीफ बिमल गुरंग ने आरोप लगाया, "पुलिस गैरकानूनी तरीके से हमारे सपोर्टर्स के घरों में घुस रही है। उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्हीं में से दो को पुलिस ने मार डाला। अब हमारा आंदोलन और मजबूत होगा।" हालांकि, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अनुज शर्मा ने जीजेएम के आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि गोलियां पुलिस ने नहीं बल्कि जीजेएम सपोर्टर्स की ओर से चलाई गई थीं।

'पुलिस के साथ टीएमसी वर्कर्स ने भी मारा छापा'

 जीजेएम के असिस्टेंट जनरल सेक्रेटरी बिनय तमंग ने दावा किया कि पुलिस और टीएमसी के वर्कर्स ने शनिवार तड़के करीब 3 बजे उनके घर पर छापा मारा। तोड़फोड़ भी की गई। परिवार के लोगों को धमकी भी दी गई। उनका कहना था कि यह कार्रवाई ठीक उसी तरह की गई, जैसी 2 दिन पहले पार्टी चीफ बिमल गुरुंग के घर पर की गई थी। तमंग ने दावा किया कि पुलिस ने जीजेएम के विधायक अमर राय के बेटे को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। राय का कहना है कि उनके बेटे का राजनीति से कोई लेनादेना नहीं है।

GJM की मांग- अब केंद्र दखल दे

 जीजेएम के जनरल सेक्रेटरी रोशन गिरी ने इस मामले में केंद्र सरकार से दखल की मांग की है। उन्होंने कहा- दार्जिलिंग में हालात खराब होते जा रहे हैं। हम पीएम और होम मिनिस्टर को बताएंगे कि राज्य सरकार किस तरह आंदोलन को दबा रही है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

 पिछले महीने ममता सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया। इसमें कहा गया कि राज्य के सभी स्कूलों को 10th क्लास तक बांग्ला को कम्पलसरी लैंग्वेज के तौर पर पढ़ाना होगा। दार्जिलिंग में जीजेएम ने इसका विरोध किया और इसके साथ ही कई साल पुरानी अलग गोरखालैंड की मांग भी उठाई। हजारों टूरिस्ट्स फंस गए और केंद्र ने कड़ी मशक्कत के बाद इन्हें निकाला। ममता सरकार की मांग पर यहां सेना भी तैनात की गई। इस दौरान काफी हिंसा भी हुई।

दार्जिलिंग का टूरिज्म ठप्प

 जीजेएम के आंदोलन का सबसे ज्यादा असर दार्जिलिंग के टूरिज्म पर पड़ा है। खास बात ये है कि दार्जिलंग में टूरिज्म ही सबसे बड़ा बिजनेस सेक्टर है। यहां आने वाले टूरिस्ट्स की तादाद करीब 90 फीसदी कम हो गई है। दार्जिलिंग को क्वीन ऑफ हिल्स या पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है।  न्यूज एजेंसी से बातचीत में एक कारोबारी ने कहा- सब कुछ तो आंदोलन और हिंसा की वजह से बंद हो गया है। अब टूरिस्ट्स आएंगे भी तो उन्हें क्या मिलेगा? जब तक इस इलाके में शांति नहीं होगी तब तक आप कोई उम्मीद नहीं रख सकते। बता दें कि 1860 से ही दार्जिलिंग सबसे मशहूर टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक गिना जाता है। हर साल यहां करीब एक लाख टूरिस्ट आते हैं। भारत में टूरिज्म के लिहाज से पिछले साल दार्जिलिंग तीसरे नंबर पर रहा था।

दार्जिलिंग में भी पत्थरबाजी

कश्मीर की तरह पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में भी शनिवार को सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी हुई और पेट्रोल बम फेंके गए। आंदोलनकारियों ने इंडियन रिजर्व बल के सहायक कमांडेंट को खुखरी मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। झड़प में चार नागरिकों की मौत हुई है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के नेतृत्व में पृथक गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर 10 दिनों से चल रहा आंदोलन शनिवार को हिंसक हो गया। आंदोलनकारियों ने सिंगमारी क्षेत्र में इंडियन रिजर्व बल (आईआरबी) के जवानों पर पत्थर और पेट्रोल बम फेंके। स्थिति को नियंत्रण करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठियां भांजी। इस पर गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के तीन वाहन फूंक दिए। वहीं, आईआरबी के सहायक कमांडेंट किरन तमांग पर खुखरी से हमला कर दिया, इससे वह घायल हो गए। 

 

 


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