अनशन नहीं, समाधान की जरूरत : देवेंद्र गौतम

By: Dilip Kumar
6/11/2017 8:18:50 PM

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान फाइव स्टार व्यवस्था में आमरण अनशन पर बैठकर आखिर क्या जतलाना चाहते हैं। वे यदि आंदोलनरत किसानों से वार्ता करने और उनकी मांगों पर विचार करने को तैयार हैं तो उन्हें किसान नेताओं को इसके लिए आमंत्रित करना चाहिए। अगर उन्हें लगता है कि विपक्षी दल आंदोलन को हिंसक बनाने और उपद्रव बढ़ाने का काम कर रहे हैं तो वे उन्हें इसका मौका क्यों दे रहे हैं? उनका कहना है कि उनकी सरकार किसानों की हमदर्द है और उनकी बेहतरी के लिए काम करती रही है तो फिर उनकी तात्कालिक समस्या के निदान में विलंब क्यो कर रही है? उनपर लाठी, गोली क्यों बरसा रही है? उनका मानना है कि किसानों की आड़ में राजनीतिक स्वार्थ की रोटियां सेंकी जा रही हैं। इसमें  हैरानी की क्या बात है? राजनीति में मौके का फायदा उठाना तो सामान्य बात है।  सरकार पता करे कि सुरक्षाकमर्मियों की गोली से मारे गये छह लोग किसान थे या उपद्रवी। तसवीर साफ हो जाएगी। रही बात  विपक्ष की तो सत्ता के खिलाफ उठने वाली हर आवाज के साथ सुर में सुर मिलाना उसका राजनीतिक धर्म ठहरा। चौहान साहब यदि सत्ता में नहीं होते तो वही करते जो विपक्षी दल अभी कर रहे हैं। अभी रूठने मनाने की नहीं किसानों की पीड़ा को समझने और समस्या का हल निकालने की जरूरत है। विपक्ष को कोसने और अनशन का नाटक करने से कुछ नहीं होनेवाला। पूरे सूबे में अफवाहों का बाजार गर्म है। इसके कारण जटिलता बढ़ रही है। आखिर खुफिया तंत्र क्या कर रहा है। अफवाहों को फैलने से क्यों नहीं रोका जा पा रहा है।

निश्चित रूप से कर्ज माफी की घोषणा करना आसान है लेकिन उसके वित्तीय बोझ को उठा पाना अकेले किसी राज्य सरकार के बूते की बात नहीं है। इसके लिए केंद्र की सहायता जरूरी है। केंद्र से इसपर बात करनी चाहिए। उत्तर प्रदेश में कर्ज माफी की घोषणा के बाद दूसरे राज्यों में यह मांग उठनी स्वाभाविक है।

मोदी सरकार ने किसानों की आय दूनी करने की घोषणा की है। लेकिन इसके लिए कोई रणनीति दिखाई नहीं दे रही है। किसान और उपभोक्ताओं के बीच बिचौलियों की लंबी कतार बनी रहेगी तो किसानों को उपज की सही कीमत नहीं मिलेगी। उपभोक्ता महंगाई का दंश झेलते रहेंगे। यह बिचौलिया तंत्र पर अंकुश लगाकर किसानों और उपभोक्ताओं को राहत दिलाने पर विचार करने का सही समय है। केंद्र और राज्य सरकारों को इसपर ध्यान देना चाहिए।


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