एक मुखी रुद्राक्ष साक्षात भगवान शिव का स्वरुप

By: Dilip Kumar
8/4/2017 3:48:07 AM
नई दिल्ली

भगवान शिव ने समस्त लोगों के कल्याण के लिए अपने नेत्रों से आंसू के रूप में रुद्राक्ष उत्पन्न किए चूँकि भगवान शिव कल्याण करने वाले देवता हैं इसलिए उनकी आँख से प्रथम आंसू गिरते ही एक मुखी रुद्राक्ष उत्पन्न हुए इसलिए एक मुखी रुद्राक्ष को सबसे महत्वपूर्ण और कल्याणकारी रुद्राक्ष माना गया है | एक मखी को साक्षात भगवान शिव का स्वरुप माना गया है और इस ब्रह्माण्ड की कल्याणकारी वस्तुओं में एक मुखी रुद्राक्ष पहले नंबर पर आता है | एक मुखी दो प्रकार के दाने इस धरती पर पाए गए हैं | एक गोल आकार में है और दूसरा काजू के आकार में है लेकिन जो इसमें नेपाल का गोल दाना है उसीको असली एक मुखी और कल्याणकारी रुद्राक्ष माना गया है |

एक मुखी रुद्राक्ष के लाभ

एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने मात्र से ही गंभीर पापों से मुक्ति मिलकर, मन शांत होकर, इन्द्रियां वश में होकर व्यक्ति ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति की तरफ अग्रसर हो जाता है | शरीर में हाई BP इसके धारण करने से धीरे धीरे नियंत्रित होने लगता है और कम दवाई से ही BP शांत रहता है | सभी रुद्राक्षों में एक मुखी रुद्राक्ष को सर्वोत्तम स्थान दिया गया है | इसके धारण करने से शत्रुओं के षड़यंत्र से बचा जा सकता है और भक्ति, मुक्ति, युक्ति एवं धन लक्ष्मी की प्राप्ति में भी यह रुद्राक्ष सहायक है |

एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र

वैसे तो एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र “ॐ ह्रीं नमः” है लेकिन शिव का पंचाक्षर बीज मंत्र “ॐ नमः शिवाय” से भी कोई भी रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है | इस रुद्राक्ष को धारण करने के पश्चात् नित्य प्रति “ॐ नमः शिवाय” की पाँच माला जाप करने भर से इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है |


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