पासपोर्ट बनवाना और आसान, पुलिस नहीं सिर्फ ऑनलाइन वेरिफिकेशन होगा जरूरी

By: Dilip Kumar
8/22/2017 3:45:41 PM
नई दिल्‍ली

पासपोर्ट के लिए भौतिक रूप से पुलिस सत्यापन (पलिस वेरिफिकेशन) की व्यवस्था जल्द ही बीते दिनों की बात हो जाएगी। सरकार की योजना एक ऐसा राष्ट्रीय डाटाबेस बनाने की है, जिससे एक क्लिक के जरिए पासपोर्ट आवेदक की आपराधिक पृष्ठभूमि चेक की जा सकेगी। केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि नई व्यवस्था के तहत क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम प्रोजेक्ट (सीसीटीएनएस) को एक साल के भीतर विदेश मंत्रालय की पासपोर्ट सेवा से जोड़ दिए जाने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि कुछ राज्यों में पुलिस सीसीटीएनएस का इस्तेमाल कर रही है।

पुलिस को एक हैंड डिवाइस दिया जाएगा, जो आवेदक के पते पर जाकर उसका डिटेल नेटवर्क पर अपलोड कर देगी। इससे पुलिस से संपर्क का समय कम होगा। इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य अपराध और अपराधियों का एक राष्ट्रीय डाटाबेस बनाना तथा उसे देश के सभी 15,398 पुलिस थानों को जोड़ना है।

अब आसानी से बनेगा पासपोर्ट

पहले पासपोर्ट बनवाने के लिए जन्म प्रमाणपत्र देने की जरूरत होती थी। इसके बिना पासपोर्ट के लिए पंजीयन नहीं होता था। अब जन्म तारीख के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, मान्यता प्राप्त शैक्षणिक बोर्ड से जारी की गई मार्कशीट, स्कूल की टीसी, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड और एलआईसी पॉलिसी बॉन्ड को भी जन्म प्रमाण पत्र के रूप में जमा किया जा सकता है। पिता का नाम देना जरूरी नहीं - सिंगल पैरेंट भी अपने बच्चे के लिए पासपोर्ट का आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें पिता का नाम देना जरूरी नहीं है।

स्पेशल कमेटी ने सिंगर पैरेंट और गोद लिए गए बच्चों के मामलों को देखते हुए इस फैसले को मंजूरी दी। शादी या तलाक का सर्टिफिकेट जरूरी नहीं - पासपोर्ट फॉर्म के एनेक्सेस की संख्या 15 से घटाकर नौ कर दी गई है। एनेक्सेस A, C, D, E, J और K को हटा दिया गया है और कुछ को मर्ज कर दिया गया है। इन्हें सादे कागज पर भरकर सेल्फ अटेस्ट कर जमा किया जा सकता है। शादीशुदा लोगों को विवाह प्रमाणपत्र और जिन लोगों का तलाक हो चुका है उन्हें तलाक की डिक्री देना जरूरी नहीं किया गया है। इसके साथ ही पति या पत्नी का नाम देना भी जरूरी नहीं होगा।

अनाथ बच्चों के लिए भी सरल, आधार अनिवार्य

 अनाथ बच्चों को भी अब जन्म प्रमाणपत्र देने से छूट मिल गई है। अब सिर्फ अनाथालय या चाइल्ड केयर होम के प्रमुख के इस बारे में घोषणापत्र देने से ही काम चल जाएगा। वहीं, अब सरकारी कर्मचारी को अपने वरिष्ठों का अनापत्ति प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं है। इसके लिए उन्हें खुद का घोषणापत्र देना होगा। पासपोर्ट के लिए सरकार ने अब आधार अनिवार्य कर दिया है।

 


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