नीट के खिलाफ आवाज उठाने वाली अनिता ने की खुदकुशी, विरोध में छात्र सड़क पर उतरे, प्रदर्शन

By: Dilip Kumar
9/2/2017 11:08:02 PM
नई दिल्ली

तमिलनाडु में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं मिलने की वजह से अनिता नाम की एक लड़की ने आत्महत्या कर ली। इसके बाद से ही मेडिकल एंट्रेस परीक्षा NEET को लेकर जोरदार प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इतना ही नहीं लगभग 14 छात्र इसके विरोध में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर भी बैठ गए हैं।

खबरों के अनुसार तमिल राष्ट्रवादी संगठन नाम तालीमार काट्ची और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया जैसे संगठन नीट के खिलाफ चेन्नई और त्रिची की सड़कों पर उतर आए हैं। इस बीच सीएम के पलानीस्वामी ने शुक्रवार को आत्महत्या करने वाली लड़की के परिजनों को सात लाख रूपये मुआवजा देने का ऐलान किया।

इसी बीच एआईएडीएमके नेती टीटीवी दिनाकरन ने अनिता की मौत पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "मैं हैरान हूं कि हम सबकी प्यारी बेटी ने नीट के खिलाफ संघर्ष करते हुए आत्महत्या कर ली।" इसके बाद दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत और कमल हसन ने भी अनिता की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया। रजनीकांत ने फेसबुक पर पोस्ट किया, "अनिता के साथ जो भी हुआ वो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इस कदम को उठाने के पहले उस पर क्या बीत रही होगी मैं उस दर्द को समझ पा रहा हूं।

मेरी संवेदनाएं उसके परिवार के साथ है।" जबकि कमल हसन ने लिखा, "वे अनिता को अपनी बेटी समान मानते हैं और वे उसके लिए अपनी आवाज उठायेंगे।" उन्होंने इसके पीछे राज्य सरकार और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। दलित बोर्ड की स्टूडेंट अनिता ने मेडिकल में दाखिले के लिए नीट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। इसमें असफल होने पर उसने अपने घर पर परिजनों की अनुपस्थिति में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

बताया जाता है कि दाखिला ना मिलने पर वह अवसाद में जी रही थी। अनिता ने तमिलनाडु स्टेट बोर्ड से बारहवीं में 1,200 में से 1,176 नंबर लाए थे। हालांकि मेडिकल के लिए होने वाली नीट की परीक्षा में उसने 86 नंबर ही लाए थे। इधर अनिता के परिजन, रिश्तेदार और गांव वालों ने राज्य और केंद्र को उसकी मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरु किया है।

तमिलनाडु में एक 17 वर्षीय दलित छात्रा एस. अनीता द्वारा आत्महत्या करने से भड़की राजनीतिक पार्टियां और छात्र संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और राज्य सरकार व केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। छात्रा की आत्महत्या ने मेडिकल कॉलेजों में राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) के आधार पर प्रवेश को लेकर मामला गरमा दिया है। राज्य की राजधानी में यहां दलित पार्टी विदुथालाई चिरुथैगल काच्चि (वीसीके) और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने विरोध प्रदर्शन किए।

वहीं इस मामले में छात्रा के पिता ने सवाल उठाया है कि आखिर मेरी बेटी का क्या दोष था? आखिर उसने यह कदम क्यों उठाया? इन सारे सवालों का अब जवाब कौन देगा? अनिता के पिता ने कहा, “अनिता ने हर मुश्किलों का सामने करते हुए पढ़ाई की। वह नीट को लेकर चिंतित थी। उसने क्या गलत किया था, इसका जवाब कौन देगा?” बता दें कि अनिता ने शुक्रवार को सुसाइड कर लिया था। अनिता ने कुझुमुर गांव स्थित अपने ही घर में रस्सी से फांसी लगा ली थी। वह बहुत ही गरीब परिवार से थी। उसके पिता मजदूरी कर परिवार चलाते हैं।

छात्रा के आत्महत्या करने पर तमिलनाडु में सियासी माहौल काफी गरमा गया है। हर कोई दल अब इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है। इस जानकारी के बाद एक सामाजिक संगठन ने ऐलान किया है कि वह यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करेगा। इसी को लेकर प्रशासन ने यहां कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी है। विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए यहां मरीना बीच पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई।

माकपा द्वारा तिरुनेलवेली जिले में प्रदर्शन किया गया। रपटों के मुताबिक, राज्य में कोयम्बटूर, वेल्लोर, विल्लुपुरम और कई अन्य जगहों पर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किए। अरियलुर में दुकानें बंद रहीं। एक दैनिक मजदूर की बेटी अनीता अरियलुर जिले की रहने वाली है। उसने 12वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा में 1,200 में से 1,176 अंक प्राप्त किए थे। अनीता ने मेडिकल कॉलेजों में नीट प्रवेश परीक्षा बंद कराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी और उसने कहा था कि इस परीक्षा से मेडिकल सीट पाने की संभावना को लेकर ग्रामीण इलाकों के गरीब छात्र-छात्राओं पर असर पड़ेगा।

अनीता के रिश्तेदारों ने बताया कि वह मेडिकल सीट पाने के लिए नीट में ज्यादा अंक नहीं ला सकती थी और शुक्रवार को उसने आत्महत्या कर ली। अनीता की मौत पर तमिलनाडु की विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी की सरकार और भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की निंदा की। इसके अलावा यहां कई राजनीतिक दलों और तमिल समर्थक संगठनों ने शनिवार को राज्यव्यापी प्रदर्शन किया। उन्होंने तुरंत प्रवेश परीक्षा नीट को वापस लिये जाने की मांग की। माकपा और उसके छात्र एवं युवा संगठन, एसएफआई और डीवाईएफआई ने दलित लड़की की खुदकुशी पर सड़क पर यातायात रोक दिया। पार्टी की राज्य इकाई के सचिव जी रामकृष्णन और कई अन्य को हिरासत में ले लिया गया।

इसी तरह यहां किलपुक में रास्ता रोकने पर वीसीके पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। एक छात्र संगठन ने ओमांतुरर इस्टेट में सरकारी मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की मुख्य सड़क को बंद करने की कोशिश की और उनके सदस्यों को हिरासत में लिया गया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ नारेबाजी की।

 

 


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