उदयपुर में बोले मोदी- हम अलग मिट्टी के, चुनौतियों से लड़ने का दम

By: Dilip Kumar
8/29/2017 3:39:34 PM
नई दिल्ली

नरेंद्र मोदी मंगलवार को राजस्थान पहुंचे। उन्होंने उदयपुर में 15 हजार करोड़ के हाईवे प्रोजेक्ट का इनॉगरेशन किया। मोदी ने कहा कि 3 साल में हमने 5600 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पूरे किए। पूरी दुनिया हमारी सरकार के परिणाम देख रही है। कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि वो व्यवस्था ऐसी छोड़कर गए हैं। बुराइयां इतनी प्रवेश कर गईं हैं। अगर कोई ढीला-ढाला इंसान होता तो देखकर ही डर जाता। इससे पहले उन्होंने नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स की एक एग्जीबिशन में शिरकत की। प्रोग्राम में राजस्थान के गवर्नर कल्याण सिंह, रोड एंड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री वसुंधराराजे सिंधिया मौजूद रहे।

उदयपुर में हैंगिंग ब्रिज का इनॉगरेशन करते हुए मोदी ने कहा- "मैं राजस्थान के बाढ़ पीढ़ितों को भरोसा दिलाता हूं कि इस संकट की घड़ी में भारत सरकार आपके साथ खड़ी रहेगी। इसके लिए हम भरपूर प्रयास करेंगे।" "आज एक ही कार्यक्रम में 15 हजार करोड़ के कामों का शिलान्यास होना राजस्थान के इतिहास की अदभुत घटना है। योजनाओं की घोषणा करना, चुनाव के समय कई तरह के वादे करना, अखबारों में बड़ी हेडलाइन छप जाना और मालाएं डालना देश भली-भांति देखता आया है। कई साल से यही चल रहा है।" "हमारे सामने यही चुनौती है कि पुरानी बुराइयों को खत्म करने में इतनी ताकत लगती है जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते।" "ऐसे हालात छोड़कर गए हैं। व्यवस्था ऐसी छोड़कर गए हैं। बुराइयां इतनी प्रवेश कर गईं हैं। अगर कोई ढीला-ढाला इंसान होता तो देखकर ही डर जाता । हम अलग ही मिट्टी के बने हैं। हमें चुनौतियों को चुनौती देते हैं। देश को मंजिल पर ले जाने के लिए आगे बढ़ते हैं।"

मोदी ने कहा, "2006 से 2017 तक एक ब्रिज का काम चलता रहा। 300 करोड़ बजट था। सरकार और सरकार में फर्क होता है। काम करने वाली सरकार किसे कहते हैं। ये समझ आता है। तीन सौ करोड़ का ब्रिज एक साल में आराम से बन जाता है। लेकिन यहां 11 साल लग गए।" - "आज 5600 करोड़ का वो प्रोजेक्ट हमने तीन साल में पूरा कर दिया। काम करने की लगन होनी चाहिए। हम उस संस्कृति को लाए हैं कि जिस कार्य की शुरुआत हम करेंगे, तो उसे खत्म भी हम ही करेंगे।" "कई बार योजनाओं का फायदा एकाध बार तो मिल जाता है लेकिन अगर वो योजना लटकी लहती है तो इससे देश को नुकसान बहुत होता है।"

"ऐसी ही गड्ढे में पड़ी योजनाओं को बाहर निकालने में मुझे बहुत मेहनत लगी।" आने वाले दिनों में 9 हजार करोड़ से भी ज्यादा नए काम अकेले राजस्थान में, इसमें भी रोड के काम ज्यादा हैं।" "अगर यही काम 500-500 करोड़ के करते तो राजस्थान के चुनाव तक यही होता रहता। हमने एक साथ 9 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट मंजूर किए। और अगर इतने लोगों के सामने वादा किया है तो हम इसे पूरा करेंगे। राजस्थान की काया पलट होकर रहेगी। देश के विकास में इन्फ्रास्ट्रक्चर का बहुत महत्व होता है।"  "हमने हर प्रकार से आधुनिक भारत के निर्माण में योगदान देने की ठानी है। वो काले रंग वाला रोड आपकी जिंदगी में रोशनी पैदा कर देता है। इससे किसान को कितना फायदा होगा। वो अपनी फसल का सही दाम हासिल कर सकेंगे।"

 मोदी ने कहा, "एक बार अच्छे रोड बन जाते हैं तो फसलों की सही कीमत मिल जाती है। फसलें खराब नहीं होतीं। फल खराब नहीं होते। दूर के किसानों को बड़े बाजारों में अपना माल ले जाने आसानी होती है। प्रसूता मां और बेटे की जिंदगी बन जाती है।" "राजस्थान की रोड तो पैसे उगलने की ताकत रखती हैं। क्योंकि राजस्थान में दूरियां बहुत हैं। यहां टूरिज्म बहुत है। दुनिया के टूरिस्ट पुष्कर आना चाहते हैं। वो जोधपुर आना चाहते हैं। यही जैसलमेर के बारे में है। अनगिनत स्थान हैं और इसकी ताकत भी यही है।"

 "जब टूरिस्ट आता है तो वो जेब खाली करने आता है और यहां की जेबें भरने आता है। ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है। फूल वाले से लेकर ऑटो वाले सब कमाते हैं। चाय वाला भी कमाता है। ये ताकत टूरिज्म की ताकत है।" "ये 15 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट राजस्थान के भाग्य के रास्ते खोल रहे हैं। हम ऑप्टिकल फायबर नेटवर्क गांव-गांव तक पहुंचाना चाहते हैं। इसके लिए डिजिटल नेटवर्क जरूरी है।"

 "ये शिक्षा देने का बड़ा अभियान है। इसमें अरबों-खरबों की लागत लगती है। जब ये लग जाएगी तो बच्चों की पढ़ाई, टेलिमेडिसन और काफी कुछ मिलेगा।" मोदी ने कहा, "पहले गैस सिलेंडर के लिए कितनी मशक्कत करनी पड़ती थी। पहले रोड बनते थे। अब दोगुने बन रहे हैं। रेल में भी यही हुआ। हमने काम का स्केल बढ़ा दिया है।" "अभी जीएसटी आया। शुरू में लोगों को लग रहा था।

दुनिया के लिए अजूबा था। सवा सौ करोड़ भारतीयों ने इसे स्वीकर कर लिया। मैं राजस्थान के अफसरों से आग्रह करूंगा कि वो 15 दिन का अभियान चलाएं। गरीब व्यापारी को इसका फायदा मिलना चाहिए। इससे राजस्थान को बहुत फायदा होगा।" "पहले ड्राइवर घर से निकलता था। उसे पोर्ट पर सामान पहुंचाना था। तो हर जगह नाके पर क्या होता था, सबको पता है। माल ढोने के चार्ज कम हुए हैं।"

 


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