प्रद्युम्न मर्डर केस : सरकार आई हरकत में, CBSE स्‍कूलों से मांगी रिपोर्ट

By: Dilip Kumar
9/10/2017 1:11:54 AM
नई दिल्ली

गुरुग्राम के निजी स्कूल में मासूम छात्र की नृशंस हत्या के बाद केंद्र और राज्य सरकारें हरकत में आ गई हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सीबीएसई से निजी स्कूलों में इंतजामों की रिपोर्ट तलब कर ली है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पुलिस जांच में अगर तथ्य सामने नहीं आते हैं तो सरकार सीबीआइ से जांच कराने में पीछे नहीं हटेगी। शिक्षा मंत्री ने राज्य के निजी स्कूलों को बच्चों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए  हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और पीडि़त परिवार को हर संभव मदद दी जाएगी। स्कूल की कमियों पर प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है जिसके बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा रविवार को खुद रेयान इंटरनेशनल स्कूल का दौरा कर उस जगह का जायजा लेंगे जहां बस कंडक्टर ने सात वर्षीय छात्र को बेरहमी से मार डाला। वह पीडि़त परिवार से भी मुलाकात करेंगे। इस स्कूल की मान्यता रद करने की तैयारी शुरू हो गई है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि निजी स्कूलों में लगातार इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं जो चिंताजनक है। ऐसे स्कूलों पर शिकंजा कसा जाएगा। इस मसले पर वह गुरुग्राम के मंडलायुक्त, उपायुक्त, जिला शिक्षा अधिकारी तथा जांच में लगे पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन को चाहिए कि वे ड्राइवर व कंडक्टर का व्यवहार देखें। जिस वाहन में बच्चा आता-जाता है, उसकी सुरक्षा का प्रबंध पुख्ता होना चाहिए।

दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उचित जांच और कार्रवाई का भरोसा दिलाया। उन्होंने सीबीएसई को निर्देश दिया है कि सभी स्कूलों में बच्चों के सुरक्षा इंतजामों की जांच करा कर रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपे। इसके अलावा स्कूल प्रबंधन व अभिभावकों को बच्चों के प्रति सावधानी बरतने की एडवाइजरी जारी की गई है। उधर, मामले पर चिंता जताते हुए स्कूल एसोसिएशन के प्रधान यशपाल यादव ने कहा कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। अगर मामले में प्रबंधन की खामी मिलती है तो स्कूल मालिक के खिलाफ एफआइआर की जा सकती है। आरोपी कंडक्टर किस तरह स्कूल के अंदर चला गया, यह जांच का विषय है।

जांच हाईकोर्ट से कराने की मांग

आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद ने स्कूल में बच्चे की हत्या मामले की जांच हाईकोर्ट से कराने की मांग की है। साथ ही सभी स्कूलों को बच्चों की सुरक्षा के लिए गाइडलाइन जारी करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि रेयान स्कूल के प्रबंधन पर केस दर्ज कर पीडि़त परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए।

बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी, बच्चे को 5 मिनट में मार डाला: आरोपी

 यहां के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 7 साल के बच्चे के मर्डर के आरोपी बस कंडक्टर अशोक ने गुनाह कबूल कर लिया है। अशोक ने मीडिया को बताया कि उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। वह प्रद्युम्न के साथ गलत काम करना चाहता था। बच्चे ने शोर मचाया तो चाकू से उसके गले पर वार कर दिया। अशोक ने बताया कि उसने दो बार गले पर वार किया। यह सब उसने पांच मिनट के अंदर कर दिया। पुलिस ने अशोक को शुक्रवार रात को ही सेक्शुअल एब्यूज और मर्डर के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसे 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।

बता दें कि आरोपी अशोक 8 महीने पहले ही स्कूल में बस कंडक्टर लगा था। उसने मीडिया को बताया, ''मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। मैं बच्चों के टॉयलेट में था। वहां गलत काम कर रहा था। तभी वह बच्चा आ गया। उसने मुझे देख लिया। मैंने उसे पहले देखा धक्का दिया। फिर खींच लिया। वह शोर मचाने लगा तो मैं डर गया। फिर मैंने उसे दो बार चाकू से मारा। उसका गला रेत दिया।'' जब उससे पूछा गया कि उसने क्या पहले भी किसी बच्चे को सेक्शुअली एब्यूज किया है, तो आरोपी ने कहा- ''नहीं।

ये पहली बार था। मैं घबरा गया था। पता नहीं कैसे हो गया। मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। मैं गलत काम करना चाहता था। लेकिन किया नहीं।'' चाकू के बारे में पूछे जाने पर अशोक ने कहा, ''वो सब्जी काटने वाला चाकू था। वो गंदा हो गया था। उसे साफ करने के लिए मैं टॉयलेट तक ले आया था। उसी से बच्चे का गला रेता।'' यह पूछने पर कि क्या बच्चों का टॉयलेट इस्तेमाल करने से उसे किसी ने रोका नहीं? अशोक ने बताया- हम वहां जाते रहते थे। कई बार देख लिए जाते थे तो हमें टोका जाता था।

आरोपी का केस नहीं लड़ेंगे वकील

 सोहना की बार एसोसिएशन ने फैसला किया है कि आरोपी की तरफ से कोई वकील केस नहीं लड़ेगा। इस बारे में शनिवार को एक रिजोल्यूशन पास किया गया।

मां ने बयां किया दर्द, स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू

 गुरूग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में सात साल के मासूम छात्र की हत्या के बाद पहली बार मृतक बच्चे की मां का बयान आया है. उनका कहना है कि जब स्कूल मेरे बच्चे को सुरक्षा नहीं दे सकता तो माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल कैसे भेजेंगे. इस घटना के बाद से अभिभावकों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता और नाराजगी फैल गई और लोग स्कूल के गेट पर इकट्ठे होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि दिल्ली के निजी स्कूलों ने कहा कि यह अपनी तरह का इकलौता मामला है और इसको लेकर लोगों को कोई आम धारणा नहीं बनानी चाहिए.

गुरूग्राम में रयान इंटरनेशनल स्कूल में शुक्रवार को कक्षा 2 में पढ़ने वाले एक छात्र की गला रेतकर हत्या कर दी गई और वह शौचालय में खून से लथपथ पड़ा मिला. पुलिस के अनुसार छात्र की हत्या बस कंडक्टर ने की है और उसने बच्चे का यौन शोषण करने का भी प्रयास किया था. पुलिस ने इस मामले में स्कूल के बस कंडक्टरों में से एक अशोक कुमार को गिरफ्तार कर लिया है.

गुरूग्राम के डीसीपी सुमित कुहर ने कहा कि कथित हत्यारे ने कक्षा दो के छात्र का यौन शोषण करने का भी प्रयास किया लेकिन छात्र ने इसका विरोध किया और चिल्लाया. इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई और हत्यारा चाकू छोड़कर भाग गया. अशोक कुमार से एक टीम ने पूछताछ की जिसके बाद उसने अपना गुनाह कबूल लिया.

पुलिस ने बताया कि आरोपी अशोक कुमार ने उन्हें बताया कि वह स्कूल के भीतर चाकू इसलिए ले जा सका क्योंकि वह जानता था कि गेट पर सुरक्षा गार्ड उसकी जांच नहीं करेंगे क्योंकि वह जाना पहचान चेहरा था. पुलिस का दावा है कि बच्चे की हत्या के बाद आरोपी ने अपने हाथ धोये और चाकू छोड़कर शौचालय के बाहर टहलने लगा. उसने बच्चे को अस्पताल ले जाने के दौरान शिक्षकों की मदद करने का भी प्रयास किया.

लड़के के पिता ने कहा कि स्कूल वालों ने मुझे बताया कि उसकी तबीयत अचानक खराब हो गई. उन्होंने मेरे पुत्र की देखभाल नहीं की. उसे यदि समय पर अस्पताल पहुंचा दिया गया होता तो उसका जीवन बच सकता था. दुखी पिता ने कहा कि मैंने उसे आज सुबह करीब साढ़े सात बजे स्कूल छोड़ा था. वह बहुत खुश था.

इस बीच स्कूल ने एक बयान में कहा कि इस घटना से बहुत दुख पहुंचा है. बयान में कहा गया कि बच्चा गंभीर रूप से घायल था और उसे स्कूल हैड द्वारा तुरन्त अस्पताल ले जाया गया. काफी प्रयासों के बावजूद दुर्भाग्यवश उसे नहीं बचाया जा सका. बयान में कहा गया है कि मामले की जांच में स्कूल पुलिस के साथ सहयोग करेगा.

फोरेंसिक विशेषज्ञों समेत पुलिस की एक टीम ने इससे पूर्व खून के नमूने इकट्टा किये थे, शौचालय से अंगुलियों के निशान लिये थे और मौके से बरामद चाकू को जांच के लिए भेजा.

महंगे स्कूल में भी महफूज़ नहीं मासूम, कब तक रोते रहेंगे मम्मी-पापा?

दिल्ली के पास गुरुग्राम के स्कूल में सात साल के मासूम प्रद्युम्न की हत्या के बाद प्रशासन ने रेयान स्कूल के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया है और स्कूल को उस वक्त तक नहीं खोला जाएगा जब तक स्कूल बच्चों की सुरक्षा की गारंटी नहीं देगा। डीएम और डीईओ की एक कमिटी बनाई गई है जो पूरे मामले की जांच करेगी। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर स्कूल में मासूमों की मौत कब तक मौत होती रहेगी?

दूसरी क्लास में पढ़ने वाले प्रद्युम्न की हत्या के बाद आरोपी स्कूल बस के कंडक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में आरोपी कंडक्टर ने अपना गुनाह कबूल भी कर लिया है लेकिन उस माता-पिता के बारे में सोचिए जिसके घर का चिराग हमेशा के लिए बुझ गया। सवाल ये है कि आखिर माता-पिता इतने बड़े स्कूल में अपने बच्चों को क्यों भेजते हैं? मासूम के मर्डर के बाद कल बाकी पेरेंट्स ने स्कूल कैंपस में जमकर हंगामा किया था। आज भी ये पेरेंट्स स्कूल के बाहर जमा हुए हैं और अपनी नाराजगी दिखा रहे हैं।

प्रद्युम्न की मां बार-बार ये सवाल उठा रही है कि सिर्फ पांच मिनट में ही ऐसा क्या हो गया कि उनके बेटे की हत्या कर दी गई। सात साल का प्रद्युम्न स्कूल की दूसरी क्लास में पढ़ता था। अभी अपने बेटे को स्कूल छोड़ने के बाद उसके पिता घर पहुंचे ही थे कि स्कूल से फोन आया कि प्रद्युम्न बाथरूम में गिर गया है। अस्पताल पहुंचो, वहां जाकर पता चला। जब प्रद्युम्न के पिता अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि उनके बेटे की हत्या कर दी गई है।

पुलिस की थ्योरी के मुताबिक सुबह करीब आठ बजे बच्चों को बस से उतारने के बाद कंडक्टर अशोक स्कूल के टॉयलेट में गया था जहां इसने मासूम प्रद्युम्न को देखा। पुलिस कहती है कि अशोक ने प्रद्युम्न के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की लेकिन प्रद्युम्न ने शोर मचा दिया। पकड़े जाने के डर से अशोक ने चाकू से बच्चे का कत्ल कर दिया। अशोक के क्रिमिनल रिकॉर्ड की जांच कर रहे हैं। सीसीटीवी से भी सुराग मिले हैं। स्कूल की लापरवाही की जांच चल रही है।

हत्या पर उठे सवाल

-बच्चों के टॉयलेट में बस कंडक्टर कैसे चला गया?

-कंडक्टर के पास चाकू कहां से आया?

-क्या कंडक्टर पहले से ही हत्या का प्लान बनाकर आया था?

-टॉयलेट के बाहर सफाई कर्मचारी क्यों नहीं था?

-क्या इस हत्या में कंडक्टर के साथ कोई और भी शामिल था?

नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स के मेंबर ने भी माना कि स्कूल में काफी अनियमितताएं हैं। किसी स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया गया है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि स्कूल के खिलाफ अबतक केस दर्ज क्यों नहीं हुआ है। क्या मासूम की हत्या के लिए स्कूल जिम्मेदार नहीं है? पूरे मामले पर निगरानी कर रहे डीसीपी कमिश्नरी सिमरदीप सिंह ने आरोपी अशोक की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उधर, डीजीपी बीएस संधु के अनुसार, इस मामले में गुरुग्राम पुलिस से रिपोर्ट मांगी गई है।

पहले भी गयी है मासूमों की जान, फीस मोटी और सुरक्षा छोटी

इसी साल 9 मई को रेयान इंटरनेशनल स्कूल, गुरुग्राम की ही एक छात्रा की रोड पार करते समय मौत हो गयी थी। 7 साल की जिया जुनेजा के परिवारवालों ने स्कूल पर लापरवाही का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि स्कूल बस ने उसे गलत जगह ड्राप किया था जिसके बाद रोड पार करते समय एक वैन ने जिया को टक्कर मार दी। जिया की 10 दिनों तक कोमा में रहने के बाद मौत हो गयी थी।

स्कूल परिवारवालों द्वारा लगाए गए आरोपों को ख़ारिज करता रहा लेकिन बाद में बस में मौजूद टीचर ने माना की उनकी तरफ से लापरवाही हुई थी। टीचर को सस्पेंड कर दिया गया था और पुलिस ने बस ड्राइवर को भी गिरफ्तार कर लिया था।

जनवरी में भी दिल्ली के वसंत कुंज स्थित रेयान इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में 6 साल के बच्चे की वॉटर टैंक में डूबने से मौत हो गई थी। बच्चे का नाम दिव्यांश ककरोडा था और वह पहली कक्षा का छात्र था। उस समय भी स्कूल प्रशासन की भूमिका को लेकर सवाल उठे थे और काफी हंगामा हुआ था।

स्कूल प्रशासन ने अपने बचाव में दिव्यांश की क्लास डायरी का हवाला दिया था। डायरी में उसकी अनुशासनहीनता को लेकर दर्ज नोटिंग के जरिए स्कूल ने अपना बचाव किया था।  पुलिस ने स्कूल की लापरवाही पर की प्रिंसिपल और एक टीचर समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।

 


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