भूमि आवंटन का मामला: पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंती नटराजन के घर सीबीआई की छापेमारी, केस दर्ज

By: Dilip Kumar
9/10/2017 1:55:45 AM
नई दिल्ली

सीबीआई ने शनिवार को पूर्व पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन के खिलाफ वन भूमि से संबंधित एक मामले में प्राथमिकी दर्ज की और उनके परिसरों पर छापेमारी की। यह मामला जयंती द्वारा अपने कार्यकाल में नियमों का कथित रूप से उल्लंघन करते हुए खनन के लिए वन विभाग की जमीन की स्थिति बदलने की खातिर मंजूरी देने से संबंधित है।

जांच एजेंसी ने जयंती, इलेक्ट्रोस्टलील कॉस्टिंग लिमिटेड (ईसीएल) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक उमंग केजरीवाल और कंपनी के अलावा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। मामला 2012 में वन संरक्षण अधिनियम का कथित रूप से उल्लंघन करते हुए खनन कंपनी इलेक्ट्रोस्टील को झारखंड के सिंहभूम जिले के सारंदा वन के वन भूमि की स्थिति बदलने के लिए मंजूरी देने से संबंधित है। केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री ने मंजूरी खारिज कर दी थी लेकिन जयंती ने पद संभालने के बाद कथित रूप से उसे मंजूरी दे दी।

सीबीआई ने प्राथमिकी में आरोप लगाया कि तत्कालीन केंद्रीय पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री जयंती नटराजन ने ईसीएल को गैर वन्य इस्तेमाल के लिए 55.79 हेक्टेयर वन भूमि की स्थिति बदलने के लिए मंजूरी दी जबकि उनके पूर्ववर्ती राज्यमंत्री ने मंजूरी खारिज कर दी थी। इसके बाद परिस्थितियों में कोई बदलाव न होने के बावजूद मंजूरी दी गई। एजेंसी ने कहा कि वन महानिदेशक के सुझाव और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किए बिना मंजूरी दी गई।

विवादों से नाता रहा

जयंती नटराजन पर्यावरण मंत्री रहते काफी चर्चा में रही थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उनके मंत्री रहते जयंती टैक्स लिए जाने का आरोप लगाया था। जयंती ने 2015 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। उन्होंने पार्टी छोड़ते वक्त पर्यावरण मंत्रालय में पार्टी की दखलअंदाजी का आरोप लगाया था।

जानिए कौन हैं जयंती नटराजन, जिनके घर सीबीआई ने मारा छापा

यूपीए सरकार में पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन के चेन्नई स्थित घर पर सीबीआई ने छापा मारा है।मनमोहन सरकार में मंत्री रहीं जयंती के खिलाफ सेक्शन 120बी पीसी एक्ट के तहत एफआईआर भी दर्ज की गई है। उन पर आपराधिक साजिश और अपने पद का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है। जयंती पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की करीबी रही हैं, 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या हुई, उनकी हत्या से कुछ ही पल पहले नटराजन उनके साथ थीं। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान जयंती नटराजन तब चर्चा में आई थीं जब चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने उनका नाम का टैक्स होने की बात कहते हुए उन पर निशाना साधा था।

जयंती के दादा रहे तमिलनाडु के सीएम

तमिलनाडु में जन्मी 63 साल की जंयती के दादा एम. बक्थवत्सलम बड़े कांग्रेसी नेता थे और 1963 से 1967 के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे थे। जयंती कानून की पढ़ाई के बाद वकालत करने लगी थीं। उनकी राजनीति में एंट्री राजीव गांधी के वक्त हुई। राजीव गांधी को ही उन्हें राजनीति में लेकर आए थे और राज्यसभा में भेजा था। वे पहली बार 1986 में और फिर 1992 में राज्यसभा के लिए चुनीं गईं। राजीव गांधी की मौत के बाद जयंती नटराजन की कांग्रेस नेतृत्व के साथ नहीं निभी और उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी।

1997 में जी के मूपनार के नेतृत्व में तमिल मानिला कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा पहुंची। सोनिया गांधी के हाथ मे कांग्रेस की कमान आने के बाद एक बार फिर जंयती की कांग्रेस में वापसी हुई। 2008 में जयंती एक बार फिर राज्यसभा पहुंची। यूपीए 2 के शासन में वो पर्यावरण मंत्री बनीं। हालांकि यूपीए 2 के शासन के दौरान ही कांग्रेस नेतृत्व से उनके रिश्ते बिगड़ने लगे। उन्होंने पहले मंत्रीपद छोड़ा और फिर 2015 में कांग्रेस से भी इस्तीफा दे दिया।

 

 

 

 

 

 


comments