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 “यदि विश्व साहित्य है, तो भारत कहानी है”
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अभिनेत्री कशिका कपूर और उल्का गुप्ता ने निकाला इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट के पुरस्कारों का ड्रॉ
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डीएफपीसीएल समूह की कंपनी पीसीएल व पेट्रोनेट एलएनजी के बीच रीगैसिफिकेशन समझौता

संयुक्त रूप से आयोजितःइस कोनकलेव मे हमारा मकसद उस लाइन मे खडे व्यक्ति के लिये उसके भविष्य क़ो उज्जवल बनाना उसे स्वावलम्बी बनाना है यह कहना था पूर्व बैंकर, सहयोगी राजीव दूबे का, उन्होंने बताया कि हमारा मकसद लोगों कि जीवन शेलो क़ो बदलना और जहाँ लोग नौकरी के लिए भाग दौड़ कर रहें है उन्हें व्यापारिक लोन देकर, उसे आत्मनिर्भर बनाना और लोगो क़ो भी स्वावलम्बी बनाना है।

 

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समृद्धि कॉन्क्लेव 2025 -भारत मंडपम में भारत का पहला लोन और बिज़नेस एक्सपो 2025

संयुक्त रूप से आयोजितःइस कोनकलेव मे हमारा मकसद उस लाइन मे खडे व्यक्ति के लिये उसके भविष्य क़ो उज्जवल बनाना उसे स्वावलम्बी बनाना है यह कहना था पूर्व बैंकर, सहयोगी राजीव दूबे का, उन्होंने बताया कि हमारा मकसद लोगों कि जीवन शेलो क़ो बदलना और जहाँ लोग नौकरी के लिए भाग दौड़ कर रहें है उन्हें व्यापारिक लोन देकर, उसे आत्मनिर्भर बनाना और लोगो क़ो भी स्वावलम्बी बनाना है।

 

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 पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित कलाकार नवोदित प्रतिभाओं को प्रेरित करने के लिए "सृजन" में अपनी जीवंत रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हैं

 पुनर्जीवित सांस्कृतिक स्थल 2047 में विकसित भारत की भावना को दर्शाता है - केशव चंद्रा, अध्यक्ष- एनडीएमसी

 सृजन आर्ट गैलरी का मिशन कला को खुले, सुलभ स्थानों में लाकर उस तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाना है - कुलजीत सिंह चहल

"सृजन" - एक ओपन-एयर आर्ट गैलरी और रचनात्मक मंच नेहरू पार्क की हरी-भरी हरियाली के बीच स्थित है, "सृजन" न केवल एक ओपन-एयर आर्ट गैलरी है, बल्कि यह एक रचनात्मक आश्रय भी है, जिसकी परिकल्पना और संयोजन कला और कलाकारों के लिए नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) द्वारा की गई है। इस पर सम्बोधित करते हुए केशव चंद्रा ने बताया कि यह पुनर्जीवित सांस्कृतिक स्थल, विकसित भारत @ 2047 की भावना को दर्शाता है - एक प्रगतिशील, समावेशी और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भविष्य की दिशा में भारत का आकांक्षात्मक रोडमैप है। मूल रूप से 1999 में स्थापित, "सृजन" - प्रख्यात कलाकारों, नवोदित प्रतिभाओं और कला प्रेमियों के लिए एक जीवंत मिलन स्थल के रूप में कार्य करता रहा है। प्रत्येक रविवार, चित्रकार, मूर्तिकार, ग्राफिक कलाकार, कार्टूनिस्ट और फ़ोटोग्राफ़र रचनात्मकता और सहयोग के माहौल में अपनी कृतियों को रचने, साझा करने और प्रदर्शित करने के लिए यहां एकत्रित होते थे।

172.50 वर्ग मीटर के खुले-हवा वाले कला स्थल के रूप में सृजन आर्टिस्ट कॉर्नर को अब आधुनिक 'सृजन आर्ट गैलरी' में बदल दिया गया है, जिसका नई सुविधाओं और उन्नत डिज़ाइन सुविधाओं के साथ महत्वपूर्ण रूप से विस्तार और उन्नयन किया गया है। पालिका अध्यक्ष ने कहा कि पुनर्निर्मित गैलरी में अब एक समर्पित प्रवेश द्वार, क्यूरेटेड आर्ट डिस्प्ले कॉर्नर, लैंडस्केप गज़ेबो, बेहतर सार्वजनिक बैठने की व्यवस्था और लगभग 15,225 वर्ग मीटर का एक विस्तारित खुला क्षेत्र शामिल है, जो इसे कलाकारों के लिए एक विशाल और आकर्षक स्थल बनाता है। और आगंतुकों दोनों के लिए भी एक मनोरम स्थल है। उन्होंने कहा कि वर्षों से, सृजन कला दीर्घ ने कलाकारों की पीढ़ियों को पोषित करने के लिए कई चित्रकला और मूर्तिकला प्रदर्शनियों, मिट्टी के बर्तनों, मूर्तिकला और चित्रकला पर कार्यशालाओं, साथ ही स्कूली छात्रों के बीच मौके पर कला कार्यक्रमों और चित्रकला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया है।

श्री चंद्रा ने बताया कि नवनिर्मित सृजन कला दीर्घा- ओपन आर्ट गैलरी में अब एक सुंदर, अच्छी तरह से प्रकाशित, छायादार और मौसम से सुरक्षित प्रदर्शन क्षेत्र है, जो इसे पूरे वर्ष नियमित प्रदर्शनियों, प्रदर्शनों और रचनात्मक गतिविधियों के लिए एक आदर्श स्थल बनाता है। यह कलात्मक मंच न केवल युवा और उभरते कलाकारों को दृश्यता प्रदान करता है, बल्कि कला के आनंद को आम जनता के करीब भी लाता है, जिससे सामुदायिक भागीदारी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अवसर पैदा होते हैं। पालिका उपाध्यक्ष श्री चहल ने इस अवसर पर कहा कि सृजन आर्ट गैलरी का मिशन कला को खुले, सुलभ स्थानों में लाकर कला तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाना है - कला के अनुभव को पारंपरिक संग्रहालयों और सभागारों से बाहर आगे ले जाना। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह गैलरी एक ताज़ा सांस्कृतिक आश्रय स्थल के रूप में कार्य करती है, जहाँ मुफ्त सार्वजनिक प्रवेश, कलाकार-जनता संपर्क और कलाकृतियों की सीधी खरीद की सुविधा है।

श्री चहल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दृष्टिकोण के अनुरूप सांस्कृतिक रूप से जीवंत और विकसित भारत में, एनडीएमसी ने अपने अधिकार क्षेत्र में कला, संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक कार्य योजना अपनाई है। उन्होंने बताया कि मई 2025 में एक समर्पित कला और संस्कृति विभाग की स्थापना की गई है, जिसका बजट आवंटन ₹40 करोड़ है, जो एनडीएमसी के वार्षिक व्यय का लगभग 1% है। श्री चहल ने कहा कि इन सांस्कृतिक प्रयासों को संस्थागत समर्थन प्रदान करने के लिए, एनडीएमसी ने एक औपचारिक परिषद प्रस्ताव के माध्यम से एक शहरी कला और संस्कृति मंच का गठन किया है। उन्होंने कहा कि मंच को रणनीतिक आउटरीच, क्यूरेटेड कार्यक्रमों और नीति कार्यान्वयन के माध्यम से एनडीएमसी के कलात्मक और सांस्कृतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने का काम सौंपा गया है। एनडीएमसी मानती है कि कला और संस्कृति शहरी जीवन को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर महानगरों के तेज-भागमभाग वातावरण में, जहाँ दैनिक तनाव और व्यस्त दिनचर्या अक्सर लोगों को रचनात्मक अभिव्यक्ति से दूर कर देती है। एनडीएमसी अधिनियम, 1994 की धारा 12 के तहत अपने वैधानिक प्रावधान के अनुरूप, परिषद कला और संस्कृति को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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एनडीएमसी : नेहरू पार्क में "सृजन" - एक ओपन-एयर आर्ट गैलरी और रचनात्मक मंच का उद्घाटन

 पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित कलाकार नवोदित प्रतिभाओं को प्रेरित करने के लिए "सृजन" में अपनी जीवंत रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हैं

 पुनर्जीवित सांस्कृतिक स्थल 2047 में विकसित भारत की भावना को दर्शाता है - केशव चंद्रा, अध्यक्ष- एनडीएमसी

 सृजन आर्ट गैलरी का मिशन कला को खुले, सुलभ स्थानों में लाकर उस तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाना है - कुलजीत सिंह चहल

"सृजन" - एक ओपन-एयर आर्ट गैलरी और रचनात्मक मंच नेहरू पार्क की हरी-भरी हरियाली के बीच स्थित है, "सृजन" न केवल एक ओपन-एयर आर्ट गैलरी है, बल्कि यह एक रचनात्मक आश्रय भी है, जिसकी परिकल्पना और संयोजन कला और कलाकारों के लिए नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) द्वारा की गई है। इस पर सम्बोधित करते हुए केशव चंद्रा ने बताया कि यह पुनर्जीवित सांस्कृतिक स्थल, विकसित भारत @ 2047 की भावना को दर्शाता है - एक प्रगतिशील, समावेशी और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भविष्य की दिशा में भारत का आकांक्षात्मक रोडमैप है। मूल रूप से 1999 में स्थापित, "सृजन" - प्रख्यात कलाकारों, नवोदित प्रतिभाओं और कला प्रेमियों के लिए एक जीवंत मिलन स्थल के रूप में कार्य करता रहा है। प्रत्येक रविवार, चित्रकार, मूर्तिकार, ग्राफिक कलाकार, कार्टूनिस्ट और फ़ोटोग्राफ़र रचनात्मकता और सहयोग के माहौल में अपनी कृतियों को रचने, साझा करने और प्रदर्शित करने के लिए यहां एकत्रित होते थे।

172.50 वर्ग मीटर के खुले-हवा वाले कला स्थल के रूप में सृजन आर्टिस्ट कॉर्नर को अब आधुनिक 'सृजन आर्ट गैलरी' में बदल दिया गया है, जिसका नई सुविधाओं और उन्नत डिज़ाइन सुविधाओं के साथ महत्वपूर्ण रूप से विस्तार और उन्नयन किया गया है। पालिका अध्यक्ष ने कहा कि पुनर्निर्मित गैलरी में अब एक समर्पित प्रवेश द्वार, क्यूरेटेड आर्ट डिस्प्ले कॉर्नर, लैंडस्केप गज़ेबो, बेहतर सार्वजनिक बैठने की व्यवस्था और लगभग 15,225 वर्ग मीटर का एक विस्तारित खुला क्षेत्र शामिल है, जो इसे कलाकारों के लिए एक विशाल और आकर्षक स्थल बनाता है। और आगंतुकों दोनों के लिए भी एक मनोरम स्थल है। उन्होंने कहा कि वर्षों से, सृजन कला दीर्घ ने कलाकारों की पीढ़ियों को पोषित करने के लिए कई चित्रकला और मूर्तिकला प्रदर्शनियों, मिट्टी के बर्तनों, मूर्तिकला और चित्रकला पर कार्यशालाओं, साथ ही स्कूली छात्रों के बीच मौके पर कला कार्यक्रमों और चित्रकला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया है।

श्री चंद्रा ने बताया कि नवनिर्मित सृजन कला दीर्घा- ओपन आर्ट गैलरी में अब एक सुंदर, अच्छी तरह से प्रकाशित, छायादार और मौसम से सुरक्षित प्रदर्शन क्षेत्र है, जो इसे पूरे वर्ष नियमित प्रदर्शनियों, प्रदर्शनों और रचनात्मक गतिविधियों के लिए एक आदर्श स्थल बनाता है। यह कलात्मक मंच न केवल युवा और उभरते कलाकारों को दृश्यता प्रदान करता है, बल्कि कला के आनंद को आम जनता के करीब भी लाता है, जिससे सामुदायिक भागीदारी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अवसर पैदा होते हैं। पालिका उपाध्यक्ष श्री चहल ने इस अवसर पर कहा कि सृजन आर्ट गैलरी का मिशन कला को खुले, सुलभ स्थानों में लाकर कला तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाना है - कला के अनुभव को पारंपरिक संग्रहालयों और सभागारों से बाहर आगे ले जाना। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह गैलरी एक ताज़ा सांस्कृतिक आश्रय स्थल के रूप में कार्य करती है, जहाँ मुफ्त सार्वजनिक प्रवेश, कलाकार-जनता संपर्क और कलाकृतियों की सीधी खरीद की सुविधा है।

श्री चहल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दृष्टिकोण के अनुरूप सांस्कृतिक रूप से जीवंत और विकसित भारत में, एनडीएमसी ने अपने अधिकार क्षेत्र में कला, संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक कार्य योजना अपनाई है। उन्होंने बताया कि मई 2025 में एक समर्पित कला और संस्कृति विभाग की स्थापना की गई है, जिसका बजट आवंटन ₹40 करोड़ है, जो एनडीएमसी के वार्षिक व्यय का लगभग 1% है। श्री चहल ने कहा कि इन सांस्कृतिक प्रयासों को संस्थागत समर्थन प्रदान करने के लिए, एनडीएमसी ने एक औपचारिक परिषद प्रस्ताव के माध्यम से एक शहरी कला और संस्कृति मंच का गठन किया है। उन्होंने कहा कि मंच को रणनीतिक आउटरीच, क्यूरेटेड कार्यक्रमों और नीति कार्यान्वयन के माध्यम से एनडीएमसी के कलात्मक और सांस्कृतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने का काम सौंपा गया है। एनडीएमसी मानती है कि कला और संस्कृति शहरी जीवन को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर महानगरों के तेज-भागमभाग वातावरण में, जहाँ दैनिक तनाव और व्यस्त दिनचर्या अक्सर लोगों को रचनात्मक अभिव्यक्ति से दूर कर देती है। एनडीएमसी अधिनियम, 1994 की धारा 12 के तहत अपने वैधानिक प्रावधान के अनुरूप, परिषद कला और संस्कृति को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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उन्होंने आगे कहा, "व्हक्स दुबई की समृद्ध विरासत से प्रेरित, इंडिया हेल्थ एग्ज़िबिशन नीति, नवाचार और उद्यमशीलता को एक साझा मंच पर लाता है—जहां केंद्र में भारत है। इस वर्ष, हमारे दोहरे ट्रैक वाले सम्मेलन, जैसे 'ग्लोबल मेडटेक कनेक्ट', गहन संवाद को बढ़ावा देंगे और भविष्य उन्मुख चर्चाओं का मार्ग प्रशस्त करेंगे। साथ ही, ‘इंडिया हेल्थनेक्स्ट अवॉर्ड्स’ की शुरुआत के माध्यम से हम हेल्थकेयर वैल्यू चेन में उत्कृष्टता को पहचानने और प्रोत्साहित करने की अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को और मजबूत कर रहे हैं।”

इंडिया हेल्थ 2025 का यह संस्करण स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की संपूर्ण श्रृंखला को समेटे हुए है और इसमें 300 से अधिक अग्रणी ब्रांड एकत्र हुए हे। प्रैक्सिस ग्लोबल अलायंस और इनफॉर्मा मार्केट्स इंडिया के सहयोग से एक विशेष श्वेत पत्र भी जारी किया गया, जिसमें हेल्थकेयर सेक्टर की मौजूदा चुनौतियों के समाधान के तौर पर सिंगल स्पेशियलिटी अस्पतालों की बढ़ती लोकप्रियता पर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गईं।

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भारत मंडपम में इंडिया हेल्थ 2025 सम्मिट, हेल्थकेयर सेक्टर क़ो मिलेगी गति

उन्होंने आगे कहा, "व्हक्स दुबई की समृद्ध विरासत से प्रेरित, इंडिया हेल्थ एग्ज़िबिशन नीति, नवाचार और उद्यमशीलता को एक साझा मंच पर लाता है—जहां केंद्र में भारत है। इस वर्ष, हमारे दोहरे ट्रैक वाले सम्मेलन, जैसे 'ग्लोबल मेडटेक कनेक्ट', गहन संवाद को बढ़ावा देंगे और भविष्य उन्मुख चर्चाओं का मार्ग प्रशस्त करेंगे। साथ ही, ‘इंडिया हेल्थनेक्स्ट अवॉर्ड्स’ की शुरुआत के माध्यम से हम हेल्थकेयर वैल्यू चेन में उत्कृष्टता को पहचानने और प्रोत्साहित करने की अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को और मजबूत कर रहे हैं।”

इंडिया हेल्थ 2025 का यह संस्करण स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की संपूर्ण श्रृंखला को समेटे हुए है और इसमें 300 से अधिक अग्रणी ब्रांड एकत्र हुए हे। प्रैक्सिस ग्लोबल अलायंस और इनफॉर्मा मार्केट्स इंडिया के सहयोग से एक विशेष श्वेत पत्र भी जारी किया गया, जिसमें हेल्थकेयर सेक्टर की मौजूदा चुनौतियों के समाधान के तौर पर सिंगल स्पेशियलिटी अस्पतालों की बढ़ती लोकप्रियता पर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गईं।

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भारत में डिज़ाइन किया गया, दुनिया के लिए तैयार

Ai+ स्मार्टफोन यूनाइटेड टेलीलिंक्स (बेंगलुरु) लिमिटेड द्वारा नोएडा फैक्ट्री में निर्मित किए जा रहे हैं, जो भारत की आत्मनिर्भर डिजिटल अवसंरचना की दिशा में NxtQuantum की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सॉफ़्टवेयर से लेकर सप्लाई चेन तक, सब कुछ भारत की प्राथमिकताओं के अनुसार अनुकूलित किया गया है। लेकिन जो Ai+ स्मार्टफोन को वाकई अलग बनाता है, वह है इसका उद्देश्य। लंबी बैटरी लाइफ, हाई-डेफिनिशन डिस्प्ले, डुअल सिम विकल्प और बेहतरीन कैमरा परफॉर्मेंस के साथ, ये फोन भारतीय यूज़र्स की ज़रूरतों के हिसाब से डिज़ाइन किए गए हैं—उनके जीवन, काम, शिक्षा और संपर्क को ध्यान में रखते हुए। ये फोन क्षेत्रीय भाषाओं, स्थानीय कंटेंट और NxtQuantum के थीम डिज़ाइनर टूल के ज़रिए कस्टमाइज़ करने की सुविधा भी देते हैं।

भारत को अब क्यों चाहिए Ai+ स्मार्टफोन

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाज़ार है, जहाँ 80 करोड़ से ज़्यादा यूज़र्स हैं। फिर भी ज़्यादातर स्मार्टफोन आज भी विदेशी सॉफ़्टवेयर पर चलते हैं और यूज़र डेटा को देश के बाहर स्थित थर्ड-पार्टी सिस्टम्स के ज़रिए रूट करते हैं, जिससे न पारदर्शिता मिलती है न नियंत्रण। Ai+ स्मार्टफोन इस समस्या का समाधान है। हर Ai+ स्मार्टफोन NxtQuantum OS पर चलता है—एक इन-बिल्ट भारतीय ऑपरेटिंग सिस्टम जो ज़ीरो-ट्रस्ट सिक्योरिटी आर्किटेक्चर पर आधारित है। आपकी सभी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे ऐप प्रेफरेंसेज़ और बैकअप, भारत में ही सुरक्षित रूप से स्टोर होती है, MeitY (भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) द्वारा अनुमोदित गूगल क्लाउड रीजन में।

Ai+ Nova 5G और Ai+ Pulse की कीमत

Ai+ ब्रैंड का Nova 5G फोन 6GB/8GB रैम ऑप्शन के साथ एक ही स्टोरेज वेरिएंट में पेश किया गया है। इसमें आपको 128GB की स्टोरेज मिलेगी। इसे ब्लू, ग्रीन और ब्लैक कलर में लॉन्च किया गया है। इसके 6GB रैम वाले वेरिएंट की कीमत 7,999 रुपये रहेगी और वहीं इसका 8GB वाला मॉडल 9,999 रुपये में मिलेगा। बता दें कि Ai+ Pulse, Nova 5G के मुकाबले सस्ता होगा। इसे 64GB और 128GB स्टोरेज वेरिएंट में लॉन्च किया गया है। जो कि 4GB रैम के साथ आएंगे। इसके शुरूआती वेरिएंट की कीमत 4999 रुपये होगी और इसका 128GB स्टोरेज वाला वेरिएंट 6,999 रुपये में खरीदा जा सकेगा।

अब फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध

Ai+ स्मार्टफोन की पूरी रेंज अब Flipkart और अन्य चैनलों पर लाइव है, शुरुआती कीमत ₹4,499* से। ये फोन आकर्षक रंगों और स्टोरेज विकल्पों में उपलब्ध हैं।
"फ्लिपकार्ट पर हमने देखा है कि ग्राहक अब ऐसे स्मार्टफोन्स की मांग कर रहे हैं जो सिर्फ किफायती नहीं, बल्कि भरोसेमंद भी हों," वाइस प्रेसिडेंट फ्लिपकार्ट स्मृति रविचंद्रन ने कहा। "हम Ai+ स्मार्टफोन को अपने ग्राहकों तक लाकर गर्व महसूस कर रहे हैं—एक ऐसा प्रोडक्ट जो प्रदर्शन, प्राइवेसी और उद्देश्य को एकसाथ लाता है।"

Ai+ Nova 5G और Ai+ Pulse के स्पेसिफिकेशन

Ai+ Nova 5G और Ai+ Pulse में 6.7-inch HD+ डिस्प्ले मिलेगी। Ai+ Nova 5G में 120hz का रिफ्रेश रेट और Ai+ Pulse में 90hz वाला डिस्प्ले मिलेगा। AI+ Pulse में Unisoc T615 चिपसेट मिलेगा, तो वहीं AI+ Nova 5G Unisoc T8200 चिपसेट का इस्तेमाल किया गया है। यह 1TB तक के मेमोरी कार्ड को सपोर्ट भी करेंगे। इन दोनों ही फोन में NxtQuantum का NxtQ OS मिलेगा। Ai+ Nova 5G और Ai+ Pulse में 5000mah की बैटरी दी गई है। दोनों ही फोन में रियर में दो कैमरों का सेटअप मिलेगा। जिसमें से प्राइमरी सेंसर 50MP का होगा। इसके अलावा दोनों ही फोन में 5MP का फ्रंट कैमरा मिलेगा।

 

 

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Ai+ ने लॉन्च किए दो नए फोन: कई तगड़े फीचर्स, कीमत 4,999 रुपये से शुरू

भारत में डिज़ाइन किया गया, दुनिया के लिए तैयार

Ai+ स्मार्टफोन यूनाइटेड टेलीलिंक्स (बेंगलुरु) लिमिटेड द्वारा नोएडा फैक्ट्री में निर्मित किए जा रहे हैं, जो भारत की आत्मनिर्भर डिजिटल अवसंरचना की दिशा में NxtQuantum की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सॉफ़्टवेयर से लेकर सप्लाई चेन तक, सब कुछ भारत की प्राथमिकताओं के अनुसार अनुकूलित किया गया है। लेकिन जो Ai+ स्मार्टफोन को वाकई अलग बनाता है, वह है इसका उद्देश्य। लंबी बैटरी लाइफ, हाई-डेफिनिशन डिस्प्ले, डुअल सिम विकल्प और बेहतरीन कैमरा परफॉर्मेंस के साथ, ये फोन भारतीय यूज़र्स की ज़रूरतों के हिसाब से डिज़ाइन किए गए हैं—उनके जीवन, काम, शिक्षा और संपर्क को ध्यान में रखते हुए। ये फोन क्षेत्रीय भाषाओं, स्थानीय कंटेंट और NxtQuantum के थीम डिज़ाइनर टूल के ज़रिए कस्टमाइज़ करने की सुविधा भी देते हैं।

भारत को अब क्यों चाहिए Ai+ स्मार्टफोन

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाज़ार है, जहाँ 80 करोड़ से ज़्यादा यूज़र्स हैं। फिर भी ज़्यादातर स्मार्टफोन आज भी विदेशी सॉफ़्टवेयर पर चलते हैं और यूज़र डेटा को देश के बाहर स्थित थर्ड-पार्टी सिस्टम्स के ज़रिए रूट करते हैं, जिससे न पारदर्शिता मिलती है न नियंत्रण। Ai+ स्मार्टफोन इस समस्या का समाधान है। हर Ai+ स्मार्टफोन NxtQuantum OS पर चलता है—एक इन-बिल्ट भारतीय ऑपरेटिंग सिस्टम जो ज़ीरो-ट्रस्ट सिक्योरिटी आर्किटेक्चर पर आधारित है। आपकी सभी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे ऐप प्रेफरेंसेज़ और बैकअप, भारत में ही सुरक्षित रूप से स्टोर होती है, MeitY (भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) द्वारा अनुमोदित गूगल क्लाउड रीजन में।

Ai+ Nova 5G और Ai+ Pulse की कीमत

Ai+ ब्रैंड का Nova 5G फोन 6GB/8GB रैम ऑप्शन के साथ एक ही स्टोरेज वेरिएंट में पेश किया गया है। इसमें आपको 128GB की स्टोरेज मिलेगी। इसे ब्लू, ग्रीन और ब्लैक कलर में लॉन्च किया गया है। इसके 6GB रैम वाले वेरिएंट की कीमत 7,999 रुपये रहेगी और वहीं इसका 8GB वाला मॉडल 9,999 रुपये में मिलेगा। बता दें कि Ai+ Pulse, Nova 5G के मुकाबले सस्ता होगा। इसे 64GB और 128GB स्टोरेज वेरिएंट में लॉन्च किया गया है। जो कि 4GB रैम के साथ आएंगे। इसके शुरूआती वेरिएंट की कीमत 4999 रुपये होगी और इसका 128GB स्टोरेज वाला वेरिएंट 6,999 रुपये में खरीदा जा सकेगा।

अब फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध

Ai+ स्मार्टफोन की पूरी रेंज अब Flipkart और अन्य चैनलों पर लाइव है, शुरुआती कीमत ₹4,499* से। ये फोन आकर्षक रंगों और स्टोरेज विकल्पों में उपलब्ध हैं।
"फ्लिपकार्ट पर हमने देखा है कि ग्राहक अब ऐसे स्मार्टफोन्स की मांग कर रहे हैं जो सिर्फ किफायती नहीं, बल्कि भरोसेमंद भी हों," वाइस प्रेसिडेंट फ्लिपकार्ट स्मृति रविचंद्रन ने कहा। "हम Ai+ स्मार्टफोन को अपने ग्राहकों तक लाकर गर्व महसूस कर रहे हैं—एक ऐसा प्रोडक्ट जो प्रदर्शन, प्राइवेसी और उद्देश्य को एकसाथ लाता है।"

Ai+ Nova 5G और Ai+ Pulse के स्पेसिफिकेशन

Ai+ Nova 5G और Ai+ Pulse में 6.7-inch HD+ डिस्प्ले मिलेगी। Ai+ Nova 5G में 120hz का रिफ्रेश रेट और Ai+ Pulse में 90hz वाला डिस्प्ले मिलेगा। AI+ Pulse में Unisoc T615 चिपसेट मिलेगा, तो वहीं AI+ Nova 5G Unisoc T8200 चिपसेट का इस्तेमाल किया गया है। यह 1TB तक के मेमोरी कार्ड को सपोर्ट भी करेंगे। इन दोनों ही फोन में NxtQuantum का NxtQ OS मिलेगा। Ai+ Nova 5G और Ai+ Pulse में 5000mah की बैटरी दी गई है। दोनों ही फोन में रियर में दो कैमरों का सेटअप मिलेगा। जिसमें से प्राइमरी सेंसर 50MP का होगा। इसके अलावा दोनों ही फोन में 5MP का फ्रंट कैमरा मिलेगा।

 

 

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KD–The Devil का धांसू टीज़र हुआ रिलीज़, 70-80 के दशक की गैंगस्टर ड्रामा की झलक
हम डर से किसी भाषा को जिंदा नहीं रख सकते : शिखर पाहाड़िया 

इस घोषणा समारोह में एनडीएमसी के सचिव - डॉ. तारिक थॉमस, राजीव कुमार जैन ( स्वच्छता सलाहकार) और एनडीएमसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, और स्थानीय रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के उत्साही प्रतिनिधि उपस्थित थे, जिनके सामूहिक प्रयासों से यह उपलब्धि हासिल हुई है। भारती नगर के परिवर्तन की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए, श्री केशव चंद्रा ने अनूठी स्वच्छता पहलों को अपनाने के लिए निवासियों की सराहना की, जिनमें शामिल हैं:

~ स्रोत पर ही कचरे का 100% पृथक्करण घरों से निकलने वाले गीले कचरे का मौके पर ही खाद बनाना,

~ आरडब्ल्यूए और एनडीएमसी के संयुक्त सहयोग से बागवानी कचरे का मौके पर ही प्रसंस्करण,

~ सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधा (एमआरएफ) जहाँ सूखे कचरे को पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग के लिए 10 अलग-अलग श्रेणियों में सावधानीपूर्वक अलग किया जाता है,

~ आरआरआर (रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल) केंद्र/ नेकी की दीवार (दया की दीवार) - वंचित व्यक्तियों के लाभ के लिए पुन: प्रयोज्य वस्तुओं को दान करने की एक सामुदायिक पहल।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री चंद्रा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अनुपम कॉलोनी मॉडल यह दर्शाता है कि कैसे सामूहिक नागरिक भागीदारी, जब मजबूत नागरिक बुनियादी ढांचे द्वारा समर्थित हो, शहरी स्वच्छता और स्थिरता में ठोस सुधार ला सकती है। उन्होंने आगे घोषणा की कि भारती नगर और चाणक्यपुरी-डी1डी2 ऑफिसर्स फ्लैट्स और सत्य सदन के सकारात्मक परिणामों के आधार पर, एनडीएमसी निकट भविष्य में अन्य आवासीय कॉलोनियों में भी इस मॉडल को लागू करने की योजना बना रही है। एनडीएमसी स्वच्छ भारत मिशन के आदर्शों के अनुरूप नवीन और समावेशी पहलों के माध्यम से सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने और सतत शहरी विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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NDMC की नई पहल, भारती नगर को मिला 'अनुपम कॉलोनी' का गौरव

इस घोषणा समारोह में एनडीएमसी के सचिव - डॉ. तारिक थॉमस, राजीव कुमार जैन ( स्वच्छता सलाहकार) और एनडीएमसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, और स्थानीय रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के उत्साही प्रतिनिधि उपस्थित थे, जिनके सामूहिक प्रयासों से यह उपलब्धि हासिल हुई है। भारती नगर के परिवर्तन की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए, श्री केशव चंद्रा ने अनूठी स्वच्छता पहलों को अपनाने के लिए निवासियों की सराहना की, जिनमें शामिल हैं:

~ स्रोत पर ही कचरे का 100% पृथक्करण घरों से निकलने वाले गीले कचरे का मौके पर ही खाद बनाना,

~ आरडब्ल्यूए और एनडीएमसी के संयुक्त सहयोग से बागवानी कचरे का मौके पर ही प्रसंस्करण,

~ सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधा (एमआरएफ) जहाँ सूखे कचरे को पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग के लिए 10 अलग-अलग श्रेणियों में सावधानीपूर्वक अलग किया जाता है,

~ आरआरआर (रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल) केंद्र/ नेकी की दीवार (दया की दीवार) - वंचित व्यक्तियों के लाभ के लिए पुन: प्रयोज्य वस्तुओं को दान करने की एक सामुदायिक पहल।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री चंद्रा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अनुपम कॉलोनी मॉडल यह दर्शाता है कि कैसे सामूहिक नागरिक भागीदारी, जब मजबूत नागरिक बुनियादी ढांचे द्वारा समर्थित हो, शहरी स्वच्छता और स्थिरता में ठोस सुधार ला सकती है। उन्होंने आगे घोषणा की कि भारती नगर और चाणक्यपुरी-डी1डी2 ऑफिसर्स फ्लैट्स और सत्य सदन के सकारात्मक परिणामों के आधार पर, एनडीएमसी निकट भविष्य में अन्य आवासीय कॉलोनियों में भी इस मॉडल को लागू करने की योजना बना रही है। एनडीएमसी स्वच्छ भारत मिशन के आदर्शों के अनुरूप नवीन और समावेशी पहलों के माध्यम से सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने और सतत शहरी विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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संवैधानिक विरासत से जुड़ने और उससे प्रेरणा लेने की आवश्यकता : विजेंद्र
RECPDCL ने गुजरात में प्रीपेड मीटरों के लिए प्रमुख स्मार्ट मीटरिंग समझौतों पर हस्ताक्षर किए
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Age Care India ने पर्यावरण को समर्पित Elders Day 2025 का भव्य आयोजन किया
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इस पर उन्होंने कहा: "अब महिलाएं शादी की मोहताज नहीं हैं। अब यह किसी की ज़रूरत नहीं, बल्कि ऐसा साथी चुनने का विषय है जो आपको बराबरी और सम्मान दे।" उपासना की यह सोच आज की आत्मनिर्भर और जागरूक महिलाओं की नई सोच को दर्शाती है — जो शादी को समझदारी से चुनती हैं, ना कि सामाजिक दबाव में।

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"‘अपना राम खोजो’, समाज के दबाव में मत झुको – उपासना कामिनेनी कोनीडेला"

इस पर उन्होंने कहा: "अब महिलाएं शादी की मोहताज नहीं हैं। अब यह किसी की ज़रूरत नहीं, बल्कि ऐसा साथी चुनने का विषय है जो आपको बराबरी और सम्मान दे।" उपासना की यह सोच आज की आत्मनिर्भर और जागरूक महिलाओं की नई सोच को दर्शाती है — जो शादी को समझदारी से चुनती हैं, ना कि सामाजिक दबाव में।

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इस मौके पर मेसे बर्लिन एशिया पैसिफ़िक के कार्यकारी निदेशक डैरेन सीह ने कहा, भारत और दक्षिण एशिया के अनुभव की प्रथम यात्रा बाज़ारों के रूप में विकसित हो रहे हैं। "आईटीबी इंडिया 2025" इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक और रणनीतिक साझेदारी के लिए उत्प्रेरक साबित होगा। आईटीबी इंडिया 2025 में कई बेहतरीन विशेषताओं पर प्रकाश डाला जाएगा, जिन्हें क्यूरेटेड यात्रा के रुप में अपने विषय को जीवंत बनाने के लिए ख़ास तौर पर डिज़ाइन किया गया है। इसमें अनुभव के मुताबिक इमर्सिव शोकेस पेश किया जायेगा। यहां उपस्थित लोग स्थानीय व्यंजनों का भी स्वाद ले सकेंगे। यहां स्वास्थ्य उपचारों का पता लगा सकेंगे और इसके साथ आभासी वास्तविकता के माध्यम से गंतव्यों का अनुभव कर सकेंगे।

इस आयोजन में एडीटीओआई, एटीओएआई, एनआईएमए और टीआईए जैसे प्रमुख संघों द्वारा समर्थित क्रेता अभिजात वर्ग कार्यक्रम प्रदर्शकों और उच्च-गुणवत्ता वाले खरीदारों के बीच लक्षित मिलान की सुविधा प्रदान करेगा। इसमें भारतीय फिल्म पर्यटन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिसमें पैनल चर्चाएँ, बी2बी बैठकें और सिनेमा से प्रेरित प्रोडक्शन हाउस के साथ साझेदारी के अवसर शामिल होंगे। अर्ली बर्ड ऑफर: प्रदर्शक 15 जुलाई 2025 तक विशेष छूट का आनंद ले सकते हैं, वहीं व्यापारिक आगंतुक 25 जुलाई 2025 तक सुपर अर्ली बर्ड पर आधारित किफायती दरों का लाभ उठा सकते हैं।

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आईटीबी इंडिया 2025 ने नई थीम 'अनुभव का व्यवसाय' लॉन्च किया

इस मौके पर मेसे बर्लिन एशिया पैसिफ़िक के कार्यकारी निदेशक डैरेन सीह ने कहा, भारत और दक्षिण एशिया के अनुभव की प्रथम यात्रा बाज़ारों के रूप में विकसित हो रहे हैं। "आईटीबी इंडिया 2025" इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक और रणनीतिक साझेदारी के लिए उत्प्रेरक साबित होगा। आईटीबी इंडिया 2025 में कई बेहतरीन विशेषताओं पर प्रकाश डाला जाएगा, जिन्हें क्यूरेटेड यात्रा के रुप में अपने विषय को जीवंत बनाने के लिए ख़ास तौर पर डिज़ाइन किया गया है। इसमें अनुभव के मुताबिक इमर्सिव शोकेस पेश किया जायेगा। यहां उपस्थित लोग स्थानीय व्यंजनों का भी स्वाद ले सकेंगे। यहां स्वास्थ्य उपचारों का पता लगा सकेंगे और इसके साथ आभासी वास्तविकता के माध्यम से गंतव्यों का अनुभव कर सकेंगे।

इस आयोजन में एडीटीओआई, एटीओएआई, एनआईएमए और टीआईए जैसे प्रमुख संघों द्वारा समर्थित क्रेता अभिजात वर्ग कार्यक्रम प्रदर्शकों और उच्च-गुणवत्ता वाले खरीदारों के बीच लक्षित मिलान की सुविधा प्रदान करेगा। इसमें भारतीय फिल्म पर्यटन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिसमें पैनल चर्चाएँ, बी2बी बैठकें और सिनेमा से प्रेरित प्रोडक्शन हाउस के साथ साझेदारी के अवसर शामिल होंगे। अर्ली बर्ड ऑफर: प्रदर्शक 15 जुलाई 2025 तक विशेष छूट का आनंद ले सकते हैं, वहीं व्यापारिक आगंतुक 25 जुलाई 2025 तक सुपर अर्ली बर्ड पर आधारित किफायती दरों का लाभ उठा सकते हैं।

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द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित और टीम की हेड कोच सुनीता शर्मा ने कहा, "ऑक्शन के बाद हम बहुत खुश हैं क्योंकि हम वैसी टीम बना सके जैसी हम चाहते थे। हमारा इरादा अच्छा क्रिकेट खेलने और मेहनत करके ट्रॉफी जीतने का है।"

रेड और गोल्ड रंग की मशहूर जर्सी पहनकर, साउथ दिल्ली सुपरस्टार्ज वीमेन टीम इस बार पिछली सीजन से भी बेहतर प्रदर्शन करने के इरादे से उतरेगी और उनकी नजरें सीधी ट्रॉफी पर टिकी हैं। जोशीले फैंस, एकजुट टीम और जीत की सोच के साथ यह टीम दिल्ली प्रीमियर लीग सीजन 2 में धमाकेदार छाप छोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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साउथ दिल्ली सुपरस्टार्ज टीम में चुनी गईं डीपीएल टी20 की सबसे युवा खिलाड़ी 12 वर्षीय चाक्षिता

द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित और टीम की हेड कोच सुनीता शर्मा ने कहा, "ऑक्शन के बाद हम बहुत खुश हैं क्योंकि हम वैसी टीम बना सके जैसी हम चाहते थे। हमारा इरादा अच्छा क्रिकेट खेलने और मेहनत करके ट्रॉफी जीतने का है।"

रेड और गोल्ड रंग की मशहूर जर्सी पहनकर, साउथ दिल्ली सुपरस्टार्ज वीमेन टीम इस बार पिछली सीजन से भी बेहतर प्रदर्शन करने के इरादे से उतरेगी और उनकी नजरें सीधी ट्रॉफी पर टिकी हैं। जोशीले फैंस, एकजुट टीम और जीत की सोच के साथ यह टीम दिल्ली प्रीमियर लीग सीजन 2 में धमाकेदार छाप छोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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टीम के दूसरे सह-मालिक ईशविन सिंह होरा, रीच ग्रुप, ने कहा, "इस सीज़न का मुकाबला और भी बड़ा, बेहतर और ज्यादा रोमांचक होने वाला है। दो नई टीमों के पुरुष लीग में शामिल होने और महिला क्रिकेट के तेजी से उभरने के साथ, यह दिल्ली क्रिकेट और खासकर डीपीएल के लिए बेहद खास समय है, जो युवाओं को सशक्त करता है। हम ऑक्शन में एक साफ स्ट्रेटेजी और अपने विज़न पर भरोसे के साथ उतर रहे हैं और हमें एक शानदार सीज़न की उम्मीद है।"

जैसे-जैसे 2025 सीज़न का ऑक्शन नज़दीक आ रहा है, साउथ दिल्ली सुपरस्टार्ज़ अपनी पिछली विरासत पर आगे बढ़ते हुए इस बार ट्रॉफी पर कब्ज़ा जमाने की पूरी तैयारी में है। दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) के तत्वावधान में संचालित यह लीग उभरती प्रतिभाओं को मजबूत मंच देती है और क्रिकेट के भविष्य को आकार देती है। यह फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट में उत्कृष्टता को निखारने और दिल्ली के क्रिकेट इकोसिस्टम को मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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DPL सीज़न 2: मेगा ऑक्शन से पहले साउथ दिल्ली सुपरस्टार्ज़ ने बरकरार रखी कप्तानी की कमान

टीम के दूसरे सह-मालिक ईशविन सिंह होरा, रीच ग्रुप, ने कहा, "इस सीज़न का मुकाबला और भी बड़ा, बेहतर और ज्यादा रोमांचक होने वाला है। दो नई टीमों के पुरुष लीग में शामिल होने और महिला क्रिकेट के तेजी से उभरने के साथ, यह दिल्ली क्रिकेट और खासकर डीपीएल के लिए बेहद खास समय है, जो युवाओं को सशक्त करता है। हम ऑक्शन में एक साफ स्ट्रेटेजी और अपने विज़न पर भरोसे के साथ उतर रहे हैं और हमें एक शानदार सीज़न की उम्मीद है।"

जैसे-जैसे 2025 सीज़न का ऑक्शन नज़दीक आ रहा है, साउथ दिल्ली सुपरस्टार्ज़ अपनी पिछली विरासत पर आगे बढ़ते हुए इस बार ट्रॉफी पर कब्ज़ा जमाने की पूरी तैयारी में है। दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) के तत्वावधान में संचालित यह लीग उभरती प्रतिभाओं को मजबूत मंच देती है और क्रिकेट के भविष्य को आकार देती है। यह फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट में उत्कृष्टता को निखारने और दिल्ली के क्रिकेट इकोसिस्टम को मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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शौचमहल’ और ‘फूलकुमारी निवास’ के बाद अब “मोदीमहल” की नयी पेशकश 
दिल्ली कमेटी आम चुनाव का बजा बिगुल, शिरोमणी अकाली दल ने पीएम का किया धन्यवाद
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इसी पहल के अंतर्गत एक अन्य कार्यक्रम जिला कार्यालय, अलीपुर में भी आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य आगामी पीढ़ियों के लिए वृक्षारोपण की महत्ता को लेकर जागरूकता फैलाना था। साथ ही स्वच्छ भारत जागरूकता अभियान के तहत एक स्वच्छता कार्यक्रम भी जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में आयोजित किया गया| यश चौधरी, आई.ए.एस. जिला अधिकारी, उत्तरी दिल्ली ने सब युवाओं को शपथ दिलाई और स्वच्छता एवं पर्यावरण के लिए वृक्षारोपण के महत्त्व के बारे में जागरूक किया | इस मौके पर श्री अंकुर मेशराम, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, उत्तरी दिल्ली भी मौजूद रहे | कार्यक्रम का सञ्चालन श्रीमति पूनम शर्मा, उप-निदेशक द्वारा किया गया |

कार्यक्रम को सफलता पूर्वक आयोजित करने में हिमांशु गोएल, लेखा एवं कार्यक्रम सहायक, मेरा युवा भारत, उत्तरी दिल्ली, साहिल, सूरज, पिंकी यूथ लीडर्स एवं पूर्व स्वयंसेवक व् अन्य सभी युवाओं का महतवपूर्ण सहयोग रहा |

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बेगमपुर में मनाई गई डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जयंती एवं एक पेड़ माँ के नाम कार्यक्रम

इसी पहल के अंतर्गत एक अन्य कार्यक्रम जिला कार्यालय, अलीपुर में भी आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य आगामी पीढ़ियों के लिए वृक्षारोपण की महत्ता को लेकर जागरूकता फैलाना था। साथ ही स्वच्छ भारत जागरूकता अभियान के तहत एक स्वच्छता कार्यक्रम भी जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में आयोजित किया गया| यश चौधरी, आई.ए.एस. जिला अधिकारी, उत्तरी दिल्ली ने सब युवाओं को शपथ दिलाई और स्वच्छता एवं पर्यावरण के लिए वृक्षारोपण के महत्त्व के बारे में जागरूक किया | इस मौके पर श्री अंकुर मेशराम, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, उत्तरी दिल्ली भी मौजूद रहे | कार्यक्रम का सञ्चालन श्रीमति पूनम शर्मा, उप-निदेशक द्वारा किया गया |

कार्यक्रम को सफलता पूर्वक आयोजित करने में हिमांशु गोएल, लेखा एवं कार्यक्रम सहायक, मेरा युवा भारत, उत्तरी दिल्ली, साहिल, सूरज, पिंकी यूथ लीडर्स एवं पूर्व स्वयंसेवक व् अन्य सभी युवाओं का महतवपूर्ण सहयोग रहा |

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स्ट्रीक्स प्रोफेशनल ने प्रोफेशनल ब्यूटी इंडिया 2025 में पेश किया ग्लैमरस 'इवोक' कलेक्शन
निर्दोष की निर्मम पिटाई पर दिल्ली पुलिस चुप, तंवर के प्रयास से न्याय की आश
शताब्दी वर्ष में हर गांव, हर घर तक पहुंचेगा संघ


अपने संबोधन में श्री गुप्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2025 को "अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष" घोषित किया है, जिसका विषय है — "सहकारिताएं एक बेहतर विश्व का निर्माण करती हैं।" यह वैश्विक पहल सहकारिताओं की भूमिका को उजागर करती है, जो आर्थिक लचीलापन बढ़ाने, सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने और सतत विकास को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। लोकतांत्रिक स्वामित्व और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से, सहकारिताएं लोगों को एकजुट कर उनकी साझा आर्थिक और सामाजिक आवश्यकताओं को लोकतांत्रिक स्वामित्व और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से पूरा करने का माध्यम बनती हैं। ये संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में विशेष रूप से सम्मानजनक कार्य को बढ़ावा देने, असमानता को घटाने, और गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

विधानसभ अध्यक्ष ने आगे कहा कि ‘संग्रह और सहयोग सम्मान कार्यक्रम’ इस बात का उदाहरण है कि स्थानीय सहकारी समितियाँ किस प्रकार सहकारिता के मूल सिद्धांतों — बचत को प्रोत्साहित करना, ऋण सुविधा उपलब्ध कराना, और सशक्त सामुदायिक नेटवर्क का निर्माण करना — को साकार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की संस्थाएं विशेष रूप से उन नागरिकों को सशक्त बनाती हैं, जिन्हें पारंपरिक वित्तीय प्रणालियों तक पहुंच नहीं है। ये संस्थाएं उन्हें आजीविका सुधारने के लिए आवश्यक संसाधन और विश्वास प्रदान करती हैं। श्री गुप्ता ने यह रेखांकित किया कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता आंदोलन अब विकसित भारत की एक मजबूत आधारशिला के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने ‘सहकार से समृद्धि’ और ‘विकसित भारत में सहकारिता की भूमिका’ जैसे दो मार्गदर्शक सिद्धांतों को अपनाया है, जो विभिन्न क्षेत्रों में सहकारिता के एक नए पुनर्जागरण को प्रेरित कर रहे हैं और देश की सहकारी व्यवस्था को सशक्त एवं आधुनिक बनाकर पुनर्जीवित कर रहे हैं।

माननीय अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इन पहलों का उद्देश्य वित्तीय समावेशन को गहराना, शासन व्यवस्था का आधुनिकीकरण करना, नए क्षेत्रों में विस्तार करना, और सहकारिताओं को वैश्विक बाजार से जोड़ना है। यह परिवर्तन आज प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS), सहकारी बैंकों, कर व्यवस्था, और निर्यात उन्मुख राष्ट्रीय सहकारिताओं की सुदृढ़ता में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जो आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य में सीधे योगदान दे रहे हैं और सहकारिताओं को समान वृद्धि के वाहक के रूप में स्थापित कर रहे हैं। श्री गुप्ता ने सहकारी संस्थाओं से आग्रह किया कि वे पारदर्शिता बनाए रखें, आधुनिक तकनीकों को अपनाएं, और नए दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ें, ताकि वे वर्तमान सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का प्रभावी रूप से सामना कर सकें। उन्होंने सहकारी नेताओं और सदस्यों से आह्वान किया कि वे इस अंतरराष्ट्रीय वर्ष को एक अवसर के रूप में लें, ताकि सहकारिता मॉडल के लाभों के प्रति जनजागरूकता बढ़े और युवाओं को एक अधिक न्यायपूर्ण और सतत भविष्य के निर्माण के लिए प्रेरित किया जा सके।

इस अवसर पर माननीय अध्यक्ष ने दौड़ में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम में सहकारी संगठनों के नेताओं, समाज के सदस्यों और गणमान्य व्यक्तियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और सभी ने समावेशी विकास, सामुदायिक कल्याण और विकसित भारत के लक्ष्य की पूर्ति के लिए सहकारिता आंदोलन को सशक्त करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

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'समाज के हर तबके को जोड़कर आगे बढ़ाने का माध्यम है सहकारिता मॉडल'


अपने संबोधन में श्री गुप्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2025 को "अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष" घोषित किया है, जिसका विषय है — "सहकारिताएं एक बेहतर विश्व का निर्माण करती हैं।" यह वैश्विक पहल सहकारिताओं की भूमिका को उजागर करती है, जो आर्थिक लचीलापन बढ़ाने, सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने और सतत विकास को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। लोकतांत्रिक स्वामित्व और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से, सहकारिताएं लोगों को एकजुट कर उनकी साझा आर्थिक और सामाजिक आवश्यकताओं को लोकतांत्रिक स्वामित्व और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से पूरा करने का माध्यम बनती हैं। ये संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में विशेष रूप से सम्मानजनक कार्य को बढ़ावा देने, असमानता को घटाने, और गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

विधानसभ अध्यक्ष ने आगे कहा कि ‘संग्रह और सहयोग सम्मान कार्यक्रम’ इस बात का उदाहरण है कि स्थानीय सहकारी समितियाँ किस प्रकार सहकारिता के मूल सिद्धांतों — बचत को प्रोत्साहित करना, ऋण सुविधा उपलब्ध कराना, और सशक्त सामुदायिक नेटवर्क का निर्माण करना — को साकार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की संस्थाएं विशेष रूप से उन नागरिकों को सशक्त बनाती हैं, जिन्हें पारंपरिक वित्तीय प्रणालियों तक पहुंच नहीं है। ये संस्थाएं उन्हें आजीविका सुधारने के लिए आवश्यक संसाधन और विश्वास प्रदान करती हैं। श्री गुप्ता ने यह रेखांकित किया कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता आंदोलन अब विकसित भारत की एक मजबूत आधारशिला के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने ‘सहकार से समृद्धि’ और ‘विकसित भारत में सहकारिता की भूमिका’ जैसे दो मार्गदर्शक सिद्धांतों को अपनाया है, जो विभिन्न क्षेत्रों में सहकारिता के एक नए पुनर्जागरण को प्रेरित कर रहे हैं और देश की सहकारी व्यवस्था को सशक्त एवं आधुनिक बनाकर पुनर्जीवित कर रहे हैं।

माननीय अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इन पहलों का उद्देश्य वित्तीय समावेशन को गहराना, शासन व्यवस्था का आधुनिकीकरण करना, नए क्षेत्रों में विस्तार करना, और सहकारिताओं को वैश्विक बाजार से जोड़ना है। यह परिवर्तन आज प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS), सहकारी बैंकों, कर व्यवस्था, और निर्यात उन्मुख राष्ट्रीय सहकारिताओं की सुदृढ़ता में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जो आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य में सीधे योगदान दे रहे हैं और सहकारिताओं को समान वृद्धि के वाहक के रूप में स्थापित कर रहे हैं। श्री गुप्ता ने सहकारी संस्थाओं से आग्रह किया कि वे पारदर्शिता बनाए रखें, आधुनिक तकनीकों को अपनाएं, और नए दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ें, ताकि वे वर्तमान सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का प्रभावी रूप से सामना कर सकें। उन्होंने सहकारी नेताओं और सदस्यों से आह्वान किया कि वे इस अंतरराष्ट्रीय वर्ष को एक अवसर के रूप में लें, ताकि सहकारिता मॉडल के लाभों के प्रति जनजागरूकता बढ़े और युवाओं को एक अधिक न्यायपूर्ण और सतत भविष्य के निर्माण के लिए प्रेरित किया जा सके।

इस अवसर पर माननीय अध्यक्ष ने दौड़ में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम में सहकारी संगठनों के नेताओं, समाज के सदस्यों और गणमान्य व्यक्तियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और सभी ने समावेशी विकास, सामुदायिक कल्याण और विकसित भारत के लक्ष्य की पूर्ति के लिए सहकारिता आंदोलन को सशक्त करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

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9 जुलाई की देशव्यापी हड़ताल में मनरेगा मजदूरों से बढ़-चढ़ के हिस्सा लेने का आह्वान!

सरना ने कहा कि ऐसे फैसले लेने वालों को श्री अकाल तख्त साहिब और संपूर्ण गुरु पंथ से टकराव लेने की बजाय, इन फैसलों के लिए श्री अकाल तख्त साहिब पर हाजिर होकर माफ़ी मांगनी चाहिए। अन्यथा उन्हें समझ लेना चाहिए कि जिस दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के स्थान पर बैठकर वे पंथ में फूट डालने का प्रयास कर रहे हैं, उसकी अदालत में उन्हें इसका जवाब ज़रूर देना पड़ेगा।

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पटना साहिब पंज प्यारों क़ो धार्मिक दंड घोषित करने का अधिकार नहीं : अकाली दल

सरना ने कहा कि ऐसे फैसले लेने वालों को श्री अकाल तख्त साहिब और संपूर्ण गुरु पंथ से टकराव लेने की बजाय, इन फैसलों के लिए श्री अकाल तख्त साहिब पर हाजिर होकर माफ़ी मांगनी चाहिए। अन्यथा उन्हें समझ लेना चाहिए कि जिस दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के स्थान पर बैठकर वे पंथ में फूट डालने का प्रयास कर रहे हैं, उसकी अदालत में उन्हें इसका जवाब ज़रूर देना पड़ेगा।

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फतेहाबाद में श्रीगुरु तेग बहादुर स्कूल की हालत पर बिफरे सरना
उत्तर प्रदेश सरकार का निर्यात पर केंद्रित भव्य व्यापार शो का आयोजन
ईवीएमएसद ने कानून की धज्जियां उड़ाते अवैध ई-रिक्शों पर चिंता जताई

सी बी एस ई द्वारा निर्देशित दिन Day1 मनाना -विद्यालय में 1 जुलाई को निश्चित कर प्रस्तुत किया गया। ग्रीष्म अवकाशीय कैंप में छात्रों को पंजाबी और हिंदी भाषा में बुनियादी अभिवादन क्रियाकलाप , अक्षर ज्ञान, अंक ज्ञान, हस्ताक्षर, स्लोगन लेखन,वचन बदलो,फलों, सब्जियों ,पशुओं, रंगों के नाम आदि सिखाए गए और उनसे संबंधित विभिन्न चार्ट और फ्लैश कार्ड भी बनवाए गए ।इस कार्य में विशेष रूप से विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती मनप्रीत कौर जी,मोनिका, तजिंदर कौर तथा गुरविंदर कौर मैडम का सहयोग रहा जिससे कि कैंप के प्रथम दिवसीय कार्य प्रस्तुति को सफलतापूर्वक परिणीति मिली ।

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"गुरु नानक पब्लिक स्कूल राजौरी गार्डन में छात्रों के लिए ग्रीष्म अवकाशीय कैंप"

सी बी एस ई द्वारा निर्देशित दिन Day1 मनाना -विद्यालय में 1 जुलाई को निश्चित कर प्रस्तुत किया गया। ग्रीष्म अवकाशीय कैंप में छात्रों को पंजाबी और हिंदी भाषा में बुनियादी अभिवादन क्रियाकलाप , अक्षर ज्ञान, अंक ज्ञान, हस्ताक्षर, स्लोगन लेखन,वचन बदलो,फलों, सब्जियों ,पशुओं, रंगों के नाम आदि सिखाए गए और उनसे संबंधित विभिन्न चार्ट और फ्लैश कार्ड भी बनवाए गए ।इस कार्य में विशेष रूप से विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती मनप्रीत कौर जी,मोनिका, तजिंदर कौर तथा गुरविंदर कौर मैडम का सहयोग रहा जिससे कि कैंप के प्रथम दिवसीय कार्य प्रस्तुति को सफलतापूर्वक परिणीति मिली ।

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फिल्म के डायरेक्टर नितेश तिवारी कहते हैं, “रामायण वो कहानी है जिसके साथ हम सब बड़े हुए हैं। ये हमारी संस्कृति की आत्मा को अपने अंदर समेटे हुए है। हमारा मकसद यही था कि इस आत्मा को सम्मान दें और इसे उस सिनेमैटिक भव्यता के साथ पेश करें जिसकी ये सच्ची हकदार है। एक फिल्ममेकर के तौर पर ये मेरे लिए बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है, लेकिन उतनी ही दिल से जुड़ी हुई इज़्ज़त की बात भी है कि मुझे इसे पर्दे पर उतारने का मौका मिला। ये कहानी सदियों से लोगों के दिलों में ज़िंदा है, क्योंकि ये हमारे अंदर किसी गहरे और शाश्वत एहसास को छूती है। हम सिर्फ एक फिल्म नहीं बना रहे बल्कि हम एक विज़न दे रहे हैं, जो श्रद्धा में डूबा हुआ है, गुणवत्ता से गढ़ा है और हर सीमा से पार जाने की ताकत रखता है।”

दुनिया के सबसे इमर्सिव फॉर्मैट्स जैसे कि IMAX के लिए खास तौर पर तैयार की गई रामायण एक ऐसी सिनेमाई यात्रा है, जो दर्शकों को मानवीय इतिहास की सबसे पुरानी और शक्तिशाली कहानियों में से एक के दिल तक ले जाती है। ये सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि थिएटर में देखा जाने वाला एक ऐसा अनुभव है जो आपको समय, संस्कृति और आत्मा तीनों की गहराई तक ले जाएगा।

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रामायण का द इंट्रोडक्शन हुआ ग्लोबल लेवल पर लॉन्च

फिल्म के डायरेक्टर नितेश तिवारी कहते हैं, “रामायण वो कहानी है जिसके साथ हम सब बड़े हुए हैं। ये हमारी संस्कृति की आत्मा को अपने अंदर समेटे हुए है। हमारा मकसद यही था कि इस आत्मा को सम्मान दें और इसे उस सिनेमैटिक भव्यता के साथ पेश करें जिसकी ये सच्ची हकदार है। एक फिल्ममेकर के तौर पर ये मेरे लिए बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है, लेकिन उतनी ही दिल से जुड़ी हुई इज़्ज़त की बात भी है कि मुझे इसे पर्दे पर उतारने का मौका मिला। ये कहानी सदियों से लोगों के दिलों में ज़िंदा है, क्योंकि ये हमारे अंदर किसी गहरे और शाश्वत एहसास को छूती है। हम सिर्फ एक फिल्म नहीं बना रहे बल्कि हम एक विज़न दे रहे हैं, जो श्रद्धा में डूबा हुआ है, गुणवत्ता से गढ़ा है और हर सीमा से पार जाने की ताकत रखता है।”

दुनिया के सबसे इमर्सिव फॉर्मैट्स जैसे कि IMAX के लिए खास तौर पर तैयार की गई रामायण एक ऐसी सिनेमाई यात्रा है, जो दर्शकों को मानवीय इतिहास की सबसे पुरानी और शक्तिशाली कहानियों में से एक के दिल तक ले जाती है। ये सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि थिएटर में देखा जाने वाला एक ऐसा अनुभव है जो आपको समय, संस्कृति और आत्मा तीनों की गहराई तक ले जाएगा।

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‘खास-ये-आम’ में 5-6 जुलाई को 300 से अधिक किस्म के आम प्रदर्शित किए जाएंगे
दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी की धर्म प्रचार समिति जुलाई से नवंबर तक आयोजित करेगी लगातार समागम
दिल्ली में प्रांत प्रचारक बैठक : शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की योजना पर विस्तृत चर्चा 

अमित पालटा ने आगे कहा ,"इस प्रोडक्ट के टारगेट कस्टमर्स को ध्यान में रखते हुए, जो ब्रांड्स और प्रोडक्ट्स से डिजिटल तरीके से जुड़ना पसंद करते हैं, हमने इसकी पूरी खरीद प्रक्रिया को डिजिटल बना दिया है।" उन्होंने कहा," आईसीआईसीआई प्रू स्मार्ट इंश्योरेंस प्लान प्लस में ग्राहकों को 25 अलग-अलग फंड्स और चार पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजी में से चुनाव करने की सुविधा मिलती है। ग्राहक अपनी जरूरत के अनुसार एक फंड से दूसरे फंड में स्विच कर सकते हैं, वह भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क या टैक्स के। इसके साथ ही, यह प्लान जीवन बीमा सुरक्षा भी देता है, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिरता बनी रहती है। एक विशेष विकल्प के तौर पर ग्राहक "वेवर ऑफ प्रीमियम" एड-ऑन बेनिफिट भी चुन सकते हैं, जिससे यदि किसी कारणवश पॉलिसीधारक मौजूद न हो, तब भी उनकी दीर्घकालिक बचत योजना प्रभावित न हो।" उन्होंने आगे कहा, "इस प्रोडक्ट का लॉन्च यह स्पष्ट करता है कि हम लगातार ऐसे समाधान ला रहे हैं, जो ग्राहकों की बदलती जरूरतों को पूरा करते हैं। यह एक किफायती विकल्प है, जो व्यक्ति को आत्मविश्वास, स्पष्टता और संतुल के साथ अपने भविष्य की योजना बनाने में सक्षम बनाता है।"

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आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ ने युवाओं के लिए लॉन्च किया मार्केट-लिंक्ड प्रोडक्ट

अमित पालटा ने आगे कहा ,"इस प्रोडक्ट के टारगेट कस्टमर्स को ध्यान में रखते हुए, जो ब्रांड्स और प्रोडक्ट्स से डिजिटल तरीके से जुड़ना पसंद करते हैं, हमने इसकी पूरी खरीद प्रक्रिया को डिजिटल बना दिया है।" उन्होंने कहा," आईसीआईसीआई प्रू स्मार्ट इंश्योरेंस प्लान प्लस में ग्राहकों को 25 अलग-अलग फंड्स और चार पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजी में से चुनाव करने की सुविधा मिलती है। ग्राहक अपनी जरूरत के अनुसार एक फंड से दूसरे फंड में स्विच कर सकते हैं, वह भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क या टैक्स के। इसके साथ ही, यह प्लान जीवन बीमा सुरक्षा भी देता है, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिरता बनी रहती है। एक विशेष विकल्प के तौर पर ग्राहक "वेवर ऑफ प्रीमियम" एड-ऑन बेनिफिट भी चुन सकते हैं, जिससे यदि किसी कारणवश पॉलिसीधारक मौजूद न हो, तब भी उनकी दीर्घकालिक बचत योजना प्रभावित न हो।" उन्होंने आगे कहा, "इस प्रोडक्ट का लॉन्च यह स्पष्ट करता है कि हम लगातार ऐसे समाधान ला रहे हैं, जो ग्राहकों की बदलती जरूरतों को पूरा करते हैं। यह एक किफायती विकल्प है, जो व्यक्ति को आत्मविश्वास, स्पष्टता और संतुल के साथ अपने भविष्य की योजना बनाने में सक्षम बनाता है।"

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भारत मंडपम में BNS, BNSS और BSA की वर्षगांठ पर न्याय प्रणाली की विशेष प्रदर्शनी
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वहीं, डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स के सीईओ श्राष्टांत पटारा ने कहा, “भारत का शहरी परिवर्तन ऐसे शहरों का निर्माण करने का एक ऐतिहासिक अवसर है जो समावेशी, लचीले और पुनर्योजी हैं - न केवल कुछ के लिए, बल्कि सभी के लिए। ऑल्ट अर्बन अभियान और ट्रायलॉग 2047 के माध्यम से, डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स और उसके साझेदार ऑल्ट अर्बन ग्लोबल समिट में परिवर्तनकर्ताओं को बुलाने पर गर्व महसूस करते हैं, ताकि लोगों और ग्रह दोनों के लिए काम करने वाले शहरों के लिए मार्ग तैयार किए जा सकें। शहरी भारत का भविष्य स्थानीय रूप से संचालित, वैश्विक रूप से जुड़ा हुआ और मौलिक रूप से न्यायपूर्ण होना चाहिए”

ट्रायलॉग 2047 के 28वें संस्करण के दौरान, जिसका शीर्षक था “शेपिंग ग्रीन अर्बन फ्यूचर्स”, भारत में शहरी परिवर्तन के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस सत्र में भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प के मुख्य भाषण और शिखा श्रीवास्तव, टाटा ट्रस्ट्स, सरथ बाबू एमजी, एनआईयूए और सुश्री उमित भाटिया, सस्टेनेबिलिटी स्ट्रैटेजी, एशिया पैसिफिक, जेएलएल के साथ एक उच्चस्तरीय चर्चा हुई, जिसका संचालन श्राष्टांत पटारा, सीईओ, डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स ने किया। सत्र के हिस्से के रूप में, “शेपिंग ग्रीन अर्बन फ्यूचर्स” नामक प्रकाशन को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया, जिसमें समावेशी और परिपत्र शहरी नियोजन के लिए दूरदर्शी रूपरेखा प्रस्तुत की गई।

शिखर सम्मेलन का समापन इस बात पर विचार-विमर्श के साथ हुआ कि कैसे सहयोगी शासन, लोगों पर केंद्रित डिजाइन और जलवायु नवाचार सामूहिक रूप से भारत के शहरी भविष्य की कल्पना कर सकते हैं, जो कि राष्ट्र के विकसित भारत @2047 के लक्ष्यों के साथ संरेखित है। ऑल्ट अर्बन ग्लोबल समिट को धुन लाइफ, सॉक्रेटीस, बीएमटीपीसी, गृह परिषद, स्पार्क, आईएफसी, क्लाइमेट राइज अलायंस, बिल्ड अहेड, यूओएफटी इंडिया फाउंडेशन, इंटरनेशनल कोऑपरेटिव अलायंस - एशिया पैसिफिक और द सीएसआर यूनिवर्स द्वारा समर्थित किया गया है।

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डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स ग्रुप ने किया ऑल्ट अर्बन ग्लोबल सम्मिट 2025 का आयोजन

वहीं, डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स के सीईओ श्राष्टांत पटारा ने कहा, “भारत का शहरी परिवर्तन ऐसे शहरों का निर्माण करने का एक ऐतिहासिक अवसर है जो समावेशी, लचीले और पुनर्योजी हैं - न केवल कुछ के लिए, बल्कि सभी के लिए। ऑल्ट अर्बन अभियान और ट्रायलॉग 2047 के माध्यम से, डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स और उसके साझेदार ऑल्ट अर्बन ग्लोबल समिट में परिवर्तनकर्ताओं को बुलाने पर गर्व महसूस करते हैं, ताकि लोगों और ग्रह दोनों के लिए काम करने वाले शहरों के लिए मार्ग तैयार किए जा सकें। शहरी भारत का भविष्य स्थानीय रूप से संचालित, वैश्विक रूप से जुड़ा हुआ और मौलिक रूप से न्यायपूर्ण होना चाहिए”

ट्रायलॉग 2047 के 28वें संस्करण के दौरान, जिसका शीर्षक था “शेपिंग ग्रीन अर्बन फ्यूचर्स”, भारत में शहरी परिवर्तन के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस सत्र में भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प के मुख्य भाषण और शिखा श्रीवास्तव, टाटा ट्रस्ट्स, सरथ बाबू एमजी, एनआईयूए और सुश्री उमित भाटिया, सस्टेनेबिलिटी स्ट्रैटेजी, एशिया पैसिफिक, जेएलएल के साथ एक उच्चस्तरीय चर्चा हुई, जिसका संचालन श्राष्टांत पटारा, सीईओ, डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स ने किया। सत्र के हिस्से के रूप में, “शेपिंग ग्रीन अर्बन फ्यूचर्स” नामक प्रकाशन को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया, जिसमें समावेशी और परिपत्र शहरी नियोजन के लिए दूरदर्शी रूपरेखा प्रस्तुत की गई।

शिखर सम्मेलन का समापन इस बात पर विचार-विमर्श के साथ हुआ कि कैसे सहयोगी शासन, लोगों पर केंद्रित डिजाइन और जलवायु नवाचार सामूहिक रूप से भारत के शहरी भविष्य की कल्पना कर सकते हैं, जो कि राष्ट्र के विकसित भारत @2047 के लक्ष्यों के साथ संरेखित है। ऑल्ट अर्बन ग्लोबल समिट को धुन लाइफ, सॉक्रेटीस, बीएमटीपीसी, गृह परिषद, स्पार्क, आईएफसी, क्लाइमेट राइज अलायंस, बिल्ड अहेड, यूओएफटी इंडिया फाउंडेशन, इंटरनेशनल कोऑपरेटिव अलायंस - एशिया पैसिफिक और द सीएसआर यूनिवर्स द्वारा समर्थित किया गया है।

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मेले में अनुभव करें विश्व रिकॉर्डधारी ताकत का अद्भुत नज़ारा – लाइव स्टंट प्रदर्शन

मेले के उत्साह को चरम पर पहुंचाने के लिए पेश होगा एक रोमांचकारी लाइव शो – गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्डधारी श्री विकास स्वामी का प्रदर्शन, जो अपने दांतों से 121 किलो वजन उठाने के लिए विख्यात हैं। शुक्रवार से रविवार तक वे लगातार ऐसे शक्ति और कौशल से भरपूर हैरतअंगेज़ करतब दिखाएंगे, जो न केवल दर्शकों को चकित करेंगे, बल्कि यह भी साबित करेंगे कि असल ताकत की जड़ें गहराई में होती हैं।

भारत की आयुर्वेदिक विरासत से प्रेरित मौखिक स्वास्थ्य का उत्सव

डाबर लिमिटेड के (प्रवक्ता का नाम), (पदनाम) ने कहा, "आज के दौर में जहां बाज़ार कृत्रिम वादों से भरे पड़े हैं, डाबर बाबूल एक ऐसा ब्रांड है जो भारत की आयुर्वेदिक परंपरा में गहराई से रचा-बसा है। हमारा नया अभियान 'जड़ से मज़बूत' उसी मौलिक शक्ति को समर्पित है — जो दिखावे से नहीं, बल्कि हर परिस्थिति में स्थिरता और मजबूती से पहचान बनाती है। इस भावना को जीवंत करने के लिए नौचंदी मेला से उपयुक्त मंच और कोई नहीं हो सकता — यह उत्सव भारतीय परंपरा और सामाजिक जुड़ाव का प्रतीक है।”

इन्फ्लुएंसर्स ने बढ़ाया जोश और जन भागीदारी

अभियान के प्रभाव को और व्यापक बनाने के उद्देश्य से डाबर बाबूल ने देशभर के लोकप्रिय और स्थानीय इन्फ्लुएंसर्स को साथ जोड़ा है। ये सभी मेले में आकर इस चुनौती का हिस्सा बन रहे हैं और अपनी प्रेरणादायक मजबूती और आत्मविश्वास की कहानियाँ साझा कर रहे हैं। चाहे वह पहलवान हों, योग प्रशिक्षक, हास्य कलाकार या लोक कलाकार — सभी मिलकर एक ही संदेश दे रहे हैं: "जड़ से मज़बूत"।


एक सार्थक उद्देश्य से प्रेरित अभियान

इस अभियान में प्रभावशाली विज़ुअल्स और स्थानीय भाषा में प्रस्तुत कहानियों के माध्यम से आम भारतीयों की आंतरिक और भावनात्मक मज़बूती को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है। #JadSeMazboot सिर्फ दांतों की देखभाल का नाम नहीं है, यह उस भरोसे का प्रतीक है जो हमारी जड़ों में, हमारी सच्चाई में और हमारी दृढ़ता में निहित है।

डाबर बबूल के बारे में

डाबर बबूल टूथपेस्ट एक आयुर्वेदिक, फ्लोराइड-फ्री टूथपेस्ट है, जिसे बाबूल की छाल, पुदीना और लौंग जैसे भारतीय प्राकृतिक घटकों से तैयार किया गया है। 38 वर्षों से भारतीय परिवारों का भरोसेमंद साथी बना यह टूथपेस्ट दांतों और मसूड़ों को मजबूती देता है, कैविटी से सुरक्षा करता है और प्राकृतिक रूप से ताजगीभरी सांस सुनिश्चित करता है।

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डाबर बबूल ने नौचंदी मेले में मनाया भारत की प्राकृतिक शक्ति का भव्य उत्सव

मेले में अनुभव करें विश्व रिकॉर्डधारी ताकत का अद्भुत नज़ारा – लाइव स्टंट प्रदर्शन

मेले के उत्साह को चरम पर पहुंचाने के लिए पेश होगा एक रोमांचकारी लाइव शो – गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्डधारी श्री विकास स्वामी का प्रदर्शन, जो अपने दांतों से 121 किलो वजन उठाने के लिए विख्यात हैं। शुक्रवार से रविवार तक वे लगातार ऐसे शक्ति और कौशल से भरपूर हैरतअंगेज़ करतब दिखाएंगे, जो न केवल दर्शकों को चकित करेंगे, बल्कि यह भी साबित करेंगे कि असल ताकत की जड़ें गहराई में होती हैं।

भारत की आयुर्वेदिक विरासत से प्रेरित मौखिक स्वास्थ्य का उत्सव

डाबर लिमिटेड के (प्रवक्ता का नाम), (पदनाम) ने कहा, "आज के दौर में जहां बाज़ार कृत्रिम वादों से भरे पड़े हैं, डाबर बाबूल एक ऐसा ब्रांड है जो भारत की आयुर्वेदिक परंपरा में गहराई से रचा-बसा है। हमारा नया अभियान 'जड़ से मज़बूत' उसी मौलिक शक्ति को समर्पित है — जो दिखावे से नहीं, बल्कि हर परिस्थिति में स्थिरता और मजबूती से पहचान बनाती है। इस भावना को जीवंत करने के लिए नौचंदी मेला से उपयुक्त मंच और कोई नहीं हो सकता — यह उत्सव भारतीय परंपरा और सामाजिक जुड़ाव का प्रतीक है।”

इन्फ्लुएंसर्स ने बढ़ाया जोश और जन भागीदारी

अभियान के प्रभाव को और व्यापक बनाने के उद्देश्य से डाबर बाबूल ने देशभर के लोकप्रिय और स्थानीय इन्फ्लुएंसर्स को साथ जोड़ा है। ये सभी मेले में आकर इस चुनौती का हिस्सा बन रहे हैं और अपनी प्रेरणादायक मजबूती और आत्मविश्वास की कहानियाँ साझा कर रहे हैं। चाहे वह पहलवान हों, योग प्रशिक्षक, हास्य कलाकार या लोक कलाकार — सभी मिलकर एक ही संदेश दे रहे हैं: "जड़ से मज़बूत"।


एक सार्थक उद्देश्य से प्रेरित अभियान

इस अभियान में प्रभावशाली विज़ुअल्स और स्थानीय भाषा में प्रस्तुत कहानियों के माध्यम से आम भारतीयों की आंतरिक और भावनात्मक मज़बूती को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है। #JadSeMazboot सिर्फ दांतों की देखभाल का नाम नहीं है, यह उस भरोसे का प्रतीक है जो हमारी जड़ों में, हमारी सच्चाई में और हमारी दृढ़ता में निहित है।

डाबर बबूल के बारे में

डाबर बबूल टूथपेस्ट एक आयुर्वेदिक, फ्लोराइड-फ्री टूथपेस्ट है, जिसे बाबूल की छाल, पुदीना और लौंग जैसे भारतीय प्राकृतिक घटकों से तैयार किया गया है। 38 वर्षों से भारतीय परिवारों का भरोसेमंद साथी बना यह टूथपेस्ट दांतों और मसूड़ों को मजबूती देता है, कैविटी से सुरक्षा करता है और प्राकृतिक रूप से ताजगीभरी सांस सुनिश्चित करता है।

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इसके अलावा, डायाफ्राम को कंट्रोल करने वाली फ्रेनिक नर्व भी पास ही थी। इन चुनौतियों से निपटने के लिए, हमारी टीम ने मीडियास्ट्राइनल ट्यूमर को निकालने के लिए वीडियो असिस्टेड थोरेकोस्कोपिक सर्जरी (VATS) का इस्तेमाल किया। छाती में सिर्फ तीन छोटे (1 सेमी) चीरे लगाकर गांठ को सावधानीपूर्वक निकाला गया, जिससे दिल, नसें और नर्क्स को नुकसान नहीं हुआ। इस तकनीक में बड़ा चीरा या पसलियों को हटाना नहीं पड़ता, जिससे रिकवरी जल्दी और कम दर्द के साथ होती है। थायरॉइड ट्यूमर, जिसकी लंबाई लगभग 13 सेमी थी, को एक छोटे चीरे से गले से निकाला गया। पूरी सर्जरी में लगभग तीन घंटे लगे और यह बहुत बारीकी और तकनीकी कौशल के साथ की गई।"

उन्होंने आगे कहा, "अपने दस साल से ज्यादा के अनुभव में मैंने शायद ही कभी ऐसा केस देखा है, जिसमें दो अलग-अलग जगहों की गांठें एक ही जरूरी अंग को दबा रही हों और दोनों को एक ही बार में मिनिमली इनवेसिव सर्जरी से निकाला गया हो। मरीज अब ठीक हो रही है और सर्जरी के बाद कोई जटिलता नहीं आई।" श्री ऋषभ गुप्ता, वाइस प्रेसिडेंट, शारदा केयर हेल्थसिटी ने कहा, "इस जटिल और दुर्लभ सर्जरी की सफलता हमारे एडवांसह मेडिकल टेक्नोलॉजी और क्लिनिकल एक्सीलेंस के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दिखाती है। साथ ही, यह दर्शाता है कि हम देशभर के मरीजों को उच्च जोखिम वाली, वर्ल्ड-क्लास।

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शारदा केयर हेल्थसिटी ने दुर्लभ ड्यूल ट्यूमर सर्जरी मिनिमली इनवेसिव तरीके से की सफल

इसके अलावा, डायाफ्राम को कंट्रोल करने वाली फ्रेनिक नर्व भी पास ही थी। इन चुनौतियों से निपटने के लिए, हमारी टीम ने मीडियास्ट्राइनल ट्यूमर को निकालने के लिए वीडियो असिस्टेड थोरेकोस्कोपिक सर्जरी (VATS) का इस्तेमाल किया। छाती में सिर्फ तीन छोटे (1 सेमी) चीरे लगाकर गांठ को सावधानीपूर्वक निकाला गया, जिससे दिल, नसें और नर्क्स को नुकसान नहीं हुआ। इस तकनीक में बड़ा चीरा या पसलियों को हटाना नहीं पड़ता, जिससे रिकवरी जल्दी और कम दर्द के साथ होती है। थायरॉइड ट्यूमर, जिसकी लंबाई लगभग 13 सेमी थी, को एक छोटे चीरे से गले से निकाला गया। पूरी सर्जरी में लगभग तीन घंटे लगे और यह बहुत बारीकी और तकनीकी कौशल के साथ की गई।"

उन्होंने आगे कहा, "अपने दस साल से ज्यादा के अनुभव में मैंने शायद ही कभी ऐसा केस देखा है, जिसमें दो अलग-अलग जगहों की गांठें एक ही जरूरी अंग को दबा रही हों और दोनों को एक ही बार में मिनिमली इनवेसिव सर्जरी से निकाला गया हो। मरीज अब ठीक हो रही है और सर्जरी के बाद कोई जटिलता नहीं आई।" श्री ऋषभ गुप्ता, वाइस प्रेसिडेंट, शारदा केयर हेल्थसिटी ने कहा, "इस जटिल और दुर्लभ सर्जरी की सफलता हमारे एडवांसह मेडिकल टेक्नोलॉजी और क्लिनिकल एक्सीलेंस के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दिखाती है। साथ ही, यह दर्शाता है कि हम देशभर के मरीजों को उच्च जोखिम वाली, वर्ल्ड-क्लास।

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आपके ऑर्डर पर कैसे डिलिवरी देती है ऐमजॉन, फुलफिलमेंट सेंटर जाकर देखने का है मौका
मेगास्टार चिरंजीवी की बड़ी फिल्म 'विश्वंभरा' में दिखेंगे रिकॉर्ड तोड़ VFX सीन

"चाहे दुर्लभ हो या नहीं, हर बीमारी एक बोझ है। निवारक दवा से अनगिनत जीवन वर्ष बचाए जा सकते हैं।" - प्रोफेसर बीके थेल्मा, दिल्ली विश्वविद्यालय, साउथ कैंपस

"दुर्लभ बीमारियों के मामले में, हर परिवार गरीब है। उन्हें रोकने का एकमात्र तरीका जागरूकता, वकालत और नीति परिवर्तन है।" प्रसन्ना शिरोल, कार्यकारी निदेशक, ORDI

“सिर्फ एक ही उपाय है कि फिल्मों आदि के माध्यम से मरीजों में जागरूकता फैलाई जाए। उन्हें आनुवंशिक परीक्षण करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए ताकि ऐसी आनुवंशिक बीमारियों को रोका जा सके।” - डॉ. सुनीता दुबे, ग्लूकोमा सेवाओं की प्रमुख, श्रॉफ आई हॉस्पिटल, नई दिल्ली

दिन का समापन इसकी नीति और समर्थन पर चर्चा के साथ हुआ, इसका उद्देश्य उचित, आनुवंशिकी-सूचित ग्लूकोमा देखभाल के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना का ड्राफ़्ट तैयार करना है। प्रतिभागियों ने सरकारी निकायों, चिकित्सा संस्थानों और नागरिक समाज को सहयोग करने का अनुरोध किया, ताकि आनुवांशिक जाँच को सभी के लिए सुलभ बनाया जा सके।

 

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सैलफोर्ड यूनिर्सिटी, CSIR-IGIB और ORDI का ग्लूकोमा पर वर्कशाप

"चाहे दुर्लभ हो या नहीं, हर बीमारी एक बोझ है। निवारक दवा से अनगिनत जीवन वर्ष बचाए जा सकते हैं।" - प्रोफेसर बीके थेल्मा, दिल्ली विश्वविद्यालय, साउथ कैंपस

"दुर्लभ बीमारियों के मामले में, हर परिवार गरीब है। उन्हें रोकने का एकमात्र तरीका जागरूकता, वकालत और नीति परिवर्तन है।" प्रसन्ना शिरोल, कार्यकारी निदेशक, ORDI

“सिर्फ एक ही उपाय है कि फिल्मों आदि के माध्यम से मरीजों में जागरूकता फैलाई जाए। उन्हें आनुवंशिक परीक्षण करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए ताकि ऐसी आनुवंशिक बीमारियों को रोका जा सके।” - डॉ. सुनीता दुबे, ग्लूकोमा सेवाओं की प्रमुख, श्रॉफ आई हॉस्पिटल, नई दिल्ली

दिन का समापन इसकी नीति और समर्थन पर चर्चा के साथ हुआ, इसका उद्देश्य उचित, आनुवंशिकी-सूचित ग्लूकोमा देखभाल के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना का ड्राफ़्ट तैयार करना है। प्रतिभागियों ने सरकारी निकायों, चिकित्सा संस्थानों और नागरिक समाज को सहयोग करने का अनुरोध किया, ताकि आनुवांशिक जाँच को सभी के लिए सुलभ बनाया जा सके।

 

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अक्षय कुमार ने कन्नप्पा में भगवान शिव के रूप में जबरदस्त छाप छोड़ी
वेवसिटी में किसानों का धरना सार्वजनिक मार्ग पर पाया गया अतिक्रमण, कोर्ट ने हटाने का आदेश दिया
जिस पदवी पर सेवा निभानी हो, उस पदवी के इतिहास से परिचित होना बहुत जरूरी है – सरना
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) महिला विंग ने सुप्रिया ताई का जन्मदिन हर्षोल्लास से मनाया 
कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर मंत्री आशीष सूद ने की विशेष समीक्षा बैठक
परंपरा और प्रकृति का संगम : वस्मोल ने रथ यात्रा को सम्‍मान देते हुए लॉन्‍च किया हिना क्रीम हेयर कलर

यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत दृष्टिकोण और भारत सरकार की उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य किफायती हवाई यात्रा के माध्यम से अनुपयुक्त क्षेत्रों को जोड़ना है। भारत अगले पांच वर्षों में 50 और हवाई अड्डे जोड़ने की योजना बना रहा है, जिससे 2047 तक कुल 350 से अधिक हवाई अड्डों का लक्ष्य रखा गया है। इन योजना वाले हवाई अड्डों पर 19-सीटर विमान संचालित होंगे, जो बिहार के दूरदराज क्षेत्रों तक हवाई यात्रा की पहुँच में महत्वपूर्ण सुधार करेंगे।

बिहार सरकार की यह पहल राज्य में समावेशी विकास को बल देगी। खासकर उन ज़िलों को जिनमें अब तक हवाई सुविधाएं नहीं थीं, वहां पर्यटन, व्यापार और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके साथ ही राज्य सरकार ने यह संकेत भी दिया है कि भविष्य में और भी हवाई अड्डों के निर्माण के लिए आवश्यक बजट आवंटन किया जाएगा।

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बिहार सरकार और AAI के बीच 6 नए क्षेत्रीय हवाई अड्डों के लिए एमओयू साइन

यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत दृष्टिकोण और भारत सरकार की उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य किफायती हवाई यात्रा के माध्यम से अनुपयुक्त क्षेत्रों को जोड़ना है। भारत अगले पांच वर्षों में 50 और हवाई अड्डे जोड़ने की योजना बना रहा है, जिससे 2047 तक कुल 350 से अधिक हवाई अड्डों का लक्ष्य रखा गया है। इन योजना वाले हवाई अड्डों पर 19-सीटर विमान संचालित होंगे, जो बिहार के दूरदराज क्षेत्रों तक हवाई यात्रा की पहुँच में महत्वपूर्ण सुधार करेंगे।

बिहार सरकार की यह पहल राज्य में समावेशी विकास को बल देगी। खासकर उन ज़िलों को जिनमें अब तक हवाई सुविधाएं नहीं थीं, वहां पर्यटन, व्यापार और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके साथ ही राज्य सरकार ने यह संकेत भी दिया है कि भविष्य में और भी हवाई अड्डों के निर्माण के लिए आवश्यक बजट आवंटन किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री नीतीश की प्ले ऑफेंसिव नीति के आगे नहीं टिक रहे विपक्ष के आरोपों के तीर

प्रजनन चिकित्सा के क्षेत्र में एक दशक से अधिक अनुभव के साथ, फर्स्ट फर्टिलिटी पीजीएस सेंटर अब तक दुनिया भर के हजारों दंपतियों को माता-पिता बनने के सपने को साकार करने में मदद कर चुका है। वर्ष 2025 क्लिनिक के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, क्योंकि यह अब अपनी सेवाओं का विस्तार करते हुए भारतीय लोगों, जो इसके सबसे तेजी से बढ़ते रोगी समूहों में से एक हैं, को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। नया इंडियन लाउंज एक शांत, निजी और सांस्कृतिक रूप से अनुकूल वातावरण प्रदान करता है, जहाँ भारतीय लोग सहज और सुरक्षित महसूस कर सकें। इसके साथ ही, एक समर्पित हिंदी भाषी टीम भी उपलब्ध है, जो परामर्श से लेकर उपचार और फॉलो-अप तक पूरी प्रक्रिया में मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करती है।

फर्स्ट फर्टिलिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री सियु विंग फुंग अल्फ्रेड ने कहा, "भारत हमारे लिए 2025 में एक प्राथमिक फोकस है। हम समझते हैं कि विदेश में चिकित्सा उपचार कराना, विशेष रूप से प्रजनन जैसे संवेदनशील विषय में, कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हमारा इंडियन लाउंज और हिंदी भाषी स्टाफ इस बात का प्रमाण हैं कि हम चाहते हैं कि हर भारतीय व्यक्ति खुद को पूरी तरह समझा हुआ, सम्मानित और सुरक्षित महसूस करे।" अपनी 10वीं वर्षगाँठ के अवसर पर, फर्स्ट फर्टिलिटी पीजीएस सेंटर लिमिटेड विशेष रूप से भारतीय लोगों के लिए सीमित अवधि वाले एक्सक्लूसिव फर्टिलिटी पैकेज लॉन्च कर रहा है। इन पैकेजेस में विशेष कीमतें, प्राथमिकता के साथ अपॉइंटमेंट बुकिंग और संपूर्ण सेवा सहायता, जैसे- यात्रा समन्वय, आवास की सिफारिशें, सांस्कृतिक आवश्यकताओं का ध्यान और किफायती मूल्य शामिल हैं, ताकि उपचार प्रक्रिया अधिक सहज, सुविधाजनक और तनावमुक्त बन सके।

बैंकॉक के मध्य में स्थित, फर्स्ट फर्टिलिटी पीजीएस सेंटर अपनी उच्च सफलता दर, उन्नत तकनीक और रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है। क्लिनिक आईवीएफ, आईसीएसआई, पीजीएस / पीजीटी-ए, पीईएसए / टीईएसई सहित विभिन्न प्रकार के इनफर्टिलिटी उपचारों में विशेषज्ञता रखता है, जो विश्वस्तरीय विशेषज्ञों द्वारा संचालित किए जाते हैं।

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फर्स्ट फर्टिलिटी पीजीएस सेंटर लिमिटेड ने थाईलैंड में "इंडियन लाउंज" का उद्घाटन किया

प्रजनन चिकित्सा के क्षेत्र में एक दशक से अधिक अनुभव के साथ, फर्स्ट फर्टिलिटी पीजीएस सेंटर अब तक दुनिया भर के हजारों दंपतियों को माता-पिता बनने के सपने को साकार करने में मदद कर चुका है। वर्ष 2025 क्लिनिक के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, क्योंकि यह अब अपनी सेवाओं का विस्तार करते हुए भारतीय लोगों, जो इसके सबसे तेजी से बढ़ते रोगी समूहों में से एक हैं, को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। नया इंडियन लाउंज एक शांत, निजी और सांस्कृतिक रूप से अनुकूल वातावरण प्रदान करता है, जहाँ भारतीय लोग सहज और सुरक्षित महसूस कर सकें। इसके साथ ही, एक समर्पित हिंदी भाषी टीम भी उपलब्ध है, जो परामर्श से लेकर उपचार और फॉलो-अप तक पूरी प्रक्रिया में मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करती है।

फर्स्ट फर्टिलिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री सियु विंग फुंग अल्फ्रेड ने कहा, "भारत हमारे लिए 2025 में एक प्राथमिक फोकस है। हम समझते हैं कि विदेश में चिकित्सा उपचार कराना, विशेष रूप से प्रजनन जैसे संवेदनशील विषय में, कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हमारा इंडियन लाउंज और हिंदी भाषी स्टाफ इस बात का प्रमाण हैं कि हम चाहते हैं कि हर भारतीय व्यक्ति खुद को पूरी तरह समझा हुआ, सम्मानित और सुरक्षित महसूस करे।" अपनी 10वीं वर्षगाँठ के अवसर पर, फर्स्ट फर्टिलिटी पीजीएस सेंटर लिमिटेड विशेष रूप से भारतीय लोगों के लिए सीमित अवधि वाले एक्सक्लूसिव फर्टिलिटी पैकेज लॉन्च कर रहा है। इन पैकेजेस में विशेष कीमतें, प्राथमिकता के साथ अपॉइंटमेंट बुकिंग और संपूर्ण सेवा सहायता, जैसे- यात्रा समन्वय, आवास की सिफारिशें, सांस्कृतिक आवश्यकताओं का ध्यान और किफायती मूल्य शामिल हैं, ताकि उपचार प्रक्रिया अधिक सहज, सुविधाजनक और तनावमुक्त बन सके।

बैंकॉक के मध्य में स्थित, फर्स्ट फर्टिलिटी पीजीएस सेंटर अपनी उच्च सफलता दर, उन्नत तकनीक और रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है। क्लिनिक आईवीएफ, आईसीएसआई, पीजीएस / पीजीटी-ए, पीईएसए / टीईएसई सहित विभिन्न प्रकार के इनफर्टिलिटी उपचारों में विशेषज्ञता रखता है, जो विश्वस्तरीय विशेषज्ञों द्वारा संचालित किए जाते हैं।

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एनडीएमसी के साथ, आइए इस गर्मी में शाही अंदाज में फलों के राजा - आम का महोत्सव मनाएँ
गुरुद्वारा प्रबंध में बढ़ते सरकारी हस्तक्षेप के खिलाफ हुई अरदास

आरजी ग्रुप के डायरेक्टर हिमांशु गर्ग ने इस मेगा ड्राइव पर टिप्पणी करते हुए कहा, "आईआईएफएल होम फाइनेंस के साथ साझेदारी न केवल सहज होम फाइनेंसिंग को संभव बनाने में महत्वपूर्ण रही, बल्कि ग्राहक-प्रथम दक्षता के साथ प्रीमियम आवास प्रदान करने के हमारे विजन को तेज करने में भी मददगार रही। एक ही दिन में 100 से अधिक प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पूरे होने के साथ, यह सामूहिक रजिस्ट्रेशन अभियान बाजार के मजबूत विश्वास और रणनीतिक साझेदारियों के ठोस परिणामों का स्पष्ट प्रतिबिंब है। आईआईएफएल होम फाइनेंस आरजी लग्जरी होम्स के पीछे एक प्रमुख वित्तीय स्तंभ रहा है, और उनका सक्रिय समर्थन हमारे खरीदारों को गति, पारदर्शिता और घर खरीदने की यात्रा में भरोसे के साथ सशक्त बनाता रहता है।"

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आईआईएफएल होम फाइनेंस और आरजी ग्रुप ने नोएडा मे प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन इवेंट को सफल बनाया

आरजी ग्रुप के डायरेक्टर हिमांशु गर्ग ने इस मेगा ड्राइव पर टिप्पणी करते हुए कहा, "आईआईएफएल होम फाइनेंस के साथ साझेदारी न केवल सहज होम फाइनेंसिंग को संभव बनाने में महत्वपूर्ण रही, बल्कि ग्राहक-प्रथम दक्षता के साथ प्रीमियम आवास प्रदान करने के हमारे विजन को तेज करने में भी मददगार रही। एक ही दिन में 100 से अधिक प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पूरे होने के साथ, यह सामूहिक रजिस्ट्रेशन अभियान बाजार के मजबूत विश्वास और रणनीतिक साझेदारियों के ठोस परिणामों का स्पष्ट प्रतिबिंब है। आईआईएफएल होम फाइनेंस आरजी लग्जरी होम्स के पीछे एक प्रमुख वित्तीय स्तंभ रहा है, और उनका सक्रिय समर्थन हमारे खरीदारों को गति, पारदर्शिता और घर खरीदने की यात्रा में भरोसे के साथ सशक्त बनाता रहता है।"

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आकाश का 'चैंपियंस ऑफ आकाश' इवेंट, NEET और JEE एडवांस्ड के टॉपर्स का सम्मान

किशोरी लाल फाउंडेशन के संस्थापक़ अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने बताया कि, संस्था समय-समय पर जनहित की योजनाओं एवं कार्यक्रमों को लेकर सेमिनार एवं विचार संगोष्ठी यह आयोजित करती है आज एक बार फिर संस्था ने हरित ऊर्जा की ओर बढ़ता भारत नामक विषय पर सेमिनार का आयोजन किया और इस कार्यक्रम की प्रायोजक कंपनी ओएनजीसी ने जो सहयोग दिया है उसका भी हम संस्था की ओर से धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि आज का विषय केंद्र सरकार कि महत्वपूर्ण योजनाओं मे से एक है "हरित ऊर्जा की ओर बढ़ता भारत" जैसे विषयों पर चर्चा करना हमारे लिये अति महत्व पूर्ण हो जाता है,क्योंकि मोदी सरकार इस पर गंभीरता से कार्य कर रही है, इलेक्ट्रोनिक वाहनों का चलन, सोलर सिस्टम, कार्बन क़ो कम से कम करना, प्लास्टिक का निसास्तीकरण, अन्य स्रोतो क़ो बढ़ावा देना है,क्रांति कारी कदम से हमारे भविष्य मे इस का गहरा प्रभाव पड़ेगा।

प्रो. डा.के जी सुरेश ने कहा कि आज हमने मानवीय जीवन मे हरित ऊर्जा का गहरा प्रभाव पड़ रहा है समय समय पर इसमें बदलाव भी देखे गये है पेट्रोल, डीजल से गैस, अब वाहन इलेक्ट्रिक होते जा रहें है, वन इलाके मे इजाफा हुआ है, वहीं हमें अपने आप मे भी बदलाव लाने कि जरूरत है. इस मौके पर कई जने माने पत्रकारों, समाज सेवकों, खेलों के क्षेत्र मे खिलाड़ियों क़ो शौर्य अवार्ड से सम्मानित किया जिनमें दयाल शर्मा, बंसीलाल, कुलवंत कौर, लता ठाकुर, नुसरत जहां, अफसा बेगम, अमलेंदु भूषण, संदीप कुमार रहें। इस मौके पर कई जानी-मानी हस्तियाँ, नेता समाज सेवी उपस्थित रहें।

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"हरित ऊर्जा की और बढ़ता भारत" विषय पर किशोरी लाल फाउंडेशन ने किया सेमिनार

किशोरी लाल फाउंडेशन के संस्थापक़ अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने बताया कि, संस्था समय-समय पर जनहित की योजनाओं एवं कार्यक्रमों को लेकर सेमिनार एवं विचार संगोष्ठी यह आयोजित करती है आज एक बार फिर संस्था ने हरित ऊर्जा की ओर बढ़ता भारत नामक विषय पर सेमिनार का आयोजन किया और इस कार्यक्रम की प्रायोजक कंपनी ओएनजीसी ने जो सहयोग दिया है उसका भी हम संस्था की ओर से धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि आज का विषय केंद्र सरकार कि महत्वपूर्ण योजनाओं मे से एक है "हरित ऊर्जा की ओर बढ़ता भारत" जैसे विषयों पर चर्चा करना हमारे लिये अति महत्व पूर्ण हो जाता है,क्योंकि मोदी सरकार इस पर गंभीरता से कार्य कर रही है, इलेक्ट्रोनिक वाहनों का चलन, सोलर सिस्टम, कार्बन क़ो कम से कम करना, प्लास्टिक का निसास्तीकरण, अन्य स्रोतो क़ो बढ़ावा देना है,क्रांति कारी कदम से हमारे भविष्य मे इस का गहरा प्रभाव पड़ेगा।

प्रो. डा.के जी सुरेश ने कहा कि आज हमने मानवीय जीवन मे हरित ऊर्जा का गहरा प्रभाव पड़ रहा है समय समय पर इसमें बदलाव भी देखे गये है पेट्रोल, डीजल से गैस, अब वाहन इलेक्ट्रिक होते जा रहें है, वन इलाके मे इजाफा हुआ है, वहीं हमें अपने आप मे भी बदलाव लाने कि जरूरत है. इस मौके पर कई जने माने पत्रकारों, समाज सेवकों, खेलों के क्षेत्र मे खिलाड़ियों क़ो शौर्य अवार्ड से सम्मानित किया जिनमें दयाल शर्मा, बंसीलाल, कुलवंत कौर, लता ठाकुर, नुसरत जहां, अफसा बेगम, अमलेंदु भूषण, संदीप कुमार रहें। इस मौके पर कई जानी-मानी हस्तियाँ, नेता समाज सेवी उपस्थित रहें।

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दिलजीत के समर्थन में आए जीके, फिल्म 'सरदार जी 3' पर ट्रोलस को घेरा
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मौजूदा कहानी गोकुलधाम सोसाइटी के निवासियों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो देहात के हॉलिडे होम में मौज-मस्ती करने की योजना बना रहे हैं, लेकिन इसमें एक पेंच है। बंगले के बारे में अफ़वाह है कि वह भूतहा है। गोकुलधाम सोसाइटी के सदस्यों को अभी तक यह पता नहीं है, लेकिन हमेशा सतर्क रहने वाले भिड़े इस भावना से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं कि कुछ ठीक नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे प्रोमो में उत्साह साफ़ झलक रहा है। जबकि सोढ़ी पूरी तरह से "पार्टी-शार्टी" मोड में है और बाकी गैंग टप्पू सेना, बापूजी और गोकुलधाम सोसाइटी के अन्य प्यारे सदस्य मौज-मस्ती के लिए कमर कस रहे हैं, भिड़े को एक परेशान करने वाले बुरे सपने ने परेशान कर दिया है।

खाली सड़क पर अपने प्यारे स्कूटर "सखाराम" की सवारी करते हुए, वह अचानक भूतनी से टकरा जाता है। उसका तनाव तब और बढ़ जाता है जब वास्सुविक जीवन की घटनाएँ उसके सपने को दर्शाती हैं: एक काली बिल्ली उनके रास्ते को पार करती है, और बालकनी में एक भूतिया छाया को देखती है। और फिर आता है वो ट्विस्ट् जिसके बारे में फैन्स बात करना बंद नहीं कर सकते -शादी के लिए हमेशा आशावान पोपटलाल की मुलाकात ट्रिप पर एक खूबसूरत लड़की से होती है और वो तुरंत उस पर मोहित हो जाता है... क्या वो भूतनी का पहला निशाना होगा? अराजकता, भ्रम और क्लासिक TMKOC कॉमेडी का संकेत।

शो में हॉरर-कॉमेडी के लिए दर्शकों के प्यार को भुनाने के साथ, यह ट्रैक न केवल मनोरंजक है बल्कि यह लंबे समय से दर्शकों के बीच गहरी पुरानी यादें भी जगा रहा है। प्रशंसक याद कर रहे हैं कि कैसे पहला भूतनी ट्रैक एक सांस्कृतिक क्षण बन गया था, जिसने शो को राष्ट्रीय पसंदीदा बना दिया। सोशल मीडिया पर क्लिप, रील और रिएक्शन वीडियो की भरमार है, जिसमें प्रशंसक शो की मस्ती को बनाए रखते हुए परिचित प्रारूपों को फिर से बनाने की क्षमता की प्रशंसा कर रहे हैं। कई लोग तो मल्ट्री एपिसोड सस्पेंस आर्क की भी उम्मीद कर रहे हैं।

प्रोमो के जोर पकड़ने और प्रशंसकों की धारणाओं के तेजी से फैलने के साथ, 'भूतनी ट्रैक हॉरर-कॉमेडी की लौ को फिर से सुलगा रहा है और एक बार फिर साबित कर रहा है कि तारक मेहता का उल्टा चश्मा जानता है कि अप्रत्याशित कैसे पेश किया जाए अपनी हंसी की खास खुराक के साथ।

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'भूतनी रिटर्न्स!' - तारक मेहता के नवीनतम हॉरर-कॉमेडी ट्रैक ने पुरानी यादें 

मौजूदा कहानी गोकुलधाम सोसाइटी के निवासियों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो देहात के हॉलिडे होम में मौज-मस्ती करने की योजना बना रहे हैं, लेकिन इसमें एक पेंच है। बंगले के बारे में अफ़वाह है कि वह भूतहा है। गोकुलधाम सोसाइटी के सदस्यों को अभी तक यह पता नहीं है, लेकिन हमेशा सतर्क रहने वाले भिड़े इस भावना से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं कि कुछ ठीक नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे प्रोमो में उत्साह साफ़ झलक रहा है। जबकि सोढ़ी पूरी तरह से "पार्टी-शार्टी" मोड में है और बाकी गैंग टप्पू सेना, बापूजी और गोकुलधाम सोसाइटी के अन्य प्यारे सदस्य मौज-मस्ती के लिए कमर कस रहे हैं, भिड़े को एक परेशान करने वाले बुरे सपने ने परेशान कर दिया है।

खाली सड़क पर अपने प्यारे स्कूटर "सखाराम" की सवारी करते हुए, वह अचानक भूतनी से टकरा जाता है। उसका तनाव तब और बढ़ जाता है जब वास्सुविक जीवन की घटनाएँ उसके सपने को दर्शाती हैं: एक काली बिल्ली उनके रास्ते को पार करती है, और बालकनी में एक भूतिया छाया को देखती है। और फिर आता है वो ट्विस्ट् जिसके बारे में फैन्स बात करना बंद नहीं कर सकते -शादी के लिए हमेशा आशावान पोपटलाल की मुलाकात ट्रिप पर एक खूबसूरत लड़की से होती है और वो तुरंत उस पर मोहित हो जाता है... क्या वो भूतनी का पहला निशाना होगा? अराजकता, भ्रम और क्लासिक TMKOC कॉमेडी का संकेत।

शो में हॉरर-कॉमेडी के लिए दर्शकों के प्यार को भुनाने के साथ, यह ट्रैक न केवल मनोरंजक है बल्कि यह लंबे समय से दर्शकों के बीच गहरी पुरानी यादें भी जगा रहा है। प्रशंसक याद कर रहे हैं कि कैसे पहला भूतनी ट्रैक एक सांस्कृतिक क्षण बन गया था, जिसने शो को राष्ट्रीय पसंदीदा बना दिया। सोशल मीडिया पर क्लिप, रील और रिएक्शन वीडियो की भरमार है, जिसमें प्रशंसक शो की मस्ती को बनाए रखते हुए परिचित प्रारूपों को फिर से बनाने की क्षमता की प्रशंसा कर रहे हैं। कई लोग तो मल्ट्री एपिसोड सस्पेंस आर्क की भी उम्मीद कर रहे हैं।

प्रोमो के जोर पकड़ने और प्रशंसकों की धारणाओं के तेजी से फैलने के साथ, 'भूतनी ट्रैक हॉरर-कॉमेडी की लौ को फिर से सुलगा रहा है और एक बार फिर साबित कर रहा है कि तारक मेहता का उल्टा चश्मा जानता है कि अप्रत्याशित कैसे पेश किया जाए अपनी हंसी की खास खुराक के साथ।

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दिल्ली: रेन बसेरे में खुली लापरवाही पर भड़के मंत्री आशीष सूद
महेश वैष्णव बने अखिल भारत हिन्दू महासभा के मालवीय नगर विधानसभा अध्यक्ष
आरईसी लिमिटेड ने एसोचैम सीएसआर और सस्टेनेबिलिटी अवार्ड 2024 जीता
समाज निर्माण का दायित्व पत्रकारों का है : प्रदीप जोशी
पुलिस की कार्यवाही से मुझे नहीं मिल सकता न्याय, जाँच सीआईए के सुपुर्द हो: मौर्या
“कैकेयी” — एक वैचारिक और सांस्कृतिक पुनर्पाठ का ऐतिहासिक लोकार्पण

रोडस्टर एक्स सीरीज की कीमतें क्रमशः ₹99,999, ₹1,09,999 और ₹1,24,999 से शुरू होती हैं, जो रोडस्टर एक्स 2.5kWh, 3.5kWh और 4.5 kWh के लिए हैं। रोडस्टर एक्स+ 4.5kWh की कीमत 1,29,999 रुपए है। जबकि 4680 भारत सेल के साथ 9.1kWh रोडस्टर एक्स+ की कीमत 1,99,999 रुपए है। इसमें सिंगल चार्जिंग में 501 किमी की रेंज मिलती है।

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ओला इलेक्ट्रिक ने नई दिल्ली में रोडस्टर एक्स की डिलीवरी शुरू

रोडस्टर एक्स सीरीज की कीमतें क्रमशः ₹99,999, ₹1,09,999 और ₹1,24,999 से शुरू होती हैं, जो रोडस्टर एक्स 2.5kWh, 3.5kWh और 4.5 kWh के लिए हैं। रोडस्टर एक्स+ 4.5kWh की कीमत 1,29,999 रुपए है। जबकि 4680 भारत सेल के साथ 9.1kWh रोडस्टर एक्स+ की कीमत 1,99,999 रुपए है। इसमें सिंगल चार्जिंग में 501 किमी की रेंज मिलती है।

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आपातकाल की दुहाई देने वाले तो इंदिरा गांधी के भी बाप निकले: सरना
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दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी चुनाव: कालका फिर से अध्यक्ष और काहलों बने महासचिव
रोहित शर्मा ने सप्लाई चेन फर्म प्रोजो में किया निवेश
गृह मंत्री जी क़ो उनकी तस्वीर भेंट कर मे अपने आपको सौभाग्य शाली मानता हूँ: महेश वैष्ण
भारतीय मजदूर संघ के स्वर्णिम 70 वर्ष पूर्ण होने पर, दिल्ली में होगा भव्य समापन समारोह

इस विश्वविद्यालय के चैयरमेन के योगेश ने सभागार में उपस्थित सभी लोगों का हार्दिक स्वागत करते हुए मुख्य अतिथियों को पुष्प गुच्छ ,प्रतीक चिन्ह,अंग वस्त्र ,और माला पहनकर हार्दिक अभिनंदन किया । योगेश जी ने विश्वविद्यालय की पूरी जानकारी देते हुए सभी सम्मानित बुद्धिजीवियों को शुभकामनाएं प्रेषित की । नमिता जैन जी ने कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की । सहगल जी ने अपने वक्तव्य में ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा करते हुए कहा कि अब देश चारों तरफ से सुरक्षित है और रक्षा मामलों में देश की बहुत अच्छी छवि पूरे विश्व में दिखाई पड़ती है।

दिनेश मोहन जी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य को पूरी निष्ठा ईमानदारी के साथ अपने कार्य करते रहना चाहिए । अपनी असीमित इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए ; जब भी इच्छाएं बढती हैं ; तो भ्रष्टाचार का जन्म होता है । डॉ नाहर सिंह ने पुरस्कार प्राप्त लोगों सभी लोगों को शुभकामनाएं प्रेषित की । प्रो शक्ति सिंह ने अपने विचार रखते हुए बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा सुदृढ़ और मजबूत हुई है। अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत दिन-रात चौगुनी तरक्की कर रहा है । डॉ राहुल खरे ने स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि आज युवा व्यक्तियों में बहुत बड़े स्तर पर हड्डियों की समस्या देखने को मिल रही है । हमें अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए योग करना और अच्छा खान-पान करना चाहिए।

डॉ दिनेश बंसल ने पर्यावरण संबंधी चीजों को सभी के साथ साझा करते हुए कहा कि हम सभी को अपने जीवन में कम से कम एक वृक्ष अवश्य लगना चाहिए। हमें एक दूसरे को उपहार स्वरूप एक पौधा देकर आदान प्रदान करना चाहिए । प्रो मनोज कुमार कैन ने मानवीय मूल्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सभी को आज के समय में मानव मूल्यों को बनाएं रखने की अति आवश्यकता है। मानव मूल्यों के समाप्त होने से समाज के अंदर अनेक सामाजिक बुराइयां व्याप्त होने लगती है । विकसित भारत में मानव मूल्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है।

इस भव्य आयोजन में कुल 90 गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। मुख्य रूप से सम्मान प्राप्त करने वालों में अजीत कुमार, ऑंचल जैन,अमृता बहेरा, दर्शिनी प्रिया ,आशिया परवीन , सोहनबीर कैन ,अविनाश कुमार त्यागी, कीर्ति शर्मा, नीरा पांडे ,करतार सिंह पवार, कल्पना सिंह ,सविता देवी, प्रदीप कुमार, सुनीता जांगड़ा, निशु ,अजय वर्मा ,ज्योति तालियां,प्रदीप कुमार,सारिका श्रीवास्तव, डीपी प्रजापति, पवन कुमार इत्यादि लोग शामिल रहें।

सभागार में अन्य अनेक विशिष्टजन के साथ वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, फिलिपिन्स, अमेरिका के साथ साथ समस्त भारत के लगभग 20 राज्यों से आये हुए लगभग 300 से अधिक बुद्धिजीवियों की गरिमामय उपस्थिति रही । इसके साथ ही कार्यक्रम में श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुरजीत कुमार, प्रो हंसराज , डॉ घनश्याम दास , सौरभ कुमार,डॉ रणवीर सिंह , राजेश रोहिल्ला, पीके वर्मा ,डीपी प्रजापति ,महेंद्र गुप्ता उपस्थित रहे । कार्यक्रम का सुंदर संचालन एवं धन्यवाद चैयरमेन कुमार योगेश जी ने किया।

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सोकरेट्रस यूनिवर्सिटी ओनोरिस कॉसा ने प्रतिभाओं को कर्मशील अवार्ड से नवाजा

इस विश्वविद्यालय के चैयरमेन के योगेश ने सभागार में उपस्थित सभी लोगों का हार्दिक स्वागत करते हुए मुख्य अतिथियों को पुष्प गुच्छ ,प्रतीक चिन्ह,अंग वस्त्र ,और माला पहनकर हार्दिक अभिनंदन किया । योगेश जी ने विश्वविद्यालय की पूरी जानकारी देते हुए सभी सम्मानित बुद्धिजीवियों को शुभकामनाएं प्रेषित की । नमिता जैन जी ने कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की । सहगल जी ने अपने वक्तव्य में ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा करते हुए कहा कि अब देश चारों तरफ से सुरक्षित है और रक्षा मामलों में देश की बहुत अच्छी छवि पूरे विश्व में दिखाई पड़ती है।

दिनेश मोहन जी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य को पूरी निष्ठा ईमानदारी के साथ अपने कार्य करते रहना चाहिए । अपनी असीमित इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए ; जब भी इच्छाएं बढती हैं ; तो भ्रष्टाचार का जन्म होता है । डॉ नाहर सिंह ने पुरस्कार प्राप्त लोगों सभी लोगों को शुभकामनाएं प्रेषित की । प्रो शक्ति सिंह ने अपने विचार रखते हुए बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा सुदृढ़ और मजबूत हुई है। अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत दिन-रात चौगुनी तरक्की कर रहा है । डॉ राहुल खरे ने स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि आज युवा व्यक्तियों में बहुत बड़े स्तर पर हड्डियों की समस्या देखने को मिल रही है । हमें अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए योग करना और अच्छा खान-पान करना चाहिए।

डॉ दिनेश बंसल ने पर्यावरण संबंधी चीजों को सभी के साथ साझा करते हुए कहा कि हम सभी को अपने जीवन में कम से कम एक वृक्ष अवश्य लगना चाहिए। हमें एक दूसरे को उपहार स्वरूप एक पौधा देकर आदान प्रदान करना चाहिए । प्रो मनोज कुमार कैन ने मानवीय मूल्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सभी को आज के समय में मानव मूल्यों को बनाएं रखने की अति आवश्यकता है। मानव मूल्यों के समाप्त होने से समाज के अंदर अनेक सामाजिक बुराइयां व्याप्त होने लगती है । विकसित भारत में मानव मूल्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है।

इस भव्य आयोजन में कुल 90 गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। मुख्य रूप से सम्मान प्राप्त करने वालों में अजीत कुमार, ऑंचल जैन,अमृता बहेरा, दर्शिनी प्रिया ,आशिया परवीन , सोहनबीर कैन ,अविनाश कुमार त्यागी, कीर्ति शर्मा, नीरा पांडे ,करतार सिंह पवार, कल्पना सिंह ,सविता देवी, प्रदीप कुमार, सुनीता जांगड़ा, निशु ,अजय वर्मा ,ज्योति तालियां,प्रदीप कुमार,सारिका श्रीवास्तव, डीपी प्रजापति, पवन कुमार इत्यादि लोग शामिल रहें।

सभागार में अन्य अनेक विशिष्टजन के साथ वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, फिलिपिन्स, अमेरिका के साथ साथ समस्त भारत के लगभग 20 राज्यों से आये हुए लगभग 300 से अधिक बुद्धिजीवियों की गरिमामय उपस्थिति रही । इसके साथ ही कार्यक्रम में श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुरजीत कुमार, प्रो हंसराज , डॉ घनश्याम दास , सौरभ कुमार,डॉ रणवीर सिंह , राजेश रोहिल्ला, पीके वर्मा ,डीपी प्रजापति ,महेंद्र गुप्ता उपस्थित रहे । कार्यक्रम का सुंदर संचालन एवं धन्यवाद चैयरमेन कुमार योगेश जी ने किया।

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प्रथम की संस्थापक फरीदा लाम्बे के अनुसार, "हम पिछले एक साल से रंगीत के साथ सहयोग कर रहे हैं।" "हम जिन स्कूलों में काम करते हैं, वहां के बच्चे व्यस्त रहते हैं, क्योंकि उनका लक्ष्य अकादमिक उत्कृष्टता हासिल करना है, लेकिन रंगीत और प्रथम ने बच्चों को खुश करने, मूल्यों को विकसित करने और उन्हें सोचने वाले इंसान बनाने का प्रयास किया। हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे भविष्य के लिए तैयार हों, आत्म-देखभाल के कौशल और देखभाल करने वाले रवैये से लैस हों।"

पिछले एक साल से रंगीत और प्रथम की टीमें मुंबई में मिलकर काम कर रही हैं:

* मुंबई में स्कूलों की पहचान करना और उन्हें अपने साथ शामिल करना
* रंगीत ऐप का उपयोग कैसे करें और SEEK पाठ्यक्रम कैसे वितरित करें, इस पर व्यक्तिगत शिक्षक प्रशिक्षण सत्र आयोजित करना
* निरंतर कक्षा विजिट के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षित करना
* शिक्षकों को ऐप के माध्यम से वास्तविक समय मे डेटा इनपुट करने के लिए प्रोत्साहित करना ताकि प्रगति को मापनीय रूप से ट्रैक किया जा सके

शिक्षक प्रशिक्षण सत्र - जो आमतौर पर प्रत्येक विद्यालय में 1-2 घंटे तक चलते हैं - ऐप प्रशिक्षण से परे जाते हैं। वे इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि SEEK क्यों महत्वपूर्ण है, बच्चे निर्देशित खेल के माध्यम से कैसे सबसे अच्छा सीखते हैं, और शिक्षक अपनी अनोखी कक्षा सेटिंग में उस यात्रा का समर्थन कैसे कर सकते हैं। SEEK को कहीं भी, किसी भी समय, किसी के द्वारा भी पढ़ाया जा सकता है।

शिक्षकों और छात्रों दोनों की प्रतिक्रियाएँ बहुत सकारात्मक रही हैं। एक स्कूल में, एक शिक्षक ने बताया, "SEEK हमारे छात्रों में व्यापक रूप से सामाजिक मूल्यों को आगे बढ़ाने में मदद करता है।" एक अन्य स्कूल के प्रिंसिपल ने सहमति जताते हुए कहा: "रंगीत बच्चों को इन मूल्यों को विकसित करने में मदद कर रहा है और हम बच्चों में इसका सकारात्मक प्रभाव देखना शुरू कर रहे हैं।"

एक छात्रा ने लैंगिक समानता के बारे में कुछ SEEK पाठों को पूरा करने के बाद गर्व से एक कहानी सुनाई: "लड़कियां और लड़के समान हैं, यह सीखने के बाद, मैं घर गई और अपने पिता को बताया, तो उन्हें इसका मतलब समझ में आ गया और उन्होंने घर पर मेरी मां की मदद करना शुरू कर दिया!"

छात्रों ने उत्साह के साथ पाठ्यक्रम को अपनाया है, कहानी सुनाना, भूमिका निभाना, खेल, चर्चा, डिजाइन-थिंकिंग और टीम गतिविधियों में भाग लिया है, जिससे उन्हें भावनात्मक लचीलापन, संचार और आलोचनात्मक सोच जैसे कौशल सीखने में मदद मिली है, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों की खोज भी की है।

नियमित कक्षा अवलोकन से लेकर शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण तक व्यावहारिक दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि पाठ्यक्रम न केवल सुसंगत रूप से वितरित किया जाए, बल्कि प्रत्येक स्कूल और बच्चे की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया जाए।

भविष्य की ओर देखते हुए, रंगीत और प्रथम इस गठबंधन को पूरे महाराष्ट्र में मजबूत करने और विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, इस साझा विश्वास के साथ कि सच्ची शिक्षा केवल जानकारी के बारे में नहीं है - यह परिवर्तन के बारे में है।

रंगीत के बारे में:

रंगीत एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जो शिक्षकों, अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों को हर बच्चे को विकसित करने में मदद करता है, ताकि वे सफल हो सकें। यह खेल-आधारित पाठ्यक्रम का उपयोग करके कल्याण, समानता, पारिस्थितिक स्थिरता और डिजिटल नागरिकता के इर्द-गिर्द एजेंसी को बढ़ावा देकर भविष्य के लिए शिक्षार्थियों को तैयार करता है। शिक्षा पिछली पीढ़ी की समस्याओं को हल कर रही है, न कि बच्चों को भविष्य की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए तैयार कर रही है। जिन बच्चों में रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और लचीलापन जैसे कौशल होते हैं, वे बेहतर शिक्षार्थी, समस्या समाधानकर्ता और समाज के सक्रिय सदस्य बनते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उच्च स्तर की भलाई होती है। कल्याण उन कार्यों से जुड़ा है जिन्हें हम संबोधित करने के लिए कर सकते हैं: हमारा शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य; सावधान और सुरक्षित डिजिटल अभ्यास; दुनिया में हम जो निष्पक्षता देखते हैं; और जलवायु संकट।

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रंगीत और प्रथम मुंबई की कक्षाओं में खेल-आधारित शिक्षा ला रहे हैं 

प्रथम की संस्थापक फरीदा लाम्बे के अनुसार, "हम पिछले एक साल से रंगीत के साथ सहयोग कर रहे हैं।" "हम जिन स्कूलों में काम करते हैं, वहां के बच्चे व्यस्त रहते हैं, क्योंकि उनका लक्ष्य अकादमिक उत्कृष्टता हासिल करना है, लेकिन रंगीत और प्रथम ने बच्चों को खुश करने, मूल्यों को विकसित करने और उन्हें सोचने वाले इंसान बनाने का प्रयास किया। हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे भविष्य के लिए तैयार हों, आत्म-देखभाल के कौशल और देखभाल करने वाले रवैये से लैस हों।"

पिछले एक साल से रंगीत और प्रथम की टीमें मुंबई में मिलकर काम कर रही हैं:

* मुंबई में स्कूलों की पहचान करना और उन्हें अपने साथ शामिल करना
* रंगीत ऐप का उपयोग कैसे करें और SEEK पाठ्यक्रम कैसे वितरित करें, इस पर व्यक्तिगत शिक्षक प्रशिक्षण सत्र आयोजित करना
* निरंतर कक्षा विजिट के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षित करना
* शिक्षकों को ऐप के माध्यम से वास्तविक समय मे डेटा इनपुट करने के लिए प्रोत्साहित करना ताकि प्रगति को मापनीय रूप से ट्रैक किया जा सके

शिक्षक प्रशिक्षण सत्र - जो आमतौर पर प्रत्येक विद्यालय में 1-2 घंटे तक चलते हैं - ऐप प्रशिक्षण से परे जाते हैं। वे इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि SEEK क्यों महत्वपूर्ण है, बच्चे निर्देशित खेल के माध्यम से कैसे सबसे अच्छा सीखते हैं, और शिक्षक अपनी अनोखी कक्षा सेटिंग में उस यात्रा का समर्थन कैसे कर सकते हैं। SEEK को कहीं भी, किसी भी समय, किसी के द्वारा भी पढ़ाया जा सकता है।

शिक्षकों और छात्रों दोनों की प्रतिक्रियाएँ बहुत सकारात्मक रही हैं। एक स्कूल में, एक शिक्षक ने बताया, "SEEK हमारे छात्रों में व्यापक रूप से सामाजिक मूल्यों को आगे बढ़ाने में मदद करता है।" एक अन्य स्कूल के प्रिंसिपल ने सहमति जताते हुए कहा: "रंगीत बच्चों को इन मूल्यों को विकसित करने में मदद कर रहा है और हम बच्चों में इसका सकारात्मक प्रभाव देखना शुरू कर रहे हैं।"

एक छात्रा ने लैंगिक समानता के बारे में कुछ SEEK पाठों को पूरा करने के बाद गर्व से एक कहानी सुनाई: "लड़कियां और लड़के समान हैं, यह सीखने के बाद, मैं घर गई और अपने पिता को बताया, तो उन्हें इसका मतलब समझ में आ गया और उन्होंने घर पर मेरी मां की मदद करना शुरू कर दिया!"

छात्रों ने उत्साह के साथ पाठ्यक्रम को अपनाया है, कहानी सुनाना, भूमिका निभाना, खेल, चर्चा, डिजाइन-थिंकिंग और टीम गतिविधियों में भाग लिया है, जिससे उन्हें भावनात्मक लचीलापन, संचार और आलोचनात्मक सोच जैसे कौशल सीखने में मदद मिली है, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों की खोज भी की है।

नियमित कक्षा अवलोकन से लेकर शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण तक व्यावहारिक दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि पाठ्यक्रम न केवल सुसंगत रूप से वितरित किया जाए, बल्कि प्रत्येक स्कूल और बच्चे की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया जाए।

भविष्य की ओर देखते हुए, रंगीत और प्रथम इस गठबंधन को पूरे महाराष्ट्र में मजबूत करने और विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, इस साझा विश्वास के साथ कि सच्ची शिक्षा केवल जानकारी के बारे में नहीं है - यह परिवर्तन के बारे में है।

रंगीत के बारे में:

रंगीत एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जो शिक्षकों, अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों को हर बच्चे को विकसित करने में मदद करता है, ताकि वे सफल हो सकें। यह खेल-आधारित पाठ्यक्रम का उपयोग करके कल्याण, समानता, पारिस्थितिक स्थिरता और डिजिटल नागरिकता के इर्द-गिर्द एजेंसी को बढ़ावा देकर भविष्य के लिए शिक्षार्थियों को तैयार करता है। शिक्षा पिछली पीढ़ी की समस्याओं को हल कर रही है, न कि बच्चों को भविष्य की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए तैयार कर रही है। जिन बच्चों में रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और लचीलापन जैसे कौशल होते हैं, वे बेहतर शिक्षार्थी, समस्या समाधानकर्ता और समाज के सक्रिय सदस्य बनते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उच्च स्तर की भलाई होती है। कल्याण उन कार्यों से जुड़ा है जिन्हें हम संबोधित करने के लिए कर सकते हैं: हमारा शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य; सावधान और सुरक्षित डिजिटल अभ्यास; दुनिया में हम जो निष्पक्षता देखते हैं; और जलवायु संकट।

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माय भारत दक्षिण दिल्ली ने योग दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया
जीटीटीसीआई ने वैश्विक गणमान्य व्यक्तियों के साथ योग दिवस समारोह का आयोजन किया
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दिलीप झा का कॉलम : औपनिवेशिक थ्योरी की विदाई- आर्य हैं भारत की आत्मा
भक्त्या मां यः पश्यति स मे युक्ततमः मतः।”

"सभी योगियों में, जो गहन श्रद्धा के साथ अंतर्मन से मेरा चिंतन करता है और प्रेमपूर्वक मेरी सेवा करता है — वही योग में मुझसे सबसे अधिक जुड़ा होता है और श्रेष्ठ योगी होता है।"

उन्होंने कहा कि जब आज पूरी दुनिया योग को केवल शारीरिक व्यायाम के रूप में देखती है, तब हमारे रसोईघर के कर्मचारी योग के वास्तविक उद्देश्य—आत्म-संयम, सेवा भाव और ईश्वर से जुड़ाव—को अपनाकर एक प्रेरणास्पद उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। यह अभ्यास न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को संतुलित करता है, बल्कि समाजसेवा में उनकी प्रतिबद्धता को भी और अधिक दृढ़ करता है। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रुप में वरिष्ठ पत्रकार बंसी लाल, दिल्ली-एनसीआर के ऑपरेशन हेड बलवीर सिंह राठौर एवं स्टाफ साथी शिवम शर्मा, आशीष यादव, अभय सिंह आदि मौजूद रहे।

अक्षय पात्र फाउंडेशन न केवल भारत के लाखों बच्चों को मध्याह्न भोजन प्रदान करता है, बल्कि अपने कर्मचारियों के समग्र कल्याण—शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक—को भी प्राथमिकता देता है। योग दिवस का यह आयोजन संस्था की इसी प्रतिबद्धता का जीवंत प्रमाण है।

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रसोई से साधना तक: योग में डूबे अक्षय पात्र के कर्मयोगी
भक्त्या मां यः पश्यति स मे युक्ततमः मतः।”

"सभी योगियों में, जो गहन श्रद्धा के साथ अंतर्मन से मेरा चिंतन करता है और प्रेमपूर्वक मेरी सेवा करता है — वही योग में मुझसे सबसे अधिक जुड़ा होता है और श्रेष्ठ योगी होता है।"

उन्होंने कहा कि जब आज पूरी दुनिया योग को केवल शारीरिक व्यायाम के रूप में देखती है, तब हमारे रसोईघर के कर्मचारी योग के वास्तविक उद्देश्य—आत्म-संयम, सेवा भाव और ईश्वर से जुड़ाव—को अपनाकर एक प्रेरणास्पद उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। यह अभ्यास न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को संतुलित करता है, बल्कि समाजसेवा में उनकी प्रतिबद्धता को भी और अधिक दृढ़ करता है। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रुप में वरिष्ठ पत्रकार बंसी लाल, दिल्ली-एनसीआर के ऑपरेशन हेड बलवीर सिंह राठौर एवं स्टाफ साथी शिवम शर्मा, आशीष यादव, अभय सिंह आदि मौजूद रहे।

अक्षय पात्र फाउंडेशन न केवल भारत के लाखों बच्चों को मध्याह्न भोजन प्रदान करता है, बल्कि अपने कर्मचारियों के समग्र कल्याण—शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक—को भी प्राथमिकता देता है। योग दिवस का यह आयोजन संस्था की इसी प्रतिबद्धता का जीवंत प्रमाण है।

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...जब स्पेशल ऑप्स 2 की टीम ने राजधानी में मचाया धमाल
“ट्विंकल टोज़ पार्ट 2” में अवीकल कक्कड़ की प्रस्तुति से सजी एक अविस्मरणीय शाम
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अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में रमेश बिधूड़ी ने की शिरकत

कार्यक्रम में मौजूद कुल सचिव डॉ. रविन्द्र कुमार सोनी ने ने कहा कि योग हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बने इसके लिए एसएयू कैंपस में संकाय, कर्मचारी और छात्र-छात्राओं के लिए नियमित योग कक्षाओं की व्यवस्था की गयी है जो एक अच्छी पहल है। योग के इस अनूठे समागम में बाल कलाकारों ने योग विधा की शानदार प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। एसएयू के अध्यक्ष प्रोफेसर केके अग्रवाल, प्रोफेसर सरोज अग्रवाल और उपाध्यक्ष प्रोफेसर संजय चतुर्वेदी और ड़ॉ. रविन्द्र कुमार सोनी ने इन मेधावी बाल योगी कलाकारों को पुरस्कार देकर साम्मानित किया। योग के इस कार्यक्रम में एसएयू के शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक कर्मचारी, उनके परिवार और बडी संख्या में छात्र व छाआओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर अंबरीष सक्सेना ने जहां मंच संचालन किया वहीं समापन कार्यक्रम में एसएयू के कार्यवाहक वित्त निदेशक राकेश मोहन व अधीक्षण अभियंता एमपी केडियाल ने सभी का आभार जताया।

 

 

 

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दक्षिण एशिया में एसएयू बनेगा योग का विस्तार केंद्र- प्रोफेसर के.के. अग्रवाल 

कार्यक्रम में मौजूद कुल सचिव डॉ. रविन्द्र कुमार सोनी ने ने कहा कि योग हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बने इसके लिए एसएयू कैंपस में संकाय, कर्मचारी और छात्र-छात्राओं के लिए नियमित योग कक्षाओं की व्यवस्था की गयी है जो एक अच्छी पहल है। योग के इस अनूठे समागम में बाल कलाकारों ने योग विधा की शानदार प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। एसएयू के अध्यक्ष प्रोफेसर केके अग्रवाल, प्रोफेसर सरोज अग्रवाल और उपाध्यक्ष प्रोफेसर संजय चतुर्वेदी और ड़ॉ. रविन्द्र कुमार सोनी ने इन मेधावी बाल योगी कलाकारों को पुरस्कार देकर साम्मानित किया। योग के इस कार्यक्रम में एसएयू के शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक कर्मचारी, उनके परिवार और बडी संख्या में छात्र व छाआओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर अंबरीष सक्सेना ने जहां मंच संचालन किया वहीं समापन कार्यक्रम में एसएयू के कार्यवाहक वित्त निदेशक राकेश मोहन व अधीक्षण अभियंता एमपी केडियाल ने सभी का आभार जताया।

 

 

 

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योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाने का विधान सभा अध्यक्ष का आह्वान
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“अजय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी” 1 अगस्त को रिलीज़ होगी

यह पहल एचएमएसआई के व्यापक मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत सरकार के 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में मौतों को 50% तक घटाने के लक्ष्य का समर्थन करना है और यह होंडा की वैश्विक दृष्टि के साथ मेल खाती है, जिसका लक्ष्य 2050 तक शून्य ट्रैफिक मौतें प्राप्त करना है। अपनी CSR गतिविधियों के तहत, एचएमएसआई देशभर में 10 अपनाए गए ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क और 6 सेफ्टी ड्राइविंग एजुकेशन सेंटरों में सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण आयोजित करता है। अब तक, कंपनी ने 10 मिलियन से अधिक लोगों को सुरक्षित सड़क आदतों के प्रति संवेदनशील किया है।

एचएमएसआई के प्रशिक्षण कार्यक्रम के महत्वपूर्ण पहलू

यातायात नियमों, सड़क संकेतों, राइडिंग पोजीशन और सुरक्षा गियर पर सैद्धांतिक सत्र

वर्चुअल सिमुलेटर, जो प्रतिभागियों को 100 से अधिक वास्तविक सड़क खतरों का अनुभव करने का अवसर प्रदान करते हैं

किकेन योसोकू ट्रेनिंग (KYT), जो खतरे की भविष्यवाणी और जोखिम जागरूकता को विकसित करने में मदद करती है

मौजूदा सवारों के लिए धीमी राइडिंग और संकरी लकड़ी पर राइडिंग जैसी कौशल निर्माण गतिविधियाँ


डिजिटल पहल - ई-गुरुकुल

अपने प्रभाव को और बढ़ाने के लिए, एचएमएसआई ने "ई-गुरुकुल" नामक एक डिजिटल लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म पेश किया है, जो 5 से 18 साल के बच्चों के लिए उम्र के हिसाब से सड़क सुरक्षा मॉड्यूल प्रदान करता है। यह प्लेटफ़ॉर्म हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम और अंग्रेजी जैसी कई भाषाओं में उपलब्ध है। भारत भर के स्कूल इस प्लेटफ़ॉर्म को egurukul.honda.hmsi.in पर एक्सेस कर सकते हैं या Safety.riding@honda.hmsi.in पर संपर्क कर सकते हैं।

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#SaferIndiaOn2Wheels: आज की सिखाई हुई बातें कल की सुरक्षित यात्रा का रास्ता 

यह पहल एचएमएसआई के व्यापक मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत सरकार के 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में मौतों को 50% तक घटाने के लक्ष्य का समर्थन करना है और यह होंडा की वैश्विक दृष्टि के साथ मेल खाती है, जिसका लक्ष्य 2050 तक शून्य ट्रैफिक मौतें प्राप्त करना है। अपनी CSR गतिविधियों के तहत, एचएमएसआई देशभर में 10 अपनाए गए ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क और 6 सेफ्टी ड्राइविंग एजुकेशन सेंटरों में सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण आयोजित करता है। अब तक, कंपनी ने 10 मिलियन से अधिक लोगों को सुरक्षित सड़क आदतों के प्रति संवेदनशील किया है।

एचएमएसआई के प्रशिक्षण कार्यक्रम के महत्वपूर्ण पहलू

यातायात नियमों, सड़क संकेतों, राइडिंग पोजीशन और सुरक्षा गियर पर सैद्धांतिक सत्र

वर्चुअल सिमुलेटर, जो प्रतिभागियों को 100 से अधिक वास्तविक सड़क खतरों का अनुभव करने का अवसर प्रदान करते हैं

किकेन योसोकू ट्रेनिंग (KYT), जो खतरे की भविष्यवाणी और जोखिम जागरूकता को विकसित करने में मदद करती है

मौजूदा सवारों के लिए धीमी राइडिंग और संकरी लकड़ी पर राइडिंग जैसी कौशल निर्माण गतिविधियाँ


डिजिटल पहल - ई-गुरुकुल

अपने प्रभाव को और बढ़ाने के लिए, एचएमएसआई ने "ई-गुरुकुल" नामक एक डिजिटल लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म पेश किया है, जो 5 से 18 साल के बच्चों के लिए उम्र के हिसाब से सड़क सुरक्षा मॉड्यूल प्रदान करता है। यह प्लेटफ़ॉर्म हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम और अंग्रेजी जैसी कई भाषाओं में उपलब्ध है। भारत भर के स्कूल इस प्लेटफ़ॉर्म को egurukul.honda.hmsi.in पर एक्सेस कर सकते हैं या Safety.riding@honda.hmsi.in पर संपर्क कर सकते हैं।

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एनडीएमसी : 30.06.2025 को या उससे पहले संपत्ति कर भुगतान पर 10% की छूट 
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दिल्ली पहुंचे जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज को मिला विशेष सम्मान
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आप के वरिष्ठ नेता रमेश अम्बावता ने दी रक्षाबंधन की शुभकामनाएं
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