MOVIE REVIEW -देखने से पहले रिवियू पढें

By: Dilip Kumar
3/9/2018 4:08:19 PM
नई दिल्ली

निर्देशक अर्जुन मुखर्जी ने कुछ रोज पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि फिल्म 3 स्टोरीज दरअसल, ‘अनियन जॉनर’, यानी प्याज की तरह परतों वाली कहानी कहने वाली फिल्म है। बात काफी हद तक सही है।मुम्बई के एक चॉल की अलग-अलग मंजिलों पर बने मकानों में रह रहे लोगों की जिंदगियां किस तरह एक खास बिंदु पर आकर एक हो जाती हैं, यह देखने लायक है। क्यों सबसे ऊपरी माले पर रहने वाली फ्लोरी आंटी (रेणुका शहाणे) अपने 20 लाख के मकान को 80 लाख रुपए में बेचना चाहती हैं? क्या होता है इसी चॉल में रहने वाले एक मुस्लिम दुकानदार शोएब (अंकित राठी) और कॉलेज जाने वाली हिंदू लड़की मालिनी (आयशा अहमद) के बीच पनप रहे प्यार का अंजाम? इस किस्म के सवालों का जवाब देती यह फिल्म कुछ मौकों पर फिसलती भी है... तब, जब यह सुरक्षित राह पर चलने की कोशिश करती है।

परत-दर-परत खुलती कहानियों में बाजी मार ले जाती है रेणुका शहाणे वाली कहानी। जबर्दस्त प्रोस्थेटिक मेकअप कर गोवा की महिला के लुक और भाषा को बखूबी अपनाया है रेणुका ने। मुम्बई में एक अदद मकान की तलाश कर रहे विलास नायक (पुलकित सम्राट) को एक ब्रोकर, एक चॉल में लेकर आता है जहां फ्लोरी मेन्डॉन्का (रेणुका) का घर बिकाऊ है। ब्रोकर बताता है कि फ्लोरी का दिमाग सटका हुआ है, तभी वह मकान की इतनी ज्यादा कीमत लगा रही हैं। पर हैरत की बात तब होती है, जब विलास वह मकान पसंद आने और उसे खरीदने की बात करता है। इस कहानी का अंजाम जबर्दस्त तरीके से चौंकाता है। फ्लोरी के ठीक नीचे वाली मंजिल में रहने वाली वर्षा (मासूमी मखीजा) अपने शराबी पति के अत्याचारों को चुपचाप बर्दाश्त कर रही है। कुछ खूबसूरत यादों के सहारे। इसी बीच उसकी पास के घर में रहने वाली सुहाना (संस्कृति खेर) से दोस्ती हो जाती है। इस बीच कुछ ऐसा होता है कि इन दोनों परिवारों का अतीत जुड़ जाता है।

चॉल में रहने वाले मुस्लिम दुकानदार शोएब (अंकित राठी) और कॉलेज जाने वाली हिंदू लड़की मालिनी (आयशा अहमद) की प्रेम कहानी में भी कई नए खुलासे होते हैं, जिनके तार उनके परिवारों से जुड़े हुए हैं।इसी चॉल में रहती है रहस्यमयी विधवा लीला (रिचा चड्ढा), जो पूरी चॉल के आकर्षण का केंद्र बनी रहती है। लीला ही इन कहानियों को सुनाती है। हालांकि उसकी खुद की कहानी कुछ ज्यादा दिलचस्प नहीं है। ‘हर चेहरे के पीछे एक कहानी होती है।’ जैसी रोचक लाइन से शुरू हुई यह फिल्म सुरक्षित रास्ता अपनाते हुए खत्म होती है।फिल्म में रेणुका शहाणे और मासूमी मखीजा की एक्टिंग जबर्दस्त है। पुलकित सम्राट और रिचा चड्ढा फिल्म में जरूरी ग्लैमर लेकर आते हैं। नए कलाकार अंकित राठी और आयशा अहमद ने अच्छा काम किया है। गीत-संगीत औसत है। कैमरावर्क कमाल का है। मुंबई के चॉल को अलग-अलग एंगल्स से बखूबी दिखाया गया है। किरदार वास्तविक लगे हैं और उनकी आपसी बातचीत भी। शरमन जोशी का किरदार छोटा पर प्रभावी है।


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