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आपके ऑर्डर पर कैसे डिलिवरी देती है ऐमजॉन, फुलफिलमेंट सेंटर जाकर देखने का है मौका
मेगास्टार चिरंजीवी की बड़ी फिल्म 'विश्वंभरा' में दिखेंगे रिकॉर्ड तोड़ VFX सीन

"चाहे दुर्लभ हो या नहीं, हर बीमारी एक बोझ है। निवारक दवा से अनगिनत जीवन वर्ष बचाए जा सकते हैं।" - प्रोफेसर बीके थेल्मा, दिल्ली विश्वविद्यालय, साउथ कैंपस

"दुर्लभ बीमारियों के मामले में, हर परिवार गरीब है। उन्हें रोकने का एकमात्र तरीका जागरूकता, वकालत और नीति परिवर्तन है।" प्रसन्ना शिरोल, कार्यकारी निदेशक, ORDI

“सिर्फ एक ही उपाय है कि फिल्मों आदि के माध्यम से मरीजों में जागरूकता फैलाई जाए। उन्हें आनुवंशिक परीक्षण करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए ताकि ऐसी आनुवंशिक बीमारियों को रोका जा सके।” - डॉ. सुनीता दुबे, ग्लूकोमा सेवाओं की प्रमुख, श्रॉफ आई हॉस्पिटल, नई दिल्ली

दिन का समापन इसकी नीति और समर्थन पर चर्चा के साथ हुआ, इसका उद्देश्य उचित, आनुवंशिकी-सूचित ग्लूकोमा देखभाल के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना का ड्राफ़्ट तैयार करना है। प्रतिभागियों ने सरकारी निकायों, चिकित्सा संस्थानों और नागरिक समाज को सहयोग करने का अनुरोध किया, ताकि आनुवांशिक जाँच को सभी के लिए सुलभ बनाया जा सके।

 

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सैलफोर्ड यूनिर्सिटी, CSIR-IGIB और ORDI का ग्लूकोमा पर वर्कशाप

"चाहे दुर्लभ हो या नहीं, हर बीमारी एक बोझ है। निवारक दवा से अनगिनत जीवन वर्ष बचाए जा सकते हैं।" - प्रोफेसर बीके थेल्मा, दिल्ली विश्वविद्यालय, साउथ कैंपस

"दुर्लभ बीमारियों के मामले में, हर परिवार गरीब है। उन्हें रोकने का एकमात्र तरीका जागरूकता, वकालत और नीति परिवर्तन है।" प्रसन्ना शिरोल, कार्यकारी निदेशक, ORDI

“सिर्फ एक ही उपाय है कि फिल्मों आदि के माध्यम से मरीजों में जागरूकता फैलाई जाए। उन्हें आनुवंशिक परीक्षण करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए ताकि ऐसी आनुवंशिक बीमारियों को रोका जा सके।” - डॉ. सुनीता दुबे, ग्लूकोमा सेवाओं की प्रमुख, श्रॉफ आई हॉस्पिटल, नई दिल्ली

दिन का समापन इसकी नीति और समर्थन पर चर्चा के साथ हुआ, इसका उद्देश्य उचित, आनुवंशिकी-सूचित ग्लूकोमा देखभाल के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना का ड्राफ़्ट तैयार करना है। प्रतिभागियों ने सरकारी निकायों, चिकित्सा संस्थानों और नागरिक समाज को सहयोग करने का अनुरोध किया, ताकि आनुवांशिक जाँच को सभी के लिए सुलभ बनाया जा सके।

 

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परंपरा और प्रकृति का संगम : वस्मोल ने रथ यात्रा को सम्‍मान देते हुए लॉन्‍च किया हिना क्रीम हेयर कलर

यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत दृष्टिकोण और भारत सरकार की उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य किफायती हवाई यात्रा के माध्यम से अनुपयुक्त क्षेत्रों को जोड़ना है। भारत अगले पांच वर्षों में 50 और हवाई अड्डे जोड़ने की योजना बना रहा है, जिससे 2047 तक कुल 350 से अधिक हवाई अड्डों का लक्ष्य रखा गया है। इन योजना वाले हवाई अड्डों पर 19-सीटर विमान संचालित होंगे, जो बिहार के दूरदराज क्षेत्रों तक हवाई यात्रा की पहुँच में महत्वपूर्ण सुधार करेंगे।

बिहार सरकार की यह पहल राज्य में समावेशी विकास को बल देगी। खासकर उन ज़िलों को जिनमें अब तक हवाई सुविधाएं नहीं थीं, वहां पर्यटन, व्यापार और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके साथ ही राज्य सरकार ने यह संकेत भी दिया है कि भविष्य में और भी हवाई अड्डों के निर्माण के लिए आवश्यक बजट आवंटन किया जाएगा।

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बिहार सरकार और AAI के बीच 6 नए क्षेत्रीय हवाई अड्डों के लिए एमओयू साइन

यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत दृष्टिकोण और भारत सरकार की उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य किफायती हवाई यात्रा के माध्यम से अनुपयुक्त क्षेत्रों को जोड़ना है। भारत अगले पांच वर्षों में 50 और हवाई अड्डे जोड़ने की योजना बना रहा है, जिससे 2047 तक कुल 350 से अधिक हवाई अड्डों का लक्ष्य रखा गया है। इन योजना वाले हवाई अड्डों पर 19-सीटर विमान संचालित होंगे, जो बिहार के दूरदराज क्षेत्रों तक हवाई यात्रा की पहुँच में महत्वपूर्ण सुधार करेंगे।

बिहार सरकार की यह पहल राज्य में समावेशी विकास को बल देगी। खासकर उन ज़िलों को जिनमें अब तक हवाई सुविधाएं नहीं थीं, वहां पर्यटन, व्यापार और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके साथ ही राज्य सरकार ने यह संकेत भी दिया है कि भविष्य में और भी हवाई अड्डों के निर्माण के लिए आवश्यक बजट आवंटन किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री नीतीश की प्ले ऑफेंसिव नीति के आगे नहीं टिक रहे विपक्ष के आरोपों के तीर

प्रजनन चिकित्सा के क्षेत्र में एक दशक से अधिक अनुभव के साथ, फर्स्ट फर्टिलिटी पीजीएस सेंटर अब तक दुनिया भर के हजारों दंपतियों को माता-पिता बनने के सपने को साकार करने में मदद कर चुका है। वर्ष 2025 क्लिनिक के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, क्योंकि यह अब अपनी सेवाओं का विस्तार करते हुए भारतीय लोगों, जो इसके सबसे तेजी से बढ़ते रोगी समूहों में से एक हैं, को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। नया इंडियन लाउंज एक शांत, निजी और सांस्कृतिक रूप से अनुकूल वातावरण प्रदान करता है, जहाँ भारतीय लोग सहज और सुरक्षित महसूस कर सकें। इसके साथ ही, एक समर्पित हिंदी भाषी टीम भी उपलब्ध है, जो परामर्श से लेकर उपचार और फॉलो-अप तक पूरी प्रक्रिया में मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करती है।

फर्स्ट फर्टिलिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री सियु विंग फुंग अल्फ्रेड ने कहा, "भारत हमारे लिए 2025 में एक प्राथमिक फोकस है। हम समझते हैं कि विदेश में चिकित्सा उपचार कराना, विशेष रूप से प्रजनन जैसे संवेदनशील विषय में, कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हमारा इंडियन लाउंज और हिंदी भाषी स्टाफ इस बात का प्रमाण हैं कि हम चाहते हैं कि हर भारतीय व्यक्ति खुद को पूरी तरह समझा हुआ, सम्मानित और सुरक्षित महसूस करे।" अपनी 10वीं वर्षगाँठ के अवसर पर, फर्स्ट फर्टिलिटी पीजीएस सेंटर लिमिटेड विशेष रूप से भारतीय लोगों के लिए सीमित अवधि वाले एक्सक्लूसिव फर्टिलिटी पैकेज लॉन्च कर रहा है। इन पैकेजेस में विशेष कीमतें, प्राथमिकता के साथ अपॉइंटमेंट बुकिंग और संपूर्ण सेवा सहायता, जैसे- यात्रा समन्वय, आवास की सिफारिशें, सांस्कृतिक आवश्यकताओं का ध्यान और किफायती मूल्य शामिल हैं, ताकि उपचार प्रक्रिया अधिक सहज, सुविधाजनक और तनावमुक्त बन सके।

बैंकॉक के मध्य में स्थित, फर्स्ट फर्टिलिटी पीजीएस सेंटर अपनी उच्च सफलता दर, उन्नत तकनीक और रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है। क्लिनिक आईवीएफ, आईसीएसआई, पीजीएस / पीजीटी-ए, पीईएसए / टीईएसई सहित विभिन्न प्रकार के इनफर्टिलिटी उपचारों में विशेषज्ञता रखता है, जो विश्वस्तरीय विशेषज्ञों द्वारा संचालित किए जाते हैं।

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फर्स्ट फर्टिलिटी पीजीएस सेंटर लिमिटेड ने थाईलैंड में "इंडियन लाउंज" का उद्घाटन किया

प्रजनन चिकित्सा के क्षेत्र में एक दशक से अधिक अनुभव के साथ, फर्स्ट फर्टिलिटी पीजीएस सेंटर अब तक दुनिया भर के हजारों दंपतियों को माता-पिता बनने के सपने को साकार करने में मदद कर चुका है। वर्ष 2025 क्लिनिक के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, क्योंकि यह अब अपनी सेवाओं का विस्तार करते हुए भारतीय लोगों, जो इसके सबसे तेजी से बढ़ते रोगी समूहों में से एक हैं, को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। नया इंडियन लाउंज एक शांत, निजी और सांस्कृतिक रूप से अनुकूल वातावरण प्रदान करता है, जहाँ भारतीय लोग सहज और सुरक्षित महसूस कर सकें। इसके साथ ही, एक समर्पित हिंदी भाषी टीम भी उपलब्ध है, जो परामर्श से लेकर उपचार और फॉलो-अप तक पूरी प्रक्रिया में मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करती है।

फर्स्ट फर्टिलिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री सियु विंग फुंग अल्फ्रेड ने कहा, "भारत हमारे लिए 2025 में एक प्राथमिक फोकस है। हम समझते हैं कि विदेश में चिकित्सा उपचार कराना, विशेष रूप से प्रजनन जैसे संवेदनशील विषय में, कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हमारा इंडियन लाउंज और हिंदी भाषी स्टाफ इस बात का प्रमाण हैं कि हम चाहते हैं कि हर भारतीय व्यक्ति खुद को पूरी तरह समझा हुआ, सम्मानित और सुरक्षित महसूस करे।" अपनी 10वीं वर्षगाँठ के अवसर पर, फर्स्ट फर्टिलिटी पीजीएस सेंटर लिमिटेड विशेष रूप से भारतीय लोगों के लिए सीमित अवधि वाले एक्सक्लूसिव फर्टिलिटी पैकेज लॉन्च कर रहा है। इन पैकेजेस में विशेष कीमतें, प्राथमिकता के साथ अपॉइंटमेंट बुकिंग और संपूर्ण सेवा सहायता, जैसे- यात्रा समन्वय, आवास की सिफारिशें, सांस्कृतिक आवश्यकताओं का ध्यान और किफायती मूल्य शामिल हैं, ताकि उपचार प्रक्रिया अधिक सहज, सुविधाजनक और तनावमुक्त बन सके।

बैंकॉक के मध्य में स्थित, फर्स्ट फर्टिलिटी पीजीएस सेंटर अपनी उच्च सफलता दर, उन्नत तकनीक और रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है। क्लिनिक आईवीएफ, आईसीएसआई, पीजीएस / पीजीटी-ए, पीईएसए / टीईएसई सहित विभिन्न प्रकार के इनफर्टिलिटी उपचारों में विशेषज्ञता रखता है, जो विश्वस्तरीय विशेषज्ञों द्वारा संचालित किए जाते हैं।

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एनडीएमसी के साथ, आइए इस गर्मी में शाही अंदाज में फलों के राजा - आम का महोत्सव मनाएँ
गुरुद्वारा प्रबंध में बढ़ते सरकारी हस्तक्षेप के खिलाफ हुई अरदास

आरजी ग्रुप के डायरेक्टर हिमांशु गर्ग ने इस मेगा ड्राइव पर टिप्पणी करते हुए कहा, "आईआईएफएल होम फाइनेंस के साथ साझेदारी न केवल सहज होम फाइनेंसिंग को संभव बनाने में महत्वपूर्ण रही, बल्कि ग्राहक-प्रथम दक्षता के साथ प्रीमियम आवास प्रदान करने के हमारे विजन को तेज करने में भी मददगार रही। एक ही दिन में 100 से अधिक प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पूरे होने के साथ, यह सामूहिक रजिस्ट्रेशन अभियान बाजार के मजबूत विश्वास और रणनीतिक साझेदारियों के ठोस परिणामों का स्पष्ट प्रतिबिंब है। आईआईएफएल होम फाइनेंस आरजी लग्जरी होम्स के पीछे एक प्रमुख वित्तीय स्तंभ रहा है, और उनका सक्रिय समर्थन हमारे खरीदारों को गति, पारदर्शिता और घर खरीदने की यात्रा में भरोसे के साथ सशक्त बनाता रहता है।"

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आईआईएफएल होम फाइनेंस और आरजी ग्रुप ने नोएडा मे प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन इवेंट को सफल बनाया

आरजी ग्रुप के डायरेक्टर हिमांशु गर्ग ने इस मेगा ड्राइव पर टिप्पणी करते हुए कहा, "आईआईएफएल होम फाइनेंस के साथ साझेदारी न केवल सहज होम फाइनेंसिंग को संभव बनाने में महत्वपूर्ण रही, बल्कि ग्राहक-प्रथम दक्षता के साथ प्रीमियम आवास प्रदान करने के हमारे विजन को तेज करने में भी मददगार रही। एक ही दिन में 100 से अधिक प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पूरे होने के साथ, यह सामूहिक रजिस्ट्रेशन अभियान बाजार के मजबूत विश्वास और रणनीतिक साझेदारियों के ठोस परिणामों का स्पष्ट प्रतिबिंब है। आईआईएफएल होम फाइनेंस आरजी लग्जरी होम्स के पीछे एक प्रमुख वित्तीय स्तंभ रहा है, और उनका सक्रिय समर्थन हमारे खरीदारों को गति, पारदर्शिता और घर खरीदने की यात्रा में भरोसे के साथ सशक्त बनाता रहता है।"

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आकाश का 'चैंपियंस ऑफ आकाश' इवेंट, NEET और JEE एडवांस्ड के टॉपर्स का सम्मान

किशोरी लाल फाउंडेशन के संस्थापक़ अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने बताया कि, संस्था समय-समय पर जनहित की योजनाओं एवं कार्यक्रमों को लेकर सेमिनार एवं विचार संगोष्ठी यह आयोजित करती है आज एक बार फिर संस्था ने हरित ऊर्जा की ओर बढ़ता भारत नामक विषय पर सेमिनार का आयोजन किया और इस कार्यक्रम की प्रायोजक कंपनी ओएनजीसी ने जो सहयोग दिया है उसका भी हम संस्था की ओर से धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि आज का विषय केंद्र सरकार कि महत्वपूर्ण योजनाओं मे से एक है "हरित ऊर्जा की ओर बढ़ता भारत" जैसे विषयों पर चर्चा करना हमारे लिये अति महत्व पूर्ण हो जाता है,क्योंकि मोदी सरकार इस पर गंभीरता से कार्य कर रही है, इलेक्ट्रोनिक वाहनों का चलन, सोलर सिस्टम, कार्बन क़ो कम से कम करना, प्लास्टिक का निसास्तीकरण, अन्य स्रोतो क़ो बढ़ावा देना है,क्रांति कारी कदम से हमारे भविष्य मे इस का गहरा प्रभाव पड़ेगा।

प्रो. डा.के जी सुरेश ने कहा कि आज हमने मानवीय जीवन मे हरित ऊर्जा का गहरा प्रभाव पड़ रहा है समय समय पर इसमें बदलाव भी देखे गये है पेट्रोल, डीजल से गैस, अब वाहन इलेक्ट्रिक होते जा रहें है, वन इलाके मे इजाफा हुआ है, वहीं हमें अपने आप मे भी बदलाव लाने कि जरूरत है. इस मौके पर कई जने माने पत्रकारों, समाज सेवकों, खेलों के क्षेत्र मे खिलाड़ियों क़ो शौर्य अवार्ड से सम्मानित किया जिनमें दयाल शर्मा, बंसीलाल, कुलवंत कौर, लता ठाकुर, नुसरत जहां, अफसा बेगम, अमलेंदु भूषण, संदीप कुमार रहें। इस मौके पर कई जानी-मानी हस्तियाँ, नेता समाज सेवी उपस्थित रहें।

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"हरित ऊर्जा की और बढ़ता भारत" विषय पर किशोरी लाल फाउंडेशन ने किया सेमिनार

किशोरी लाल फाउंडेशन के संस्थापक़ अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने बताया कि, संस्था समय-समय पर जनहित की योजनाओं एवं कार्यक्रमों को लेकर सेमिनार एवं विचार संगोष्ठी यह आयोजित करती है आज एक बार फिर संस्था ने हरित ऊर्जा की ओर बढ़ता भारत नामक विषय पर सेमिनार का आयोजन किया और इस कार्यक्रम की प्रायोजक कंपनी ओएनजीसी ने जो सहयोग दिया है उसका भी हम संस्था की ओर से धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि आज का विषय केंद्र सरकार कि महत्वपूर्ण योजनाओं मे से एक है "हरित ऊर्जा की ओर बढ़ता भारत" जैसे विषयों पर चर्चा करना हमारे लिये अति महत्व पूर्ण हो जाता है,क्योंकि मोदी सरकार इस पर गंभीरता से कार्य कर रही है, इलेक्ट्रोनिक वाहनों का चलन, सोलर सिस्टम, कार्बन क़ो कम से कम करना, प्लास्टिक का निसास्तीकरण, अन्य स्रोतो क़ो बढ़ावा देना है,क्रांति कारी कदम से हमारे भविष्य मे इस का गहरा प्रभाव पड़ेगा।

प्रो. डा.के जी सुरेश ने कहा कि आज हमने मानवीय जीवन मे हरित ऊर्जा का गहरा प्रभाव पड़ रहा है समय समय पर इसमें बदलाव भी देखे गये है पेट्रोल, डीजल से गैस, अब वाहन इलेक्ट्रिक होते जा रहें है, वन इलाके मे इजाफा हुआ है, वहीं हमें अपने आप मे भी बदलाव लाने कि जरूरत है. इस मौके पर कई जने माने पत्रकारों, समाज सेवकों, खेलों के क्षेत्र मे खिलाड़ियों क़ो शौर्य अवार्ड से सम्मानित किया जिनमें दयाल शर्मा, बंसीलाल, कुलवंत कौर, लता ठाकुर, नुसरत जहां, अफसा बेगम, अमलेंदु भूषण, संदीप कुमार रहें। इस मौके पर कई जानी-मानी हस्तियाँ, नेता समाज सेवी उपस्थित रहें।

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आकाश का 'चैंपियंस ऑफ आकाश' इवेंट, NEET और JEE एडवांस्ड के टॉपर्स का सम्मान 
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दिलजीत के समर्थन में आए जीके, फिल्म 'सरदार जी 3' पर ट्रोलस को घेरा
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मौजूदा कहानी गोकुलधाम सोसाइटी के निवासियों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो देहात के हॉलिडे होम में मौज-मस्ती करने की योजना बना रहे हैं, लेकिन इसमें एक पेंच है। बंगले के बारे में अफ़वाह है कि वह भूतहा है। गोकुलधाम सोसाइटी के सदस्यों को अभी तक यह पता नहीं है, लेकिन हमेशा सतर्क रहने वाले भिड़े इस भावना से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं कि कुछ ठीक नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे प्रोमो में उत्साह साफ़ झलक रहा है। जबकि सोढ़ी पूरी तरह से "पार्टी-शार्टी" मोड में है और बाकी गैंग टप्पू सेना, बापूजी और गोकुलधाम सोसाइटी के अन्य प्यारे सदस्य मौज-मस्ती के लिए कमर कस रहे हैं, भिड़े को एक परेशान करने वाले बुरे सपने ने परेशान कर दिया है।

खाली सड़क पर अपने प्यारे स्कूटर "सखाराम" की सवारी करते हुए, वह अचानक भूतनी से टकरा जाता है। उसका तनाव तब और बढ़ जाता है जब वास्सुविक जीवन की घटनाएँ उसके सपने को दर्शाती हैं: एक काली बिल्ली उनके रास्ते को पार करती है, और बालकनी में एक भूतिया छाया को देखती है। और फिर आता है वो ट्विस्ट् जिसके बारे में फैन्स बात करना बंद नहीं कर सकते -शादी के लिए हमेशा आशावान पोपटलाल की मुलाकात ट्रिप पर एक खूबसूरत लड़की से होती है और वो तुरंत उस पर मोहित हो जाता है... क्या वो भूतनी का पहला निशाना होगा? अराजकता, भ्रम और क्लासिक TMKOC कॉमेडी का संकेत।

शो में हॉरर-कॉमेडी के लिए दर्शकों के प्यार को भुनाने के साथ, यह ट्रैक न केवल मनोरंजक है बल्कि यह लंबे समय से दर्शकों के बीच गहरी पुरानी यादें भी जगा रहा है। प्रशंसक याद कर रहे हैं कि कैसे पहला भूतनी ट्रैक एक सांस्कृतिक क्षण बन गया था, जिसने शो को राष्ट्रीय पसंदीदा बना दिया। सोशल मीडिया पर क्लिप, रील और रिएक्शन वीडियो की भरमार है, जिसमें प्रशंसक शो की मस्ती को बनाए रखते हुए परिचित प्रारूपों को फिर से बनाने की क्षमता की प्रशंसा कर रहे हैं। कई लोग तो मल्ट्री एपिसोड सस्पेंस आर्क की भी उम्मीद कर रहे हैं।

प्रोमो के जोर पकड़ने और प्रशंसकों की धारणाओं के तेजी से फैलने के साथ, 'भूतनी ट्रैक हॉरर-कॉमेडी की लौ को फिर से सुलगा रहा है और एक बार फिर साबित कर रहा है कि तारक मेहता का उल्टा चश्मा जानता है कि अप्रत्याशित कैसे पेश किया जाए अपनी हंसी की खास खुराक के साथ।

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'भूतनी रिटर्न्स!' - तारक मेहता के नवीनतम हॉरर-कॉमेडी ट्रैक ने पुरानी यादें 

मौजूदा कहानी गोकुलधाम सोसाइटी के निवासियों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो देहात के हॉलिडे होम में मौज-मस्ती करने की योजना बना रहे हैं, लेकिन इसमें एक पेंच है। बंगले के बारे में अफ़वाह है कि वह भूतहा है। गोकुलधाम सोसाइटी के सदस्यों को अभी तक यह पता नहीं है, लेकिन हमेशा सतर्क रहने वाले भिड़े इस भावना से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं कि कुछ ठीक नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे प्रोमो में उत्साह साफ़ झलक रहा है। जबकि सोढ़ी पूरी तरह से "पार्टी-शार्टी" मोड में है और बाकी गैंग टप्पू सेना, बापूजी और गोकुलधाम सोसाइटी के अन्य प्यारे सदस्य मौज-मस्ती के लिए कमर कस रहे हैं, भिड़े को एक परेशान करने वाले बुरे सपने ने परेशान कर दिया है।

खाली सड़क पर अपने प्यारे स्कूटर "सखाराम" की सवारी करते हुए, वह अचानक भूतनी से टकरा जाता है। उसका तनाव तब और बढ़ जाता है जब वास्सुविक जीवन की घटनाएँ उसके सपने को दर्शाती हैं: एक काली बिल्ली उनके रास्ते को पार करती है, और बालकनी में एक भूतिया छाया को देखती है। और फिर आता है वो ट्विस्ट् जिसके बारे में फैन्स बात करना बंद नहीं कर सकते -शादी के लिए हमेशा आशावान पोपटलाल की मुलाकात ट्रिप पर एक खूबसूरत लड़की से होती है और वो तुरंत उस पर मोहित हो जाता है... क्या वो भूतनी का पहला निशाना होगा? अराजकता, भ्रम और क्लासिक TMKOC कॉमेडी का संकेत।

शो में हॉरर-कॉमेडी के लिए दर्शकों के प्यार को भुनाने के साथ, यह ट्रैक न केवल मनोरंजक है बल्कि यह लंबे समय से दर्शकों के बीच गहरी पुरानी यादें भी जगा रहा है। प्रशंसक याद कर रहे हैं कि कैसे पहला भूतनी ट्रैक एक सांस्कृतिक क्षण बन गया था, जिसने शो को राष्ट्रीय पसंदीदा बना दिया। सोशल मीडिया पर क्लिप, रील और रिएक्शन वीडियो की भरमार है, जिसमें प्रशंसक शो की मस्ती को बनाए रखते हुए परिचित प्रारूपों को फिर से बनाने की क्षमता की प्रशंसा कर रहे हैं। कई लोग तो मल्ट्री एपिसोड सस्पेंस आर्क की भी उम्मीद कर रहे हैं।

प्रोमो के जोर पकड़ने और प्रशंसकों की धारणाओं के तेजी से फैलने के साथ, 'भूतनी ट्रैक हॉरर-कॉमेडी की लौ को फिर से सुलगा रहा है और एक बार फिर साबित कर रहा है कि तारक मेहता का उल्टा चश्मा जानता है कि अप्रत्याशित कैसे पेश किया जाए अपनी हंसी की खास खुराक के साथ।

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दिल्ली: रेन बसेरे में खुली लापरवाही पर भड़के मंत्री आशीष सूद
महेश वैष्णव बने अखिल भारत हिन्दू महासभा के मालवीय नगर विधानसभा अध्यक्ष
आरईसी लिमिटेड ने एसोचैम सीएसआर और सस्टेनेबिलिटी अवार्ड 2024 जीता
समाज निर्माण का दायित्व पत्रकारों का है : प्रदीप जोशी
पुलिस की कार्यवाही से मुझे नहीं मिल सकता न्याय, जाँच सीआईए के सुपुर्द हो: मौर्या
“कैकेयी” — एक वैचारिक और सांस्कृतिक पुनर्पाठ का ऐतिहासिक लोकार्पण

रोडस्टर एक्स सीरीज की कीमतें क्रमशः ₹99,999, ₹1,09,999 और ₹1,24,999 से शुरू होती हैं, जो रोडस्टर एक्स 2.5kWh, 3.5kWh और 4.5 kWh के लिए हैं। रोडस्टर एक्स+ 4.5kWh की कीमत 1,29,999 रुपए है। जबकि 4680 भारत सेल के साथ 9.1kWh रोडस्टर एक्स+ की कीमत 1,99,999 रुपए है। इसमें सिंगल चार्जिंग में 501 किमी की रेंज मिलती है।

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ओला इलेक्ट्रिक ने नई दिल्ली में रोडस्टर एक्स की डिलीवरी शुरू

रोडस्टर एक्स सीरीज की कीमतें क्रमशः ₹99,999, ₹1,09,999 और ₹1,24,999 से शुरू होती हैं, जो रोडस्टर एक्स 2.5kWh, 3.5kWh और 4.5 kWh के लिए हैं। रोडस्टर एक्स+ 4.5kWh की कीमत 1,29,999 रुपए है। जबकि 4680 भारत सेल के साथ 9.1kWh रोडस्टर एक्स+ की कीमत 1,99,999 रुपए है। इसमें सिंगल चार्जिंग में 501 किमी की रेंज मिलती है।

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आपातकाल की दुहाई देने वाले तो इंदिरा गांधी के भी बाप निकले: सरना
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दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी चुनाव: कालका फिर से अध्यक्ष और काहलों बने महासचिव
रोहित शर्मा ने सप्लाई चेन फर्म प्रोजो में किया निवेश
गृह मंत्री जी क़ो उनकी तस्वीर भेंट कर मे अपने आपको सौभाग्य शाली मानता हूँ: महेश वैष्ण
भारतीय मजदूर संघ के स्वर्णिम 70 वर्ष पूर्ण होने पर, दिल्ली में होगा भव्य समापन समारोह

इस विश्वविद्यालय के चैयरमेन के योगेश ने सभागार में उपस्थित सभी लोगों का हार्दिक स्वागत करते हुए मुख्य अतिथियों को पुष्प गुच्छ ,प्रतीक चिन्ह,अंग वस्त्र ,और माला पहनकर हार्दिक अभिनंदन किया । योगेश जी ने विश्वविद्यालय की पूरी जानकारी देते हुए सभी सम्मानित बुद्धिजीवियों को शुभकामनाएं प्रेषित की । नमिता जैन जी ने कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की । सहगल जी ने अपने वक्तव्य में ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा करते हुए कहा कि अब देश चारों तरफ से सुरक्षित है और रक्षा मामलों में देश की बहुत अच्छी छवि पूरे विश्व में दिखाई पड़ती है।

दिनेश मोहन जी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य को पूरी निष्ठा ईमानदारी के साथ अपने कार्य करते रहना चाहिए । अपनी असीमित इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए ; जब भी इच्छाएं बढती हैं ; तो भ्रष्टाचार का जन्म होता है । डॉ नाहर सिंह ने पुरस्कार प्राप्त लोगों सभी लोगों को शुभकामनाएं प्रेषित की । प्रो शक्ति सिंह ने अपने विचार रखते हुए बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा सुदृढ़ और मजबूत हुई है। अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत दिन-रात चौगुनी तरक्की कर रहा है । डॉ राहुल खरे ने स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि आज युवा व्यक्तियों में बहुत बड़े स्तर पर हड्डियों की समस्या देखने को मिल रही है । हमें अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए योग करना और अच्छा खान-पान करना चाहिए।

डॉ दिनेश बंसल ने पर्यावरण संबंधी चीजों को सभी के साथ साझा करते हुए कहा कि हम सभी को अपने जीवन में कम से कम एक वृक्ष अवश्य लगना चाहिए। हमें एक दूसरे को उपहार स्वरूप एक पौधा देकर आदान प्रदान करना चाहिए । प्रो मनोज कुमार कैन ने मानवीय मूल्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सभी को आज के समय में मानव मूल्यों को बनाएं रखने की अति आवश्यकता है। मानव मूल्यों के समाप्त होने से समाज के अंदर अनेक सामाजिक बुराइयां व्याप्त होने लगती है । विकसित भारत में मानव मूल्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है।

इस भव्य आयोजन में कुल 90 गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। मुख्य रूप से सम्मान प्राप्त करने वालों में अजीत कुमार, ऑंचल जैन,अमृता बहेरा, दर्शिनी प्रिया ,आशिया परवीन , सोहनबीर कैन ,अविनाश कुमार त्यागी, कीर्ति शर्मा, नीरा पांडे ,करतार सिंह पवार, कल्पना सिंह ,सविता देवी, प्रदीप कुमार, सुनीता जांगड़ा, निशु ,अजय वर्मा ,ज्योति तालियां,प्रदीप कुमार,सारिका श्रीवास्तव, डीपी प्रजापति, पवन कुमार इत्यादि लोग शामिल रहें।

सभागार में अन्य अनेक विशिष्टजन के साथ वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, फिलिपिन्स, अमेरिका के साथ साथ समस्त भारत के लगभग 20 राज्यों से आये हुए लगभग 300 से अधिक बुद्धिजीवियों की गरिमामय उपस्थिति रही । इसके साथ ही कार्यक्रम में श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुरजीत कुमार, प्रो हंसराज , डॉ घनश्याम दास , सौरभ कुमार,डॉ रणवीर सिंह , राजेश रोहिल्ला, पीके वर्मा ,डीपी प्रजापति ,महेंद्र गुप्ता उपस्थित रहे । कार्यक्रम का सुंदर संचालन एवं धन्यवाद चैयरमेन कुमार योगेश जी ने किया।

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सोकरेट्रस यूनिवर्सिटी ओनोरिस कॉसा ने प्रतिभाओं को कर्मशील अवार्ड से नवाजा

इस विश्वविद्यालय के चैयरमेन के योगेश ने सभागार में उपस्थित सभी लोगों का हार्दिक स्वागत करते हुए मुख्य अतिथियों को पुष्प गुच्छ ,प्रतीक चिन्ह,अंग वस्त्र ,और माला पहनकर हार्दिक अभिनंदन किया । योगेश जी ने विश्वविद्यालय की पूरी जानकारी देते हुए सभी सम्मानित बुद्धिजीवियों को शुभकामनाएं प्रेषित की । नमिता जैन जी ने कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की । सहगल जी ने अपने वक्तव्य में ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा करते हुए कहा कि अब देश चारों तरफ से सुरक्षित है और रक्षा मामलों में देश की बहुत अच्छी छवि पूरे विश्व में दिखाई पड़ती है।

दिनेश मोहन जी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य को पूरी निष्ठा ईमानदारी के साथ अपने कार्य करते रहना चाहिए । अपनी असीमित इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए ; जब भी इच्छाएं बढती हैं ; तो भ्रष्टाचार का जन्म होता है । डॉ नाहर सिंह ने पुरस्कार प्राप्त लोगों सभी लोगों को शुभकामनाएं प्रेषित की । प्रो शक्ति सिंह ने अपने विचार रखते हुए बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा सुदृढ़ और मजबूत हुई है। अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत दिन-रात चौगुनी तरक्की कर रहा है । डॉ राहुल खरे ने स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि आज युवा व्यक्तियों में बहुत बड़े स्तर पर हड्डियों की समस्या देखने को मिल रही है । हमें अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए योग करना और अच्छा खान-पान करना चाहिए।

डॉ दिनेश बंसल ने पर्यावरण संबंधी चीजों को सभी के साथ साझा करते हुए कहा कि हम सभी को अपने जीवन में कम से कम एक वृक्ष अवश्य लगना चाहिए। हमें एक दूसरे को उपहार स्वरूप एक पौधा देकर आदान प्रदान करना चाहिए । प्रो मनोज कुमार कैन ने मानवीय मूल्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सभी को आज के समय में मानव मूल्यों को बनाएं रखने की अति आवश्यकता है। मानव मूल्यों के समाप्त होने से समाज के अंदर अनेक सामाजिक बुराइयां व्याप्त होने लगती है । विकसित भारत में मानव मूल्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है।

इस भव्य आयोजन में कुल 90 गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। मुख्य रूप से सम्मान प्राप्त करने वालों में अजीत कुमार, ऑंचल जैन,अमृता बहेरा, दर्शिनी प्रिया ,आशिया परवीन , सोहनबीर कैन ,अविनाश कुमार त्यागी, कीर्ति शर्मा, नीरा पांडे ,करतार सिंह पवार, कल्पना सिंह ,सविता देवी, प्रदीप कुमार, सुनीता जांगड़ा, निशु ,अजय वर्मा ,ज्योति तालियां,प्रदीप कुमार,सारिका श्रीवास्तव, डीपी प्रजापति, पवन कुमार इत्यादि लोग शामिल रहें।

सभागार में अन्य अनेक विशिष्टजन के साथ वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, फिलिपिन्स, अमेरिका के साथ साथ समस्त भारत के लगभग 20 राज्यों से आये हुए लगभग 300 से अधिक बुद्धिजीवियों की गरिमामय उपस्थिति रही । इसके साथ ही कार्यक्रम में श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुरजीत कुमार, प्रो हंसराज , डॉ घनश्याम दास , सौरभ कुमार,डॉ रणवीर सिंह , राजेश रोहिल्ला, पीके वर्मा ,डीपी प्रजापति ,महेंद्र गुप्ता उपस्थित रहे । कार्यक्रम का सुंदर संचालन एवं धन्यवाद चैयरमेन कुमार योगेश जी ने किया।

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प्रथम की संस्थापक फरीदा लाम्बे के अनुसार, "हम पिछले एक साल से रंगीत के साथ सहयोग कर रहे हैं।" "हम जिन स्कूलों में काम करते हैं, वहां के बच्चे व्यस्त रहते हैं, क्योंकि उनका लक्ष्य अकादमिक उत्कृष्टता हासिल करना है, लेकिन रंगीत और प्रथम ने बच्चों को खुश करने, मूल्यों को विकसित करने और उन्हें सोचने वाले इंसान बनाने का प्रयास किया। हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे भविष्य के लिए तैयार हों, आत्म-देखभाल के कौशल और देखभाल करने वाले रवैये से लैस हों।"

पिछले एक साल से रंगीत और प्रथम की टीमें मुंबई में मिलकर काम कर रही हैं:

* मुंबई में स्कूलों की पहचान करना और उन्हें अपने साथ शामिल करना
* रंगीत ऐप का उपयोग कैसे करें और SEEK पाठ्यक्रम कैसे वितरित करें, इस पर व्यक्तिगत शिक्षक प्रशिक्षण सत्र आयोजित करना
* निरंतर कक्षा विजिट के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षित करना
* शिक्षकों को ऐप के माध्यम से वास्तविक समय मे डेटा इनपुट करने के लिए प्रोत्साहित करना ताकि प्रगति को मापनीय रूप से ट्रैक किया जा सके

शिक्षक प्रशिक्षण सत्र - जो आमतौर पर प्रत्येक विद्यालय में 1-2 घंटे तक चलते हैं - ऐप प्रशिक्षण से परे जाते हैं। वे इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि SEEK क्यों महत्वपूर्ण है, बच्चे निर्देशित खेल के माध्यम से कैसे सबसे अच्छा सीखते हैं, और शिक्षक अपनी अनोखी कक्षा सेटिंग में उस यात्रा का समर्थन कैसे कर सकते हैं। SEEK को कहीं भी, किसी भी समय, किसी के द्वारा भी पढ़ाया जा सकता है।

शिक्षकों और छात्रों दोनों की प्रतिक्रियाएँ बहुत सकारात्मक रही हैं। एक स्कूल में, एक शिक्षक ने बताया, "SEEK हमारे छात्रों में व्यापक रूप से सामाजिक मूल्यों को आगे बढ़ाने में मदद करता है।" एक अन्य स्कूल के प्रिंसिपल ने सहमति जताते हुए कहा: "रंगीत बच्चों को इन मूल्यों को विकसित करने में मदद कर रहा है और हम बच्चों में इसका सकारात्मक प्रभाव देखना शुरू कर रहे हैं।"

एक छात्रा ने लैंगिक समानता के बारे में कुछ SEEK पाठों को पूरा करने के बाद गर्व से एक कहानी सुनाई: "लड़कियां और लड़के समान हैं, यह सीखने के बाद, मैं घर गई और अपने पिता को बताया, तो उन्हें इसका मतलब समझ में आ गया और उन्होंने घर पर मेरी मां की मदद करना शुरू कर दिया!"

छात्रों ने उत्साह के साथ पाठ्यक्रम को अपनाया है, कहानी सुनाना, भूमिका निभाना, खेल, चर्चा, डिजाइन-थिंकिंग और टीम गतिविधियों में भाग लिया है, जिससे उन्हें भावनात्मक लचीलापन, संचार और आलोचनात्मक सोच जैसे कौशल सीखने में मदद मिली है, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों की खोज भी की है।

नियमित कक्षा अवलोकन से लेकर शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण तक व्यावहारिक दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि पाठ्यक्रम न केवल सुसंगत रूप से वितरित किया जाए, बल्कि प्रत्येक स्कूल और बच्चे की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया जाए।

भविष्य की ओर देखते हुए, रंगीत और प्रथम इस गठबंधन को पूरे महाराष्ट्र में मजबूत करने और विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, इस साझा विश्वास के साथ कि सच्ची शिक्षा केवल जानकारी के बारे में नहीं है - यह परिवर्तन के बारे में है।

रंगीत के बारे में:

रंगीत एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जो शिक्षकों, अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों को हर बच्चे को विकसित करने में मदद करता है, ताकि वे सफल हो सकें। यह खेल-आधारित पाठ्यक्रम का उपयोग करके कल्याण, समानता, पारिस्थितिक स्थिरता और डिजिटल नागरिकता के इर्द-गिर्द एजेंसी को बढ़ावा देकर भविष्य के लिए शिक्षार्थियों को तैयार करता है। शिक्षा पिछली पीढ़ी की समस्याओं को हल कर रही है, न कि बच्चों को भविष्य की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए तैयार कर रही है। जिन बच्चों में रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और लचीलापन जैसे कौशल होते हैं, वे बेहतर शिक्षार्थी, समस्या समाधानकर्ता और समाज के सक्रिय सदस्य बनते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उच्च स्तर की भलाई होती है। कल्याण उन कार्यों से जुड़ा है जिन्हें हम संबोधित करने के लिए कर सकते हैं: हमारा शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य; सावधान और सुरक्षित डिजिटल अभ्यास; दुनिया में हम जो निष्पक्षता देखते हैं; और जलवायु संकट।

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रंगीत और प्रथम मुंबई की कक्षाओं में खेल-आधारित शिक्षा ला रहे हैं 

प्रथम की संस्थापक फरीदा लाम्बे के अनुसार, "हम पिछले एक साल से रंगीत के साथ सहयोग कर रहे हैं।" "हम जिन स्कूलों में काम करते हैं, वहां के बच्चे व्यस्त रहते हैं, क्योंकि उनका लक्ष्य अकादमिक उत्कृष्टता हासिल करना है, लेकिन रंगीत और प्रथम ने बच्चों को खुश करने, मूल्यों को विकसित करने और उन्हें सोचने वाले इंसान बनाने का प्रयास किया। हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे भविष्य के लिए तैयार हों, आत्म-देखभाल के कौशल और देखभाल करने वाले रवैये से लैस हों।"

पिछले एक साल से रंगीत और प्रथम की टीमें मुंबई में मिलकर काम कर रही हैं:

* मुंबई में स्कूलों की पहचान करना और उन्हें अपने साथ शामिल करना
* रंगीत ऐप का उपयोग कैसे करें और SEEK पाठ्यक्रम कैसे वितरित करें, इस पर व्यक्तिगत शिक्षक प्रशिक्षण सत्र आयोजित करना
* निरंतर कक्षा विजिट के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षित करना
* शिक्षकों को ऐप के माध्यम से वास्तविक समय मे डेटा इनपुट करने के लिए प्रोत्साहित करना ताकि प्रगति को मापनीय रूप से ट्रैक किया जा सके

शिक्षक प्रशिक्षण सत्र - जो आमतौर पर प्रत्येक विद्यालय में 1-2 घंटे तक चलते हैं - ऐप प्रशिक्षण से परे जाते हैं। वे इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि SEEK क्यों महत्वपूर्ण है, बच्चे निर्देशित खेल के माध्यम से कैसे सबसे अच्छा सीखते हैं, और शिक्षक अपनी अनोखी कक्षा सेटिंग में उस यात्रा का समर्थन कैसे कर सकते हैं। SEEK को कहीं भी, किसी भी समय, किसी के द्वारा भी पढ़ाया जा सकता है।

शिक्षकों और छात्रों दोनों की प्रतिक्रियाएँ बहुत सकारात्मक रही हैं। एक स्कूल में, एक शिक्षक ने बताया, "SEEK हमारे छात्रों में व्यापक रूप से सामाजिक मूल्यों को आगे बढ़ाने में मदद करता है।" एक अन्य स्कूल के प्रिंसिपल ने सहमति जताते हुए कहा: "रंगीत बच्चों को इन मूल्यों को विकसित करने में मदद कर रहा है और हम बच्चों में इसका सकारात्मक प्रभाव देखना शुरू कर रहे हैं।"

एक छात्रा ने लैंगिक समानता के बारे में कुछ SEEK पाठों को पूरा करने के बाद गर्व से एक कहानी सुनाई: "लड़कियां और लड़के समान हैं, यह सीखने के बाद, मैं घर गई और अपने पिता को बताया, तो उन्हें इसका मतलब समझ में आ गया और उन्होंने घर पर मेरी मां की मदद करना शुरू कर दिया!"

छात्रों ने उत्साह के साथ पाठ्यक्रम को अपनाया है, कहानी सुनाना, भूमिका निभाना, खेल, चर्चा, डिजाइन-थिंकिंग और टीम गतिविधियों में भाग लिया है, जिससे उन्हें भावनात्मक लचीलापन, संचार और आलोचनात्मक सोच जैसे कौशल सीखने में मदद मिली है, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों की खोज भी की है।

नियमित कक्षा अवलोकन से लेकर शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण तक व्यावहारिक दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि पाठ्यक्रम न केवल सुसंगत रूप से वितरित किया जाए, बल्कि प्रत्येक स्कूल और बच्चे की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया जाए।

भविष्य की ओर देखते हुए, रंगीत और प्रथम इस गठबंधन को पूरे महाराष्ट्र में मजबूत करने और विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, इस साझा विश्वास के साथ कि सच्ची शिक्षा केवल जानकारी के बारे में नहीं है - यह परिवर्तन के बारे में है।

रंगीत के बारे में:

रंगीत एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जो शिक्षकों, अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों को हर बच्चे को विकसित करने में मदद करता है, ताकि वे सफल हो सकें। यह खेल-आधारित पाठ्यक्रम का उपयोग करके कल्याण, समानता, पारिस्थितिक स्थिरता और डिजिटल नागरिकता के इर्द-गिर्द एजेंसी को बढ़ावा देकर भविष्य के लिए शिक्षार्थियों को तैयार करता है। शिक्षा पिछली पीढ़ी की समस्याओं को हल कर रही है, न कि बच्चों को भविष्य की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए तैयार कर रही है। जिन बच्चों में रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और लचीलापन जैसे कौशल होते हैं, वे बेहतर शिक्षार्थी, समस्या समाधानकर्ता और समाज के सक्रिय सदस्य बनते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उच्च स्तर की भलाई होती है। कल्याण उन कार्यों से जुड़ा है जिन्हें हम संबोधित करने के लिए कर सकते हैं: हमारा शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य; सावधान और सुरक्षित डिजिटल अभ्यास; दुनिया में हम जो निष्पक्षता देखते हैं; और जलवायु संकट।

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माय भारत दक्षिण दिल्ली ने योग दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया
जीटीटीसीआई ने वैश्विक गणमान्य व्यक्तियों के साथ योग दिवस समारोह का आयोजन किया
मोदी सरकार के 11 साल : पूर्व सांसद बिधूड़ी ने लगाई प्रदर्शनी, विकसित भारत संकल्प सभा
दिलीप झा का कॉलम : औपनिवेशिक थ्योरी की विदाई- आर्य हैं भारत की आत्मा
भक्त्या मां यः पश्यति स मे युक्ततमः मतः।”

"सभी योगियों में, जो गहन श्रद्धा के साथ अंतर्मन से मेरा चिंतन करता है और प्रेमपूर्वक मेरी सेवा करता है — वही योग में मुझसे सबसे अधिक जुड़ा होता है और श्रेष्ठ योगी होता है।"

उन्होंने कहा कि जब आज पूरी दुनिया योग को केवल शारीरिक व्यायाम के रूप में देखती है, तब हमारे रसोईघर के कर्मचारी योग के वास्तविक उद्देश्य—आत्म-संयम, सेवा भाव और ईश्वर से जुड़ाव—को अपनाकर एक प्रेरणास्पद उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। यह अभ्यास न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को संतुलित करता है, बल्कि समाजसेवा में उनकी प्रतिबद्धता को भी और अधिक दृढ़ करता है। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रुप में वरिष्ठ पत्रकार बंसी लाल, दिल्ली-एनसीआर के ऑपरेशन हेड बलवीर सिंह राठौर एवं स्टाफ साथी शिवम शर्मा, आशीष यादव, अभय सिंह आदि मौजूद रहे।

अक्षय पात्र फाउंडेशन न केवल भारत के लाखों बच्चों को मध्याह्न भोजन प्रदान करता है, बल्कि अपने कर्मचारियों के समग्र कल्याण—शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक—को भी प्राथमिकता देता है। योग दिवस का यह आयोजन संस्था की इसी प्रतिबद्धता का जीवंत प्रमाण है।

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रसोई से साधना तक: योग में डूबे अक्षय पात्र के कर्मयोगी
भक्त्या मां यः पश्यति स मे युक्ततमः मतः।”

"सभी योगियों में, जो गहन श्रद्धा के साथ अंतर्मन से मेरा चिंतन करता है और प्रेमपूर्वक मेरी सेवा करता है — वही योग में मुझसे सबसे अधिक जुड़ा होता है और श्रेष्ठ योगी होता है।"

उन्होंने कहा कि जब आज पूरी दुनिया योग को केवल शारीरिक व्यायाम के रूप में देखती है, तब हमारे रसोईघर के कर्मचारी योग के वास्तविक उद्देश्य—आत्म-संयम, सेवा भाव और ईश्वर से जुड़ाव—को अपनाकर एक प्रेरणास्पद उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। यह अभ्यास न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को संतुलित करता है, बल्कि समाजसेवा में उनकी प्रतिबद्धता को भी और अधिक दृढ़ करता है। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रुप में वरिष्ठ पत्रकार बंसी लाल, दिल्ली-एनसीआर के ऑपरेशन हेड बलवीर सिंह राठौर एवं स्टाफ साथी शिवम शर्मा, आशीष यादव, अभय सिंह आदि मौजूद रहे।

अक्षय पात्र फाउंडेशन न केवल भारत के लाखों बच्चों को मध्याह्न भोजन प्रदान करता है, बल्कि अपने कर्मचारियों के समग्र कल्याण—शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक—को भी प्राथमिकता देता है। योग दिवस का यह आयोजन संस्था की इसी प्रतिबद्धता का जीवंत प्रमाण है।

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...जब स्पेशल ऑप्स 2 की टीम ने राजधानी में मचाया धमाल
“ट्विंकल टोज़ पार्ट 2” में अवीकल कक्कड़ की प्रस्तुति से सजी एक अविस्मरणीय शाम
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर दिल्ली पुलिस मुख्यालय में अनुशासन और ऊर्जा का संगम
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साँस, संतुलन और साथ – काम्या योगा एंड वेलनेस ने मनाया अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस
नियमित योगाभ्यास का विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में महत्वपूर्ण योगदान : रामदास आठवले
IOC ने अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन और रिलायंस फाउंडेशन के साथ ओलंपिक डे 2025 मनाया
हरित भविष्य की दिशा में होंडा मोटरसाइकल एंड स्कूटर इंडिया की देशव्यापी पहल
भारत की प्रगति की गाथा ‘भारत की उड़ान’ कॉन्क्लेव में प्रस्तुत, केंद्रीय मंत्री गडकरी रहे प्रमुख आकर्
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में रमेश बिधूड़ी ने की शिरकत

कार्यक्रम में मौजूद कुल सचिव डॉ. रविन्द्र कुमार सोनी ने ने कहा कि योग हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बने इसके लिए एसएयू कैंपस में संकाय, कर्मचारी और छात्र-छात्राओं के लिए नियमित योग कक्षाओं की व्यवस्था की गयी है जो एक अच्छी पहल है। योग के इस अनूठे समागम में बाल कलाकारों ने योग विधा की शानदार प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। एसएयू के अध्यक्ष प्रोफेसर केके अग्रवाल, प्रोफेसर सरोज अग्रवाल और उपाध्यक्ष प्रोफेसर संजय चतुर्वेदी और ड़ॉ. रविन्द्र कुमार सोनी ने इन मेधावी बाल योगी कलाकारों को पुरस्कार देकर साम्मानित किया। योग के इस कार्यक्रम में एसएयू के शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक कर्मचारी, उनके परिवार और बडी संख्या में छात्र व छाआओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर अंबरीष सक्सेना ने जहां मंच संचालन किया वहीं समापन कार्यक्रम में एसएयू के कार्यवाहक वित्त निदेशक राकेश मोहन व अधीक्षण अभियंता एमपी केडियाल ने सभी का आभार जताया।

 

 

 

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दक्षिण एशिया में एसएयू बनेगा योग का विस्तार केंद्र- प्रोफेसर के.के. अग्रवाल 

कार्यक्रम में मौजूद कुल सचिव डॉ. रविन्द्र कुमार सोनी ने ने कहा कि योग हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बने इसके लिए एसएयू कैंपस में संकाय, कर्मचारी और छात्र-छात्राओं के लिए नियमित योग कक्षाओं की व्यवस्था की गयी है जो एक अच्छी पहल है। योग के इस अनूठे समागम में बाल कलाकारों ने योग विधा की शानदार प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। एसएयू के अध्यक्ष प्रोफेसर केके अग्रवाल, प्रोफेसर सरोज अग्रवाल और उपाध्यक्ष प्रोफेसर संजय चतुर्वेदी और ड़ॉ. रविन्द्र कुमार सोनी ने इन मेधावी बाल योगी कलाकारों को पुरस्कार देकर साम्मानित किया। योग के इस कार्यक्रम में एसएयू के शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक कर्मचारी, उनके परिवार और बडी संख्या में छात्र व छाआओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर अंबरीष सक्सेना ने जहां मंच संचालन किया वहीं समापन कार्यक्रम में एसएयू के कार्यवाहक वित्त निदेशक राकेश मोहन व अधीक्षण अभियंता एमपी केडियाल ने सभी का आभार जताया।

 

 

 

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योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाने का विधान सभा अध्यक्ष का आह्वान
दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित योग के भव्य समारोह में हिस्सा लिया
“योगा संगम” कार्यक्रम का भव्य एवं सफल समापन
आरईसी लिमिटेड को मिला राजभाषा दीप्ति पुरस्कार
कोई बाढ़, कोई आँधी प्रदीप सरदाना को हिला नहीं सकी है –नितिन गडकरी
“अजय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी” 1 अगस्त को रिलीज़ होगी

यह पहल एचएमएसआई के व्यापक मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत सरकार के 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में मौतों को 50% तक घटाने के लक्ष्य का समर्थन करना है और यह होंडा की वैश्विक दृष्टि के साथ मेल खाती है, जिसका लक्ष्य 2050 तक शून्य ट्रैफिक मौतें प्राप्त करना है। अपनी CSR गतिविधियों के तहत, एचएमएसआई देशभर में 10 अपनाए गए ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क और 6 सेफ्टी ड्राइविंग एजुकेशन सेंटरों में सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण आयोजित करता है। अब तक, कंपनी ने 10 मिलियन से अधिक लोगों को सुरक्षित सड़क आदतों के प्रति संवेदनशील किया है।

एचएमएसआई के प्रशिक्षण कार्यक्रम के महत्वपूर्ण पहलू

यातायात नियमों, सड़क संकेतों, राइडिंग पोजीशन और सुरक्षा गियर पर सैद्धांतिक सत्र

वर्चुअल सिमुलेटर, जो प्रतिभागियों को 100 से अधिक वास्तविक सड़क खतरों का अनुभव करने का अवसर प्रदान करते हैं

किकेन योसोकू ट्रेनिंग (KYT), जो खतरे की भविष्यवाणी और जोखिम जागरूकता को विकसित करने में मदद करती है

मौजूदा सवारों के लिए धीमी राइडिंग और संकरी लकड़ी पर राइडिंग जैसी कौशल निर्माण गतिविधियाँ


डिजिटल पहल - ई-गुरुकुल

अपने प्रभाव को और बढ़ाने के लिए, एचएमएसआई ने "ई-गुरुकुल" नामक एक डिजिटल लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म पेश किया है, जो 5 से 18 साल के बच्चों के लिए उम्र के हिसाब से सड़क सुरक्षा मॉड्यूल प्रदान करता है। यह प्लेटफ़ॉर्म हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम और अंग्रेजी जैसी कई भाषाओं में उपलब्ध है। भारत भर के स्कूल इस प्लेटफ़ॉर्म को egurukul.honda.hmsi.in पर एक्सेस कर सकते हैं या Safety.riding@honda.hmsi.in पर संपर्क कर सकते हैं।

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#SaferIndiaOn2Wheels: आज की सिखाई हुई बातें कल की सुरक्षित यात्रा का रास्ता 

यह पहल एचएमएसआई के व्यापक मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत सरकार के 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में मौतों को 50% तक घटाने के लक्ष्य का समर्थन करना है और यह होंडा की वैश्विक दृष्टि के साथ मेल खाती है, जिसका लक्ष्य 2050 तक शून्य ट्रैफिक मौतें प्राप्त करना है। अपनी CSR गतिविधियों के तहत, एचएमएसआई देशभर में 10 अपनाए गए ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क और 6 सेफ्टी ड्राइविंग एजुकेशन सेंटरों में सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण आयोजित करता है। अब तक, कंपनी ने 10 मिलियन से अधिक लोगों को सुरक्षित सड़क आदतों के प्रति संवेदनशील किया है।

एचएमएसआई के प्रशिक्षण कार्यक्रम के महत्वपूर्ण पहलू

यातायात नियमों, सड़क संकेतों, राइडिंग पोजीशन और सुरक्षा गियर पर सैद्धांतिक सत्र

वर्चुअल सिमुलेटर, जो प्रतिभागियों को 100 से अधिक वास्तविक सड़क खतरों का अनुभव करने का अवसर प्रदान करते हैं

किकेन योसोकू ट्रेनिंग (KYT), जो खतरे की भविष्यवाणी और जोखिम जागरूकता को विकसित करने में मदद करती है

मौजूदा सवारों के लिए धीमी राइडिंग और संकरी लकड़ी पर राइडिंग जैसी कौशल निर्माण गतिविधियाँ


डिजिटल पहल - ई-गुरुकुल

अपने प्रभाव को और बढ़ाने के लिए, एचएमएसआई ने "ई-गुरुकुल" नामक एक डिजिटल लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म पेश किया है, जो 5 से 18 साल के बच्चों के लिए उम्र के हिसाब से सड़क सुरक्षा मॉड्यूल प्रदान करता है। यह प्लेटफ़ॉर्म हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम और अंग्रेजी जैसी कई भाषाओं में उपलब्ध है। भारत भर के स्कूल इस प्लेटफ़ॉर्म को egurukul.honda.hmsi.in पर एक्सेस कर सकते हैं या Safety.riding@honda.hmsi.in पर संपर्क कर सकते हैं।

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एनडीएमसी : 30.06.2025 को या उससे पहले संपत्ति कर भुगतान पर 10% की छूट 
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दिल्ली पहुंचे जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज को मिला विशेष सम्मान
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कृपानिधि ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, बेंगलुरु ने मलेशिया में वैश्विक शिक्षा को बढ़ाया

- जत्थेदार गरगज ने दिल्ली की संगत को एकजुट रहकर सिख शक्ति को मजबूत करने और श्री अकाल तख्त साहिब को समर्पित रहने का संदेश दिया

- सिखों के किसी भी गुरुद्वारे या तख्त पर सरकार का कोई हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं – जत्थेदार गरगज

जत्थेदार गरगज के दिल्ली आगमन पर विभिन्न गुरुद्वारा समितियों – गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा विकासपुरी, मोती नगर, उधे विहार-चंदर विहार और कलगीधर खालसा सेवक सभा सुभाष नगर – ने मिलकर गुरमत समागम आयोजित किए। ये समागम श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी के प्रकाश पर्व, श्री अकाल तख्त साहिब की स्थापना दिवस और श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी व उनके शहीद साथियों की 350वीं शहादत वर्षगांठ को समर्पित रहे। बड़ी संख्या में स्थानीय संगत ने इसमें भाग लिया और जत्थेदार के विचारों को सुना।

समागमों को संबोधित करते हुए जत्थेदार गरगज ने संगत को एकजुट होकर सिख शक्ति को मजबूत करने और श्री अकाल तख्त साहिब को समर्पित रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सिखों ने हमेशा चुनौतियों को गुरुओं से प्रेरणा लेकर पार किया है, अतः हमें गुरबाणी, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी और श्री अकाल तख्त साहिब से जुड़े रहना चाहिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि खालसा पंथ एक परिवार है, और सभी सिख आनंदपुर साहिब के वासी हैं – इसलिए किसी प्रकार की विभाजन की भावना नहीं होनी चाहिए।

जत्थेदार गरगज ने यह भी अपील की कि सिख परिवार अपने बच्चों के नामों के साथ सिंह और कौर ज़रूर जोड़ें और पूरे नामों को ही प्रचारित करें। उन्होंने चिंता जताई कि दिल्ली में कुछ युवा नशे और नाच-गानों की बार संस्कृति की ओर जा रहे हैं, जो गुरु मर्यादा के विपरीत है। उन्होंने संगत को सिख इतिहास, शहीदियों और मर्यादा की याद दिलाई, विशेषकर दिल्ली की धरती पर हुए महान बलिदानों की।

जत्थेदार ने सिख माता-पिताओं से अपील की कि वे अपने बच्चों को गुर इत्यास और साखियों से परिचित कराएं और धार्मिक प्रतीकों की रक्षा करें। उन्होंने धार्मिक प्रचार को और अधिक तीव्र करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि कौम को किसी भी सांसारिक तख्त की ओर नहीं, बल्कि गुरु की ओर मुख करना चाहिए।

उन्होंने संगत को खंडे बाटे की अमृत पान कर सच्चे खालसे बनने की प्रेरणा दी। उन्होंने याद दिलाया कि अंग्रेज सरकार ने गुरुघरों में दखल दिया था, पर सिखों ने चाबियाँ वापिस लेकर अपनी शक्ति सिद्ध की थी। आज भी अगर किसी रूप में गुरुघरों की चाबियाँ छीनी जा रही हैं तो उससे सावधान रहने की आवश्यकता है। गुरुद्वारों का प्रबंधन पंथक भावना के अनुसार होना चाहिए, न कि किसी बाहरी हस्तक्षेप के तहत।

अंत में जत्थेदार गरगज ने दिल्ली में इन समागमों के सफल आयोजन हेतु समस्त गुरुद्वारा प्रबंधकों और प्रमुख व्यक्तित्वों का धन्यवाद प्रकट किया।

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"ख़ुआर हुए सब मिलेंगे" लहर के अंतर्गत दिल्ली की सिंह सभाओं द्वारा विभिन्न गुरमत समागम आयोजित

- जत्थेदार गरगज ने दिल्ली की संगत को एकजुट रहकर सिख शक्ति को मजबूत करने और श्री अकाल तख्त साहिब को समर्पित रहने का संदेश दिया

- सिखों के किसी भी गुरुद्वारे या तख्त पर सरकार का कोई हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं – जत्थेदार गरगज

जत्थेदार गरगज के दिल्ली आगमन पर विभिन्न गुरुद्वारा समितियों – गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा विकासपुरी, मोती नगर, उधे विहार-चंदर विहार और कलगीधर खालसा सेवक सभा सुभाष नगर – ने मिलकर गुरमत समागम आयोजित किए। ये समागम श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी के प्रकाश पर्व, श्री अकाल तख्त साहिब की स्थापना दिवस और श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी व उनके शहीद साथियों की 350वीं शहादत वर्षगांठ को समर्पित रहे। बड़ी संख्या में स्थानीय संगत ने इसमें भाग लिया और जत्थेदार के विचारों को सुना।

समागमों को संबोधित करते हुए जत्थेदार गरगज ने संगत को एकजुट होकर सिख शक्ति को मजबूत करने और श्री अकाल तख्त साहिब को समर्पित रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सिखों ने हमेशा चुनौतियों को गुरुओं से प्रेरणा लेकर पार किया है, अतः हमें गुरबाणी, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी और श्री अकाल तख्त साहिब से जुड़े रहना चाहिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि खालसा पंथ एक परिवार है, और सभी सिख आनंदपुर साहिब के वासी हैं – इसलिए किसी प्रकार की विभाजन की भावना नहीं होनी चाहिए।

जत्थेदार गरगज ने यह भी अपील की कि सिख परिवार अपने बच्चों के नामों के साथ सिंह और कौर ज़रूर जोड़ें और पूरे नामों को ही प्रचारित करें। उन्होंने चिंता जताई कि दिल्ली में कुछ युवा नशे और नाच-गानों की बार संस्कृति की ओर जा रहे हैं, जो गुरु मर्यादा के विपरीत है। उन्होंने संगत को सिख इतिहास, शहीदियों और मर्यादा की याद दिलाई, विशेषकर दिल्ली की धरती पर हुए महान बलिदानों की।

जत्थेदार ने सिख माता-पिताओं से अपील की कि वे अपने बच्चों को गुर इत्यास और साखियों से परिचित कराएं और धार्मिक प्रतीकों की रक्षा करें। उन्होंने धार्मिक प्रचार को और अधिक तीव्र करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि कौम को किसी भी सांसारिक तख्त की ओर नहीं, बल्कि गुरु की ओर मुख करना चाहिए।

उन्होंने संगत को खंडे बाटे की अमृत पान कर सच्चे खालसे बनने की प्रेरणा दी। उन्होंने याद दिलाया कि अंग्रेज सरकार ने गुरुघरों में दखल दिया था, पर सिखों ने चाबियाँ वापिस लेकर अपनी शक्ति सिद्ध की थी। आज भी अगर किसी रूप में गुरुघरों की चाबियाँ छीनी जा रही हैं तो उससे सावधान रहने की आवश्यकता है। गुरुद्वारों का प्रबंधन पंथक भावना के अनुसार होना चाहिए, न कि किसी बाहरी हस्तक्षेप के तहत।

अंत में जत्थेदार गरगज ने दिल्ली में इन समागमों के सफल आयोजन हेतु समस्त गुरुद्वारा प्रबंधकों और प्रमुख व्यक्तित्वों का धन्यवाद प्रकट किया।

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💥 सभी तरह के आयोजनों के लिए खानपान उपलब्ध है — छोटे-मोटे समारोहों से लेकर बड़े पैमाने पर होने वाले कार्यक्रमों तक।

📲 स्विगी या ज़ोमैटो पर अभी ऑर्डर करें, या तुरंत डिलीवरी के लिए सीधे +91 99800 62513 पर कॉल करें।

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नीलम की स्नैक स्टोरीज: मुंबई और दिल्ली का स्ट्रीट फूड अब गुड़गांव में

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अक्षय पात्र रसोई बिहार के बच्चों के भविष्य की बुनियाद है: भरतर्षभा दास
आमिर-सलमान खान ने दर्शील सफारी के फिल्मी व ओटीटी डेब्यू, 'गेमरलॉग' डेब्यू को दिया आशीर्वाद

पहले प्यार की धड़कन से लेकर आंखों के इशारे, मुस्कान का आदान-प्रदान और इनके बीच सब कुछ, विक्रांत मैसी और शनाया कपूर ने प्यार के रोमांच को जीवंत कर दिया है। ये दोनों भले ही इस एहसास को पर्दे पर लाए हैं, लेकिन गाने की अपील विशाल मिश्रा की आवाज़, कंपोजीशन और बोल से और बढ़ गई है। कुमार गौरव सिंह ने संगीत में सहायता की है, जबकि कंदरपा कलिता ने प्रोडक्शन और गिटार का काम संभाला है। गाने की रिकॉर्डिंग, मिक्सिंग और मास्टरिंग का काम त्रिहांकू लाहकर ने किया है, जबकि बिटूपोन बोरुआ ने गाने के प्रोडक्शन का जिम्मा संभाला है।

गाने के बारे में बात करते हुए, विशाल मिश्रा कहते हैं, "आँखों की गुस्ताखियाँ' के लिए 'नज़ारा' को कंपोज़ करना मेरे लिए सबसे निजी यात्राओं में से एक रहा है। पहली धुन से ही, मैं एक ऐसी धुन बनाना चाहता था जो हमेशा याद रहे, कुछ ऐसा जो चुपचाप आपके दिल को छू जाए और आपके साथ रहे। गाने के बोल मासूमियत और भावनाओं से बुने गए हैं, जो पहले प्यार और इत्तेफाक से हुई मुलाकातों के कोमल जादू की गूंज हैं। 'नज़ारा' कमज़ोरी का एक उत्सव है, उस तरह के प्यार का जो आपको अचानक चौंका देता है और एक याद की तरह बना रहता है। मुझे सच में उम्मीद है कि यह लोगों को फिर से प्यार में विश्वास दिलाएगा।"

अब जबकि गाने ने विक्रांत और शनाया के गहरे रिश्ते की एक झलक दे दी है, दर्शक फिल्म में उनकी पेशकश देखने के लिए उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं, जो जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी। ज़ी स्टूडियोज और मिनी फिल्म्स द्वारा प्रस्तुत और मानसी बागला, वरुण बागला और ओपन विंडो फिल्म्स द्वारा निर्मित, "आँखों की गुस्ताखियाँ" का निर्देशन संतोष सिंह ने किया है और इसे मानसी बागला ने लिखा है। विशाल मिश्रा ने इसका संगीत दिया है। विक्रांत मैसी और शनाया कपूर अभिनीत यह रोमांटिक म्यूजिकल फिल्म 11 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में अपना जादू बिखेरने के लिए तैयार है।

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"आँखों की गुस्ताखियाँ" का गाना "नज़ारा" हुआ रिलीज़!

पहले प्यार की धड़कन से लेकर आंखों के इशारे, मुस्कान का आदान-प्रदान और इनके बीच सब कुछ, विक्रांत मैसी और शनाया कपूर ने प्यार के रोमांच को जीवंत कर दिया है। ये दोनों भले ही इस एहसास को पर्दे पर लाए हैं, लेकिन गाने की अपील विशाल मिश्रा की आवाज़, कंपोजीशन और बोल से और बढ़ गई है। कुमार गौरव सिंह ने संगीत में सहायता की है, जबकि कंदरपा कलिता ने प्रोडक्शन और गिटार का काम संभाला है। गाने की रिकॉर्डिंग, मिक्सिंग और मास्टरिंग का काम त्रिहांकू लाहकर ने किया है, जबकि बिटूपोन बोरुआ ने गाने के प्रोडक्शन का जिम्मा संभाला है।

गाने के बारे में बात करते हुए, विशाल मिश्रा कहते हैं, "आँखों की गुस्ताखियाँ' के लिए 'नज़ारा' को कंपोज़ करना मेरे लिए सबसे निजी यात्राओं में से एक रहा है। पहली धुन से ही, मैं एक ऐसी धुन बनाना चाहता था जो हमेशा याद रहे, कुछ ऐसा जो चुपचाप आपके दिल को छू जाए और आपके साथ रहे। गाने के बोल मासूमियत और भावनाओं से बुने गए हैं, जो पहले प्यार और इत्तेफाक से हुई मुलाकातों के कोमल जादू की गूंज हैं। 'नज़ारा' कमज़ोरी का एक उत्सव है, उस तरह के प्यार का जो आपको अचानक चौंका देता है और एक याद की तरह बना रहता है। मुझे सच में उम्मीद है कि यह लोगों को फिर से प्यार में विश्वास दिलाएगा।"

अब जबकि गाने ने विक्रांत और शनाया के गहरे रिश्ते की एक झलक दे दी है, दर्शक फिल्म में उनकी पेशकश देखने के लिए उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं, जो जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी। ज़ी स्टूडियोज और मिनी फिल्म्स द्वारा प्रस्तुत और मानसी बागला, वरुण बागला और ओपन विंडो फिल्म्स द्वारा निर्मित, "आँखों की गुस्ताखियाँ" का निर्देशन संतोष सिंह ने किया है और इसे मानसी बागला ने लिखा है। विशाल मिश्रा ने इसका संगीत दिया है। विक्रांत मैसी और शनाया कपूर अभिनीत यह रोमांटिक म्यूजिकल फिल्म 11 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में अपना जादू बिखेरने के लिए तैयार है।

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सफोला की मजबूत हृदय स्वास्थ्य से जुड़ी पहचान के साथ, हम आज के उपभोक्ताओं को वही देते हैं जिसकी उन्हें जरूरत है — असलीपन, फायदेमंद गुण और भरोसेमंद गुणवत्ता।यह केवल पोर्टफोलियो का विस्तार नहीं है, बल्कि एक ऐसे भविष्य की ओर कदम है जहाँ निवारक स्वास्थ्य की शुरुआत रसोई में रोज़मर्रा के चुनावों से होती है।” सफोला कोल्ड प्रेस्ड ऑयल्स की यह नई रेंज पूरे भारत में उपलब्ध होगी, जिसकी कीमतें 1 लीटर सरसो तेल के लिए 356 रुपए, मूंगफली के तेल के लिए 506 रुपए और तिल के तेल के लिए 719 रुपए से शुरू होंगी। शुरुआत में ये तेल क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध होंगे, ताकि सेहत को प्राथमिकता देने वाले उपभोक्ताओं के लिए ये हेल्दी कुकिंग ऑयल्स आसानी से उनके घर तक पहुँच सकें।

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मैरिको लिमिटेड के सफोला ने लॉन्च किया डुअल सीड कोल्ड-प्रेस्ड ऑयल

सफोला की मजबूत हृदय स्वास्थ्य से जुड़ी पहचान के साथ, हम आज के उपभोक्ताओं को वही देते हैं जिसकी उन्हें जरूरत है — असलीपन, फायदेमंद गुण और भरोसेमंद गुणवत्ता।यह केवल पोर्टफोलियो का विस्तार नहीं है, बल्कि एक ऐसे भविष्य की ओर कदम है जहाँ निवारक स्वास्थ्य की शुरुआत रसोई में रोज़मर्रा के चुनावों से होती है।” सफोला कोल्ड प्रेस्ड ऑयल्स की यह नई रेंज पूरे भारत में उपलब्ध होगी, जिसकी कीमतें 1 लीटर सरसो तेल के लिए 356 रुपए, मूंगफली के तेल के लिए 506 रुपए और तिल के तेल के लिए 719 रुपए से शुरू होंगी। शुरुआत में ये तेल क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध होंगे, ताकि सेहत को प्राथमिकता देने वाले उपभोक्ताओं के लिए ये हेल्दी कुकिंग ऑयल्स आसानी से उनके घर तक पहुँच सकें।

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सेल्सफोर्स का जैक्वार ग्रुप के साथ साझेदारी, डिजिटल बदलाव मे आएगी तेजी : अरुंधति भट्टाचार्य
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गुरुग्राम के नारायणा हॉस्पिटल में ऑडियोलॉजी, वर्टिगो और एलर्जी क्लिनिक शुरू

उन्होंने आगे कहा, "यह प्रोग्राम, जो कुछ महीनों पहले शुरू हुआ था, अब तक 2500 से अधिक शीर्ष छात्रों को आकर्षित कर चुका है। तीन मुख्य स्तंभों – अभिनव शिक्षण पद्धतियाँ और कोर्सवेयर, विशेषज्ञ फैकल्टी और उन्नत ए आई टूल्स – पर आधारित आकाश इन्विक्टस जे ई ई की तैयारी में नए मानक स्थापित करेगा। इन सभी नवीन सुविधाओं के पीछे आकाश की विश्वसनीयता, भरोसा और तकनीकी विशेषज्ञता है।”

इसके अलावा, कार्यक्रम फिजिटल अध्ययन सामग्री को एकीकृत करता है, जो भौतिक और डिजिटल संसाधनों की ताकत को मिलाकर जटिल विषयों को आसान बनाता है, और विशेषज्ञ फैकल्टी द्वारा रिकॉर्डेड वीडियो व्याख्यान प्रदान करता है ताकि छात्र अपनी सुविधा अनुसार कभी भी सीख सकें।

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आकाश एजुकेशन की विश्वसनीय प्रक्रियाएं छात्रों क़ो करतीं है आकर्षित : प्रो.यशपाल

उन्होंने आगे कहा, "यह प्रोग्राम, जो कुछ महीनों पहले शुरू हुआ था, अब तक 2500 से अधिक शीर्ष छात्रों को आकर्षित कर चुका है। तीन मुख्य स्तंभों – अभिनव शिक्षण पद्धतियाँ और कोर्सवेयर, विशेषज्ञ फैकल्टी और उन्नत ए आई टूल्स – पर आधारित आकाश इन्विक्टस जे ई ई की तैयारी में नए मानक स्थापित करेगा। इन सभी नवीन सुविधाओं के पीछे आकाश की विश्वसनीयता, भरोसा और तकनीकी विशेषज्ञता है।”

इसके अलावा, कार्यक्रम फिजिटल अध्ययन सामग्री को एकीकृत करता है, जो भौतिक और डिजिटल संसाधनों की ताकत को मिलाकर जटिल विषयों को आसान बनाता है, और विशेषज्ञ फैकल्टी द्वारा रिकॉर्डेड वीडियो व्याख्यान प्रदान करता है ताकि छात्र अपनी सुविधा अनुसार कभी भी सीख सकें।

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क्रॉम्पटन को महाराष्ट्र से मिला 101 करोड़ रुपए का अब तक का सबसे बड़ा सौर पंप ऑर्डर
फोर्टिस : 30-वर्षीय पुरुष की आंत से धातु का चम्मच सफलतापूर्वक निकाला
वृक्षारोपण एवं बाल प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम का आयोजन
 
उन्होंने बताया कि एनडीएमसी ने इस सप्ताह नई दिल्ली क्षेत्र में तीन स्थानों - कनॉट प्लेस, खान मार्केट और मालचा मार्केट में तीन दिवसीय रीसाइकिल मेला आयोजित किया। इस कार्यक्रम ने कचरा उत्पादन को कम करने, सामग्रियों का पुन: उपयोग करने और विभिन्न प्रकार के कूड़े कचरे को जिम्मेदारी से पुनर्चक्रित (रीसायकल) करने के बारे में जनता को शिक्षित और प्रोत्साहित किया। एनडीएमसी के रीसाइकिल मेले ने पुनर्चक्रण / रीसायकल योग्य वस्तुओं के संग्रह केंद्र के रूप में कार्य किया और पुनर्चक्रित / रीसाइकल्ड सामग्रियों से बने सुलभ, बाजार-तैयार उत्पादों को प्रदर्शित किया - जो उपयोगी आर्थिक और पर्यावरणीय अनुकूलता को दर्शाता है।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, एनडीएमसी ने अपने अधिकार क्षेत्र में सभी दुकानों में "कूड़ा मुक्त क्षेत्र" स्टिकर वितरित करना भी शुरू किया है। दुकानदार गर्व से अपने प्रवेश द्वारों पर इन्हें प्रदर्शित करेंगे, ताकि स्वच्छ और हरित एनडीएमसी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शा सकें। स्टिकर पर मुख्य संदेश हैं: सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित है, पर्यावरण के अनुकूल विकल्प चुनें और डस्टबिन का उपयोग करें - कूड़ा न फैलाएं।

एनडीएमसी ने अपने सभी क्षेत्रों को कूड़ा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। नागरिकों के व्यवहार में बदलाव लाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है, और दुकानदार जनता को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। एनडीएमसी सभी से इस पहल का समर्थन करने और शहर को स्वच्छ, हरा-भरा रखने और वास्तव में भारत की राजधानी का दिल बनने के योग्य बनाने में मदद करने का आग्रह करती है ।

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प्लास्टिक प्रदूषण को हराए, अपनी पृथ्वी के पर्यावरण को बचाएं : एनडीएमसी के अध्यक्ष केशव चंद्रा
 
उन्होंने बताया कि एनडीएमसी ने इस सप्ताह नई दिल्ली क्षेत्र में तीन स्थानों - कनॉट प्लेस, खान मार्केट और मालचा मार्केट में तीन दिवसीय रीसाइकिल मेला आयोजित किया। इस कार्यक्रम ने कचरा उत्पादन को कम करने, सामग्रियों का पुन: उपयोग करने और विभिन्न प्रकार के कूड़े कचरे को जिम्मेदारी से पुनर्चक्रित (रीसायकल) करने के बारे में जनता को शिक्षित और प्रोत्साहित किया। एनडीएमसी के रीसाइकिल मेले ने पुनर्चक्रण / रीसायकल योग्य वस्तुओं के संग्रह केंद्र के रूप में कार्य किया और पुनर्चक्रित / रीसाइकल्ड सामग्रियों से बने सुलभ, बाजार-तैयार उत्पादों को प्रदर्शित किया - जो उपयोगी आर्थिक और पर्यावरणीय अनुकूलता को दर्शाता है।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, एनडीएमसी ने अपने अधिकार क्षेत्र में सभी दुकानों में "कूड़ा मुक्त क्षेत्र" स्टिकर वितरित करना भी शुरू किया है। दुकानदार गर्व से अपने प्रवेश द्वारों पर इन्हें प्रदर्शित करेंगे, ताकि स्वच्छ और हरित एनडीएमसी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शा सकें। स्टिकर पर मुख्य संदेश हैं: सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित है, पर्यावरण के अनुकूल विकल्प चुनें और डस्टबिन का उपयोग करें - कूड़ा न फैलाएं।

एनडीएमसी ने अपने सभी क्षेत्रों को कूड़ा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। नागरिकों के व्यवहार में बदलाव लाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है, और दुकानदार जनता को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। एनडीएमसी सभी से इस पहल का समर्थन करने और शहर को स्वच्छ, हरा-भरा रखने और वास्तव में भारत की राजधानी का दिल बनने के योग्य बनाने में मदद करने का आग्रह करती है ।

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किशोर उपाध्याय ने विश्व पर्यावरण दिवस पर जलवायु संकट को लेकर दी वैश्विक चेतावनी
विक्रांत मैसी और शनाया कपूर की फिल्म "आँखों की गुस्ताखियां" का टीज़र रिलीज
फर्टिलाइज़र एसोसिएशन ऑफ इंडिया के नए चेयरमैन चुने गए शैलेश सी. मेहता

श्री सूद ने कहा, “हमारी सरकार का हर निर्णय गरीब, मजदूर और आम जन की भलाई के लिए है। इन 100 दिनों में हमने दिखा दिया कि यदि सेवा, संकल्प और समर्पण हो, तो बदलाव मुमकिन है।” श्री सूद ने बताया कि बीजेपी सरकार बनते ही सबसे पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बने 2500 मकानों को रहने लायक बनाने की दिशा में काम किया गया। पूर्ववर्ती सरकार ने इन मकानों पर ‘मुख्यमंत्री’ नहीं लिखा होने के कारण इन्हें गरीबों को नहीं सौंपा था। इस कारण वर्षों से यह मकान खाली पड़े थे और गरीबों को घर का लाभ नहीं मिल पा रहा था। अब 43 करोड़ रुपये की लागत से इन मकानों को फिर से तैयार किया जा रहा है। दिल्ली सावधा बोर्ड के तहत यह निर्माण कार्य गरीबों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा। सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि कोई भी गरीब परिवार बेघर न रहे।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि मैंने पहले भी कहा कि दिल्ली में किसी भी झुग्गी को नहीं तोड़ा जाएगा। हम आज भी इस संकल्प पर पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। पहली बार ऐसा हुआ है कि DUSIB में झुग्गीवासियों के उत्थान के लिए ₹700 करोड़ का बजट हमने प्रदान किया है। जबकि पिछली सरकार में बजट 31 मार्च की रात 11:50 बजे पेश किया गया, जिससे अगले दिन कोई सवाल भी नहीं पूछा जा सका। आज भी स्थिति यह है कि कई स्थानों पर टॉयलेट की हालत खराब है, स्नानगृह बने ही नहीं हैं। दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी के नेतृत्व में हम पूरी तरह से कटिबद्ध है कि कोई भी झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी। लेकिन कुछ ऐसे नेता राजनीति में बने रहने के लिए अफवाहें फैला रहे हैं।

श्री सूद ने आगे बताया कि इस संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट का केस नंबर है: 8035/2024। हाई कोर्ट ने स्वयं कहा कि इस क्षेत्र को अर्बन फ्लडिंग रोकने के लिए खाली कराना आवश्यक है। पिछली बार यहां भारी जलभराव हुआ था, और वो भी आम आदमी पार्टी सरकार की नाकामी के कारण। यदि आम आदमी पार्टी चाहती, तो इन निवासियों को सम्मानजनक पुनर्वास (relocation) उपलब्ध करा सकती थी। मगर उनके कथित "बेरोज़गार नेता" और पंजाब में छिपे हुए उनके ‘आका’ अब इन गरीब झुग्गीवासियों के सवालों का जवाब देने से बच रहे हैं। मगर सच यह है कि मदरासी कैंप को अर्बन फ्लडिंग परियोजना के तहत खाली कराया गया, और सरकार ने वहां के निवासियों को पुनर्वास प्रदान किया – उन्हें तोड़ा नहीं गया। कुल 370 में से 215 परिवार पात्र (entitled) पाए गए, और उन्हें सम्मानपूर्वक पुनर्वासित किया गया।

मैं, DUSIB का प्रभारी मंत्री होने के नाते, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी की ओर से और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आश्वासन के आधार पर, दिल्ली के सभी झुग्गीवासियों को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि कोई भी झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी। ₹700 करोड़ के बजट के साथ हर झुग्गी में सड़क, पानी, बिजली, टॉयलेट और महिला स्नान गृह जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। और यह मैं पूरी जिम्मेदारी से कहता हूं – क्योंकि श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में अंत्योदय हमारा लक्ष्य है और गरीब कल्याण हमारा कर्तव्य।

श्री सूद ने कहा शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने उल्लेखनीय कार्य किए हैं। दिल्ली में हम 75 'सीएम श्री स्कूल' की स्थापना कर रहे हैं, जो आधुनिक तकनीक से युक्त होंगे। इनमें स्मार्ट क्लासरूम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित लर्निंग, रोबोटिक्स और डेटा साइंस जैसे विषयों की पढ़ाई कराई जाएगी। 100 करोड़ रुपये का विशेष बजट इन स्कूलों के लिए तय किया गया है। बच्चों को एआर/वीआर लैब, रोबोटिक्स, डेटा साइंस जैसी उन्नत सुविधाएं दी जाएंगी। इससे सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। अत्याधुनिक सीएम श्री स्कूलों में एआई-बेस्ड लर्निंग आउटकम्स पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन स्कूलों को भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है ताकि गरीब बच्चों को भी वही अवसर मिल सकें जो निजी स्कूलों के बच्चों को मिलते हैं। डिजिटल शिक्षा पर फोकस करते हुए स्कूलों को तकनीकी रूप से समृद्ध बनाया जाएगा। यहां छात्र केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि व्यावहारिक और आधुनिक शिक्षा से लैस होंगे। यह शिक्षा प्रणाली बच्चों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी। सरकार का मानना है कि तकनीकी और डिजिटल क्रांति में गरीबों की हिस्सेदारी भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।

श्री सूद ने यह बताया कि 100 स्कूलों में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम भाषा लैब की स्थापना की जाएगी । इसका प्रस्ताव कैबिनेट से पास हो गया है। इन भाषा लैब के माध्यम से सरकारी स्कूलों के छात्र अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन जैसी कई विदेशी भाषाओं को सीख पाएंगे। इसके साथ ही 250 सरकारी स्कूलों में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जा रही है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री डिजिटल एजुकेशन योजना के अंतर्गत तब तक 1200 स्कूली छात्रों को लैपटॉप दिए गए हैं । शिक्षा मंत्री ने पिछली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि 31 मार्च की रात 11:50 पर बजट जारी करना इस बात का प्रमाण है कि योजनाओं को क्रियान्वयन से वंचित रखा गया। इसके विपरीत नई सरकार ने आते ही शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन किए हैं।

शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा की दिल्ली की सभी स्टेट यूनिवर्सिटी और 12 दिल्ली यूनिवर्सिटी कॉलेज को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इसके अंतर्गत प्रथम किस्त के तहत इन सभी को अब तक 275 करोड रुपए की राशि दी जा चुकी है। इस राशि से है इन कॉलेज के स्टाफ की सैलरी तथा अन्य कई खर्च आदि में सुविधा मिलेगी। इससे हज़ारों छात्रों और कर्मचारियों को राहत मिली है। शिक्षा को लेकर सरकार का दृष्टिकोण बेहद संवेदनशील और सक्रिय है। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने गरीब छात्रों के लिए ठोस कदम उठाए हैं। तीन लाख रुपये सालाना से कम आय वाले परिवारों के बच्चों को स्कॉलरशिप 2021-22 से नहीं मिल रही थी। सरकार ने इस बकाया स्कॉलरशिप को निपटाते हुए 1300 छात्रों को 19 करोड़ रुपये जारी किए हैं। श्री सूद ने बताया कि केवल 100 दिनों के अंदर सरकार ने यह स्कॉलरशिप पुनः शुरू कर दी। यह कदम अंत्योदय के मूल सिद्धांतों को मूर्त रूप देने वाला है। दिल्ली सरकार का मानना है कि शिक्षा सभी के लिए सुलभ और सस्ती होनी चाहिए।

सरकार ने मेडिकल और सेंट्रल यूनिवर्सिटी परीक्षाओं के लिए गरीब छात्रों को ऑनलाइन कोचिंग भी उपलब्ध करवाई है। फिजिक्स वाला जैसे प्रतिष्ठित पोर्टल के माध्यम से NEET और CUET की मुफ्त कोचिंग शुरू की गई है। भारत सरकार की एमएसटीसी कंपनी के साथ साझेदारी में यह सुविधा गरीब और सरकारी स्कूलों के छात्रों को उपलब्ध कराई गई है। हज़ारों छात्रों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है। यह पहल उन छात्रों के लिए वरदान साबित हो रही है जिनके पास महंगी कोचिंग का विकल्प नहीं था। दिल्ली सरकार की यह योजना शिक्षा में समानता लाने की दिशा में मील का पत्थर है। श्री सूद ने कहा कि दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी बिल के ज़रिए निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई गई है। अब स्कूल अभिभावकों को किसी खास दुकान से किताबें या यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि 27 वर्षों तक निजी स्कूलों की लूट पर कोई लगाम नहीं थी, लेकिन हमारी सरकार ने इस पर कठोर कार्रवाई करते हुए पारदर्शिता सुनिश्चित की है

शिक्षा मंत्री ने बताया कि ऊर्जा क्षेत्र में सरकार ने प्रधानमंत्री सूर्या घर मुफ्त बिजली योजना के तहत सब्सिडी को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया है। अब 3 किलोवाट का सोलर कनेक्शन लगभग 1.08 लाख में लगेगा, जिसमें से ₹1 लाख की सहायता केंद्र और राज्य सरकार मिलकर देंगी। श्री सूद ने बताया कि पिछले 5 साल में दिल्ली में आधे घंटे से ज्यादा कई बार बिजली की कटौती की गई है उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि 2020 में फरवरी मार्च अप्रैल और मई में कुल 2721 बार 2021 में 2209 बार 2022 में 1918 बार, 2023 में 2167 बार 2024 में 2045 बार और 2025 में मात्र 1946 बार आधा घंटा से ज्यादा की कटौती की गई है उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछले 2020 से लेकर 2024 तक इन चार महीनों में सबसे ज्यादा बिजली की कटौती हुई है जबकि दिल्ली की नई सरकार के चार महीनों के कार्यकाल में मात्र 1946 बार आधे घंटे के से ज्यादा बिजली कटौती हुई है। इससे साफ हो गया की हमने दिल्ली में सुचारू और निर्बाध तरीके से बिजली देने के लिए कई प्रयास किये है।

श्री सूद ने बताया कि EWS श्रेणी में प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। पहले एक ही परिवार के कई सदस्यों को इस योजना का लाभ मिल जाता था, लेकिन अब ऐसी गड़बड़ियों को खत्म किया गया है। अब तक 28,000 बच्चों को पारदर्शी प्रक्रिया के तहत दाखिला मिला है, और शेष 9,800 बच्चों के लिए 1 जुलाई को ड्रॉ आयोजित किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने बताया कि राजधानी में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु फॉरेंसिक जांच को अनिवार्य किया गया है और मोबाइल फॉरेंसिक लैब्स की स्थापना की जा रही है, जिससे न्याय प्रक्रिया और अधिक सशक्त और तेज़ हो सके। साथ ही, 100 नए फायर टेंडर तंग और भीड़भाड़ वाले इलाकों में तैनात किए जाएंगे, ताकि आगजनी की घटनाओं पर शीघ्र नियंत्रण पाया जा सके।

D P S के संबंध मे प्रश्न के विषय में मंत्री महोदय ने बताया की ऐसे प्रश्न उठाकर आम आदमी पार्टी के लोग पुलिस की आड़ में उन लोगों को कवर फायर दे रहे हैं जो फीस माफिया हैं। जो नहीं चाहते कि ऐसा सख्त कानून बने जिससे इनके खिलाफ कार्रवाई हो सके। मैं ग्रंटी से कहता हूं ये सब दिखावा है। मैं आज ये साबित करूंगा कि इन्होंने बिल को चोर रास्ते से लाने की कोशिश की। 15 जुलाई 2021, 30 सितंबर 2021, 13 अप्रैल 2022 की, अखबारों की क्लिपिंग के अनुसार कैसे 2022 में पैरेंट्स को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा। उस समय भी कैसे पेरेंट्स D P S में फीस बढ़ाने के लिए प्रदर्शन करते थे। आज हालत ये है कि DPS द्वारका में 20 से ज़्यादा बच्चों को उनकी क्लास में बैठने नहीं दिया गया, जबकि 1 जुलाई से स्कूल खुल चुके थे। क्या ये न्याय है? क्या ये शिक्षा है?

शिक्षा मंत्री ने बताया कि जैसे पहले ये लोग 'अंडर द टेबल' रिश्वत वसूलते थे वैसे ही अब भी करते रहे। मैं आज आपके सामने साबित कर दूंगा कि कैसे ये लोग अब कहते हैं, 'हम लोगों से राय मांगेंगे, हम लोगों से सुझाव लेंगे।' ये सब दिखावा है। इन्होंने अपनी ओर से चोर दरवाज़े से बिल लाने की कोशिश की थी। चुनाव से डर गए थे, चुनाव में पैसे ले लिए। Parents ने आरोप लगाए कि उनकी शिकायतें मानी नहीं गईं। हर साल पैरेंट्स को मजबूर होकर मास्क लगाकर स्कूल के बाहर धरना देना पड़ा। और उस दौरान तत्कालीन C M अपनी जिंदगी का मज़ा ले रहे थे। आज केजरीवाल जी और मनीष सिसोदिया जी पंजाब में मुंह छुपाए बैठे हैं। क्यों नहीं DPS के पैरेंट्स का सामना करते? हम मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में इस मुद्दे को लेकर पूरी तरह कटिबद्ध हैं। जो लोग आज प्रश्न उठा रहे हैं, उनका मक़सद इस मजबूत कानून को डिरेल करना है वो कानून जिसमें पैरेंट्स की भागीदारी सुनिश्चित थी।

श्री सूद ने बताया कि कोर्ट में मामला पहले से सब-जुडिस है। फिर भी ये पुलिस के माध्यम से उन फीस माफियाओं को कवर फायर दे रहे हैं, जो नहीं चाहते कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। आज जब हम कानून बना रहे हैं तो वही लोग छुपे तरीके से इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन हम रुकेंगे नहीं।" अपने संबोधन के अंत में श्री सूद ने कहा, “हम खोखले वादों में विश्वास नहीं रखते। इन 100 दिनों में हमने छोटे-छोटे लेकिन ठोस कदम उठाकर गरीब कल्याण, शिक्षा सुधार, ऊर्जा सुलभता और कानून व्यवस्था में विश्वास की नींव रखी है। हम मोदी जी की नीति और दीनदयाल उपाध्याय जी के सिद्धांतों को आधार बनाकर दिल्ली को एक आदर्श शहर बनाएंगे।”

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अश्वितीय बदलावों की मिसाल बनी दिल्ली सरकार : सूद

श्री सूद ने कहा, “हमारी सरकार का हर निर्णय गरीब, मजदूर और आम जन की भलाई के लिए है। इन 100 दिनों में हमने दिखा दिया कि यदि सेवा, संकल्प और समर्पण हो, तो बदलाव मुमकिन है।” श्री सूद ने बताया कि बीजेपी सरकार बनते ही सबसे पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बने 2500 मकानों को रहने लायक बनाने की दिशा में काम किया गया। पूर्ववर्ती सरकार ने इन मकानों पर ‘मुख्यमंत्री’ नहीं लिखा होने के कारण इन्हें गरीबों को नहीं सौंपा था। इस कारण वर्षों से यह मकान खाली पड़े थे और गरीबों को घर का लाभ नहीं मिल पा रहा था। अब 43 करोड़ रुपये की लागत से इन मकानों को फिर से तैयार किया जा रहा है। दिल्ली सावधा बोर्ड के तहत यह निर्माण कार्य गरीबों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा। सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि कोई भी गरीब परिवार बेघर न रहे।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि मैंने पहले भी कहा कि दिल्ली में किसी भी झुग्गी को नहीं तोड़ा जाएगा। हम आज भी इस संकल्प पर पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। पहली बार ऐसा हुआ है कि DUSIB में झुग्गीवासियों के उत्थान के लिए ₹700 करोड़ का बजट हमने प्रदान किया है। जबकि पिछली सरकार में बजट 31 मार्च की रात 11:50 बजे पेश किया गया, जिससे अगले दिन कोई सवाल भी नहीं पूछा जा सका। आज भी स्थिति यह है कि कई स्थानों पर टॉयलेट की हालत खराब है, स्नानगृह बने ही नहीं हैं। दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी के नेतृत्व में हम पूरी तरह से कटिबद्ध है कि कोई भी झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी। लेकिन कुछ ऐसे नेता राजनीति में बने रहने के लिए अफवाहें फैला रहे हैं।

श्री सूद ने आगे बताया कि इस संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट का केस नंबर है: 8035/2024। हाई कोर्ट ने स्वयं कहा कि इस क्षेत्र को अर्बन फ्लडिंग रोकने के लिए खाली कराना आवश्यक है। पिछली बार यहां भारी जलभराव हुआ था, और वो भी आम आदमी पार्टी सरकार की नाकामी के कारण। यदि आम आदमी पार्टी चाहती, तो इन निवासियों को सम्मानजनक पुनर्वास (relocation) उपलब्ध करा सकती थी। मगर उनके कथित "बेरोज़गार नेता" और पंजाब में छिपे हुए उनके ‘आका’ अब इन गरीब झुग्गीवासियों के सवालों का जवाब देने से बच रहे हैं। मगर सच यह है कि मदरासी कैंप को अर्बन फ्लडिंग परियोजना के तहत खाली कराया गया, और सरकार ने वहां के निवासियों को पुनर्वास प्रदान किया – उन्हें तोड़ा नहीं गया। कुल 370 में से 215 परिवार पात्र (entitled) पाए गए, और उन्हें सम्मानपूर्वक पुनर्वासित किया गया।

मैं, DUSIB का प्रभारी मंत्री होने के नाते, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी की ओर से और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आश्वासन के आधार पर, दिल्ली के सभी झुग्गीवासियों को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि कोई भी झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी। ₹700 करोड़ के बजट के साथ हर झुग्गी में सड़क, पानी, बिजली, टॉयलेट और महिला स्नान गृह जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। और यह मैं पूरी जिम्मेदारी से कहता हूं – क्योंकि श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में अंत्योदय हमारा लक्ष्य है और गरीब कल्याण हमारा कर्तव्य।

श्री सूद ने कहा शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने उल्लेखनीय कार्य किए हैं। दिल्ली में हम 75 'सीएम श्री स्कूल' की स्थापना कर रहे हैं, जो आधुनिक तकनीक से युक्त होंगे। इनमें स्मार्ट क्लासरूम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित लर्निंग, रोबोटिक्स और डेटा साइंस जैसे विषयों की पढ़ाई कराई जाएगी। 100 करोड़ रुपये का विशेष बजट इन स्कूलों के लिए तय किया गया है। बच्चों को एआर/वीआर लैब, रोबोटिक्स, डेटा साइंस जैसी उन्नत सुविधाएं दी जाएंगी। इससे सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। अत्याधुनिक सीएम श्री स्कूलों में एआई-बेस्ड लर्निंग आउटकम्स पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन स्कूलों को भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है ताकि गरीब बच्चों को भी वही अवसर मिल सकें जो निजी स्कूलों के बच्चों को मिलते हैं। डिजिटल शिक्षा पर फोकस करते हुए स्कूलों को तकनीकी रूप से समृद्ध बनाया जाएगा। यहां छात्र केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि व्यावहारिक और आधुनिक शिक्षा से लैस होंगे। यह शिक्षा प्रणाली बच्चों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी। सरकार का मानना है कि तकनीकी और डिजिटल क्रांति में गरीबों की हिस्सेदारी भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।

श्री सूद ने यह बताया कि 100 स्कूलों में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम भाषा लैब की स्थापना की जाएगी । इसका प्रस्ताव कैबिनेट से पास हो गया है। इन भाषा लैब के माध्यम से सरकारी स्कूलों के छात्र अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन जैसी कई विदेशी भाषाओं को सीख पाएंगे। इसके साथ ही 250 सरकारी स्कूलों में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जा रही है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री डिजिटल एजुकेशन योजना के अंतर्गत तब तक 1200 स्कूली छात्रों को लैपटॉप दिए गए हैं । शिक्षा मंत्री ने पिछली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि 31 मार्च की रात 11:50 पर बजट जारी करना इस बात का प्रमाण है कि योजनाओं को क्रियान्वयन से वंचित रखा गया। इसके विपरीत नई सरकार ने आते ही शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन किए हैं।

शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा की दिल्ली की सभी स्टेट यूनिवर्सिटी और 12 दिल्ली यूनिवर्सिटी कॉलेज को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इसके अंतर्गत प्रथम किस्त के तहत इन सभी को अब तक 275 करोड रुपए की राशि दी जा चुकी है। इस राशि से है इन कॉलेज के स्टाफ की सैलरी तथा अन्य कई खर्च आदि में सुविधा मिलेगी। इससे हज़ारों छात्रों और कर्मचारियों को राहत मिली है। शिक्षा को लेकर सरकार का दृष्टिकोण बेहद संवेदनशील और सक्रिय है। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने गरीब छात्रों के लिए ठोस कदम उठाए हैं। तीन लाख रुपये सालाना से कम आय वाले परिवारों के बच्चों को स्कॉलरशिप 2021-22 से नहीं मिल रही थी। सरकार ने इस बकाया स्कॉलरशिप को निपटाते हुए 1300 छात्रों को 19 करोड़ रुपये जारी किए हैं। श्री सूद ने बताया कि केवल 100 दिनों के अंदर सरकार ने यह स्कॉलरशिप पुनः शुरू कर दी। यह कदम अंत्योदय के मूल सिद्धांतों को मूर्त रूप देने वाला है। दिल्ली सरकार का मानना है कि शिक्षा सभी के लिए सुलभ और सस्ती होनी चाहिए।

सरकार ने मेडिकल और सेंट्रल यूनिवर्सिटी परीक्षाओं के लिए गरीब छात्रों को ऑनलाइन कोचिंग भी उपलब्ध करवाई है। फिजिक्स वाला जैसे प्रतिष्ठित पोर्टल के माध्यम से NEET और CUET की मुफ्त कोचिंग शुरू की गई है। भारत सरकार की एमएसटीसी कंपनी के साथ साझेदारी में यह सुविधा गरीब और सरकारी स्कूलों के छात्रों को उपलब्ध कराई गई है। हज़ारों छात्रों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है। यह पहल उन छात्रों के लिए वरदान साबित हो रही है जिनके पास महंगी कोचिंग का विकल्प नहीं था। दिल्ली सरकार की यह योजना शिक्षा में समानता लाने की दिशा में मील का पत्थर है। श्री सूद ने कहा कि दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी बिल के ज़रिए निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई गई है। अब स्कूल अभिभावकों को किसी खास दुकान से किताबें या यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि 27 वर्षों तक निजी स्कूलों की लूट पर कोई लगाम नहीं थी, लेकिन हमारी सरकार ने इस पर कठोर कार्रवाई करते हुए पारदर्शिता सुनिश्चित की है

शिक्षा मंत्री ने बताया कि ऊर्जा क्षेत्र में सरकार ने प्रधानमंत्री सूर्या घर मुफ्त बिजली योजना के तहत सब्सिडी को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया है। अब 3 किलोवाट का सोलर कनेक्शन लगभग 1.08 लाख में लगेगा, जिसमें से ₹1 लाख की सहायता केंद्र और राज्य सरकार मिलकर देंगी। श्री सूद ने बताया कि पिछले 5 साल में दिल्ली में आधे घंटे से ज्यादा कई बार बिजली की कटौती की गई है उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि 2020 में फरवरी मार्च अप्रैल और मई में कुल 2721 बार 2021 में 2209 बार 2022 में 1918 बार, 2023 में 2167 बार 2024 में 2045 बार और 2025 में मात्र 1946 बार आधा घंटा से ज्यादा की कटौती की गई है उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछले 2020 से लेकर 2024 तक इन चार महीनों में सबसे ज्यादा बिजली की कटौती हुई है जबकि दिल्ली की नई सरकार के चार महीनों के कार्यकाल में मात्र 1946 बार आधे घंटे के से ज्यादा बिजली कटौती हुई है। इससे साफ हो गया की हमने दिल्ली में सुचारू और निर्बाध तरीके से बिजली देने के लिए कई प्रयास किये है।

श्री सूद ने बताया कि EWS श्रेणी में प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। पहले एक ही परिवार के कई सदस्यों को इस योजना का लाभ मिल जाता था, लेकिन अब ऐसी गड़बड़ियों को खत्म किया गया है। अब तक 28,000 बच्चों को पारदर्शी प्रक्रिया के तहत दाखिला मिला है, और शेष 9,800 बच्चों के लिए 1 जुलाई को ड्रॉ आयोजित किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने बताया कि राजधानी में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु फॉरेंसिक जांच को अनिवार्य किया गया है और मोबाइल फॉरेंसिक लैब्स की स्थापना की जा रही है, जिससे न्याय प्रक्रिया और अधिक सशक्त और तेज़ हो सके। साथ ही, 100 नए फायर टेंडर तंग और भीड़भाड़ वाले इलाकों में तैनात किए जाएंगे, ताकि आगजनी की घटनाओं पर शीघ्र नियंत्रण पाया जा सके।

D P S के संबंध मे प्रश्न के विषय में मंत्री महोदय ने बताया की ऐसे प्रश्न उठाकर आम आदमी पार्टी के लोग पुलिस की आड़ में उन लोगों को कवर फायर दे रहे हैं जो फीस माफिया हैं। जो नहीं चाहते कि ऐसा सख्त कानून बने जिससे इनके खिलाफ कार्रवाई हो सके। मैं ग्रंटी से कहता हूं ये सब दिखावा है। मैं आज ये साबित करूंगा कि इन्होंने बिल को चोर रास्ते से लाने की कोशिश की। 15 जुलाई 2021, 30 सितंबर 2021, 13 अप्रैल 2022 की, अखबारों की क्लिपिंग के अनुसार कैसे 2022 में पैरेंट्स को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा। उस समय भी कैसे पेरेंट्स D P S में फीस बढ़ाने के लिए प्रदर्शन करते थे। आज हालत ये है कि DPS द्वारका में 20 से ज़्यादा बच्चों को उनकी क्लास में बैठने नहीं दिया गया, जबकि 1 जुलाई से स्कूल खुल चुके थे। क्या ये न्याय है? क्या ये शिक्षा है?

शिक्षा मंत्री ने बताया कि जैसे पहले ये लोग 'अंडर द टेबल' रिश्वत वसूलते थे वैसे ही अब भी करते रहे। मैं आज आपके सामने साबित कर दूंगा कि कैसे ये लोग अब कहते हैं, 'हम लोगों से राय मांगेंगे, हम लोगों से सुझाव लेंगे।' ये सब दिखावा है। इन्होंने अपनी ओर से चोर दरवाज़े से बिल लाने की कोशिश की थी। चुनाव से डर गए थे, चुनाव में पैसे ले लिए। Parents ने आरोप लगाए कि उनकी शिकायतें मानी नहीं गईं। हर साल पैरेंट्स को मजबूर होकर मास्क लगाकर स्कूल के बाहर धरना देना पड़ा। और उस दौरान तत्कालीन C M अपनी जिंदगी का मज़ा ले रहे थे। आज केजरीवाल जी और मनीष सिसोदिया जी पंजाब में मुंह छुपाए बैठे हैं। क्यों नहीं DPS के पैरेंट्स का सामना करते? हम मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में इस मुद्दे को लेकर पूरी तरह कटिबद्ध हैं। जो लोग आज प्रश्न उठा रहे हैं, उनका मक़सद इस मजबूत कानून को डिरेल करना है वो कानून जिसमें पैरेंट्स की भागीदारी सुनिश्चित थी।

श्री सूद ने बताया कि कोर्ट में मामला पहले से सब-जुडिस है। फिर भी ये पुलिस के माध्यम से उन फीस माफियाओं को कवर फायर दे रहे हैं, जो नहीं चाहते कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। आज जब हम कानून बना रहे हैं तो वही लोग छुपे तरीके से इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन हम रुकेंगे नहीं।" अपने संबोधन के अंत में श्री सूद ने कहा, “हम खोखले वादों में विश्वास नहीं रखते। इन 100 दिनों में हमने छोटे-छोटे लेकिन ठोस कदम उठाकर गरीब कल्याण, शिक्षा सुधार, ऊर्जा सुलभता और कानून व्यवस्था में विश्वास की नींव रखी है। हम मोदी जी की नीति और दीनदयाल उपाध्याय जी के सिद्धांतों को आधार बनाकर दिल्ली को एक आदर्श शहर बनाएंगे।”

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दिल्ली विधानसभा को ‘लिविंग हेरिटेज साइट’ के रूप में विकसित करने में पूरा सहयोग करेगा केंद्र
अमिताभ बच्चन एवं ऐश्वर्या राय पसंद है : एरोल मस्क

पूरे भारत में 350 से अधिक शोरूम और नेपाल, भूटान और मालदीव में अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति के साथ, फेनेस्टा अपने उत्पादों के माध्यम से फेनेस्ट्रेशन उद्योग में मिसाल कायम करता रहा है। रोहिणी में शोरूम का शुभारंभ, भारत के प्रमुख शहरों में बेस्ट-इन-क्लास सेवा और नवाचार प्रदान करने की ब्रांड की प्रतिबद्धता में एक और बड़ा मुकाम है।

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रोहिणी में नया शोरूम लॉन्च होने के साथ दिल्ली में फेनेस्टा की उपस्थिति का विस्तार

पूरे भारत में 350 से अधिक शोरूम और नेपाल, भूटान और मालदीव में अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति के साथ, फेनेस्टा अपने उत्पादों के माध्यम से फेनेस्ट्रेशन उद्योग में मिसाल कायम करता रहा है। रोहिणी में शोरूम का शुभारंभ, भारत के प्रमुख शहरों में बेस्ट-इन-क्लास सेवा और नवाचार प्रदान करने की ब्रांड की प्रतिबद्धता में एक और बड़ा मुकाम है।

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इक्विटी विकल्पों के विपरीत, कॉइनस्विच के क्रिप्टो विकल्प बिना किसी बाजार बंद होने, प्रवेश के लिए कम बाधाओं और सुव्यवस्थित निष्पादन के साथ आते हैं, जो उन्हें अनुभवी व्यापारियों और डेरिवेटिव की खोज करने वाले नए उपयोगकर्ताओं दोनों के लिए एक विशिष्ट शक्तिशाली उपकरण बनाते हैं।

 

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कॉइनस्विच ने डेरिवेटिव ट्रेडिंग में नया मानक स्थापित किया

इक्विटी विकल्पों के विपरीत, कॉइनस्विच के क्रिप्टो विकल्प बिना किसी बाजार बंद होने, प्रवेश के लिए कम बाधाओं और सुव्यवस्थित निष्पादन के साथ आते हैं, जो उन्हें अनुभवी व्यापारियों और डेरिवेटिव की खोज करने वाले नए उपयोगकर्ताओं दोनों के लिए एक विशिष्ट शक्तिशाली उपकरण बनाते हैं।

 

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कॉमेडी हो या ड्रामा, अक्षय कुमार हर रोल में हैं फिट
मेहनतकश ,मजदूर और ईमानदार के लिए 2 जून की रोटी कामना हुआ मुश्किल: खोसला
RECPDCL ने WRNES तालेगांव पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड एसपीवी को अडानी एनर्जी को सौंपा
विपक्षी नेताओं ने कालका से पूछे सवाल, बिना तथ्यों के गुमराह करने पर दी चेतावनी

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए केशव चंद्रा ने कहा कि एनडीएमसी क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण में सबसे पहला चेहरा हमारे स्वच्छता सेवकों का है, जो इस क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने के लिए दिन-रात मेहनत से काम करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि आजकल एनडीएमसी चार कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसमें स्वच्छता, हरियाली, सड़कों और फुटपाथों का रखरखाव और अतिक्रमण मुक्त सार्वजनिक स्थान शामिल हैं। स्वास्थ्य, बागवानी, सिविल और प्रवर्तन विभाग की एक पूरी टीम बनाई गई है, जो रोजाना सुबह और शाम इन चारों कार्यों पर समन्वय से काम कर रही है। एनडीएमसी के इन विभागों की टीम पूरी लगन और उत्साह के साथ सक्रिय रूप से मैदान में उतरी हुई है, जिसका रुझान और परिणाम नई दिल्ली क्षेत्र में देखे जा सकते है।

एनएमडीसी की टीम का आह्वान करते हुए श्री चंद्रा ने कहा कि हमें हर दिन पूरे जोश और समर्पण के साथ काम करना होगा, ताकि एनडीएमसी अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप एक राजधानी की तरह स्वच्छता और हरियाली का एक सुंदर शहर बन सके। एनडीएमसी के चेयरमैन ने पर्यावरण जागरूकता को जमीनी स्तर पर कार्रवाई में बदलने के लिए रीसाइकिल मेला एक्शन किट - जागरूकता से कार्रवाई तक का विमोचन किया। समुदायों और संस्थानों को अपने स्वयं के रीसायकल मेला आयोजित करने में सक्षम बनाने के लिए, एनडीएमसी ने व्हाई वेस्ट वेडनसडे फाउंडेशन और अर्थ डे ऑर्गनाइजेशन के साथ मिलकर सेलस्मार्ट बाय एटेरो और 21 सेंचुरी पॉलीमर्स की साझेदारी में यह रीसायकल मेला एक्शन किट लॉन्च किया है।

यह किट प्लास्टिक कचरे, ई-कचरे और कागज के कचरे के संग्रह अभियान के संचालन के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करेगी, जो एक स्पष्ट चरण-दर-चरण योजना, टेम्पलेट और आउटरीच सामग्री प्रदान करता है। दुकानदारों के साथ-साथ बाजार के आगंतुकों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए कूड़ा मुक्त थीम वाले पोस्टर भी एनडीएमसी के अध्यक्ष द्वारा लॉन्च किए। ये पोस्टर दुकानदारों के बीच वितरित किए जाएंगे ताकि वे उन्हें अपनी दुकानों के प्रमुख स्थल पर जागरूकता के लिए चिपका सकें।एनडीएमसी के अध्यक्ष ने इस अवसर पर कॉनॉट प्लेस के आगंतुकों, दुकानदारों, स्वच्छता कर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों को स्वच्छ भारत हरित शपथ भी दिलाई।

उन्होंने बाज़ारों में खरीदारी करने आए लोगों के लिए बेहतर अनुभव बनाने के लिए बाज़ार क्षेत्र की गीली सफाई के लिए तीन ट्रॉलियाँ भी स्वच्छताकर्मियों को सौंपीं। एनडीएमसी कर्मचारियों, बाज़ार के दुकानदारों और निवासियों को ज़िम्मेदारी से कचरा इकट्ठा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए फ़्लायर्स भी वितरित किए गए। यहां उत्साही उपस्थिति और एकत्र की गई सामग्रियों की मात्रा ने स्थायी निपटान और संसाधन पुनर्प्राप्ति के प्रति बढ़ती सामुदायिक प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। पुनर्चक्रित विकल्पों को बढ़ावा देने और सराहना के संकेत के रूप में, व्हाई वेस्ट वेडनसडे फाउंडेशन द्वारा पुनर्चक्रित प्लास्टिक से बने स्मृति चिन्ह एनडीएमसी के अध्यक्ष और सचिव को भेंट किए गए।

एनडीएमसी को आशा है कि इन प्रयासों ने प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने की दिशा में एक सार्थक कदम को चिह्नित किया जा सकेगा, जो विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के लिए वैश्विक थीम है। इस कार्यक्रम ने जागरूकता, शिक्षा और भागीदारी कार्रवाई को सहजता से मिश्रित किया, जो अन्य संस्थानों और शहरी समुदायों के लिए अनुकरणीय मॉडल पेश करता है। नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देते हुए कई अपशिष्ट धाराओं - प्लास्टिक, कागज, ई-कचरा और एक्सपायर हो चुकी दवाओं के सुरक्षित निपटान और पुनर्चक्रण की सुविधा के लिए, एनडीएमसी नागरिकों से अपील करती है कि वे अपने घर के पुनर्चक्रण योग्य कचरे को रीसायकल मेले में जमा करने के लिए लाएँ और पुन: प्रयोग करने वाली सामग्री एकत्र करें।

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एनडीएमसी अध्यक्ष ने रीसाइकिल मेला एक्शन किट, बुकलेट और पोस्टर लॉन्च किए

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए केशव चंद्रा ने कहा कि एनडीएमसी क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण में सबसे पहला चेहरा हमारे स्वच्छता सेवकों का है, जो इस क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने के लिए दिन-रात मेहनत से काम करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि आजकल एनडीएमसी चार कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसमें स्वच्छता, हरियाली, सड़कों और फुटपाथों का रखरखाव और अतिक्रमण मुक्त सार्वजनिक स्थान शामिल हैं। स्वास्थ्य, बागवानी, सिविल और प्रवर्तन विभाग की एक पूरी टीम बनाई गई है, जो रोजाना सुबह और शाम इन चारों कार्यों पर समन्वय से काम कर रही है। एनडीएमसी के इन विभागों की टीम पूरी लगन और उत्साह के साथ सक्रिय रूप से मैदान में उतरी हुई है, जिसका रुझान और परिणाम नई दिल्ली क्षेत्र में देखे जा सकते है।

एनएमडीसी की टीम का आह्वान करते हुए श्री चंद्रा ने कहा कि हमें हर दिन पूरे जोश और समर्पण के साथ काम करना होगा, ताकि एनडीएमसी अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप एक राजधानी की तरह स्वच्छता और हरियाली का एक सुंदर शहर बन सके। एनडीएमसी के चेयरमैन ने पर्यावरण जागरूकता को जमीनी स्तर पर कार्रवाई में बदलने के लिए रीसाइकिल मेला एक्शन किट - जागरूकता से कार्रवाई तक का विमोचन किया। समुदायों और संस्थानों को अपने स्वयं के रीसायकल मेला आयोजित करने में सक्षम बनाने के लिए, एनडीएमसी ने व्हाई वेस्ट वेडनसडे फाउंडेशन और अर्थ डे ऑर्गनाइजेशन के साथ मिलकर सेलस्मार्ट बाय एटेरो और 21 सेंचुरी पॉलीमर्स की साझेदारी में यह रीसायकल मेला एक्शन किट लॉन्च किया है।

यह किट प्लास्टिक कचरे, ई-कचरे और कागज के कचरे के संग्रह अभियान के संचालन के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करेगी, जो एक स्पष्ट चरण-दर-चरण योजना, टेम्पलेट और आउटरीच सामग्री प्रदान करता है। दुकानदारों के साथ-साथ बाजार के आगंतुकों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए कूड़ा मुक्त थीम वाले पोस्टर भी एनडीएमसी के अध्यक्ष द्वारा लॉन्च किए। ये पोस्टर दुकानदारों के बीच वितरित किए जाएंगे ताकि वे उन्हें अपनी दुकानों के प्रमुख स्थल पर जागरूकता के लिए चिपका सकें।एनडीएमसी के अध्यक्ष ने इस अवसर पर कॉनॉट प्लेस के आगंतुकों, दुकानदारों, स्वच्छता कर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों को स्वच्छ भारत हरित शपथ भी दिलाई।

उन्होंने बाज़ारों में खरीदारी करने आए लोगों के लिए बेहतर अनुभव बनाने के लिए बाज़ार क्षेत्र की गीली सफाई के लिए तीन ट्रॉलियाँ भी स्वच्छताकर्मियों को सौंपीं। एनडीएमसी कर्मचारियों, बाज़ार के दुकानदारों और निवासियों को ज़िम्मेदारी से कचरा इकट्ठा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए फ़्लायर्स भी वितरित किए गए। यहां उत्साही उपस्थिति और एकत्र की गई सामग्रियों की मात्रा ने स्थायी निपटान और संसाधन पुनर्प्राप्ति के प्रति बढ़ती सामुदायिक प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। पुनर्चक्रित विकल्पों को बढ़ावा देने और सराहना के संकेत के रूप में, व्हाई वेस्ट वेडनसडे फाउंडेशन द्वारा पुनर्चक्रित प्लास्टिक से बने स्मृति चिन्ह एनडीएमसी के अध्यक्ष और सचिव को भेंट किए गए।

एनडीएमसी को आशा है कि इन प्रयासों ने प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने की दिशा में एक सार्थक कदम को चिह्नित किया जा सकेगा, जो विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के लिए वैश्विक थीम है। इस कार्यक्रम ने जागरूकता, शिक्षा और भागीदारी कार्रवाई को सहजता से मिश्रित किया, जो अन्य संस्थानों और शहरी समुदायों के लिए अनुकरणीय मॉडल पेश करता है। नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देते हुए कई अपशिष्ट धाराओं - प्लास्टिक, कागज, ई-कचरा और एक्सपायर हो चुकी दवाओं के सुरक्षित निपटान और पुनर्चक्रण की सुविधा के लिए, एनडीएमसी नागरिकों से अपील करती है कि वे अपने घर के पुनर्चक्रण योग्य कचरे को रीसायकल मेले में जमा करने के लिए लाएँ और पुन: प्रयोग करने वाली सामग्री एकत्र करें।

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हाल ही में शो की कहानियों में आधुनिक समाज की नई चुनौतियों को उभारा गया है। गोगी की सट्टेबाज़ी की लत हो या फिर 'पैसों की बारिश' ऐप से जुड़ा साइबर फ्रॉड TMKOC हर मुद्दे को आम लोगों की ज़िंदगी के नजरिए से पेश करता है। खास बात यह है कि 'पैसों की बारिश का ट्रैक, भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre) के साथ एक पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन का हिस्सा है।

इस कहानी में गोकुलधाम सोसाइटी के कई सदस्स, जिनमें तारक मेहता और अय्ार जैसे समझदार लोग भी शामिल हैं, एक चमकदार मोबाइल ऐप की चकाचौंध में आकर अपनी मेहनत की कमाई एक स्कीम में लगा देते हैं। शुरुआत में लगता है कि यह निवेश जल्द ही मोटा मुनाफा देगा, लेकिन कुछ ही दिनों में सच्चाई सामने आ जाती है कि यह एक बड़ा धोखा था। यह ट्रैक दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे आज का पढ़ा-लिखा मध्यमवर्ग भी डिजिटल ठगी का आसान शिकार बन सकता है।

इसके बावजूद शो अपनी पहचान बनाए रखते हुए हर गंभीर मुद्दे को हास्य और दिल को छू जाने वाले संवादों के ज़रिये पेश करता है। शो के निर्माता असित कुमार मोदी शुरू से लेकर आज तक शो की बागडोर संभालते आ रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ़ बदलते हुए कलाकारों और दर्शकों की पसंद को संभाला है, बल्कि शो के मूल संदेश को कभी डगमगाने नहीं दिया हर समस्या का हल संभव है, अगर नज़रिया सही हो।

धीरे-धीरे शो की कहानी मुख्य पात्रों से निकलकर एक ऐसेंबल (ensemble) फॉर्मेट की ओर बढ़ी है, जहां हर किरदार को बराबर महत्व दिया जा रहा है। टप्पू और सोनू के बड़े होते संबंधों की उलझन, गोगी की मानसिक उधेड़बुन, और अब तारक मेहता की निवेश संबंधी मुश्किलें ये सभी कहानियां यह दर्शाती हैं कि शो अपने दर्शकों के साथ-साथ बदलते समय को भी अपनाने की कोशिश कर रहा है।

हालांकि शो को लेकर समय-समय पर विवाद भी हुए हैं कलाकारों के जाने, सोशल मीडिया ट्रोलिंग और रचनात्मक आलोचनाओं को लेकर। फिर भी, TMKOC की टीम अपने विचारों पर अडिग रही है: हास्य, एकता और सकारात्मक सोच के साथ जिंदगी की हर चुनौती को पार करना। अब सवाल उठता है- क्या एक ऐसा कॉमेडी शो, जो आशा और उत्साह पर आधारित है, आज के तेजी से बदलते मीडिया परिदृश्य में खुद को फिर से प्रासंगिक बना सकता है? "तारक मेहता का उल्टा चश्मा" इस सवाल का जवाब हर नए ट्रैक के ज़रिये देता दिख रहा है हंसी, समझदारी और समाज के आईने के रूप में।

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तारक मेहता का उल्टा चश्मा" आम आदमी की नई चुनौतियों की कहानी, पुराने मूल्यों के साथ

हाल ही में शो की कहानियों में आधुनिक समाज की नई चुनौतियों को उभारा गया है। गोगी की सट्टेबाज़ी की लत हो या फिर 'पैसों की बारिश' ऐप से जुड़ा साइबर फ्रॉड TMKOC हर मुद्दे को आम लोगों की ज़िंदगी के नजरिए से पेश करता है। खास बात यह है कि 'पैसों की बारिश का ट्रैक, भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre) के साथ एक पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन का हिस्सा है।

इस कहानी में गोकुलधाम सोसाइटी के कई सदस्स, जिनमें तारक मेहता और अय्ार जैसे समझदार लोग भी शामिल हैं, एक चमकदार मोबाइल ऐप की चकाचौंध में आकर अपनी मेहनत की कमाई एक स्कीम में लगा देते हैं। शुरुआत में लगता है कि यह निवेश जल्द ही मोटा मुनाफा देगा, लेकिन कुछ ही दिनों में सच्चाई सामने आ जाती है कि यह एक बड़ा धोखा था। यह ट्रैक दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे आज का पढ़ा-लिखा मध्यमवर्ग भी डिजिटल ठगी का आसान शिकार बन सकता है।

इसके बावजूद शो अपनी पहचान बनाए रखते हुए हर गंभीर मुद्दे को हास्य और दिल को छू जाने वाले संवादों के ज़रिये पेश करता है। शो के निर्माता असित कुमार मोदी शुरू से लेकर आज तक शो की बागडोर संभालते आ रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ़ बदलते हुए कलाकारों और दर्शकों की पसंद को संभाला है, बल्कि शो के मूल संदेश को कभी डगमगाने नहीं दिया हर समस्या का हल संभव है, अगर नज़रिया सही हो।

धीरे-धीरे शो की कहानी मुख्य पात्रों से निकलकर एक ऐसेंबल (ensemble) फॉर्मेट की ओर बढ़ी है, जहां हर किरदार को बराबर महत्व दिया जा रहा है। टप्पू और सोनू के बड़े होते संबंधों की उलझन, गोगी की मानसिक उधेड़बुन, और अब तारक मेहता की निवेश संबंधी मुश्किलें ये सभी कहानियां यह दर्शाती हैं कि शो अपने दर्शकों के साथ-साथ बदलते समय को भी अपनाने की कोशिश कर रहा है।

हालांकि शो को लेकर समय-समय पर विवाद भी हुए हैं कलाकारों के जाने, सोशल मीडिया ट्रोलिंग और रचनात्मक आलोचनाओं को लेकर। फिर भी, TMKOC की टीम अपने विचारों पर अडिग रही है: हास्य, एकता और सकारात्मक सोच के साथ जिंदगी की हर चुनौती को पार करना। अब सवाल उठता है- क्या एक ऐसा कॉमेडी शो, जो आशा और उत्साह पर आधारित है, आज के तेजी से बदलते मीडिया परिदृश्य में खुद को फिर से प्रासंगिक बना सकता है? "तारक मेहता का उल्टा चश्मा" इस सवाल का जवाब हर नए ट्रैक के ज़रिये देता दिख रहा है हंसी, समझदारी और समाज के आईने के रूप में।

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हाल ही में शो की कहानियों में आधुनिक समाज की नई चुनौतियों को उभारा गया है। गोगी की सट्टेबाज़ी की लत हो या फिर 'पैसों की बारिश' ऐप से जुड़ा साइबर फ्रॉड TMKOC हर मुद्दे को आम लोगों की ज़िंदगी के नजरिए से पेश करता है। खास बात यह है कि 'पैसों की बारिश' का ट्रैक, भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले 14C (Indian Cyber Crime Coordination Centre) के साथ एक पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन का हिस्सा है।

इस कहानी में गोकुलधाम सोसाइटी के कई सदस्यु, जिनमें तारक मेहता और अय्यर जैसे समझदार लोग भी शामिल हैं, एक चमकदार मोबाइल ऐप की चकाचौंध में आकर अपनी मेहनत की कमाई एक स्कीम में लगा देते हैं। शुरुआत में लगता है कि यह निवेश जल्द ही मोटा मुनाफा देगा, लेकिन कुछ ही दिनों में सच्चाई सामने आ जाती है कि यह एक बड़ा धोखा था। यह ट्रैक दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे आज का पढ़ा-लिखा मध्य‌मवर्ग भी डिजिटल ठगी का आसान शिकार बन सकता है।

इसके बावजूद, शो अपनी पहचान बनाए रखते हुए हर गंभीर मुद्दे को हास्य और दिल को छू जाने वाले संवादों के ज़रिये पेश करता है। शो के निर्माता असित कुमार मोदी शुरू से लेकर आज तक शो की बागडोर संभालते आ रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ़ बदलते हुए कलाकारों और दर्शकों की पसंद को संभाला है, बल्कि शो के मूल संदेश को कभी डगमगाने नहीं दिया- हर समस्या का हल संभव है, अगर नज़रिया सही हो।

धीरे-धीरे शो की कहानी मुख्य पात्रों से निकलकर एक एसेंबल (ensemble) फॉर्मेट की ओर बढ़ी है, जहां हर किरदार को बराबर महत्त्व दिया जा रहा है। टप्पू और सोनू के बड़े होते संबंधों की उलझन, गोगी की मानसिक उधेड़बुन, और अब तारक मेहता की निवेश संबंधी मुश्किलें ये सभी कहानियां यह दर्शाती हैं कि शो अपने दर्शकों के साथ-साथ बदलते समय को भी अपनाने की कोशिश कर रहा है।

हालांकि शो को लेकर समय-समय पर विवाद भी हुए हैं कलाकारों के जाने, सोशल मीडिया ट्रोलिंग और रचनात्मक आलोचनाओं को लेकर। फिर भी, TMKOC की टीम अपने विचारों पर अडिग रही है: हास्यु, एकता और सकारात्मक सोच के साथ जिंदगी की हर चुनौती को पार करना। अब सवाल उठता है क्या एक ऐसा कॉमेडी शो, जो आशा और उत्साह पर आधारित है, आज के तेजी से बदलते मीडिया परिदृश्य में खुद को फिर से प्रासंगिक बना सकता है?

"तारक मेहता का उल्टा चश्मा" इस सवाल का जवाब हर नए ट्रैक के ज़रिये देता दिख रहा है हंसी, समझदारी और समाज के आईने के रूप में।

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तारक मेहता का उल्टा चश्मा" आम आदमी की नई चुनौतियों की कहानी, पुराने मूल्यों के साथ

हाल ही में शो की कहानियों में आधुनिक समाज की नई चुनौतियों को उभारा गया है। गोगी की सट्टेबाज़ी की लत हो या फिर 'पैसों की बारिश' ऐप से जुड़ा साइबर फ्रॉड TMKOC हर मुद्दे को आम लोगों की ज़िंदगी के नजरिए से पेश करता है। खास बात यह है कि 'पैसों की बारिश' का ट्रैक, भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले 14C (Indian Cyber Crime Coordination Centre) के साथ एक पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन का हिस्सा है।

इस कहानी में गोकुलधाम सोसाइटी के कई सदस्यु, जिनमें तारक मेहता और अय्यर जैसे समझदार लोग भी शामिल हैं, एक चमकदार मोबाइल ऐप की चकाचौंध में आकर अपनी मेहनत की कमाई एक स्कीम में लगा देते हैं। शुरुआत में लगता है कि यह निवेश जल्द ही मोटा मुनाफा देगा, लेकिन कुछ ही दिनों में सच्चाई सामने आ जाती है कि यह एक बड़ा धोखा था। यह ट्रैक दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे आज का पढ़ा-लिखा मध्य‌मवर्ग भी डिजिटल ठगी का आसान शिकार बन सकता है।

इसके बावजूद, शो अपनी पहचान बनाए रखते हुए हर गंभीर मुद्दे को हास्य और दिल को छू जाने वाले संवादों के ज़रिये पेश करता है। शो के निर्माता असित कुमार मोदी शुरू से लेकर आज तक शो की बागडोर संभालते आ रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ़ बदलते हुए कलाकारों और दर्शकों की पसंद को संभाला है, बल्कि शो के मूल संदेश को कभी डगमगाने नहीं दिया- हर समस्या का हल संभव है, अगर नज़रिया सही हो।

धीरे-धीरे शो की कहानी मुख्य पात्रों से निकलकर एक एसेंबल (ensemble) फॉर्मेट की ओर बढ़ी है, जहां हर किरदार को बराबर महत्त्व दिया जा रहा है। टप्पू और सोनू के बड़े होते संबंधों की उलझन, गोगी की मानसिक उधेड़बुन, और अब तारक मेहता की निवेश संबंधी मुश्किलें ये सभी कहानियां यह दर्शाती हैं कि शो अपने दर्शकों के साथ-साथ बदलते समय को भी अपनाने की कोशिश कर रहा है।

हालांकि शो को लेकर समय-समय पर विवाद भी हुए हैं कलाकारों के जाने, सोशल मीडिया ट्रोलिंग और रचनात्मक आलोचनाओं को लेकर। फिर भी, TMKOC की टीम अपने विचारों पर अडिग रही है: हास्यु, एकता और सकारात्मक सोच के साथ जिंदगी की हर चुनौती को पार करना। अब सवाल उठता है क्या एक ऐसा कॉमेडी शो, जो आशा और उत्साह पर आधारित है, आज के तेजी से बदलते मीडिया परिदृश्य में खुद को फिर से प्रासंगिक बना सकता है?

"तारक मेहता का उल्टा चश्मा" इस सवाल का जवाब हर नए ट्रैक के ज़रिये देता दिख रहा है हंसी, समझदारी और समाज के आईने के रूप में।

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कार्यक्रम में पर्यावरण गतिविधियों के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. जे. आर. भट्ट ने विषय प्रवर्तन करते सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान पर प्रकाश डालते हुए इससे मुक्ति के लिए जन-जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया साथ ही उन्होंने “वसुधैव कुटुंबकम्” के सिद्धांत को केंद्र में रखते हुए प्रकृति और समस्त जीवों के प्रति करुणा का संदेश दिया। दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ प्लानिंग प्रो. निरंजन कुमार ने अपने व्यक्तव्य में भारतीय व पाश्चात्य दृष्टिकोणों की तुलनात्मक व्याख्या की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रकृति पूज्य रही है । जबकि पश्चिमी सभ्यता में उपभोग की प्रवृत्ति प्रमुख रही है। उन्होंने दैनिक जीवन में जल व ऊर्जा संरक्षण के सरल लेकिन प्रभावी उपायों जैसे एयर कंडीशनर का तापमान 27°C पर रखने, पानी का अपव्यय रोकने जैसे सामान्य मगर सबसे उपयोगी आदतों को प्रतिदिन के व्यवहार में शामिल करने पर बल दिया।

कार्यक्रम में भारत विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह; क्षेत्रीय महासचिव राकेश शर्मा और दिल्ली विश्वविद्यालय एवं अन्य महाविद्यालयों के प्राध्यापकों के अलावा दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न क्षेत्रों से आए 200 से अधिक पर्यावरण प्रेमियों एवं कार्यकर्ताओं ने सहभागिता की। पर्यावरण केंद्रित यह संगोष्ठी न केवल ज्ञानवर्धक रही, अपितु इसने उपस्थित लोगों में पर्यावरण संरक्षण हेतु नई चेतना का संचार किया ।

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पर्यावरण भारतीय संस्कृति में ही निहित है :- प्रो. बालराम पाणि

कार्यक्रम में पर्यावरण गतिविधियों के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. जे. आर. भट्ट ने विषय प्रवर्तन करते सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान पर प्रकाश डालते हुए इससे मुक्ति के लिए जन-जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया साथ ही उन्होंने “वसुधैव कुटुंबकम्” के सिद्धांत को केंद्र में रखते हुए प्रकृति और समस्त जीवों के प्रति करुणा का संदेश दिया। दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ प्लानिंग प्रो. निरंजन कुमार ने अपने व्यक्तव्य में भारतीय व पाश्चात्य दृष्टिकोणों की तुलनात्मक व्याख्या की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रकृति पूज्य रही है । जबकि पश्चिमी सभ्यता में उपभोग की प्रवृत्ति प्रमुख रही है। उन्होंने दैनिक जीवन में जल व ऊर्जा संरक्षण के सरल लेकिन प्रभावी उपायों जैसे एयर कंडीशनर का तापमान 27°C पर रखने, पानी का अपव्यय रोकने जैसे सामान्य मगर सबसे उपयोगी आदतों को प्रतिदिन के व्यवहार में शामिल करने पर बल दिया।

कार्यक्रम में भारत विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह; क्षेत्रीय महासचिव राकेश शर्मा और दिल्ली विश्वविद्यालय एवं अन्य महाविद्यालयों के प्राध्यापकों के अलावा दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न क्षेत्रों से आए 200 से अधिक पर्यावरण प्रेमियों एवं कार्यकर्ताओं ने सहभागिता की। पर्यावरण केंद्रित यह संगोष्ठी न केवल ज्ञानवर्धक रही, अपितु इसने उपस्थित लोगों में पर्यावरण संरक्षण हेतु नई चेतना का संचार किया ।

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स्टोरी प्लॉट

नितिन एक फिजिक्स टीचर है , वाइफ हाउस वाइफ और इकलौती बेटी एक नामी महंगे स्कूल में पढ़ती है, कहानी में टर्न उस वक्त आता है जब नितिन यह देखता है कि उनकी बेटी को स्कूल की किताबों में जो इतिहास पढ़ाया जा रहा है वो पूरी तरह गलत है लुटेरे मुगल शासकों को हीरो बताया जा रहा है तब नितिन इस सिस्टम को बदलने की मुहिम शुरू करता है क्या नितिन की यह मुहिम सफल हो पाती है या नहीं??? इस फिल्म देखते हुए आपको पता लगता है कि भारत का इतिहास अत्यंत समृद्धि एवं वैभवशाली रहा है, उतना प्राचीन है जब ग्रीक, रोम, माया या मिस्र जैसी सभ्यताओं का अस्तित्व नही था, भारत में उपनिषद, विज्ञान, गणित, खगोल, औषधि, संगीत और नाट्य के सिद्धांत गढ़ दिए थे। ऐसे में फिल्म में एक सवाल है कि ऐसे में वह कौन सा भारत है जिसकी खोज 1498 मे वास्को डि गामा ने की थी? क्या तत्कालीन सरकार मे बैठे नेता अब इस षडयंत्रकारी इतिहास के पुलिंदे की पोल क्यों नहीं खोलते जिसमें आवश्यकता दिखाई देती है, और अब यही कार्य मनप्रीत सिंह धामी ने अपनी फिल्म "His Story of Itihaas" में किया है।

ओवर ऑल

यह एक ऐसी फिल्म जो सिर्फ इतिहास के पाठ्यक्रम को नहीं, बल्कि वामपंथी एजुकेशन सिस्टम का पर्दाफाश करती है। फिल्म के सभी किरदारों को फिल्म के कलाकारों ने स्क्रीन पर अपने दमदार अभिनय से जीवंत कर दिखाया है, योगेन्द्र टिक्कू के अभिनय का जवाब नहीं, अंकुल विकल किशा आरोड़ा और आकांक्षा पांडे सभी अपने किरदार में फिट है। निर्देशन स्क्रीनप्ले के अनुकूल है।

 

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मूवी रिव्यू : हिज स्टोरी ऑफ इतिहास

स्टोरी प्लॉट

नितिन एक फिजिक्स टीचर है , वाइफ हाउस वाइफ और इकलौती बेटी एक नामी महंगे स्कूल में पढ़ती है, कहानी में टर्न उस वक्त आता है जब नितिन यह देखता है कि उनकी बेटी को स्कूल की किताबों में जो इतिहास पढ़ाया जा रहा है वो पूरी तरह गलत है लुटेरे मुगल शासकों को हीरो बताया जा रहा है तब नितिन इस सिस्टम को बदलने की मुहिम शुरू करता है क्या नितिन की यह मुहिम सफल हो पाती है या नहीं??? इस फिल्म देखते हुए आपको पता लगता है कि भारत का इतिहास अत्यंत समृद्धि एवं वैभवशाली रहा है, उतना प्राचीन है जब ग्रीक, रोम, माया या मिस्र जैसी सभ्यताओं का अस्तित्व नही था, भारत में उपनिषद, विज्ञान, गणित, खगोल, औषधि, संगीत और नाट्य के सिद्धांत गढ़ दिए थे। ऐसे में फिल्म में एक सवाल है कि ऐसे में वह कौन सा भारत है जिसकी खोज 1498 मे वास्को डि गामा ने की थी? क्या तत्कालीन सरकार मे बैठे नेता अब इस षडयंत्रकारी इतिहास के पुलिंदे की पोल क्यों नहीं खोलते जिसमें आवश्यकता दिखाई देती है, और अब यही कार्य मनप्रीत सिंह धामी ने अपनी फिल्म "His Story of Itihaas" में किया है।

ओवर ऑल

यह एक ऐसी फिल्म जो सिर्फ इतिहास के पाठ्यक्रम को नहीं, बल्कि वामपंथी एजुकेशन सिस्टम का पर्दाफाश करती है। फिल्म के सभी किरदारों को फिल्म के कलाकारों ने स्क्रीन पर अपने दमदार अभिनय से जीवंत कर दिखाया है, योगेन्द्र टिक्कू के अभिनय का जवाब नहीं, अंकुल विकल किशा आरोड़ा और आकांक्षा पांडे सभी अपने किरदार में फिट है। निर्देशन स्क्रीनप्ले के अनुकूल है।

 

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क्रॉम्प्टन ने पेश किया अपना स्कल्प्टेड मार्वल - साइलेंटप्रो फ्लूइडो सीरीज

टीसीएल इन्फोटेक टूल्स और ऑटोमेशन में अग्रणी बना हुआ है और इंडस्ट्री 4.0 की बेस्ट प्रैक्टिसेज को अपनाकर हमारी प्रतिस्पर्धी बढ़त को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।"

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तांबोली कास्टिंग्स ने CII नेशनल बेस्ट प्रैक्टिसेज अवॉर्ड जीता

टीसीएल इन्फोटेक टूल्स और ऑटोमेशन में अग्रणी बना हुआ है और इंडस्ट्री 4.0 की बेस्ट प्रैक्टिसेज को अपनाकर हमारी प्रतिस्पर्धी बढ़त को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।"

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राज कुंद्रा बने करण जौहर के रियलिटी शो ‘ट्रेटर्स’ के सबसे ज्यादा फीस पाने वाले अभिनेता

नफ़रतें से आर्यन कुमार बॉलीवुड में अपना डेब्यू कर रहे हैं, और उनके इस प्रभावशाली लुक ने पहले ही फैन्स और सिनेप्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। फिल्म में आर्यन के अपोज़िट नज़र आएंगी एक्ट्रेस तनिष्क तिवारी। फिल्म का निर्देशन जॉय भट्टाचार्य और उनकी टीम ने किया है, जबकि निर्माण महेंद्र धारीवाल ने किया है — जो भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक जाना-पहचाना नाम हैं। पोस्टर से यह साफ है कि फिल्म एक रॉ और ग्रिट्टी एक्शन ड्रामा होगी, जिसमें बदले, बदलाव और भावनात्मक उथल-पुथल जैसे गहरे विषयों को छुआ जाएगा।

फिल्म का संगीत संजीव चतुर्वेदी ने दिया है और पूरी टीम इस प्रोजेक्ट को एक यादगार सिनेमाई अनुभव बनाने की दिशा में काम कर रही है। ‘नफ़रतें’ इस गर्मियों में सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है। सिर्फ पोस्टर से ही जिस तरह का क्रेज़ बना है, वह आर्यन कुमार की डेब्यू फिल्म और ‘नफ़रतें’ की संभावनाओं को लेकर उत्सुकता को दर्शाता है। अगर फिल्म ने अपने विज़ुअल वादों को निभाया, तो यह नया सितारा इंडस्ट्री में तहलका मचा सकता है।

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आर्यन कुमार की जबरदस्त डेब्यू फिल्म 'नफ़रतें' का दमदार पोस्टर रिलीज़, दिखा इंटेंस अंदाज़

नफ़रतें से आर्यन कुमार बॉलीवुड में अपना डेब्यू कर रहे हैं, और उनके इस प्रभावशाली लुक ने पहले ही फैन्स और सिनेप्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। फिल्म में आर्यन के अपोज़िट नज़र आएंगी एक्ट्रेस तनिष्क तिवारी। फिल्म का निर्देशन जॉय भट्टाचार्य और उनकी टीम ने किया है, जबकि निर्माण महेंद्र धारीवाल ने किया है — जो भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक जाना-पहचाना नाम हैं। पोस्टर से यह साफ है कि फिल्म एक रॉ और ग्रिट्टी एक्शन ड्रामा होगी, जिसमें बदले, बदलाव और भावनात्मक उथल-पुथल जैसे गहरे विषयों को छुआ जाएगा।

फिल्म का संगीत संजीव चतुर्वेदी ने दिया है और पूरी टीम इस प्रोजेक्ट को एक यादगार सिनेमाई अनुभव बनाने की दिशा में काम कर रही है। ‘नफ़रतें’ इस गर्मियों में सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है। सिर्फ पोस्टर से ही जिस तरह का क्रेज़ बना है, वह आर्यन कुमार की डेब्यू फिल्म और ‘नफ़रतें’ की संभावनाओं को लेकर उत्सुकता को दर्शाता है। अगर फिल्म ने अपने विज़ुअल वादों को निभाया, तो यह नया सितारा इंडस्ट्री में तहलका मचा सकता है।

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qpositive@am.amrita.edu

यह वैश्विक स्तर पर समन्वित प्रतियोगिता उन सभी के लिए एक अनूठा अवसर है जो अपनी सामान्य ज्ञान की क्षमता को अंतरराष्ट्रीय मंच पर परखना चाहते हैं।

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वर्ल्ड क्विज़ चैंपियनशिप 2025 – अमृता विश्व विद्यापीठम फरीदाबाद परिसर बनेगा आधिकारिक केंद्र
qpositive@am.amrita.edu

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दिल्ली को ग्रीन एनर्जी कैपिटल बनाने के लिए दिल्ली सरकार हर संभव प्रयास कर रही है - ऊर्जा मंत्री

सोहेल खान ने कहा, "बीइंग ह्यूमन की शुरुआत से ही यह केवल फैशन नहीं था – यह करुणा, जुड़ाव और समुदाय की भावना का प्रतीक था। दिल्ली में खुला यह नया स्टोर इन्हीं मूल्यों का प्रतिबिंब है, जहां लोग दिल से खरीदारी कर दूसरों की जिंदगी में बदलाव ला सकते हैं।" इस स्टोर की लॉन्चिंग बीइंग ह्यूमन के उस मिशन की नई पहचान है जिसमें फैशन को बदलाव का जरिया बनाया गया है। हर खरीदारी के साथ ग्राहक उन पहलों में भागीदार बनते हैं जो समाज के वंचित वर्गों को सहारा और सशक्तिकरण देती हैं। यह स्टोर इस सोच का प्रमाण है कि स्टाइल और उद्देश्य साथ-साथ चल सकते हैं, फैशन जो अच्छा दिखे और अच्छा काम भी करे।

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बीइंग ह्यूमन क्लोदिंग ने दिल्ली में नया स्टोर खोला, राजधानी में दिल से जुड़ी फैशन की कहानी

सोहेल खान ने कहा, "बीइंग ह्यूमन की शुरुआत से ही यह केवल फैशन नहीं था – यह करुणा, जुड़ाव और समुदाय की भावना का प्रतीक था। दिल्ली में खुला यह नया स्टोर इन्हीं मूल्यों का प्रतिबिंब है, जहां लोग दिल से खरीदारी कर दूसरों की जिंदगी में बदलाव ला सकते हैं।" इस स्टोर की लॉन्चिंग बीइंग ह्यूमन के उस मिशन की नई पहचान है जिसमें फैशन को बदलाव का जरिया बनाया गया है। हर खरीदारी के साथ ग्राहक उन पहलों में भागीदार बनते हैं जो समाज के वंचित वर्गों को सहारा और सशक्तिकरण देती हैं। यह स्टोर इस सोच का प्रमाण है कि स्टाइल और उद्देश्य साथ-साथ चल सकते हैं, फैशन जो अच्छा दिखे और अच्छा काम भी करे।

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