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विश्व गुरु का गौरवमय उत्सव: चंद्रोदय मंदिर में भक्तिसागर उमड़ा
जैन मील डे के माध्यम से संयम और सात्विकता को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का संकल्प

धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी की परंपरा

भारत में कई पवित्र स्थलों पर वर्षों से शराब पर पूर्ण प्रतिबंध है। वाराणसी के कुछ हिस्सों में, हरिद्वार, मथुरा के कुछ क्षेत्रों में, पुष्कर (राजस्थान) जैसे तीर्थों में शराब और मांस दोनों प्रतिबंधित हैं। यह न केवल धार्मिक मर्यादा बनाए रखने के लिए है, बल्कि तीर्थ का वातावरण निर्मल और सुरक्षित रखने के लिए भी है। वृंदावन का महत्व तो इन सब में अद्वितीय है। यह श्रीधाम है। वैष्णव संस्कृति का हृदय स्थल है। यहाँ तो शराबबंदी और भी अधिक आवश्यक है।

 

सरकार और समाज की साझी जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अतीत में कई धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों पर सुधार और संरक्षण के लिए सख्त कदम उठाए हैं। वृंदावन में शराबबंदी लागू करना इसी दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम होगा। परंतु यह केवल सरकार का कार्य नहीं है। यह प्रत्येक वृंदावनवासी, हर दुकानदार, हर संगठन और हर श्रद्धालु का कर्तव्य है कि वे इस मुहिम में सहयोग करें और नशामुक्त वातावरण बनाए रखने के लिए संकल्प लें।

अब कार्यवाही का समय है

हाल ही में घटी दुखद घटना ने हमें जगा दिया है। लेकिन हमें केवल शोक तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इसका ठोस समाधान निकालना चाहिए। वृंदावन में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध न केवल अपराध और दुर्घटनाओं को रोकने का उपाय है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, आस्था और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य उपहार भी होगा। आइए, हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करें कि इस पावन धाम की पहचान केवल प्रेम, सेवा और शांति से ही हो और कभी भी शराब जैसी विनाशकारी चीज़ से नहीं।

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प्रदीप कुमार का आलेख : वृंदावन में शराबबंदी-पवित्र धाम की पवित्रता की रक्षा का समय

धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी की परंपरा

भारत में कई पवित्र स्थलों पर वर्षों से शराब पर पूर्ण प्रतिबंध है। वाराणसी के कुछ हिस्सों में, हरिद्वार, मथुरा के कुछ क्षेत्रों में, पुष्कर (राजस्थान) जैसे तीर्थों में शराब और मांस दोनों प्रतिबंधित हैं। यह न केवल धार्मिक मर्यादा बनाए रखने के लिए है, बल्कि तीर्थ का वातावरण निर्मल और सुरक्षित रखने के लिए भी है। वृंदावन का महत्व तो इन सब में अद्वितीय है। यह श्रीधाम है। वैष्णव संस्कृति का हृदय स्थल है। यहाँ तो शराबबंदी और भी अधिक आवश्यक है।

 

सरकार और समाज की साझी जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अतीत में कई धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों पर सुधार और संरक्षण के लिए सख्त कदम उठाए हैं। वृंदावन में शराबबंदी लागू करना इसी दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम होगा। परंतु यह केवल सरकार का कार्य नहीं है। यह प्रत्येक वृंदावनवासी, हर दुकानदार, हर संगठन और हर श्रद्धालु का कर्तव्य है कि वे इस मुहिम में सहयोग करें और नशामुक्त वातावरण बनाए रखने के लिए संकल्प लें।

अब कार्यवाही का समय है

हाल ही में घटी दुखद घटना ने हमें जगा दिया है। लेकिन हमें केवल शोक तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इसका ठोस समाधान निकालना चाहिए। वृंदावन में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध न केवल अपराध और दुर्घटनाओं को रोकने का उपाय है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, आस्था और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य उपहार भी होगा। आइए, हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करें कि इस पावन धाम की पहचान केवल प्रेम, सेवा और शांति से ही हो और कभी भी शराब जैसी विनाशकारी चीज़ से नहीं।

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ऑल इंडिया किसान यूनियन की महारैली संपन्न,अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी 
गढ़ी सोना में धरना जारी : एक मांग पर जल निगम ने शुरू किया काम, खुशी की लहर
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एआईएमसीइए ने सेवानिवृत राकेश वर्मा के स्वागत सम्मान में किया भव्य कार्यक्रम
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दिल्ली का अपना, सबसे बड़ा फिल्म फेस्टिवल: सेलिब्रेटिंग इंडिया फिल्म फेस्टिवल
माइक्रोस्कोपिक डेंटल सर्जरी वर्कशॉप का आयोजन

रोल्स रॉयस- समाधान के तहत एमटीयू काइनेटिक पावरपैक के एप्लिकेशन सेल्स मैनेजर यवेस जानसेन ने डायनामिक यूपीएस सिस्टम्स पर प्रभावी प्रस्तुति दी, जिसमें बताया गया कि कैसे गतिज ऊर्जा संवेदनशील प्रक्रियाओं और उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। उद्योग के नेताओं और विशेषज्ञों जैसे नयंदीप बनर्जी (पोंड रिकार्ड इंडिया), स्वाति गुप्ता (एमवे), प्रोफेसर कीर्तिराज के. गायकवाड़ (आईआईटी रुड़की), रजत वाही (उपभोक्ता उत्पाद और रिटेल विशेषज्ञ),और शैलेन्द्र सिंह (सस्टेन मंत्रा) ने इस मंच को गहन दृष्टिकोण और क्रियाशील विचारों से समृद्ध किया। उनके सामूहिक अनुभव ने भविष्य के लिए तैयार रहने, स्थिरता और उपभोक्ता-केंद्रित डिज़ाइन से संबंधित चर्चाओं में गहराई और दिशा प्रदान की।

बीकानेर वाला के सीईओ सुरेश गोयल ने बताया कि खाद्य और पेय, व्यक्तिगत देखभाल, खुदरा, लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख हितधारकों की भागीदारी के साथ, पैकेप्लस- 2025 सहयोग और व्यापार विकास के लिए एक रणनीतिक मंच प्रदान करता है। आरएक्स इंडिया की बाजारों को जोड़ने और नवाचार को बढ़ावा देने की निरंतर प्रतिबद्धता इस वर्ष के आयोजन के पैमाने और विविधता में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है, जिससे यह भारत के पैकेजिंग पारिस्थितिकी तंत्र में प्रगति का एक प्रमुख कारक बन गया है।

आरएक्स इंडिया के कंट्री हेड उमंग गुप्ता ने कहा, "पैक प्लस दिल्ली अपने तीन दिवसीय भारतमंडपम,के 19वें संस्करण में इस वर्ष हमारे खरीदारों के लिए कुछ सबसे नवीन, लागत प्रभावी और टिकाऊ तकनीकी समाधान लेकर आया है। इस बार के शो में देशी और अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रकार के आपूर्तिकर्ताओं के समाधान मौजूद हैं, जो खरीदारों को विविध प्रकार के पैकेजिंग विकल्प प्रदान करेंगे। पैकेजिंग उद्योग तेजी से बदलते मानकों, कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के फोकस और लागत दबावों के बीच उल्लेखनीय रूप से विकसित हो रहा है, और ऐसे में पैकेप्लस दिल्ली औद्योगिक ग्राहकों को सबसे अनुकूल कीमतों पर पैकेजिंग समाधान हासिल करने में सक्षम बनाता है।

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पैकेजिंग उद्योग के भविष्य की झलक प्रस्तुत करता भारत मंडपम पैकेप्लस-2025

रोल्स रॉयस- समाधान के तहत एमटीयू काइनेटिक पावरपैक के एप्लिकेशन सेल्स मैनेजर यवेस जानसेन ने डायनामिक यूपीएस सिस्टम्स पर प्रभावी प्रस्तुति दी, जिसमें बताया गया कि कैसे गतिज ऊर्जा संवेदनशील प्रक्रियाओं और उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। उद्योग के नेताओं और विशेषज्ञों जैसे नयंदीप बनर्जी (पोंड रिकार्ड इंडिया), स्वाति गुप्ता (एमवे), प्रोफेसर कीर्तिराज के. गायकवाड़ (आईआईटी रुड़की), रजत वाही (उपभोक्ता उत्पाद और रिटेल विशेषज्ञ),और शैलेन्द्र सिंह (सस्टेन मंत्रा) ने इस मंच को गहन दृष्टिकोण और क्रियाशील विचारों से समृद्ध किया। उनके सामूहिक अनुभव ने भविष्य के लिए तैयार रहने, स्थिरता और उपभोक्ता-केंद्रित डिज़ाइन से संबंधित चर्चाओं में गहराई और दिशा प्रदान की।

बीकानेर वाला के सीईओ सुरेश गोयल ने बताया कि खाद्य और पेय, व्यक्तिगत देखभाल, खुदरा, लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख हितधारकों की भागीदारी के साथ, पैकेप्लस- 2025 सहयोग और व्यापार विकास के लिए एक रणनीतिक मंच प्रदान करता है। आरएक्स इंडिया की बाजारों को जोड़ने और नवाचार को बढ़ावा देने की निरंतर प्रतिबद्धता इस वर्ष के आयोजन के पैमाने और विविधता में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है, जिससे यह भारत के पैकेजिंग पारिस्थितिकी तंत्र में प्रगति का एक प्रमुख कारक बन गया है।

आरएक्स इंडिया के कंट्री हेड उमंग गुप्ता ने कहा, "पैक प्लस दिल्ली अपने तीन दिवसीय भारतमंडपम,के 19वें संस्करण में इस वर्ष हमारे खरीदारों के लिए कुछ सबसे नवीन, लागत प्रभावी और टिकाऊ तकनीकी समाधान लेकर आया है। इस बार के शो में देशी और अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रकार के आपूर्तिकर्ताओं के समाधान मौजूद हैं, जो खरीदारों को विविध प्रकार के पैकेजिंग विकल्प प्रदान करेंगे। पैकेजिंग उद्योग तेजी से बदलते मानकों, कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के फोकस और लागत दबावों के बीच उल्लेखनीय रूप से विकसित हो रहा है, और ऐसे में पैकेप्लस दिल्ली औद्योगिक ग्राहकों को सबसे अनुकूल कीमतों पर पैकेजिंग समाधान हासिल करने में सक्षम बनाता है।

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दिल्ली कमेटी गुरूद्वारे के खर्चे पर आयी गाड़ियों क़ो टेक्सी के रूप मे चलाया जा रहा है:जसमीत सिंह
प्राइमलेज़ ने पेश की क्रांतिकारी जर्मन Q-स्विच्ड Nd:YAG टेक्नोलॉजी

मेघना गुलज़ार द्वारा निर्देशित 'सैम बहादुर' भारत के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की यात्रा पर आधारित है, जिसमें फातिमा सना शेख श्रीमती इंदिरा गांधी की भूमिका निभाकर कहानी में गहराई जोड़ती हैं। उन्होंने अपने अभिनय में न सिर्फ संजीदगी और गंभीरता दिखाई, बल्कि इस किरदार को बेहद विश्वसनीय ढंग से निभाया। दर्शकों और समीक्षकों ने भी उनके प्रदर्शन की खूब सराहना की, जिसने उनकी अभिनय क्षमता और बहुमुखी प्रतिभा को एक बार फिर उजागर किया।

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71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: 'सैम बहादुर' को तीन सम्मान मिलने पर झूम उठीं फातिमा सना शेख

मेघना गुलज़ार द्वारा निर्देशित 'सैम बहादुर' भारत के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की यात्रा पर आधारित है, जिसमें फातिमा सना शेख श्रीमती इंदिरा गांधी की भूमिका निभाकर कहानी में गहराई जोड़ती हैं। उन्होंने अपने अभिनय में न सिर्फ संजीदगी और गंभीरता दिखाई, बल्कि इस किरदार को बेहद विश्वसनीय ढंग से निभाया। दर्शकों और समीक्षकों ने भी उनके प्रदर्शन की खूब सराहना की, जिसने उनकी अभिनय क्षमता और बहुमुखी प्रतिभा को एक बार फिर उजागर किया।

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एक्सेल एंटरटेनमेंट और ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज़ पेश करेंगे ‘120 बहादुर’ का टीज़र
गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस मनाने के लिए शिरोमणि कमेटी बड़े भाई की भूमिका निभाए  
समीक्षक : प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन- लहू बोलता भी है 
शारदा केयर में युवा गैर-धूम्रपानकर्ता का उन्नत एडेनोकार्सिनोमा का इलाज
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शिव की महिमा से गूंजा हरदुआगंज, भक्तों ने भजनों पर लगाए भक्ति में ठुमके
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REC आईएसओ 31000:2018 प्रमाणन प्राप्त करने वाली पहली पीएसयू एनबीएफसी बनी
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महावतार नरसिम्हा ने शुक्रवार से रविवार तक कमाई में देखा 400% उछाल
SIR के नाम पर हो रही वोट चोरी की ये साज़िश बर्दाश्त नहीं करेंगे :  उदय भानु चिब
ओरा फाईन ज्वेलरी का ‘डायमंड फेस्टिवल’ हुआ शुरू, बेहतर डिस्काउंट के साथ
त्याग, समर्पण और वीरता के मूल्यों से ही ‘अखण्ड भारत’ का होगा निर्माण : डॉ. जितेन्द्र सिंह

एनडीएमसी के स्वच्छता अभियान का मुख्य उद्देश्य नागरिक उत्तरदायित्व को दर्शाने वाले कार्यों के माध्यम से भारत की स्वतंत्रता का स्मरण करना, नागरिकों में एक स्वच्छ और हरित नई दिल्ली के प्रति स्वामित्व की भावना जगाना और सहभागी एवं रचनात्मक पहलों के माध्यम से व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देना है। 'स्वच्छता से स्वतंत्रता तक' अभियान के प्रमुख घटक स्वच्छता अभियान, जागरूकता अभियान, सांस्कृतिक और सामुदायिक कार्यक्रम, सौंदर्यीकरण अभियान और स्वच्छता योद्धाओं को नायक के रूप में मान्यता और सम्मान प्रदान करना हैं। एनडीएमसी के स्वच्छता अभियान के सभी घटकों में स्कूलों, बाजारों, कॉलोनियों, कार्यालयों और धार्मिक स्थलों में गहन सफाई अभियान भी शामिल हैं। जागरूकता अभियान - रैलियों, पोस्टरों, सोशल मीडिया और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी)के माध्यम से किये जायेंगे ।

इस अभियान में सांस्कृतिक और सामुदायिक कार्यक्रम भी शामिल हैं, जिनमें प्रदर्शनियाँ, निबंध प्रतियोगिताएँ, प्लॉगिंग अभियान, "मेरा शहर साफ़ करो" मार्च और सामुदायिक प्रतिज्ञाएँ शामिल हैं। सौंदर्यीकरण अभियान - "एक पेड़ माँ के नाम" थीम पर वृक्षारोपण, भित्तिचित्र प्रतियोगिताएँ और दीवार पर कला स्थापनाएँ - इस अभियान की आउटरीच गतिविधियाँ होगी । स्वच्छता अभियान में स्वच्छता नायकों का सम्मान और अभिनंदन भी शामिल था, जिसमें सफाई कर्मचारियों, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले स्कूलों, हरित चैंपियन और उत्कृष्ट पहलों को सम्मानित करना शामिल रहेगा।

"स्वच्छता से स्वतंत्रता तक" थीम के साथ स्वतंत्रता दिवस के एक महीने तक चलने वाले इस स्वच्छता  समारोह को मनाने के लिए, कार्यक्रमों और गतिविधियों का एक व्यापक कैलेंडर सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है। प्रत्येक विभाग को विशिष्ट ज़िम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं, ताकि स्वच्छता और स्वतंत्रता की भावना को बढ़ावा देने में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। ये गतिविधियाँ विभागाध्यक्षों और नामित जोनल अधिकारियों के समन्वय में संचालित की जाएँगी, जिससे स्वतंत्रता माह के दौरान नई दिल्ली क्षेत्र में स्वच्छता अभियान को मज़बूती मिलेगी।

नई दिल्ली नगरपालिका परिषद का स्वास्थ्य विभाग, धार्मिक स्थलों और जेजे क्लस्टर जैसे अधिक भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में आरडब्ल्यूए और एमटीए के साथ-साथ गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर प्लॉगिंग अभियान चलाएगा, जिसमें सिंगल उसे प्लास्टिक विकल्पों के प्रचार और "स्वच्छता प्रतिज्ञा" सेल्फी स्टेशन प्रमुख बिंदु होंगे। स्वास्थ्य विभाग स्टार सफाई कर्मचारियों के लिए सम्मान कार्यक्रम भी आयोजित करेगा। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद का सिविल इंजीनियरिंग विभाग नालों की गहन सफाई, स्मारकों का जीर्णोद्धार, दीवारों पर पेंटिंग और फ्लाईओवर का सौंदर्यीकरण करेगा। नालियों की सफाई, फुटपाथ की मरम्मत, भित्तिचित्र प्रतियोगिताएँ और समावेशी स्वच्छता एवं दिव्यांगजनों के अनुकूल बुनियादी ढाँचे का मरम्मत, पुनर्विकास , पुनरुद्धार करेगा।

एनडीएमसी के 42 स्कूलों, जिनमें 28,000 छात्र हैं, का शिक्षा विभाग "ईच वन क्लीन वन" अभियान की ज़िम्मेदारी संभालेगा। प्रत्येक स्कूल अपने आस-पास के एक क्षेत्र को गोद लेगा और उसका रखरखाव करेगा। स्कूल प्रतियोगिताएँ, परिसर की सफाई अभियान, प्लॉगिंग अभ्यास और जागरूकता गतिविधियाँ भी आयोजित की जाएँगी। केंद्रीकृत गूगल शीट्स और ड्राइव लिंक के माध्यम से डेटा साझा करके पहले-बाद के दस्तावेज़ीकरण के लिए प्रत्येक स्कूल को तैयार रहना होगा। शिक्षा विभाग विशेष पहल के साथ अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस भी मनाएगा।

जनसंपर्क विभाग एक महीने तक चलने वाले स्वच्छता से स्वतंत्रता तक समारोह के दौरान "सेल्फी संग संकल्प" और "स्वच्छता योद्धाओं" की कहानियों के माध्यम से गतिशील पहुँच के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाएगा। एलईडी डिस्प्ले, एफएम रेडियो, समाचार पत्रों और प्रभावशाली लोगों का उपयोग करके जन जागरूकता फैलाई जाएगी। सम्मान समारोह और मल्टीमीडिया प्रचार- प्रसार के मुख्य घटक होंगे। 13 अगस्त को एनडीएमसी कर्मचारियों के लिए एक देशभक्ति फिल्म का प्रदर्शन और 14 अगस्त को रीगल बिल्डिंग पर स्वतंत्रता आंदोलन पर एक फिल्म का सार्वजनिक प्रदर्शन जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित किया जाएगा।

दूसरी ओर, एनडीएमसी का आईटी विभाग एनडीएमसी की वेबसाइट और सोशल मीडिया के माध्यम से अभियान के संदेशों और दृश्य दस्तावेज़ीकरण को सभी वर्गों के लोगों तक पहुँचाने के लिए प्रचारित करेगा। एनडीएमसी का चिकित्सा सेवा विभाग अस्पतालों और औषधालयों में स्वच्छता अभियान चलाकर इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सार्वजनिक- मार्च में भागीदारी, शपथ और सहभागिता अस्पतालों और औषधालयों द्वारा आयोजित की जाने वाली अन्य गतिविधियाँ होगी। जन स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग, गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर फ्लैश मॉब, शून्य-अपशिष्ट कॉलोनी पहल और अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग करके रचनात्मक अभियान आयोजित करेंगे। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में संयुक्त प्लॉगिंग और शपथ अभियान भी इस कार्यक्रम का हिस्सा होंगे।

बागवानी विभाग सामुदायिक भागीदारी के साथ वृक्षारोपण अभियान चलाएगा, पर्यावरण-अनुकूल उपहार वितरित करेगा और सार्वजनिक क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण करेगा। प्रशिक्षण विभाग, टेरी और सीआईआई जैसे संस्थानों के सहयोग से, युवाओं के लिए सर्कुलर इकोनॉमी और अपशिष्ट से धन-मॉडल पर कार्यशालाओं का आयोजन करेगा। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद का प्रवर्तन विभाग, पैदल यात्रियों के लिए मुक्त आवागमन हेतु सार्वजनिक स्थानों को पुनः प्राप्त करने हेतु अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाएगा। प्रवर्तन विभाग, नई दिल्ली क्षेत्र में सार्वजनिक स्थानों से दीवारों को विकृत करने की रोकथाम और अनधिकृत पोस्टर/बैनर हटाने के लिए भी गतिविधियाँ आयोजित करेगा।

नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के सभी विभागों को जन शिकायतों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करना होगा और अभियान के दौरान किसी भी शिकायत को अनदेखा न करने के लक्ष्य के साथ एसएलए का कड़ाई से पालन करना होगा। सामान्य प्रशासन विभाग, पालिका केंद्र स्थित सभी एनडीएमसी कार्यालयों में दोहरे कूड़ेदान प्रणाली लागू करेगा। भवन रखरखाव विभाग की सिविल इंजीनियरिंग शाखा, सभी एनडीएमसी भवनों में कचरे के स्रोत पृथक्करण को सुनिश्चित करेगी।

एनडीएमसी के सभी 14 नोडल अधिकारी स्पष्ट दस्तावेज़ों के साथ अभियान के लक्ष्य क्षेत्रों की पहचान और उन्हें स्वच्छता क्षेत्रों में परिवर्तित करना सुनिश्चित करेंगे। एनडीएमसी सभी नागरिकों, निवासी संघों, बाज़ार व्यापारियों के संगठनों, छात्रों और संस्थानों से आग्रह करती है कि वे इस स्वच्छता के माध्यम से स्वतंत्रता के इस अनूठे उत्सव में सक्रिय रूप से भाग लें और अपनी ज़िम्मेदारी लें। आइए, हम सब मिलकर "स्वच्छ भारत" की भावना को बनाए रखें और नई दिल्ली को सामूहिक ज़िम्मेदारी और राष्ट्रीय गौरव का एक जीवंत उदाहरण बनाएँ।

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एनडीएमसी "स्वच्छता से स्वतंत्रता तक" अभियान 01 अगस्त से 31 अगस्त तक चलाएगी

एनडीएमसी के स्वच्छता अभियान का मुख्य उद्देश्य नागरिक उत्तरदायित्व को दर्शाने वाले कार्यों के माध्यम से भारत की स्वतंत्रता का स्मरण करना, नागरिकों में एक स्वच्छ और हरित नई दिल्ली के प्रति स्वामित्व की भावना जगाना और सहभागी एवं रचनात्मक पहलों के माध्यम से व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देना है। 'स्वच्छता से स्वतंत्रता तक' अभियान के प्रमुख घटक स्वच्छता अभियान, जागरूकता अभियान, सांस्कृतिक और सामुदायिक कार्यक्रम, सौंदर्यीकरण अभियान और स्वच्छता योद्धाओं को नायक के रूप में मान्यता और सम्मान प्रदान करना हैं। एनडीएमसी के स्वच्छता अभियान के सभी घटकों में स्कूलों, बाजारों, कॉलोनियों, कार्यालयों और धार्मिक स्थलों में गहन सफाई अभियान भी शामिल हैं। जागरूकता अभियान - रैलियों, पोस्टरों, सोशल मीडिया और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी)के माध्यम से किये जायेंगे ।

इस अभियान में सांस्कृतिक और सामुदायिक कार्यक्रम भी शामिल हैं, जिनमें प्रदर्शनियाँ, निबंध प्रतियोगिताएँ, प्लॉगिंग अभियान, "मेरा शहर साफ़ करो" मार्च और सामुदायिक प्रतिज्ञाएँ शामिल हैं। सौंदर्यीकरण अभियान - "एक पेड़ माँ के नाम" थीम पर वृक्षारोपण, भित्तिचित्र प्रतियोगिताएँ और दीवार पर कला स्थापनाएँ - इस अभियान की आउटरीच गतिविधियाँ होगी । स्वच्छता अभियान में स्वच्छता नायकों का सम्मान और अभिनंदन भी शामिल था, जिसमें सफाई कर्मचारियों, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले स्कूलों, हरित चैंपियन और उत्कृष्ट पहलों को सम्मानित करना शामिल रहेगा।

"स्वच्छता से स्वतंत्रता तक" थीम के साथ स्वतंत्रता दिवस के एक महीने तक चलने वाले इस स्वच्छता  समारोह को मनाने के लिए, कार्यक्रमों और गतिविधियों का एक व्यापक कैलेंडर सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है। प्रत्येक विभाग को विशिष्ट ज़िम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं, ताकि स्वच्छता और स्वतंत्रता की भावना को बढ़ावा देने में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। ये गतिविधियाँ विभागाध्यक्षों और नामित जोनल अधिकारियों के समन्वय में संचालित की जाएँगी, जिससे स्वतंत्रता माह के दौरान नई दिल्ली क्षेत्र में स्वच्छता अभियान को मज़बूती मिलेगी।

नई दिल्ली नगरपालिका परिषद का स्वास्थ्य विभाग, धार्मिक स्थलों और जेजे क्लस्टर जैसे अधिक भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में आरडब्ल्यूए और एमटीए के साथ-साथ गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर प्लॉगिंग अभियान चलाएगा, जिसमें सिंगल उसे प्लास्टिक विकल्पों के प्रचार और "स्वच्छता प्रतिज्ञा" सेल्फी स्टेशन प्रमुख बिंदु होंगे। स्वास्थ्य विभाग स्टार सफाई कर्मचारियों के लिए सम्मान कार्यक्रम भी आयोजित करेगा। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद का सिविल इंजीनियरिंग विभाग नालों की गहन सफाई, स्मारकों का जीर्णोद्धार, दीवारों पर पेंटिंग और फ्लाईओवर का सौंदर्यीकरण करेगा। नालियों की सफाई, फुटपाथ की मरम्मत, भित्तिचित्र प्रतियोगिताएँ और समावेशी स्वच्छता एवं दिव्यांगजनों के अनुकूल बुनियादी ढाँचे का मरम्मत, पुनर्विकास , पुनरुद्धार करेगा।

एनडीएमसी के 42 स्कूलों, जिनमें 28,000 छात्र हैं, का शिक्षा विभाग "ईच वन क्लीन वन" अभियान की ज़िम्मेदारी संभालेगा। प्रत्येक स्कूल अपने आस-पास के एक क्षेत्र को गोद लेगा और उसका रखरखाव करेगा। स्कूल प्रतियोगिताएँ, परिसर की सफाई अभियान, प्लॉगिंग अभ्यास और जागरूकता गतिविधियाँ भी आयोजित की जाएँगी। केंद्रीकृत गूगल शीट्स और ड्राइव लिंक के माध्यम से डेटा साझा करके पहले-बाद के दस्तावेज़ीकरण के लिए प्रत्येक स्कूल को तैयार रहना होगा। शिक्षा विभाग विशेष पहल के साथ अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस भी मनाएगा।

जनसंपर्क विभाग एक महीने तक चलने वाले स्वच्छता से स्वतंत्रता तक समारोह के दौरान "सेल्फी संग संकल्प" और "स्वच्छता योद्धाओं" की कहानियों के माध्यम से गतिशील पहुँच के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाएगा। एलईडी डिस्प्ले, एफएम रेडियो, समाचार पत्रों और प्रभावशाली लोगों का उपयोग करके जन जागरूकता फैलाई जाएगी। सम्मान समारोह और मल्टीमीडिया प्रचार- प्रसार के मुख्य घटक होंगे। 13 अगस्त को एनडीएमसी कर्मचारियों के लिए एक देशभक्ति फिल्म का प्रदर्शन और 14 अगस्त को रीगल बिल्डिंग पर स्वतंत्रता आंदोलन पर एक फिल्म का सार्वजनिक प्रदर्शन जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित किया जाएगा।

दूसरी ओर, एनडीएमसी का आईटी विभाग एनडीएमसी की वेबसाइट और सोशल मीडिया के माध्यम से अभियान के संदेशों और दृश्य दस्तावेज़ीकरण को सभी वर्गों के लोगों तक पहुँचाने के लिए प्रचारित करेगा। एनडीएमसी का चिकित्सा सेवा विभाग अस्पतालों और औषधालयों में स्वच्छता अभियान चलाकर इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सार्वजनिक- मार्च में भागीदारी, शपथ और सहभागिता अस्पतालों और औषधालयों द्वारा आयोजित की जाने वाली अन्य गतिविधियाँ होगी। जन स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग, गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर फ्लैश मॉब, शून्य-अपशिष्ट कॉलोनी पहल और अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग करके रचनात्मक अभियान आयोजित करेंगे। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में संयुक्त प्लॉगिंग और शपथ अभियान भी इस कार्यक्रम का हिस्सा होंगे।

बागवानी विभाग सामुदायिक भागीदारी के साथ वृक्षारोपण अभियान चलाएगा, पर्यावरण-अनुकूल उपहार वितरित करेगा और सार्वजनिक क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण करेगा। प्रशिक्षण विभाग, टेरी और सीआईआई जैसे संस्थानों के सहयोग से, युवाओं के लिए सर्कुलर इकोनॉमी और अपशिष्ट से धन-मॉडल पर कार्यशालाओं का आयोजन करेगा। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद का प्रवर्तन विभाग, पैदल यात्रियों के लिए मुक्त आवागमन हेतु सार्वजनिक स्थानों को पुनः प्राप्त करने हेतु अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाएगा। प्रवर्तन विभाग, नई दिल्ली क्षेत्र में सार्वजनिक स्थानों से दीवारों को विकृत करने की रोकथाम और अनधिकृत पोस्टर/बैनर हटाने के लिए भी गतिविधियाँ आयोजित करेगा।

नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के सभी विभागों को जन शिकायतों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करना होगा और अभियान के दौरान किसी भी शिकायत को अनदेखा न करने के लक्ष्य के साथ एसएलए का कड़ाई से पालन करना होगा। सामान्य प्रशासन विभाग, पालिका केंद्र स्थित सभी एनडीएमसी कार्यालयों में दोहरे कूड़ेदान प्रणाली लागू करेगा। भवन रखरखाव विभाग की सिविल इंजीनियरिंग शाखा, सभी एनडीएमसी भवनों में कचरे के स्रोत पृथक्करण को सुनिश्चित करेगी।

एनडीएमसी के सभी 14 नोडल अधिकारी स्पष्ट दस्तावेज़ों के साथ अभियान के लक्ष्य क्षेत्रों की पहचान और उन्हें स्वच्छता क्षेत्रों में परिवर्तित करना सुनिश्चित करेंगे। एनडीएमसी सभी नागरिकों, निवासी संघों, बाज़ार व्यापारियों के संगठनों, छात्रों और संस्थानों से आग्रह करती है कि वे इस स्वच्छता के माध्यम से स्वतंत्रता के इस अनूठे उत्सव में सक्रिय रूप से भाग लें और अपनी ज़िम्मेदारी लें। आइए, हम सब मिलकर "स्वच्छ भारत" की भावना को बनाए रखें और नई दिल्ली को सामूहिक ज़िम्मेदारी और राष्ट्रीय गौरव का एक जीवंत उदाहरण बनाएँ।

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* जब उत्तर नहीं मिलते, तो साधना में शिव मिलते हैं; शिव सत्व से अवगत हुए दर्शक
* नागपुर में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ 'शिव चेतना और सावन के स्वर्णिम रहस्य' कार्यक्रम

ध्यान की विधि में उन्होंने एक विशेष आवृत्ति दी और ध्यान करवाया, जिससे सभी लोगों को सुकून का अद्भुत अनुभव हुआ। सभी लोग अंतःस्थिति तक पहुँचे। उन्होंने सावन में ग्रहों के निवारण के उपाय भी बताए, जैसे- सोमवार व्रत कैसे करें और घर में रुद्राभिषेक कैसे करें। इस आयोजन के दौरान रुद्राक्ष धारण करने का सही समय और मंत्र-जाप की महत्ता भी जानने को मिली। शिव पर जल कैसे चढ़ाएँ, कौन-से मंत्र पढ़ें, इस पर भी विशेष मार्गदर्शन दिया। उन्होंने बताया, "सावन के महीने में रुद्राक्ष धारण करने से आपके शरीर की ऊर्जाएँ तारतम्यपूर्ण हो जाती हैं। भगवान शिव ऊर्जा की अवस्था हैं, जो हमारे भीतर की अशांति को दूर करते हैं और जब आप शिव से जुड़ते हैं तो भीतर की उलझनें स्वयं ही शांत हो जाती हैं।" उनका यह कथन श्रोताओं के हृदय में उतर गया। "सोच बदलो, ऊर्जा बदलेगी, ग्रह बदलेंगे, परिणाम बदलेंगे ", भूमिका जी ने इस सूत्र पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। उनकी इस सरल लेकिन गहन सीख ने कई मनों को स्पर्श किया। जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के सूत्र बताते हुए उन्होंने दर्शकों से अपील की कि हर दिन कम से कम पाँच मिनट अपने लिए जरूर निकालना चाहिए, जिसमें आप मौन रहकर ध्यान करें, शिव आपको स्वयं ही मिल जाएँगे।

कार्यक्रम में भगवान शिव की पौराणिक कहानियाँ भी सुनाईं। सावन के ज्योतिषीय महत्व और स्वर्णिम रहस्यों से शिव भक्त अवगत हुए और उन्होंने जाना कि ग्रहों की स्थिति इस समय ध्यान और प्रार्थना के लिए सबसे अनुकूल होती है। साथ ही, इस समय मंत्र जाप और जल अर्पण सबसे ज्यादा असरकारक होते हैं। कुल मिलाकर, भगवान शिव को समर्पित यह संध्या सिर्फ एक आयोजन मात्र नहीं थी, यह एक आंतरिक यात्रा का सुखद निमंत्रण थी, जिसने सावन के अध्यात्म को जीवन के वास्तविक अर्थ के रूप में प्रदर्शित किया। इसके माध्यम से सभी शिव भक्तों ने शिव तत्व को समझा और इसे अपने जीवन में आत्मसात किया, साथ ही सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त की।

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"सोच बदलो, ऊर्जा बदलेगी, ग्रह बदलेंगे, परिणाम बदलेंगे"

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ध्यान की विधि में उन्होंने एक विशेष आवृत्ति दी और ध्यान करवाया, जिससे सभी लोगों को सुकून का अद्भुत अनुभव हुआ। सभी लोग अंतःस्थिति तक पहुँचे। उन्होंने सावन में ग्रहों के निवारण के उपाय भी बताए, जैसे- सोमवार व्रत कैसे करें और घर में रुद्राभिषेक कैसे करें। इस आयोजन के दौरान रुद्राक्ष धारण करने का सही समय और मंत्र-जाप की महत्ता भी जानने को मिली। शिव पर जल कैसे चढ़ाएँ, कौन-से मंत्र पढ़ें, इस पर भी विशेष मार्गदर्शन दिया। उन्होंने बताया, "सावन के महीने में रुद्राक्ष धारण करने से आपके शरीर की ऊर्जाएँ तारतम्यपूर्ण हो जाती हैं। भगवान शिव ऊर्जा की अवस्था हैं, जो हमारे भीतर की अशांति को दूर करते हैं और जब आप शिव से जुड़ते हैं तो भीतर की उलझनें स्वयं ही शांत हो जाती हैं।" उनका यह कथन श्रोताओं के हृदय में उतर गया। "सोच बदलो, ऊर्जा बदलेगी, ग्रह बदलेंगे, परिणाम बदलेंगे ", भूमिका जी ने इस सूत्र पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। उनकी इस सरल लेकिन गहन सीख ने कई मनों को स्पर्श किया। जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के सूत्र बताते हुए उन्होंने दर्शकों से अपील की कि हर दिन कम से कम पाँच मिनट अपने लिए जरूर निकालना चाहिए, जिसमें आप मौन रहकर ध्यान करें, शिव आपको स्वयं ही मिल जाएँगे।

कार्यक्रम में भगवान शिव की पौराणिक कहानियाँ भी सुनाईं। सावन के ज्योतिषीय महत्व और स्वर्णिम रहस्यों से शिव भक्त अवगत हुए और उन्होंने जाना कि ग्रहों की स्थिति इस समय ध्यान और प्रार्थना के लिए सबसे अनुकूल होती है। साथ ही, इस समय मंत्र जाप और जल अर्पण सबसे ज्यादा असरकारक होते हैं। कुल मिलाकर, भगवान शिव को समर्पित यह संध्या सिर्फ एक आयोजन मात्र नहीं थी, यह एक आंतरिक यात्रा का सुखद निमंत्रण थी, जिसने सावन के अध्यात्म को जीवन के वास्तविक अर्थ के रूप में प्रदर्शित किया। इसके माध्यम से सभी शिव भक्तों ने शिव तत्व को समझा और इसे अपने जीवन में आत्मसात किया, साथ ही सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त की।

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हवाई डेस्कटॉप स्विंग फैन का कुल वजन 1.45 किलोग्राम है और इसका कॉम्पैक्ट डिज़ाइन इसे डेस्क से लेकर टेबल तक, कहीं भी आसानी से रखने योग्य बनाता है। इसमें कुछ अनूठी विशेषताएं भी हैं जैसे समायोज्य वायु प्रवाह के लिए 3-स्पीड कंट्रोल नॉब, 2350 आरपीएम देने वाली हाई-स्पीड बीएलडीसी मोटर, केवल 35 वाट बिजली की खपत करने वाली सुपर-कुशल मोटर, इष्टतम वायु प्रवाह के लिए स्विवेल और टिल्ट ऑपरेशन, आसान गति के लिए घूमने योग्य बेस और हल्का निर्माण, और शांत वातावरण के लिए कम शोर वाला संचालन।

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इशांत शर्मा ने कहा, "पिकल प्रोज़ का हिस्सा बनना मुझे उत्साहित करता है क्योंकि यह एक ही खेल में फिटनेस, मनोरंजन और समुदाय का संगम है। पिकलबॉल शुरू करना आसान है, लेकिन इसमें महारत हासिल करना चुनौतीपूर्ण है - और मेरा मानना है कि यह पूरे भारत में खिलाड़ियों की एक नई लहर को प्रेरित कर सकता है।" भुवनेश्वर कुमार ने कहा, "पिकल प्रोज़ सिर्फ़ खेलने से कहीं बढ़कर है - यह एक ऐसा सकारात्मक माहौल बनाने के बारे में है जहाँ हर कोई, चाहे उसकी उम्र या पृष्ठभूमि कुछ भी हो, पैडल उठाकर खेलने के लिए स्वागत महसूस करे। यही समावेशिता इसे इतना खास बनाती है।"

उमेश यादव ने कहा, "खेल में जीवन बदलने की शक्ति है, और पिकल प्रोज़ उस शक्ति को पूरे भारत में समुदायों तक पहुँचाता है। इस रोमांचक खेल को यहाँ विकसित करने में मदद करना और दुनिया भर के खिलाड़ियों में इसके द्वारा जगाए गए उत्साह को देखना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।"

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पिकलबॉल खेल के भविष्य को आकार देंगे इशांत शर्मा सहित कई क्रिकेट के दिग्गज

इशांत शर्मा ने कहा, "पिकल प्रोज़ का हिस्सा बनना मुझे उत्साहित करता है क्योंकि यह एक ही खेल में फिटनेस, मनोरंजन और समुदाय का संगम है। पिकलबॉल शुरू करना आसान है, लेकिन इसमें महारत हासिल करना चुनौतीपूर्ण है - और मेरा मानना है कि यह पूरे भारत में खिलाड़ियों की एक नई लहर को प्रेरित कर सकता है।" भुवनेश्वर कुमार ने कहा, "पिकल प्रोज़ सिर्फ़ खेलने से कहीं बढ़कर है - यह एक ऐसा सकारात्मक माहौल बनाने के बारे में है जहाँ हर कोई, चाहे उसकी उम्र या पृष्ठभूमि कुछ भी हो, पैडल उठाकर खेलने के लिए स्वागत महसूस करे। यही समावेशिता इसे इतना खास बनाती है।"

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https://youtu.be/qIIZIpPm7Rw?si=IZxVIOx1r-jwaHat

होम्बले फिल्म्स और क्लीम प्रोडक्शन्स ने मिलकर इस ग्रैंड एनिमेटेड फ्रैंचाइज़ी की आधिकारिक लाइनअप जारी कर दी है, जो अगले एक दशक तक भगवान विष्णु के दस दिव्य अवतारों की गाथा बताएगी। इस यूनिवर्स की शुरुआत होगी महावतार नरसिम्हा (2025) से, इसके बाद आएंगे महावतार परशुराम (2027), महावतार रघुनंदन (2029), महावतार द्वारकाधीश (2031), महावतार गोकुलानंद (2033), महावतार कल्कि पार्ट 1 (2035) और महावतार कल्कि पार्ट 2 (2037)। ये यूनिवर्स भारतीय माइथोलॉजी को नई तकनीक और भव्यता के साथ दर्शकों के सामने पेश करेगा।

महावतार नरसिम्हा का डायरेक्शन अश्विन कुमार ने किया है, और इसे शिल्पा धवन, कुशल देसाई, और चैतन्य देसाई ने क्लीम प्रोडक्शंस के तहत प्रोड्यूस किया है। होम्बले फिल्म्स के साथ मिलकर, जो अपनी आकर्षक कंटेंट के लिए जानी जाती है, यह पार्टनरशिप अलग अलग एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म्स के जरिए एक सिनेमाई मास्टरपीस पेश करने का लक्ष्य रखती है। इस फिल्म को शानदार विजुअल्स, सांस्कृतिक विविधता, बेहतरीन फिल्म तकनीक, और मजबूत कहानी के साथ, 3ड और पांच भारतीय भाषाओं में 25 जुलाई 2025 को रिलीज़ किया जाएगा।

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महावतार नरसिम्हा का डायरेक्शन अश्विन कुमार ने किया है, और इसे शिल्पा धवन, कुशल देसाई, और चैतन्य देसाई ने क्लीम प्रोडक्शंस के तहत प्रोड्यूस किया है। होम्बले फिल्म्स के साथ मिलकर, जो अपनी आकर्षक कंटेंट के लिए जानी जाती है, यह पार्टनरशिप अलग अलग एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म्स के जरिए एक सिनेमाई मास्टरपीस पेश करने का लक्ष्य रखती है। इस फिल्म को शानदार विजुअल्स, सांस्कृतिक विविधता, बेहतरीन फिल्म तकनीक, और मजबूत कहानी के साथ, 3ड और पांच भारतीय भाषाओं में 25 जुलाई 2025 को रिलीज़ किया जाएगा।

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उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार की हमेशा से प्रतिबद्धता रही है कि प्रत्येक बच्चे को उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना विश्व स्तरीय शिक्षा, कौशल विकास और वैश्विक अवसर मिलें। इन बच्चों का चयन उसी प्रतिबद्धता का एक जीवंत उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं इन सभी बच्चों को हार्दिक बधाई देती हूं। यह यात्रा केवल उनकी नहीं है, बल्कि एक नए भारत के निर्माण की दिशा में भी एक कदम है - एक ऐसा भारत जहां सपनों की कोई सीमा नहीं है।" इस अवसर पर, शिक्षा मंत्री  आशीष सूद ने बताया कि दिल्ली सरकार के स्कूलों के 14 छात्रों को APAL (Ausbildung Programm für Auszubildende in Deutschland) प्रोजेक्ट 2025 में भाग लेने के लिए चुना गया है। यह कार्यक्रम युवा छात्रों को जर्मनी में दोहरी व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने का एक असाधारण अवसर प्रदान करता है।

श्री सूद ने कहा कि दिल्ली सरकार और जर्मन सरकार के बीच एक तरह का आदान-प्रदान किया गया है जो कौशल और रोजगार दोनों पर केंद्रित है। इस कार्यक्रम के तहत, ये 14 छात्र जर्मनी जाएंगे, जहां वे 3 से 3.5 साल की अवधि के लिए प्रशिक्षण और उच्च शिक्षा प्राप्त करेंगे, और अंततः प्लेसमेंट हासिल करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से दिल्ली के मेधावी छात्र शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं, इससे तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए अन्य देशों के साथ कई नए अवसर खुलेंगे । जब से माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्किल इंडिया जैसी पहल शुरू की है, तब से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। भारत सरकार के मार्गदर्शन में, दिल्ली सरकार ने भी कौशल और रोजगार के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए सचेत प्रयास किए हैं कि दिल्ली के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण कौशल-आधारित शिक्षा मिले और वे रोजगार योग्य बनें।

उन्होंने यह भी कहा कि यह पहली बार है जब हमारी सरकार ने ऐसा निर्णय लिया है। हमें इन बच्चों को यह दिखाना होगा कि कैसे रोजगार योग्य बनें और उन्हें देश को वापस देने की भावना बनाए रखते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्हें इस इरादे से विदेश जाना चाहिए कि वे अंततः अपने समाज, अपने देश और अपने परिवारों में लौटने पर राष्ट्र में योगदान देंगे। इस जिम्मेदारी की भावना को प्रेरित करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने आगे कहा कि ये छात्र देश के राजदूत बनेंगे, और वे जहां भी जाएंगे, वे गर्व से भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। भारत के माननीय प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और दिल्ली की मुख्यमंत्री, श्रीमती रेखा गुप्ता के सक्षम नेतृत्व में, शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए निरंतर और समर्पित प्रयास किए जा रहे हैं, जो कौशल-आधारित व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

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14 सरकारी स्कूल के छात्र व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए जर्मनी जाएँगे: दिल्ली के मुख्यमंत्री

उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार की हमेशा से प्रतिबद्धता रही है कि प्रत्येक बच्चे को उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना विश्व स्तरीय शिक्षा, कौशल विकास और वैश्विक अवसर मिलें। इन बच्चों का चयन उसी प्रतिबद्धता का एक जीवंत उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं इन सभी बच्चों को हार्दिक बधाई देती हूं। यह यात्रा केवल उनकी नहीं है, बल्कि एक नए भारत के निर्माण की दिशा में भी एक कदम है - एक ऐसा भारत जहां सपनों की कोई सीमा नहीं है।" इस अवसर पर, शिक्षा मंत्री  आशीष सूद ने बताया कि दिल्ली सरकार के स्कूलों के 14 छात्रों को APAL (Ausbildung Programm für Auszubildende in Deutschland) प्रोजेक्ट 2025 में भाग लेने के लिए चुना गया है। यह कार्यक्रम युवा छात्रों को जर्मनी में दोहरी व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने का एक असाधारण अवसर प्रदान करता है।

श्री सूद ने कहा कि दिल्ली सरकार और जर्मन सरकार के बीच एक तरह का आदान-प्रदान किया गया है जो कौशल और रोजगार दोनों पर केंद्रित है। इस कार्यक्रम के तहत, ये 14 छात्र जर्मनी जाएंगे, जहां वे 3 से 3.5 साल की अवधि के लिए प्रशिक्षण और उच्च शिक्षा प्राप्त करेंगे, और अंततः प्लेसमेंट हासिल करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से दिल्ली के मेधावी छात्र शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं, इससे तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए अन्य देशों के साथ कई नए अवसर खुलेंगे । जब से माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्किल इंडिया जैसी पहल शुरू की है, तब से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। भारत सरकार के मार्गदर्शन में, दिल्ली सरकार ने भी कौशल और रोजगार के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए सचेत प्रयास किए हैं कि दिल्ली के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण कौशल-आधारित शिक्षा मिले और वे रोजगार योग्य बनें।

उन्होंने यह भी कहा कि यह पहली बार है जब हमारी सरकार ने ऐसा निर्णय लिया है। हमें इन बच्चों को यह दिखाना होगा कि कैसे रोजगार योग्य बनें और उन्हें देश को वापस देने की भावना बनाए रखते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्हें इस इरादे से विदेश जाना चाहिए कि वे अंततः अपने समाज, अपने देश और अपने परिवारों में लौटने पर राष्ट्र में योगदान देंगे। इस जिम्मेदारी की भावना को प्रेरित करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने आगे कहा कि ये छात्र देश के राजदूत बनेंगे, और वे जहां भी जाएंगे, वे गर्व से भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। भारत के माननीय प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और दिल्ली की मुख्यमंत्री, श्रीमती रेखा गुप्ता के सक्षम नेतृत्व में, शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए निरंतर और समर्पित प्रयास किए जा रहे हैं, जो कौशल-आधारित व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

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उन्होंने आगे कहा कि "मैं एनडीएमसी को सबसे स्वच्छ शहर के लिए राष्ट्रीय स्तर का स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार प्राप्त करने और अपने क्षेत्र को पूरे वर्ष हरा-भरा रखकर राष्ट्रीय मानक स्थापित करने के लिए हार्दिक बधाई देती हूँ। आइए, यह दिल्ली के सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा बने कि हम अपने पूरे शहर को न केवल स्वच्छ और हरा-भरा बनाएँ, बल्कि आनंदमय और जीवन से भरपूर भी बनाएँ। तभी हम वास्तव में उस दिल्ली का निर्माण कर सकते हैं, जिसका उसके नागरिक सपना देखते हैं।"

"इस अवसर पर अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए, नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि हरियाली तीज केवल झूले और मेहंदी के बारे में नहीं है - यह आनंद, परंपरा, आध्यत्म और आंतरिक शक्ति का एक जीवंत उत्सव है।" यह त्यौहार हमारी बेटियों को एक साथ लाता है, उनमें एकता और सांस्कृतिक गौरव की भावना का पोषण करता है और उन्हें आत्मविश्वास और साहस के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। आज हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं, जहाँ बेटियाँ न केवल बड़े सपने देख रही हैं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में महानता भी हासिल कर रही हैं बांसुरी स्वराज ने कहा ।

इस समारोह में भाजपा की राष्ट्रीय सचिव डॉ. अलका गुर्जर, एनडीएमसी अध्यक्ष केशव चंद्रा, एनडीएमसी उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल और एनडीएमसी सदस्य दिनेश प्रताप सिंह और सरिता तोमर की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम में एनडीएमसी के पूर्व उपाध्यक्ष एवं विधायक ( मालवीय नगर ) सतीश उपाध्याय सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। एनडीएमसी की महिला कर्मचारियों के साथ-साथ अन्य कर्मचारियों ने भी बड़ी संख्या में समारोह में उत्साहपूर्वक भाग लिया।

यह कार्यक्रम पंजाब, राजस्थान और गढ़वाल के पारंपरिक लोक नृत्यों, ऊर्जावान समूह प्रदर्शनों और जोशीली प्रतियोगिताओं के साथ एक सांस्कृतिक संगम में बदल गया। विभिन्न प्रकार के जीवंत मेहंदी और चूड़ियों के स्टॉल, फूड कियोस्क और अन्य उत्सव के आकर्षणों ने तीज के असली सार को जीवंत कर दिया। एनडीएमसी द्वारा आयोजित यह  तीज उत्सव न केवल सांस्कृतिक विरासत के प्रति एक समर्पण था, बल्कि इसके कर्मचारियों के बीच एकजुटता और सामुदायिक भावना का भी प्रतीक थी। यह कार्यक्रम एक जीवंत, समावेशी और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कार्य वातावरण को बढ़ावा देने के लिए एनडीएमसी की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

एनडीएमसी हरियाली तीज, जो मानसून के मौसम में मनाया जाता है, भारतीय परंपरा में गहराई से निहित एक त्योहार है, जो नवीनीकरण, समृद्धि और भक्ति का प्रतीक है। यह मुख्य रूप से महिला-केंद्रित त्योहार है, इसलिए बड़ी संख्या में महिला कर्मचारियों ने इसमें भाग लिया और इस अवसर पर गायन, नृत्य और हरे या लाल रंग के परिधानों के साथ, झूलों को खूबसूरती से सजाया गया।

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एनडीएमसी ने पीएसओआई क्लब में हरियाली तीज उत्सव धूमधाम से मनाया

उन्होंने आगे कहा कि "मैं एनडीएमसी को सबसे स्वच्छ शहर के लिए राष्ट्रीय स्तर का स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार प्राप्त करने और अपने क्षेत्र को पूरे वर्ष हरा-भरा रखकर राष्ट्रीय मानक स्थापित करने के लिए हार्दिक बधाई देती हूँ। आइए, यह दिल्ली के सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा बने कि हम अपने पूरे शहर को न केवल स्वच्छ और हरा-भरा बनाएँ, बल्कि आनंदमय और जीवन से भरपूर भी बनाएँ। तभी हम वास्तव में उस दिल्ली का निर्माण कर सकते हैं, जिसका उसके नागरिक सपना देखते हैं।"

"इस अवसर पर अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए, नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि हरियाली तीज केवल झूले और मेहंदी के बारे में नहीं है - यह आनंद, परंपरा, आध्यत्म और आंतरिक शक्ति का एक जीवंत उत्सव है।" यह त्यौहार हमारी बेटियों को एक साथ लाता है, उनमें एकता और सांस्कृतिक गौरव की भावना का पोषण करता है और उन्हें आत्मविश्वास और साहस के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। आज हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं, जहाँ बेटियाँ न केवल बड़े सपने देख रही हैं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में महानता भी हासिल कर रही हैं बांसुरी स्वराज ने कहा ।

इस समारोह में भाजपा की राष्ट्रीय सचिव डॉ. अलका गुर्जर, एनडीएमसी अध्यक्ष केशव चंद्रा, एनडीएमसी उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल और एनडीएमसी सदस्य दिनेश प्रताप सिंह और सरिता तोमर की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम में एनडीएमसी के पूर्व उपाध्यक्ष एवं विधायक ( मालवीय नगर ) सतीश उपाध्याय सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। एनडीएमसी की महिला कर्मचारियों के साथ-साथ अन्य कर्मचारियों ने भी बड़ी संख्या में समारोह में उत्साहपूर्वक भाग लिया।

यह कार्यक्रम पंजाब, राजस्थान और गढ़वाल के पारंपरिक लोक नृत्यों, ऊर्जावान समूह प्रदर्शनों और जोशीली प्रतियोगिताओं के साथ एक सांस्कृतिक संगम में बदल गया। विभिन्न प्रकार के जीवंत मेहंदी और चूड़ियों के स्टॉल, फूड कियोस्क और अन्य उत्सव के आकर्षणों ने तीज के असली सार को जीवंत कर दिया। एनडीएमसी द्वारा आयोजित यह  तीज उत्सव न केवल सांस्कृतिक विरासत के प्रति एक समर्पण था, बल्कि इसके कर्मचारियों के बीच एकजुटता और सामुदायिक भावना का भी प्रतीक थी। यह कार्यक्रम एक जीवंत, समावेशी और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कार्य वातावरण को बढ़ावा देने के लिए एनडीएमसी की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

एनडीएमसी हरियाली तीज, जो मानसून के मौसम में मनाया जाता है, भारतीय परंपरा में गहराई से निहित एक त्योहार है, जो नवीनीकरण, समृद्धि और भक्ति का प्रतीक है। यह मुख्य रूप से महिला-केंद्रित त्योहार है, इसलिए बड़ी संख्या में महिला कर्मचारियों ने इसमें भाग लिया और इस अवसर पर गायन, नृत्य और हरे या लाल रंग के परिधानों के साथ, झूलों को खूबसूरती से सजाया गया।

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भावनाओं से भरी और धारदार तू या मैं रोमांस और सर्वाइवल को एक ऐसे नैरेटिव में मिलाती है जो जॉनर की सीमाओं को तोड़ता है। फिल्म में अनप्रेडिक्टेबल ट्विस्ट्स, दमदार म्यूजिक स्कोर, रैपर्स, बीट ड्रॉप्स और वाइब्रेंट साउंड डिजाइन है – जो थियेटर में देखने का एक नया, बोल्ड अनुभव लेकर आता है। युवा दर्शकों के लिए यह एक फ्रेश और हाई-कॉन्सेप्ट सिनेमा का परफेक्ट पैकेज है। प्रोड्यूसर्स आनंद एल राय, हिमांशु शर्मा, विनोद भानुशाली और कमलेश भानुशाली एक ऐसी कहानी को समर्थन दे रहे हैं जो जितनी इमोशनली लेयर्ड है, उतनी ही विजुअली मंत्रमुग्ध कर देने वाली। राय और शर्मा की इनसानी जड़ों से जुड़ी कहानी और नांबियार की स्टाइलिश गहराई – दोनों का मेल इसमें देखने को मिलेगा। फिल्म वेलेंटाइन्स डे 2026 पर रिलीज़ के लिए तय की गई है और पहले से ही इसे अगले साल की सबसे चर्चित फिल्मों में से एक माना जा रहा है।

कलर येलो के आनंद एल राय ने कहा, “हर फिल्म के साथ हम ये तलाशते हैं कि कहानियाँ कितनी नई और अलग तरह से महसूस करवाई जा सकती हैं। तू या मैं उसी दिशा में एक साहसी और चौंकाने वाला कदम है। भानुशाली स्टूडियोज के साथ इस साझेदारी की शुरुआत करके मुझे बेहद खुशी है क्योंकि वे भी अप्रत्याशित को खोजने में विश्वास रखते हैं।” भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड के विनोद भानुशाली ने कहा, “हम जो भी करते हैं, उसके केंद्र में सिर्फ एक ही भावना है – ऐसी कहानियाँ सुनाना जो लोगों के दिलों को छू जाएँ। कलर येलो के साथ यह साझेदारी हमारी इसी रचनात्मक सोच और रिस्क लेने के जज़्बे पर बनी है। तू या मैं के साथ हम एक बेहद रोमांचक, भावनात्मक और साहसी ज़ोन में कदम रख रहे हैं।”

कलर येलो और भानुशाली स्टूडियोज मिलकर ऐसी फिल्मों की एक श्रृंखला बना रहे हैं जो डायरेक्टोरियल वीज़न, जॉनर फ्लिप्स और हर मोड़ पर चौंकाने वाली कहानी कहने की कला से भरपूर हैं। अगर तू या मैं एक झलक है, तो तय है – यह साझेदारी अब शुरू हुई है, और ये पारंपरिक रास्तों पर चलने नहीं आई।

 

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कलर येलो और भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड की साझेदारी की धमाकेदार शुरुआत 

भावनाओं से भरी और धारदार तू या मैं रोमांस और सर्वाइवल को एक ऐसे नैरेटिव में मिलाती है जो जॉनर की सीमाओं को तोड़ता है। फिल्म में अनप्रेडिक्टेबल ट्विस्ट्स, दमदार म्यूजिक स्कोर, रैपर्स, बीट ड्रॉप्स और वाइब्रेंट साउंड डिजाइन है – जो थियेटर में देखने का एक नया, बोल्ड अनुभव लेकर आता है। युवा दर्शकों के लिए यह एक फ्रेश और हाई-कॉन्सेप्ट सिनेमा का परफेक्ट पैकेज है। प्रोड्यूसर्स आनंद एल राय, हिमांशु शर्मा, विनोद भानुशाली और कमलेश भानुशाली एक ऐसी कहानी को समर्थन दे रहे हैं जो जितनी इमोशनली लेयर्ड है, उतनी ही विजुअली मंत्रमुग्ध कर देने वाली। राय और शर्मा की इनसानी जड़ों से जुड़ी कहानी और नांबियार की स्टाइलिश गहराई – दोनों का मेल इसमें देखने को मिलेगा। फिल्म वेलेंटाइन्स डे 2026 पर रिलीज़ के लिए तय की गई है और पहले से ही इसे अगले साल की सबसे चर्चित फिल्मों में से एक माना जा रहा है।

कलर येलो के आनंद एल राय ने कहा, “हर फिल्म के साथ हम ये तलाशते हैं कि कहानियाँ कितनी नई और अलग तरह से महसूस करवाई जा सकती हैं। तू या मैं उसी दिशा में एक साहसी और चौंकाने वाला कदम है। भानुशाली स्टूडियोज के साथ इस साझेदारी की शुरुआत करके मुझे बेहद खुशी है क्योंकि वे भी अप्रत्याशित को खोजने में विश्वास रखते हैं।” भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड के विनोद भानुशाली ने कहा, “हम जो भी करते हैं, उसके केंद्र में सिर्फ एक ही भावना है – ऐसी कहानियाँ सुनाना जो लोगों के दिलों को छू जाएँ। कलर येलो के साथ यह साझेदारी हमारी इसी रचनात्मक सोच और रिस्क लेने के जज़्बे पर बनी है। तू या मैं के साथ हम एक बेहद रोमांचक, भावनात्मक और साहसी ज़ोन में कदम रख रहे हैं।”

कलर येलो और भानुशाली स्टूडियोज मिलकर ऐसी फिल्मों की एक श्रृंखला बना रहे हैं जो डायरेक्टोरियल वीज़न, जॉनर फ्लिप्स और हर मोड़ पर चौंकाने वाली कहानी कहने की कला से भरपूर हैं। अगर तू या मैं एक झलक है, तो तय है – यह साझेदारी अब शुरू हुई है, और ये पारंपरिक रास्तों पर चलने नहीं आई।

 

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दुनिया की पहली भारत-वियतनाम सांस्कृतिक धरोहर फिल्म की घोषणा
जोयआलुक्कास का भव्य 'ब्रिलिएंस डायमंड ज्वैलरी शोरूम गुड़गांव में हुआ शुरू

पंजीकरण के लिए लिंक: https://forms.gle/SU6LbpF6CYpsx9JT7
अधिक जानकारी के लिए आप +91-8819999676 पर संपर्क कर सकते हैं।

कार्यक्रम की विशेष झलकियाँ

1 ज्योतिष और जीवन का संयोग:
कैसे ग्रहों की स्थिति हमारे भीतर की अवस्था को प्रभावित करती है?
कैसे सावन के विशेष संयोगों में कुछ सरल वैदिक उपाय करके जीवन में स्थिरता और स्पष्टता लाई जा सकती है?
भूमिका जी इन गूढ़ रहस्यों को सहज भाषा में समझाएँगी — ताकि ज्ञान केवल सुना न जाए, जिया जाए।

2 ध्यान सत्र – शिव चेतना से जुड़ाव:

भूमिका जी के सान्निध्य में प्रतिभागियों को सावन के ऊर्जा-युक्त वातावरण में शिव तत्त्व से जुड़ने की ध्यान विधियाँ सिखाई जाएंगी। यह ध्यान केवल विश्राम नहीं, बल्कि भीतर उतरने का एक माध्यम होगा।

3 इंटरऐक्टिव एस्ट्रो सेशन:

प्रतिभागियों को मिलेगा मौका —प्रश्न पूछने का, चाहे वो हो संबंधों की उलझन, भविष्य की अनिश्चितता, करियर की बाधाएँ या स्वास्थ्य की चिंता। भूमिका जी कुंडली और ज्योतिषीय दृष्टि से दिशा और समाधान प्रदान करेंगी। गौरतलब है कि भूमिका जी विगत दो दशकों से ज्योतिष, तंत्र, ध्यान, टैरो और वैदिक उपचारों से जुड़े कार्यों में सक्रिय हैं। भारत सेवा रत्न गोल्ड मेडल से सम्मानित भूमिका जी आज लाखों लोगों के जीवन में नई आशा और दिशा का नाम बन चुकी हैं।

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प्रसिद्ध ज्योतिषी भूमिका कलम के साथ एक अनूठा आध्यात्मिक अनुभव

पंजीकरण के लिए लिंक: https://forms.gle/SU6LbpF6CYpsx9JT7
अधिक जानकारी के लिए आप +91-8819999676 पर संपर्क कर सकते हैं।

कार्यक्रम की विशेष झलकियाँ

1 ज्योतिष और जीवन का संयोग:
कैसे ग्रहों की स्थिति हमारे भीतर की अवस्था को प्रभावित करती है?
कैसे सावन के विशेष संयोगों में कुछ सरल वैदिक उपाय करके जीवन में स्थिरता और स्पष्टता लाई जा सकती है?
भूमिका जी इन गूढ़ रहस्यों को सहज भाषा में समझाएँगी — ताकि ज्ञान केवल सुना न जाए, जिया जाए।

2 ध्यान सत्र – शिव चेतना से जुड़ाव:

भूमिका जी के सान्निध्य में प्रतिभागियों को सावन के ऊर्जा-युक्त वातावरण में शिव तत्त्व से जुड़ने की ध्यान विधियाँ सिखाई जाएंगी। यह ध्यान केवल विश्राम नहीं, बल्कि भीतर उतरने का एक माध्यम होगा।

3 इंटरऐक्टिव एस्ट्रो सेशन:

प्रतिभागियों को मिलेगा मौका —प्रश्न पूछने का, चाहे वो हो संबंधों की उलझन, भविष्य की अनिश्चितता, करियर की बाधाएँ या स्वास्थ्य की चिंता। भूमिका जी कुंडली और ज्योतिषीय दृष्टि से दिशा और समाधान प्रदान करेंगी। गौरतलब है कि भूमिका जी विगत दो दशकों से ज्योतिष, तंत्र, ध्यान, टैरो और वैदिक उपचारों से जुड़े कार्यों में सक्रिय हैं। भारत सेवा रत्न गोल्ड मेडल से सम्मानित भूमिका जी आज लाखों लोगों के जीवन में नई आशा और दिशा का नाम बन चुकी हैं।

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दिल्‍ली विधानसभा में राष्ट्रीय ई- विधान एप्लीकेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन

पुस्तक का औपचारिक लोकार्पण मुख्य अतिथि भागीरथ चौधरी, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार में राज्य मंत्री द्वारा किया गया। उनकी उपस्थिति ने समग्र स्वास्थ्य आंदोलन को आधिकारिक मान्यता और प्रोत्साहन प्रदान किया, और उन्होंने श्रोताओं को एक ऐसे संदेश से प्रेरित किया, जिसमें लचीलेपन, सतत नवाचार और पारंपरिक ज्ञान के आधुनिक स्वास्थ्य के साथ संयोजन का जश्न मनाया गया। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अंतर्राष्ट्रीय अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें प्रो. चू बाओ क्वे, वियतनाम यूनेस्को संघों के महासंघ (VFUA) की नीति एवं विकास सलाहकार परिषद के अध्यक्ष; ट्रोंग क्वांग हाई, संस्कृति, खेल एवं पर्यटन विभाग के निदेशक बाक निन्ह प्रांत, वियतनाम; और डॉ. गुयेन होआंग आन्ह (जूलिया), वियतनाम रिकॉर्ड्स संगठन की उपाध्यक्ष और वर्ल्डकिंग्स की महासचिव शामिल थीं -जिनमें से प्रत्येक ने सांस्कृतिक और चिकित्सीय प्रगति के लिए सीमा पार समर्थन को बढ़ावा देने में मदद की।

नीरजा रॉय चौधरी, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की प्रबंध संपादक, इस कार्यक्रम में शामिल हुईं और ट्रोंग क्वांग हाई को बाक गियांग प्रांत, वियतनाम में सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और समुदायों को प्रेरित करने में उनके अनुकरणीय प्रयासों के लिए प्रतिष्ठित हेरिटेज हीरोज पुरस्कार से सम्मानित किया। "ग्रीन गोल्ड: नीम फार्मेसी" का शुभारंभ वैकल्पिक चिकित्सा, वैज्ञानिक दृढ़ता और वैश्विक सहयोग का एक प्रतीक है, जो समकालीन स्वास्थ्य सेवा और सामुदायिक परिवर्तन में नीम की प्रासंगिकता को पुष्ट करता है।

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डॉ. बीआरसी की ऐतिहासिक पुस्तक "ग्रीन गोल्ड: द नीम फ़ार्मेसी" का विमोचन सिरी

पुस्तक का औपचारिक लोकार्पण मुख्य अतिथि भागीरथ चौधरी, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार में राज्य मंत्री द्वारा किया गया। उनकी उपस्थिति ने समग्र स्वास्थ्य आंदोलन को आधिकारिक मान्यता और प्रोत्साहन प्रदान किया, और उन्होंने श्रोताओं को एक ऐसे संदेश से प्रेरित किया, जिसमें लचीलेपन, सतत नवाचार और पारंपरिक ज्ञान के आधुनिक स्वास्थ्य के साथ संयोजन का जश्न मनाया गया। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अंतर्राष्ट्रीय अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें प्रो. चू बाओ क्वे, वियतनाम यूनेस्को संघों के महासंघ (VFUA) की नीति एवं विकास सलाहकार परिषद के अध्यक्ष; ट्रोंग क्वांग हाई, संस्कृति, खेल एवं पर्यटन विभाग के निदेशक बाक निन्ह प्रांत, वियतनाम; और डॉ. गुयेन होआंग आन्ह (जूलिया), वियतनाम रिकॉर्ड्स संगठन की उपाध्यक्ष और वर्ल्डकिंग्स की महासचिव शामिल थीं -जिनमें से प्रत्येक ने सांस्कृतिक और चिकित्सीय प्रगति के लिए सीमा पार समर्थन को बढ़ावा देने में मदद की।

नीरजा रॉय चौधरी, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की प्रबंध संपादक, इस कार्यक्रम में शामिल हुईं और ट्रोंग क्वांग हाई को बाक गियांग प्रांत, वियतनाम में सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और समुदायों को प्रेरित करने में उनके अनुकरणीय प्रयासों के लिए प्रतिष्ठित हेरिटेज हीरोज पुरस्कार से सम्मानित किया। "ग्रीन गोल्ड: नीम फार्मेसी" का शुभारंभ वैकल्पिक चिकित्सा, वैज्ञानिक दृढ़ता और वैश्विक सहयोग का एक प्रतीक है, जो समकालीन स्वास्थ्य सेवा और सामुदायिक परिवर्तन में नीम की प्रासंगिकता को पुष्ट करता है।

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https://www.instagram.com/p/DMZZd9CinVG/?igsh=MWhiaDBhanZ2cDd0bw==

"बंदर" को टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के स्पेशल प्रेजेंटेशन सेक्शन में दिखाया जाएगा, जहां दुनिया भर की नई और बेहतरीन फिल्में दिखाई जाती हैं। इसका चयन भारतीय फिल्मों के लिए एक बड़ी बात है, क्योंकि यह दुनिया के सबसे बड़े फिल्म फेस्टिवल में से एक है। डायरेक्टर अनुराग कश्यप, जो गैंग्स ऑफ वासेपुर, ब्लैक फ्राइडे और अग्ली जैसी फिल्में बना चुके हैं, अपने अलग और रियल स्टोरीटेलिंग स्टाइल के साथ इस नए प्रोजेक्ट में लौटे हैं। बॉबी देओल, जो इन दिनों अपने करियर में नई ऊंचाइयां छू रहे हैं, इस फिल्म में लीड रोल में नजर आएंगे। उनके साथ सान्या मल्होत्रा, सबा आज़ाद और सपना पब्बी भी अहम भूमिकाओं में हैं।

प्रोड्यूसर निखिल द्विवेदी, जिन्होंने वीरे दी वेडिंग (2018) और CTRL (2024) जैसी हिट फिल्मों को प्रोड्यूस किया है, अब भी अलग-अलग कहानियों को सपोर्ट करने का सिलसिला जारी रखे हुए हैं। द्विवेदी जल्द ही श्रद्धा कपूर स्टारर फैंटेसी ड्रामा नागिन को भी प्रोड्यूस कर रहे हैं। रोजर्स द्वारा प्रस्तुत 50वें टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (TIFF) में 30 से ज्यादा देशों की फिल्में दिखाई जाएंगी। “मंकी इन अ केज” इस फेस्टिवल में वर्ल्ड प्रीमियर और इंटरनेशनल फिल्मों की शानदार लिस्ट में शामिल हो रही है, जो वहां दर्शकों का ध्यान खींचने के लिए मुकाबला करेंगी।

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अनुराग कश्यप-निखिल द्विवेदी की ‘बंदर’ TIFF 2025 में करेगी वर्ल्ड प्रीमियर

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"बंदर" को टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के स्पेशल प्रेजेंटेशन सेक्शन में दिखाया जाएगा, जहां दुनिया भर की नई और बेहतरीन फिल्में दिखाई जाती हैं। इसका चयन भारतीय फिल्मों के लिए एक बड़ी बात है, क्योंकि यह दुनिया के सबसे बड़े फिल्म फेस्टिवल में से एक है। डायरेक्टर अनुराग कश्यप, जो गैंग्स ऑफ वासेपुर, ब्लैक फ्राइडे और अग्ली जैसी फिल्में बना चुके हैं, अपने अलग और रियल स्टोरीटेलिंग स्टाइल के साथ इस नए प्रोजेक्ट में लौटे हैं। बॉबी देओल, जो इन दिनों अपने करियर में नई ऊंचाइयां छू रहे हैं, इस फिल्म में लीड रोल में नजर आएंगे। उनके साथ सान्या मल्होत्रा, सबा आज़ाद और सपना पब्बी भी अहम भूमिकाओं में हैं।

प्रोड्यूसर निखिल द्विवेदी, जिन्होंने वीरे दी वेडिंग (2018) और CTRL (2024) जैसी हिट फिल्मों को प्रोड्यूस किया है, अब भी अलग-अलग कहानियों को सपोर्ट करने का सिलसिला जारी रखे हुए हैं। द्विवेदी जल्द ही श्रद्धा कपूर स्टारर फैंटेसी ड्रामा नागिन को भी प्रोड्यूस कर रहे हैं। रोजर्स द्वारा प्रस्तुत 50वें टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (TIFF) में 30 से ज्यादा देशों की फिल्में दिखाई जाएंगी। “मंकी इन अ केज” इस फेस्टिवल में वर्ल्ड प्रीमियर और इंटरनेशनल फिल्मों की शानदार लिस्ट में शामिल हो रही है, जो वहां दर्शकों का ध्यान खींचने के लिए मुकाबला करेंगी।

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मृणालिनी जैन, ग्रुप चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर — बनिजेय एशिया और एंडेमोल शाइन इंडिया ने कहा, “टू मच विद काजोल एंड ट्विंकल एक ऐसा शो है, जिसमें बेबाक बातें, साफ-सुथरी राय और बिना झिझक की बातचीत का बोल्ड कॉम्बिनेशन देखने को मिलेगा, वो भी इंडिया के सबसे बड़े स्टार्स के साथ।" उन्होंने कहा, “इस शो की जान हैं काजोल और ट्विंकल की दमदार पर्सनालिटी — अलग, निडर और एकदम रियल। उनकी दोस्ती और ज़िंदगी के तजुर्बों से जुड़ी ये बातचीत हंसी, दिलचस्प बातों और हर किसी से जुड़ने वाले मुद्दों से भरी होगी। बनिजेय एशिया में हम हमेशा ऐसे ओरिजिनल फॉर्मेट बनाने की कोशिश करते हैं, जो दर्शकों को बांधे रखें — और इस शो के लिए प्राइम वीडियो से बेहतर पार्टनर नहीं हो सकता था, जिसने इंडिया में अनस्क्रिप्टेड कंटेंट को एक नया मुकाम दिया है।”

बने रहिए हमारे साथ, क्योंकि टू मच विद काजोल एंड ट्विंकल लेकर आ रहा है दुगनी मस्ती, तड़का और ढेर सारे सरप्राइज — सिर्फ प्राइम वीडियो पर।

https://www.instagram.com/p/DMZmo9MO5qe/?igsh=MXRpeHhteHprbXh6Nw==

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जल्द आ रहा है ‘टू मच विद काजोल एंड ट्विंकल’, बोल्ड और बेबाक टॉक शो

मृणालिनी जैन, ग्रुप चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर — बनिजेय एशिया और एंडेमोल शाइन इंडिया ने कहा, “टू मच विद काजोल एंड ट्विंकल एक ऐसा शो है, जिसमें बेबाक बातें, साफ-सुथरी राय और बिना झिझक की बातचीत का बोल्ड कॉम्बिनेशन देखने को मिलेगा, वो भी इंडिया के सबसे बड़े स्टार्स के साथ।" उन्होंने कहा, “इस शो की जान हैं काजोल और ट्विंकल की दमदार पर्सनालिटी — अलग, निडर और एकदम रियल। उनकी दोस्ती और ज़िंदगी के तजुर्बों से जुड़ी ये बातचीत हंसी, दिलचस्प बातों और हर किसी से जुड़ने वाले मुद्दों से भरी होगी। बनिजेय एशिया में हम हमेशा ऐसे ओरिजिनल फॉर्मेट बनाने की कोशिश करते हैं, जो दर्शकों को बांधे रखें — और इस शो के लिए प्राइम वीडियो से बेहतर पार्टनर नहीं हो सकता था, जिसने इंडिया में अनस्क्रिप्टेड कंटेंट को एक नया मुकाम दिया है।”

बने रहिए हमारे साथ, क्योंकि टू मच विद काजोल एंड ट्विंकल लेकर आ रहा है दुगनी मस्ती, तड़का और ढेर सारे सरप्राइज — सिर्फ प्राइम वीडियो पर।

https://www.instagram.com/p/DMZmo9MO5qe/?igsh=MXRpeHhteHprbXh6Nw==

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तिलक और  आजाद की जयंती पर दी पुष्पांजलि: खोसला

नीरू को सबसे पहले जो चीज़ पसंद आई, वह था Rush का यूज़र इंटरफेस। जहां बाकी ऐप्स अक्सर भारी-भरकम या उलझे हुए लगते थे, वहीं Rush ने उन्हें एक स्मूद और इमर्सिव अनुभव दिया। लेआउट से लेकर गेमप्ले की स्पीड तक, सब कुछ प्रोफेशनल और पॉलिश्ड महसूस हुआ। "मैंने इन सालों में बहुत सारे प्लेटफॉर्म्स ट्राय किए हैं, लेकिन Rush में एक ऐसी सादगी है जो आपको उस चीज़ पर फोकस करने देती है जो सबसे ज़रूरी है — खेल," नीरू कहती हैं। नीरू के लिए, यहा ध्यान केंद्रित करना स्वाभाविक हो गया है। पिछले चार सालों में, उन्होंने एक अनुशासित दिनचर्या विकसित की है। वह पैटर्न का अध्ययन करती हैं, रणनीतियों को अपनाती हैं, और आवेग के बजाय इरादे से खेलती हैं। वह कहती हैं, "मैं कभी भी लापरवाही से नहीं खेलती। यहाँ तक कि जब मैं सिर्फ़ अभ्यास कर रही होती हूँ, तब भी मैं हर मैच को एक सबक की तरह लेती हूँ। आप हर बार कुछ नया सीखते हैं, प्रतिद्वंद्वी के बारे में, टाइमिंग के बारे में, यहाँ तक कि अपने बारे में भी।"

उनका समर्पण किसी की नज़र से नहीं छूटा है। दोस्त अक्सर उनसे सलाह लेते हैं, खासकर जब वे रश खेलना शुरू कर रहे होते हैं। लेकिन नीरू इसे सरल रखती हैं। "मैं हमेशा उनसे कहती हूँ, बस खेलते रहो। लगातार खेलते रहो और साफ़ दिमाग़ से खेलो। जीत के पीछे मत भागो। सुधार के पीछे भागो। नतीजे अपने आप आ जाएँगे।" इस सोच ने उनके लिए बहुत काम किया है। नीरू ने स्पीड लीडो में न केवल जीत हासिल की है, बल्कि अपनी विश्वसनीय और दोहराई जाने वाली गेमप्ले रणनीतियों के लिए भी जानी जाती हैं। उनका मानना है कि निरंतर सफलता की कुंजी अपनी खुद की रणनीति बनाने में निहित है, जो आपकी शैली और मानसिकता के अनुकूल हो। वह कहती हैं, "ऐसा कोई एक फॉर्मूला नहीं है जो सबके लिए कारगर हो। मेरे लिए जो कारगर रहा, वह था अपनी प्रवृत्तियों पर ध्यान देना और समय के साथ उनमें बदलाव लाना। कभी-कभी, एक छोटा सा बदलाव भी सब कुछ बदल सकता है।"

गेमप्ले के अलावा, नीरू को रश की सबसे ज़्यादा पसंद है उसकी बिजली की गति समान तेज़ विड्रॉल सिस्टम। उनके लिए, यह एक महत्वपूर्ण मोड़ था। "जब आप अच्छा खेलते हैं और जीतते हैं, तो आप तुरंत परिणाम देखना चाहते हैं। रश को यह बात समझ आती है। निकासी इतनी तेज़ होती है कि इससे काफ़ी भरोसा बनता है। आपको पता चलता है कि प्लेटफ़ॉर्म आपके समय और मेहनत की कद्र करता है।" नीरू को एक खिलाड़ी के रूप में आगे बढ़ने में रश द्वारा प्रदान किया जाने वाला समान अवसर भी मददगार रहा। पारदर्शी निष्पक्ष खेल प्रथाओं और ज़िम्मेदार गेमिंग पर ज़ोर देने के साथ, यह प्लेटफ़ॉर्म यह सुनिश्चित करता है कि सभी पृष्ठभूमि के खिलाड़ी, खासकर टियर 2 और टियर 3 शहरों के, अपने कौशल के दम पर पूरी तरह से आगे बढ़ सकें। वह कहती हैं, "यहाँ कोई अनुचित लाभ नहीं है। चाहे आप दिल्ली से हों या किसी छोटे शहर से, आपकी रणनीति ही आपके परिणाम तय करती है। यही मुझे पसंद है।" "बेशक, यह बहुत अच्छा लगता है," वह कहती हैं। "लेकिन इनामों से ज़्यादा मुझे इस बात पर गर्व है कि मैंने खुद को समय के साथ कितना बेहतर बनाया है। मैंने अपने लिए कुछ बनाया है, एक ऐसे खेल को, जिसे मैं बचपन से प्यार करती थी, मैंने उसे एक सार्थक दिशा     दी है।"

एक ऐसी दुनिया में जहां गेमिंग को अक्सर एक ध्यान भटकाने वाली चीज़ माना जाता है, नीरू की कहानी एक अलग नज़रिया पेश करती है। यह शांत समर्पण की कहानी है, एक शौक के कौशल में बदल जाने की, और एक ऐसे खिलाड़ी की जिसने कभी सीखना बंद नहीं किया। उनका सफ़र दर्शाता है कि रश जैसे प्लेटफ़ॉर्म सिर्फ़ ऐप से कहीं बढ़कर हैं। वे फ़ोकस, रणनीति और विकास के क्षेत्र हैं। और नीरू के लिए, यह विकास अभी खत्म नहीं हुआ है। "हमेशा एक अगला स्तर होता है। एक नई चुनौती। अगले गेम में आपका एक बेहतर संस्करण इंतज़ार कर रहा होता है। यही मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।" बचपन के लूडो बोर्ड से लीडरबोर्ड जीत तक, नीरू पुरी ने एक पूरा चक्र पूरा कर लिया है। और वह अभी शुरुआत कर रही हैं।

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कैसे नीरू पुरी ने सालों की प्रैक्टिस को Rush पर जीत में बदला

नीरू को सबसे पहले जो चीज़ पसंद आई, वह था Rush का यूज़र इंटरफेस। जहां बाकी ऐप्स अक्सर भारी-भरकम या उलझे हुए लगते थे, वहीं Rush ने उन्हें एक स्मूद और इमर्सिव अनुभव दिया। लेआउट से लेकर गेमप्ले की स्पीड तक, सब कुछ प्रोफेशनल और पॉलिश्ड महसूस हुआ। "मैंने इन सालों में बहुत सारे प्लेटफॉर्म्स ट्राय किए हैं, लेकिन Rush में एक ऐसी सादगी है जो आपको उस चीज़ पर फोकस करने देती है जो सबसे ज़रूरी है — खेल," नीरू कहती हैं। नीरू के लिए, यहा ध्यान केंद्रित करना स्वाभाविक हो गया है। पिछले चार सालों में, उन्होंने एक अनुशासित दिनचर्या विकसित की है। वह पैटर्न का अध्ययन करती हैं, रणनीतियों को अपनाती हैं, और आवेग के बजाय इरादे से खेलती हैं। वह कहती हैं, "मैं कभी भी लापरवाही से नहीं खेलती। यहाँ तक कि जब मैं सिर्फ़ अभ्यास कर रही होती हूँ, तब भी मैं हर मैच को एक सबक की तरह लेती हूँ। आप हर बार कुछ नया सीखते हैं, प्रतिद्वंद्वी के बारे में, टाइमिंग के बारे में, यहाँ तक कि अपने बारे में भी।"

उनका समर्पण किसी की नज़र से नहीं छूटा है। दोस्त अक्सर उनसे सलाह लेते हैं, खासकर जब वे रश खेलना शुरू कर रहे होते हैं। लेकिन नीरू इसे सरल रखती हैं। "मैं हमेशा उनसे कहती हूँ, बस खेलते रहो। लगातार खेलते रहो और साफ़ दिमाग़ से खेलो। जीत के पीछे मत भागो। सुधार के पीछे भागो। नतीजे अपने आप आ जाएँगे।" इस सोच ने उनके लिए बहुत काम किया है। नीरू ने स्पीड लीडो में न केवल जीत हासिल की है, बल्कि अपनी विश्वसनीय और दोहराई जाने वाली गेमप्ले रणनीतियों के लिए भी जानी जाती हैं। उनका मानना है कि निरंतर सफलता की कुंजी अपनी खुद की रणनीति बनाने में निहित है, जो आपकी शैली और मानसिकता के अनुकूल हो। वह कहती हैं, "ऐसा कोई एक फॉर्मूला नहीं है जो सबके लिए कारगर हो। मेरे लिए जो कारगर रहा, वह था अपनी प्रवृत्तियों पर ध्यान देना और समय के साथ उनमें बदलाव लाना। कभी-कभी, एक छोटा सा बदलाव भी सब कुछ बदल सकता है।"

गेमप्ले के अलावा, नीरू को रश की सबसे ज़्यादा पसंद है उसकी बिजली की गति समान तेज़ विड्रॉल सिस्टम। उनके लिए, यह एक महत्वपूर्ण मोड़ था। "जब आप अच्छा खेलते हैं और जीतते हैं, तो आप तुरंत परिणाम देखना चाहते हैं। रश को यह बात समझ आती है। निकासी इतनी तेज़ होती है कि इससे काफ़ी भरोसा बनता है। आपको पता चलता है कि प्लेटफ़ॉर्म आपके समय और मेहनत की कद्र करता है।" नीरू को एक खिलाड़ी के रूप में आगे बढ़ने में रश द्वारा प्रदान किया जाने वाला समान अवसर भी मददगार रहा। पारदर्शी निष्पक्ष खेल प्रथाओं और ज़िम्मेदार गेमिंग पर ज़ोर देने के साथ, यह प्लेटफ़ॉर्म यह सुनिश्चित करता है कि सभी पृष्ठभूमि के खिलाड़ी, खासकर टियर 2 और टियर 3 शहरों के, अपने कौशल के दम पर पूरी तरह से आगे बढ़ सकें। वह कहती हैं, "यहाँ कोई अनुचित लाभ नहीं है। चाहे आप दिल्ली से हों या किसी छोटे शहर से, आपकी रणनीति ही आपके परिणाम तय करती है। यही मुझे पसंद है।" "बेशक, यह बहुत अच्छा लगता है," वह कहती हैं। "लेकिन इनामों से ज़्यादा मुझे इस बात पर गर्व है कि मैंने खुद को समय के साथ कितना बेहतर बनाया है। मैंने अपने लिए कुछ बनाया है, एक ऐसे खेल को, जिसे मैं बचपन से प्यार करती थी, मैंने उसे एक सार्थक दिशा     दी है।"

एक ऐसी दुनिया में जहां गेमिंग को अक्सर एक ध्यान भटकाने वाली चीज़ माना जाता है, नीरू की कहानी एक अलग नज़रिया पेश करती है। यह शांत समर्पण की कहानी है, एक शौक के कौशल में बदल जाने की, और एक ऐसे खिलाड़ी की जिसने कभी सीखना बंद नहीं किया। उनका सफ़र दर्शाता है कि रश जैसे प्लेटफ़ॉर्म सिर्फ़ ऐप से कहीं बढ़कर हैं। वे फ़ोकस, रणनीति और विकास के क्षेत्र हैं। और नीरू के लिए, यह विकास अभी खत्म नहीं हुआ है। "हमेशा एक अगला स्तर होता है। एक नई चुनौती। अगले गेम में आपका एक बेहतर संस्करण इंतज़ार कर रहा होता है। यही मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।" बचपन के लूडो बोर्ड से लीडरबोर्ड जीत तक, नीरू पुरी ने एक पूरा चक्र पूरा कर लिया है। और वह अभी शुरुआत कर रही हैं।

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इस अवसर पर एशियन खो-खो फेडरेशन के अध्यक्ष अस्लाम शेर खान ने कहा, "सिंगापुर और मलेशिया के बीच यह प्रदर्शनी मैच खो-खो की अंतरराष्ट्रीय यात्रा में एक महत्वपूर्ण पहल है। ऐसे खेलों से दक्षिण-पूर्व एशिया के नए दर्शकों तक पहुंचाने की योजना है। यह आयोजन केवल एक मैच भर नहीं है, बल्कि समुदायों को प्रेरित करने, युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और जमीनी स्तर पर एक मजबूत नींव तैयार करने का एक प्रयास है।" इस मौके पर एशियन खो-खो फेडरेशन के सह-सचिव क्षितिज अग्रवाल ने भी अपनी बात साझा करतें हुये टीम क़ो बधाई दी" इस आयोजन में एशियन खो-खो फेडरेशन के महासचिव एम. सतशिवम, सह-सचिव क्षितिज अग्रवाल, और कार्यकारी निदेशक सान्ग्रा सिंह अग्रवाल भी उपस्थित थे।

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खो-खो की राष्ट्रीय टीम ने सिंगापूर से वैश्विक स्तर पर बढ़ाया कदम

इस अवसर पर एशियन खो-खो फेडरेशन के अध्यक्ष अस्लाम शेर खान ने कहा, "सिंगापुर और मलेशिया के बीच यह प्रदर्शनी मैच खो-खो की अंतरराष्ट्रीय यात्रा में एक महत्वपूर्ण पहल है। ऐसे खेलों से दक्षिण-पूर्व एशिया के नए दर्शकों तक पहुंचाने की योजना है। यह आयोजन केवल एक मैच भर नहीं है, बल्कि समुदायों को प्रेरित करने, युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और जमीनी स्तर पर एक मजबूत नींव तैयार करने का एक प्रयास है।" इस मौके पर एशियन खो-खो फेडरेशन के सह-सचिव क्षितिज अग्रवाल ने भी अपनी बात साझा करतें हुये टीम क़ो बधाई दी" इस आयोजन में एशियन खो-खो फेडरेशन के महासचिव एम. सतशिवम, सह-सचिव क्षितिज अग्रवाल, और कार्यकारी निदेशक सान्ग्रा सिंह अग्रवाल भी उपस्थित थे।

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उन्होंने आगे कहा, "यह सेमिनार उद्योगों के लिए प्रासंगिक और भविष्य के लिए तैयार कौशल विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम इस आयोजन के लिए विश्व युवक केंद्र (वीवाईके) के उनकी मूल्यवान साझेदारी के लिए आभारी हैं।" विश्व युवक केंद्र के सीईओ, उदय शंकर सिंह ने कहा, "एक युवा-केंद्रित संस्थान के रूप में, हम ऐसी साझेदारियों को महत्व देते हैं जो युवाओं के लिए सार्थक अवसर पैदा करने में मदद करती हैं। इस सेमिनार ने हमें यह पता लगाने की अनुमति दी कि डिजिटल व्यवधान कौशल को कैसे प्रभावित करता है और हम अपने वंचित युवाओं का बेहतर समर्थन कैसे कर सकते हैं। इसने विशेषज्ञों, चिकित्सकों और परिवर्तन निर्माताओं को अंतर्दृष्टि और अभिनव दृष्टिकोण साझा करने के लिए एक साथ लाया। ऐसे संवादों के माध्यम से, हमारा लक्ष्य समावेशी और भविष्य के लिए तैयार समाधानों का सह-निर्माण करना है जो हर युवा व्यक्ति को डिजिटल युग में सफल होने के लिए सशक्त बनाते हैं। हमारा मानना है कि डिजिटल डिवाइड को पाटना सिर्फ एक आवश्यकता नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी है। साथ मिलकर, हम युवाओं की क्षमता को अनलॉक कर सकते हैं और स्थाई, न्यायसंगत विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।"

डालमिया भारत फाउंडेशन (डीबीएफ) 23 दीक्षा केंद्रों, 4 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई), 7 एचपी वर्ल्ड ऑन व्हील्स (डब्ल्यू ओ डब्ल्यू) डिजिटल बसों और 2 सीएसएल प्रयोगशालाओं के एक मजबूत नेटवर्क के माध्यम से पूरे भारत में जमीनी स्तर पर कौशल विकास को बढ़ावा देता है। इन पहलों ने सामूहिक रूप से 27,000 से अधिक ग्रामीण युवाओं को स्वास्थ्य सेवा और डिजिटल साक्षरता से लेकर तकनीकी और उद्यमशीलता कौशल तक के व्यवसायों में प्रशिक्षित किया है। ग्रामीण प्रतिभाओं को उद्योग-प्रासंगिक अवसरों से जोड़कर, डीबीएफ भारत के युवा और कौशल विकास ईकोसिस्टम को सार्थक और मापने योग्य तरीकों से मजबूत करना जारी रखता है।

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डालमिया भारत फाउंडेशन ने विश्व युवक केंद्र के साथ मिलकर मनाया विश्व युवा कौशल दिवस

उन्होंने आगे कहा, "यह सेमिनार उद्योगों के लिए प्रासंगिक और भविष्य के लिए तैयार कौशल विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम इस आयोजन के लिए विश्व युवक केंद्र (वीवाईके) के उनकी मूल्यवान साझेदारी के लिए आभारी हैं।" विश्व युवक केंद्र के सीईओ, उदय शंकर सिंह ने कहा, "एक युवा-केंद्रित संस्थान के रूप में, हम ऐसी साझेदारियों को महत्व देते हैं जो युवाओं के लिए सार्थक अवसर पैदा करने में मदद करती हैं। इस सेमिनार ने हमें यह पता लगाने की अनुमति दी कि डिजिटल व्यवधान कौशल को कैसे प्रभावित करता है और हम अपने वंचित युवाओं का बेहतर समर्थन कैसे कर सकते हैं। इसने विशेषज्ञों, चिकित्सकों और परिवर्तन निर्माताओं को अंतर्दृष्टि और अभिनव दृष्टिकोण साझा करने के लिए एक साथ लाया। ऐसे संवादों के माध्यम से, हमारा लक्ष्य समावेशी और भविष्य के लिए तैयार समाधानों का सह-निर्माण करना है जो हर युवा व्यक्ति को डिजिटल युग में सफल होने के लिए सशक्त बनाते हैं। हमारा मानना है कि डिजिटल डिवाइड को पाटना सिर्फ एक आवश्यकता नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी है। साथ मिलकर, हम युवाओं की क्षमता को अनलॉक कर सकते हैं और स्थाई, न्यायसंगत विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।"

डालमिया भारत फाउंडेशन (डीबीएफ) 23 दीक्षा केंद्रों, 4 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई), 7 एचपी वर्ल्ड ऑन व्हील्स (डब्ल्यू ओ डब्ल्यू) डिजिटल बसों और 2 सीएसएल प्रयोगशालाओं के एक मजबूत नेटवर्क के माध्यम से पूरे भारत में जमीनी स्तर पर कौशल विकास को बढ़ावा देता है। इन पहलों ने सामूहिक रूप से 27,000 से अधिक ग्रामीण युवाओं को स्वास्थ्य सेवा और डिजिटल साक्षरता से लेकर तकनीकी और उद्यमशीलता कौशल तक के व्यवसायों में प्रशिक्षित किया है। ग्रामीण प्रतिभाओं को उद्योग-प्रासंगिक अवसरों से जोड़कर, डीबीएफ भारत के युवा और कौशल विकास ईकोसिस्टम को सार्थक और मापने योग्य तरीकों से मजबूत करना जारी रखता है।

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अभिनेत्री नीतू चंद्रा को बिहार चुनाव आयोग का आइकॉन फेस नियुक्त किया गया
कोनिका मिनोल्टा ने किया सी 7100 एन्हान्स्ड और पूर्ण डिजिटल पोर्टफोलियो का प्रदर्शन

लोहिया समूह से जुड़े इस नए ब्रांड ‘योद्धा’ ने पहले चरण में अपने इस इलेक्ट्रिक वाहन को उत्तर प्रदेश, बिहार और असम जैसे राज्यों में लॉन्च किया है, जहां थ्री-व्हीलर वाहनों की मांग और उपयोग दोनों ही काफी अधिक हैं। कंपनी की योजना आने वाले महीनों में इसे देशभर में रोल आउट करने की है। कंपनी का कहना है कि योद्धा ईपॉड एक बार चार्ज करने पर करीब 227 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है। इसमें 11.8 KWH की लिथियम-आयन बैटरी, 6 किलोवॉट की मोटर, 55 एनएम का टॉर्क और वाटर वेडिंग कैपेसिटी 300 मिमी तक की दी गई है, जिससे यह बारिश और जलभराव जैसे हालात में भी चलने में सक्षम है। साथ ही, इसमें दो ड्राइव मोड – ‘सिटी’ और ‘बूस्ट’ – दिए गए हैं, जो अलग-अलग ट्रैफिक कंडीशन्स में मदद करते हैं।

योद्धा ईपॉड का निर्माण उत्तराखंड के काशीपुर स्थित अत्याधुनिक संयंत्र में किया गया है, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 1 लाख यूनिट्स की है। कंपनी का फोकस छोटे उद्यमियों, ऑटो चालकों और ग्रामीण व अर्ध-शहरी क्षेत्रों के ड्राइवरों पर है जो रोज़गार के लिए एक भरोसेमंद और कम खर्चीले वाहन की तलाश में रहते हैं। ‘योद्धा’ नाम संस्कृत शब्द ‘योधा’ से प्रेरित है, और इसका लोगो एक योद्धा की ढाल जैसा है जिसमें बीच में 'Y' अक्षर बना है। कंपनी ने इस ब्रांड को मेहनतकश भारत की भावना को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है। टैगलाइन ‘चलाओ शान से, कमाओ आन से’ के साथ यह सिर्फ एक इलेक्ट्रिक वाहन नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक बदलाव की दिशा में एक कदम बताया जा रहा है।

कंपनी के मुताबिक वह आने वाले समय में अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को और बढ़ाएगी, मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को दोगुना करेगी और देशभर में रिटेल और सर्विस नेटवर्क को भी विस्तार देगी। लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक योद्धा ब्रांड ₹1000 करोड़ का टर्नओवर हासिल करे।

 

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योद्धा ईपॉड लॉन्च: अब सस्ती, दमदार और स्वदेशी इलेक्ट्रिक सवारी की शुरुआत

लोहिया समूह से जुड़े इस नए ब्रांड ‘योद्धा’ ने पहले चरण में अपने इस इलेक्ट्रिक वाहन को उत्तर प्रदेश, बिहार और असम जैसे राज्यों में लॉन्च किया है, जहां थ्री-व्हीलर वाहनों की मांग और उपयोग दोनों ही काफी अधिक हैं। कंपनी की योजना आने वाले महीनों में इसे देशभर में रोल आउट करने की है। कंपनी का कहना है कि योद्धा ईपॉड एक बार चार्ज करने पर करीब 227 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है। इसमें 11.8 KWH की लिथियम-आयन बैटरी, 6 किलोवॉट की मोटर, 55 एनएम का टॉर्क और वाटर वेडिंग कैपेसिटी 300 मिमी तक की दी गई है, जिससे यह बारिश और जलभराव जैसे हालात में भी चलने में सक्षम है। साथ ही, इसमें दो ड्राइव मोड – ‘सिटी’ और ‘बूस्ट’ – दिए गए हैं, जो अलग-अलग ट्रैफिक कंडीशन्स में मदद करते हैं।

योद्धा ईपॉड का निर्माण उत्तराखंड के काशीपुर स्थित अत्याधुनिक संयंत्र में किया गया है, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 1 लाख यूनिट्स की है। कंपनी का फोकस छोटे उद्यमियों, ऑटो चालकों और ग्रामीण व अर्ध-शहरी क्षेत्रों के ड्राइवरों पर है जो रोज़गार के लिए एक भरोसेमंद और कम खर्चीले वाहन की तलाश में रहते हैं। ‘योद्धा’ नाम संस्कृत शब्द ‘योधा’ से प्रेरित है, और इसका लोगो एक योद्धा की ढाल जैसा है जिसमें बीच में 'Y' अक्षर बना है। कंपनी ने इस ब्रांड को मेहनतकश भारत की भावना को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है। टैगलाइन ‘चलाओ शान से, कमाओ आन से’ के साथ यह सिर्फ एक इलेक्ट्रिक वाहन नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक बदलाव की दिशा में एक कदम बताया जा रहा है।

कंपनी के मुताबिक वह आने वाले समय में अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को और बढ़ाएगी, मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को दोगुना करेगी और देशभर में रिटेल और सर्विस नेटवर्क को भी विस्तार देगी। लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक योद्धा ब्रांड ₹1000 करोड़ का टर्नओवर हासिल करे।

 

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कला, संस्कृति और देशभक्ति का अद्भुत संगम – वैष्णव की राजेश झा से आत्मीय भेंट
फरहान अख्तर की ‘120 बहादुर’ ने हॉलीवुड की टीम स्नो बिजनेस से मिलाया है हाथ
भगवान झूलेलाल के चालिहा महोत्सव आरम्भ, सांसद बांसुरी स्वराज आरती में शामिल

कार्यक्रम में बोलते हुए सह-संस्थापक फरीद बक्शी ने टूर्नामेंट की व्यापक दृष्टि पर प्रकाश डाला, "ओरिएंटल कप सिर्फ प्रतियोगिता नहीं है। यह एक ऐसा मंच है जहाँ दिल्ली के स्कूल एथलीट खेलते हैं, सीखते हैं, और फुटबॉल के माध्य‌म से एक समुदाय का हिस्सा बनते हैं। हमें नई टीमों का स्वागत करने और इस विरासत को आगे बढ़ाने की खुशी है, जो हमने दो साल पहले शुरू की थी।" सॉकर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रिज़वान-उल-हक़ ने इस टूर्नामेंट के बढ़ते प्रभाव की सराहना करते हुए कहा, 'दिल्ली सॉकर एसोसिएशन श्र तीन साल पहले शुरू किए गए इस स्कूल स्त्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट की पहल की सराहना करता है। इसकी शुरुआत से अब तक, इस टूर्नामेंट ने हर वर्ष उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है और यह दिल्ली के युवाओं के फुटबॉल विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इस प्रकार की पहलें युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा और कौशल दिखाने के लिए एक मूल्यवान मंच प्रदान करती हैं।' आयोजकों ने दिल्ली के सभी छात्रों, कोचों और फुटबॉल प्रेमियों से आग्रह किया है कि वो टूनर्मिट को समर्थन दें, अपनी स्कूल टीमों का उत्साहवर्धन करें, और इस बढ़ते आंदोलन का हिस्सा बनें जिसका उद्देश्य खेल भावना और प्रतिभा को बढ़ावा देना है।

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ओरिएंटल कप 2025 ने तीसरे सीज़न की घोषणा की, स्कूल फुटबॉल इकोसिस्ट्म को मिली ताक़त

कार्यक्रम में बोलते हुए सह-संस्थापक फरीद बक्शी ने टूर्नामेंट की व्यापक दृष्टि पर प्रकाश डाला, "ओरिएंटल कप सिर्फ प्रतियोगिता नहीं है। यह एक ऐसा मंच है जहाँ दिल्ली के स्कूल एथलीट खेलते हैं, सीखते हैं, और फुटबॉल के माध्य‌म से एक समुदाय का हिस्सा बनते हैं। हमें नई टीमों का स्वागत करने और इस विरासत को आगे बढ़ाने की खुशी है, जो हमने दो साल पहले शुरू की थी।" सॉकर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रिज़वान-उल-हक़ ने इस टूर्नामेंट के बढ़ते प्रभाव की सराहना करते हुए कहा, 'दिल्ली सॉकर एसोसिएशन श्र तीन साल पहले शुरू किए गए इस स्कूल स्त्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट की पहल की सराहना करता है। इसकी शुरुआत से अब तक, इस टूर्नामेंट ने हर वर्ष उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है और यह दिल्ली के युवाओं के फुटबॉल विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इस प्रकार की पहलें युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा और कौशल दिखाने के लिए एक मूल्यवान मंच प्रदान करती हैं।' आयोजकों ने दिल्ली के सभी छात्रों, कोचों और फुटबॉल प्रेमियों से आग्रह किया है कि वो टूनर्मिट को समर्थन दें, अपनी स्कूल टीमों का उत्साहवर्धन करें, और इस बढ़ते आंदोलन का हिस्सा बनें जिसका उद्देश्य खेल भावना और प्रतिभा को बढ़ावा देना है।

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ओवर ऑल

रोमांस इमोशनळ भावनाओं और रहस्य से भरी फिल्म की कहानी बाद में एक खतरनाक रूप में बदलकर एक ऐसी भूलभुलैया में प्रवेश करती है जहां से निकलना आसान नहीं है। निर्देशक अर्नब की कहानी और किरदारों पर फिल्म की शुरुआत में पकड़ कमजोर है लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म आपको सीट से बांध सी देती है, अर्नब ने मंझे हुए दिग्गज कलाकारो के साथ न्यू कमर्स स्टार्स से अच्छा काम लिया है, नकुल सहदेव और कनिका कपूर की जोड़ी जमी है लेकिन फिल्म नगरी में लंबी पारी खेलने के लिए इन्हें अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है, अर्नब की यह फिल्म क्लाइमेक्स के दौरान बांग्ला बैकग्राउंड में एंट्री करती है लेकिन फिल्म का अहम मोड है। फिल्म का क्लाईमेक्स हम आपको बिल्कुल नहीं बताएंगे इसके लिए आपको सिनेमाघर जाना होगा लेकिन फैमिली क्लास की कसौटी पर फिल्म फिट नहीं रहेगी लेकिन कुछ बिल्कुल नया और थ्रिलर देखने वाले दर्शक फिल्म को पसंद करेंगे

कलाकार: शाकिर हाशमी, नकुल रोशन सहदेव, कनिका कपूर, मनीष चौधरी,अमोल गुप्ते,मसूद अख्तर,सलोनी बत्रा,निर्माता, लेखक, निर्देशक: अर्नब चटर्जी, सेंसर सर्टिफिकेट: यू ए, अवधि: 143 मिनट, रेटिंग : 3.5 स्टार

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मर्डरबाद- इमोशन, थ्रिल, मिस्ट्री का जबरदस्त तड़का क्लाइमेक्स बिल्कुल नया 

ओवर ऑल

रोमांस इमोशनळ भावनाओं और रहस्य से भरी फिल्म की कहानी बाद में एक खतरनाक रूप में बदलकर एक ऐसी भूलभुलैया में प्रवेश करती है जहां से निकलना आसान नहीं है। निर्देशक अर्नब की कहानी और किरदारों पर फिल्म की शुरुआत में पकड़ कमजोर है लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म आपको सीट से बांध सी देती है, अर्नब ने मंझे हुए दिग्गज कलाकारो के साथ न्यू कमर्स स्टार्स से अच्छा काम लिया है, नकुल सहदेव और कनिका कपूर की जोड़ी जमी है लेकिन फिल्म नगरी में लंबी पारी खेलने के लिए इन्हें अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है, अर्नब की यह फिल्म क्लाइमेक्स के दौरान बांग्ला बैकग्राउंड में एंट्री करती है लेकिन फिल्म का अहम मोड है। फिल्म का क्लाईमेक्स हम आपको बिल्कुल नहीं बताएंगे इसके लिए आपको सिनेमाघर जाना होगा लेकिन फैमिली क्लास की कसौटी पर फिल्म फिट नहीं रहेगी लेकिन कुछ बिल्कुल नया और थ्रिलर देखने वाले दर्शक फिल्म को पसंद करेंगे

कलाकार: शाकिर हाशमी, नकुल रोशन सहदेव, कनिका कपूर, मनीष चौधरी,अमोल गुप्ते,मसूद अख्तर,सलोनी बत्रा,निर्माता, लेखक, निर्देशक: अर्नब चटर्जी, सेंसर सर्टिफिकेट: यू ए, अवधि: 143 मिनट, रेटिंग : 3.5 स्टार

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गीले हाथों में साबुन लगाओ
हथेलियाँ आपस में रगड़ो तुम
फिर हाथ के ऊपर आओ
अब उंगलियों को बीच में रगड़ो
अब नाखूनों को करो साफ
अब बारी अंगूठे की है -
अब हाथों की करो धुलाई
स्वच्छ हाथ -स्वस्थ जीवन"

डेंगू -मलेरिया मच्छर से बचने के लिए हमें अपने आसपास पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए ,कूलर की टंकियों का पानी एक सप्ताह के बाद बदल देना चाहिए,ऑडोमोस शरीर पर लगानी चाहिए । गुड नाइट / ऑल आउट अथवा मच्छरदानी का प्रयोगअवश्य करें । विद्यालय की एच ओ एस मैडम श्रीमती मनप्रीत कौर जी ने विद्यालय में सभी कोअपने स्वास्थ के प्रति छोटे-छोटे नियम अपनाते हुए सजग रहकर तंदुरुस्त और प्रसन्न रहने का संदेश दिया l

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गुरु नानक पब्लिक स्कूल राजौरी गार्डन में डायरिया, डेंगू, मलेरिया रोकथाम हेतु जागरूकता अभियान
गीले हाथों में साबुन लगाओ
हथेलियाँ आपस में रगड़ो तुम
फिर हाथ के ऊपर आओ
अब उंगलियों को बीच में रगड़ो
अब नाखूनों को करो साफ
अब बारी अंगूठे की है -
अब हाथों की करो धुलाई
स्वच्छ हाथ -स्वस्थ जीवन"

डेंगू -मलेरिया मच्छर से बचने के लिए हमें अपने आसपास पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए ,कूलर की टंकियों का पानी एक सप्ताह के बाद बदल देना चाहिए,ऑडोमोस शरीर पर लगानी चाहिए । गुड नाइट / ऑल आउट अथवा मच्छरदानी का प्रयोगअवश्य करें । विद्यालय की एच ओ एस मैडम श्रीमती मनप्रीत कौर जी ने विद्यालय में सभी कोअपने स्वास्थ के प्रति छोटे-छोटे नियम अपनाते हुए सजग रहकर तंदुरुस्त और प्रसन्न रहने का संदेश दिया l

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प्रयाग 2025: भारत मंडपम में महिला उद्यमी के नीति, नवाचार और उद्देश्य का संगम

कार्यक्रम में मुख्य रूप से पार्टी के वरिष्ठ नेता मान सिंह बिसेन, सीता शरण सिंह, श्रीकांत पटेल, संतराम पटेल, प्रतिभा पटेल, जगदीश पटेल, विजय कुमार पटेल, संतोष पटेल, शेषबहादुर सिंह पटेल, सुभाष पटेल, चैतुराम पटेल, रेखा पटेल व अन्य कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे। यह आयोजन मध्य प्रदेश में अपना दल (एस) को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कार्यकर्ताओं ने इस कार्यक्रम के प्रति जबरदस्त उत्साह प्रदर्शित किया, जिससे यह अपेक्षा की जा रही है कि यह अभियान पार्टी के विस्तार में अहम योगदान देगा।

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कटनी में संपन्न हुई अपना दल (एस) की कार्यकर्ता बैठक, सदस्यता अभियान को मिली गति

कार्यक्रम में मुख्य रूप से पार्टी के वरिष्ठ नेता मान सिंह बिसेन, सीता शरण सिंह, श्रीकांत पटेल, संतराम पटेल, प्रतिभा पटेल, जगदीश पटेल, विजय कुमार पटेल, संतोष पटेल, शेषबहादुर सिंह पटेल, सुभाष पटेल, चैतुराम पटेल, रेखा पटेल व अन्य कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे। यह आयोजन मध्य प्रदेश में अपना दल (एस) को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कार्यकर्ताओं ने इस कार्यक्रम के प्रति जबरदस्त उत्साह प्रदर्शित किया, जिससे यह अपेक्षा की जा रही है कि यह अभियान पार्टी के विस्तार में अहम योगदान देगा।

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भाषा विवाद की आंधी के बीच विख्यात मराठी कवि संत तुकाराम की फिल्म हिंदी में रिलीज़
पीपुल फोरम ऑफ इंडिया ने नई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय नियुक्तियों की घोषणा की
पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी के जन्मदिवस पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन
शैलेंद्र जैन बने जैन राष्ट्रीय एकता संगठन दिल्ली के संस्थापक-अध्यक्ष 
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने उपराष्ट्रपति धनखड़ से की शिष्टाचार भेंट
प्रकृति से विद्यार्थियों का जुड़ाव’ प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न
प्रोफेसर राजकुमार जैन का कॉलम : जाकिर हुसैन केवल एक तबला नवाज ही नहीं थे

आधुनिक भारतीय घरों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए एयरविज़ पंखों में खूबसूरती और दमदार परफॉर्मेंस दोनों का तालमेल है। इनमें डबल-शील्डेड बॉल बेयरिंग्स जैसी टिकाऊ तकनीक दी गई है, साथ ही तीन साल की वॉरंटी भी। एनर्जी एफिशिएंसी पर खास ज़ोर देते हुए एयरविज़ सिर्फ तेज़ हवा ही नहीं देता, बल्कि बिजली के बिल भी कम करता है। 'ब्रिंग होम ए बेटर टुमारो' के अपने विज़न पर चलते हुए वी-गार्ड ने इस सीरीज़ में यूज़र-फ्रेंडली और स्मार्ट इनोवेशन का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।एयरविज़ सीरीज़ अब पूरे भारत में वी-गार्ड के अधिकृत डीलर्स और रिटेल स्टोर्स पर उपलब्ध है।

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स्टाइलिश, दमदार और एनर्जी-एफिशिएंट बीएलडीसी पंखों का नया दौर शुरू

आधुनिक भारतीय घरों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए एयरविज़ पंखों में खूबसूरती और दमदार परफॉर्मेंस दोनों का तालमेल है। इनमें डबल-शील्डेड बॉल बेयरिंग्स जैसी टिकाऊ तकनीक दी गई है, साथ ही तीन साल की वॉरंटी भी। एनर्जी एफिशिएंसी पर खास ज़ोर देते हुए एयरविज़ सिर्फ तेज़ हवा ही नहीं देता, बल्कि बिजली के बिल भी कम करता है। 'ब्रिंग होम ए बेटर टुमारो' के अपने विज़न पर चलते हुए वी-गार्ड ने इस सीरीज़ में यूज़र-फ्रेंडली और स्मार्ट इनोवेशन का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।एयरविज़ सीरीज़ अब पूरे भारत में वी-गार्ड के अधिकृत डीलर्स और रिटेल स्टोर्स पर उपलब्ध है।

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क्रॉम्पटन एमियो फ्रेश न्यूट्री ब्लेंडर अब भारत में सभी प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर 5,299 रूपए की कीमत पर उपलब्ध है। इस लॉन्च के साथ, क्रॉम्पटन ने फूड प्रिपरेशन कैटेगरी में अपनी मौजूदगी को और मजबूत किया है। यह एक ऐसा छोटा लेकिन शक्तिशाली समाधान है, जो उपभोक्ताओं को सेहतमंद आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करता है – हर बार एक हेल्दी ब्लेंड के साथ।

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क्रॉम्पटन ने एमियो फ्रेश न्‍यूट्री ब्‍लेंडर किया लॉन्‍च

क्रॉम्पटन एमियो फ्रेश न्यूट्री ब्लेंडर अब भारत में सभी प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर 5,299 रूपए की कीमत पर उपलब्ध है। इस लॉन्च के साथ, क्रॉम्पटन ने फूड प्रिपरेशन कैटेगरी में अपनी मौजूदगी को और मजबूत किया है। यह एक ऐसा छोटा लेकिन शक्तिशाली समाधान है, जो उपभोक्ताओं को सेहतमंद आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करता है – हर बार एक हेल्दी ब्लेंड के साथ।

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पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि प्रतियोगिता में केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सीबीएसई व राज्य बोर्ड से संबद्ध विद्यालय, तथा सभी कला महाविद्यालय भाग ले सकते हैं। स्कूल शिक्षा विभाग, सीबीएसई, यूजीसी एवं अन्य नियामक संस्थाएं अपने अधीनस्थ संस्थानों को प्रतियोगिता आयोजित करने हेतु निर्देशित करेंगी। प्रत्येक विद्यालय द्वारा प्रतियोगिता के बाद शीर्ष 5 प्रविष्टियाँ चयनित कर उन्हें स्कैन करके माईगॉव (MyGov) पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा। यह पोर्टल 20 जुलाई से 15 अगस्त 2025 तक लाइव रहेगा। चीफ पोस्टमास्टर जनरल की अध्यक्षता में परिमंडल स्तर पर गठित समिति स्कूलों से प्राप्त प्रविष्टियों का मूल्यांकन कर 5 श्रेष्ठ डिज़ाइनों का चयन करेगी, जिन्हें डाक निदेशालय को अंतिम मूल्यांकन हेतु भेजा जाएगा। इनमें से राष्ट्रीय स्तर की श्रेष्ठ प्रविष्टि के चयन हेतु विदेश मंत्रालय और डाक विभाग द्वारा संयुक्त रूप से नामित समिति द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा।

 पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक टिकट केवल संचार का माध्यम नहीं हैं, बल्कि ये राष्ट्र की कला, संस्कृति, इतिहास और विरासत को दर्शाने वाले जीवंत प्रतीक होते हैं। ये छोटे आकार में बड़े विचारों, ऐतिहासिक घटनाओं और सामाजिक मूल्यों को सहेजते हैं। ऐसे में यह प्रतियोगिता विद्यार्थियों को रचनात्मक अभिव्यक्ति और राष्ट्रीय व वैश्विक दृष्टिकोण को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत करने का अनूठा अवसर प्रदान करेगी। यह प्रतियोगिता न केवल उनके कलात्मक विकास, बल्कि समाज और वैश्विक मुद्दों की समझ को भी बढ़ावा देगी। यह पहल विद्यार्थियों को न केवल एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय मंच प्रदान करती है, बल्कि उन्हें एक जागरूक वैश्विक नागरिक के रूप में सोचने और रचनात्मक रूप से अपनी बात कहने का अवसर भी देती है।

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'यूएन@80 और भारत की नेतृत्वकारी भूमिका' विषय पर डाक टिकट डिजाइन प्रतियोगिता

पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि प्रतियोगिता में केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सीबीएसई व राज्य बोर्ड से संबद्ध विद्यालय, तथा सभी कला महाविद्यालय भाग ले सकते हैं। स्कूल शिक्षा विभाग, सीबीएसई, यूजीसी एवं अन्य नियामक संस्थाएं अपने अधीनस्थ संस्थानों को प्रतियोगिता आयोजित करने हेतु निर्देशित करेंगी। प्रत्येक विद्यालय द्वारा प्रतियोगिता के बाद शीर्ष 5 प्रविष्टियाँ चयनित कर उन्हें स्कैन करके माईगॉव (MyGov) पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा। यह पोर्टल 20 जुलाई से 15 अगस्त 2025 तक लाइव रहेगा। चीफ पोस्टमास्टर जनरल की अध्यक्षता में परिमंडल स्तर पर गठित समिति स्कूलों से प्राप्त प्रविष्टियों का मूल्यांकन कर 5 श्रेष्ठ डिज़ाइनों का चयन करेगी, जिन्हें डाक निदेशालय को अंतिम मूल्यांकन हेतु भेजा जाएगा। इनमें से राष्ट्रीय स्तर की श्रेष्ठ प्रविष्टि के चयन हेतु विदेश मंत्रालय और डाक विभाग द्वारा संयुक्त रूप से नामित समिति द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा।

 पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक टिकट केवल संचार का माध्यम नहीं हैं, बल्कि ये राष्ट्र की कला, संस्कृति, इतिहास और विरासत को दर्शाने वाले जीवंत प्रतीक होते हैं। ये छोटे आकार में बड़े विचारों, ऐतिहासिक घटनाओं और सामाजिक मूल्यों को सहेजते हैं। ऐसे में यह प्रतियोगिता विद्यार्थियों को रचनात्मक अभिव्यक्ति और राष्ट्रीय व वैश्विक दृष्टिकोण को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत करने का अनूठा अवसर प्रदान करेगी। यह प्रतियोगिता न केवल उनके कलात्मक विकास, बल्कि समाज और वैश्विक मुद्दों की समझ को भी बढ़ावा देगी। यह पहल विद्यार्थियों को न केवल एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय मंच प्रदान करती है, बल्कि उन्हें एक जागरूक वैश्विक नागरिक के रूप में सोचने और रचनात्मक रूप से अपनी बात कहने का अवसर भी देती है।

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सिंधु समाज दिल्ली 16 जुलाई से भगवान झूलेलाल का चालीहा कार्यक्रम मनाएगा
बलिदान की भावना का सम्मान: आरईसी ने ₹20 करोड़ की सीएसआर सहायता प्रदान की
शिरोमणि अकाली दल का तरलोचन सिंह पर तीखा हमला
 “यदि विश्व साहित्य है, तो भारत कहानी है”
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अभिनेत्री कशिका कपूर और उल्का गुप्ता ने निकाला इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट के पुरस्कारों का ड्रॉ
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डीएफपीसीएल समूह की कंपनी पीसीएल व पेट्रोनेट एलएनजी के बीच रीगैसिफिकेशन समझौता

संयुक्त रूप से आयोजितःइस कोनकलेव मे हमारा मकसद उस लाइन मे खडे व्यक्ति के लिये उसके भविष्य क़ो उज्जवल बनाना उसे स्वावलम्बी बनाना है यह कहना था पूर्व बैंकर, सहयोगी राजीव दूबे का, उन्होंने बताया कि हमारा मकसद लोगों कि जीवन शेलो क़ो बदलना और जहाँ लोग नौकरी के लिए भाग दौड़ कर रहें है उन्हें व्यापारिक लोन देकर, उसे आत्मनिर्भर बनाना और लोगो क़ो भी स्वावलम्बी बनाना है।

 

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समृद्धि कॉन्क्लेव 2025 -भारत मंडपम में भारत का पहला लोन और बिज़नेस एक्सपो 2025

संयुक्त रूप से आयोजितःइस कोनकलेव मे हमारा मकसद उस लाइन मे खडे व्यक्ति के लिये उसके भविष्य क़ो उज्जवल बनाना उसे स्वावलम्बी बनाना है यह कहना था पूर्व बैंकर, सहयोगी राजीव दूबे का, उन्होंने बताया कि हमारा मकसद लोगों कि जीवन शेलो क़ो बदलना और जहाँ लोग नौकरी के लिए भाग दौड़ कर रहें है उन्हें व्यापारिक लोन देकर, उसे आत्मनिर्भर बनाना और लोगो क़ो भी स्वावलम्बी बनाना है।

 

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 पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित कलाकार नवोदित प्रतिभाओं को प्रेरित करने के लिए "सृजन" में अपनी जीवंत रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हैं

 पुनर्जीवित सांस्कृतिक स्थल 2047 में विकसित भारत की भावना को दर्शाता है - केशव चंद्रा, अध्यक्ष- एनडीएमसी

 सृजन आर्ट गैलरी का मिशन कला को खुले, सुलभ स्थानों में लाकर उस तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाना है - कुलजीत सिंह चहल

"सृजन" - एक ओपन-एयर आर्ट गैलरी और रचनात्मक मंच नेहरू पार्क की हरी-भरी हरियाली के बीच स्थित है, "सृजन" न केवल एक ओपन-एयर आर्ट गैलरी है, बल्कि यह एक रचनात्मक आश्रय भी है, जिसकी परिकल्पना और संयोजन कला और कलाकारों के लिए नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) द्वारा की गई है। इस पर सम्बोधित करते हुए केशव चंद्रा ने बताया कि यह पुनर्जीवित सांस्कृतिक स्थल, विकसित भारत @ 2047 की भावना को दर्शाता है - एक प्रगतिशील, समावेशी और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भविष्य की दिशा में भारत का आकांक्षात्मक रोडमैप है। मूल रूप से 1999 में स्थापित, "सृजन" - प्रख्यात कलाकारों, नवोदित प्रतिभाओं और कला प्रेमियों के लिए एक जीवंत मिलन स्थल के रूप में कार्य करता रहा है। प्रत्येक रविवार, चित्रकार, मूर्तिकार, ग्राफिक कलाकार, कार्टूनिस्ट और फ़ोटोग्राफ़र रचनात्मकता और सहयोग के माहौल में अपनी कृतियों को रचने, साझा करने और प्रदर्शित करने के लिए यहां एकत्रित होते थे।

172.50 वर्ग मीटर के खुले-हवा वाले कला स्थल के रूप में सृजन आर्टिस्ट कॉर्नर को अब आधुनिक 'सृजन आर्ट गैलरी' में बदल दिया गया है, जिसका नई सुविधाओं और उन्नत डिज़ाइन सुविधाओं के साथ महत्वपूर्ण रूप से विस्तार और उन्नयन किया गया है। पालिका अध्यक्ष ने कहा कि पुनर्निर्मित गैलरी में अब एक समर्पित प्रवेश द्वार, क्यूरेटेड आर्ट डिस्प्ले कॉर्नर, लैंडस्केप गज़ेबो, बेहतर सार्वजनिक बैठने की व्यवस्था और लगभग 15,225 वर्ग मीटर का एक विस्तारित खुला क्षेत्र शामिल है, जो इसे कलाकारों के लिए एक विशाल और आकर्षक स्थल बनाता है। और आगंतुकों दोनों के लिए भी एक मनोरम स्थल है। उन्होंने कहा कि वर्षों से, सृजन कला दीर्घ ने कलाकारों की पीढ़ियों को पोषित करने के लिए कई चित्रकला और मूर्तिकला प्रदर्शनियों, मिट्टी के बर्तनों, मूर्तिकला और चित्रकला पर कार्यशालाओं, साथ ही स्कूली छात्रों के बीच मौके पर कला कार्यक्रमों और चित्रकला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया है।

श्री चंद्रा ने बताया कि नवनिर्मित सृजन कला दीर्घा- ओपन आर्ट गैलरी में अब एक सुंदर, अच्छी तरह से प्रकाशित, छायादार और मौसम से सुरक्षित प्रदर्शन क्षेत्र है, जो इसे पूरे वर्ष नियमित प्रदर्शनियों, प्रदर्शनों और रचनात्मक गतिविधियों के लिए एक आदर्श स्थल बनाता है। यह कलात्मक मंच न केवल युवा और उभरते कलाकारों को दृश्यता प्रदान करता है, बल्कि कला के आनंद को आम जनता के करीब भी लाता है, जिससे सामुदायिक भागीदारी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अवसर पैदा होते हैं। पालिका उपाध्यक्ष श्री चहल ने इस अवसर पर कहा कि सृजन आर्ट गैलरी का मिशन कला को खुले, सुलभ स्थानों में लाकर कला तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाना है - कला के अनुभव को पारंपरिक संग्रहालयों और सभागारों से बाहर आगे ले जाना। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह गैलरी एक ताज़ा सांस्कृतिक आश्रय स्थल के रूप में कार्य करती है, जहाँ मुफ्त सार्वजनिक प्रवेश, कलाकार-जनता संपर्क और कलाकृतियों की सीधी खरीद की सुविधा है।

श्री चहल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दृष्टिकोण के अनुरूप सांस्कृतिक रूप से जीवंत और विकसित भारत में, एनडीएमसी ने अपने अधिकार क्षेत्र में कला, संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक कार्य योजना अपनाई है। उन्होंने बताया कि मई 2025 में एक समर्पित कला और संस्कृति विभाग की स्थापना की गई है, जिसका बजट आवंटन ₹40 करोड़ है, जो एनडीएमसी के वार्षिक व्यय का लगभग 1% है। श्री चहल ने कहा कि इन सांस्कृतिक प्रयासों को संस्थागत समर्थन प्रदान करने के लिए, एनडीएमसी ने एक औपचारिक परिषद प्रस्ताव के माध्यम से एक शहरी कला और संस्कृति मंच का गठन किया है। उन्होंने कहा कि मंच को रणनीतिक आउटरीच, क्यूरेटेड कार्यक्रमों और नीति कार्यान्वयन के माध्यम से एनडीएमसी के कलात्मक और सांस्कृतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने का काम सौंपा गया है। एनडीएमसी मानती है कि कला और संस्कृति शहरी जीवन को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर महानगरों के तेज-भागमभाग वातावरण में, जहाँ दैनिक तनाव और व्यस्त दिनचर्या अक्सर लोगों को रचनात्मक अभिव्यक्ति से दूर कर देती है। एनडीएमसी अधिनियम, 1994 की धारा 12 के तहत अपने वैधानिक प्रावधान के अनुरूप, परिषद कला और संस्कृति को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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एनडीएमसी : नेहरू पार्क में "सृजन" - एक ओपन-एयर आर्ट गैलरी और रचनात्मक मंच का उद्घाटन

 पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित कलाकार नवोदित प्रतिभाओं को प्रेरित करने के लिए "सृजन" में अपनी जीवंत रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हैं

 पुनर्जीवित सांस्कृतिक स्थल 2047 में विकसित भारत की भावना को दर्शाता है - केशव चंद्रा, अध्यक्ष- एनडीएमसी

 सृजन आर्ट गैलरी का मिशन कला को खुले, सुलभ स्थानों में लाकर उस तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाना है - कुलजीत सिंह चहल

"सृजन" - एक ओपन-एयर आर्ट गैलरी और रचनात्मक मंच नेहरू पार्क की हरी-भरी हरियाली के बीच स्थित है, "सृजन" न केवल एक ओपन-एयर आर्ट गैलरी है, बल्कि यह एक रचनात्मक आश्रय भी है, जिसकी परिकल्पना और संयोजन कला और कलाकारों के लिए नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) द्वारा की गई है। इस पर सम्बोधित करते हुए केशव चंद्रा ने बताया कि यह पुनर्जीवित सांस्कृतिक स्थल, विकसित भारत @ 2047 की भावना को दर्शाता है - एक प्रगतिशील, समावेशी और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भविष्य की दिशा में भारत का आकांक्षात्मक रोडमैप है। मूल रूप से 1999 में स्थापित, "सृजन" - प्रख्यात कलाकारों, नवोदित प्रतिभाओं और कला प्रेमियों के लिए एक जीवंत मिलन स्थल के रूप में कार्य करता रहा है। प्रत्येक रविवार, चित्रकार, मूर्तिकार, ग्राफिक कलाकार, कार्टूनिस्ट और फ़ोटोग्राफ़र रचनात्मकता और सहयोग के माहौल में अपनी कृतियों को रचने, साझा करने और प्रदर्शित करने के लिए यहां एकत्रित होते थे।

172.50 वर्ग मीटर के खुले-हवा वाले कला स्थल के रूप में सृजन आर्टिस्ट कॉर्नर को अब आधुनिक 'सृजन आर्ट गैलरी' में बदल दिया गया है, जिसका नई सुविधाओं और उन्नत डिज़ाइन सुविधाओं के साथ महत्वपूर्ण रूप से विस्तार और उन्नयन किया गया है। पालिका अध्यक्ष ने कहा कि पुनर्निर्मित गैलरी में अब एक समर्पित प्रवेश द्वार, क्यूरेटेड आर्ट डिस्प्ले कॉर्नर, लैंडस्केप गज़ेबो, बेहतर सार्वजनिक बैठने की व्यवस्था और लगभग 15,225 वर्ग मीटर का एक विस्तारित खुला क्षेत्र शामिल है, जो इसे कलाकारों के लिए एक विशाल और आकर्षक स्थल बनाता है। और आगंतुकों दोनों के लिए भी एक मनोरम स्थल है। उन्होंने कहा कि वर्षों से, सृजन कला दीर्घ ने कलाकारों की पीढ़ियों को पोषित करने के लिए कई चित्रकला और मूर्तिकला प्रदर्शनियों, मिट्टी के बर्तनों, मूर्तिकला और चित्रकला पर कार्यशालाओं, साथ ही स्कूली छात्रों के बीच मौके पर कला कार्यक्रमों और चित्रकला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया है।

श्री चंद्रा ने बताया कि नवनिर्मित सृजन कला दीर्घा- ओपन आर्ट गैलरी में अब एक सुंदर, अच्छी तरह से प्रकाशित, छायादार और मौसम से सुरक्षित प्रदर्शन क्षेत्र है, जो इसे पूरे वर्ष नियमित प्रदर्शनियों, प्रदर्शनों और रचनात्मक गतिविधियों के लिए एक आदर्श स्थल बनाता है। यह कलात्मक मंच न केवल युवा और उभरते कलाकारों को दृश्यता प्रदान करता है, बल्कि कला के आनंद को आम जनता के करीब भी लाता है, जिससे सामुदायिक भागीदारी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अवसर पैदा होते हैं। पालिका उपाध्यक्ष श्री चहल ने इस अवसर पर कहा कि सृजन आर्ट गैलरी का मिशन कला को खुले, सुलभ स्थानों में लाकर कला तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाना है - कला के अनुभव को पारंपरिक संग्रहालयों और सभागारों से बाहर आगे ले जाना। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह गैलरी एक ताज़ा सांस्कृतिक आश्रय स्थल के रूप में कार्य करती है, जहाँ मुफ्त सार्वजनिक प्रवेश, कलाकार-जनता संपर्क और कलाकृतियों की सीधी खरीद की सुविधा है।

श्री चहल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दृष्टिकोण के अनुरूप सांस्कृतिक रूप से जीवंत और विकसित भारत में, एनडीएमसी ने अपने अधिकार क्षेत्र में कला, संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक कार्य योजना अपनाई है। उन्होंने बताया कि मई 2025 में एक समर्पित कला और संस्कृति विभाग की स्थापना की गई है, जिसका बजट आवंटन ₹40 करोड़ है, जो एनडीएमसी के वार्षिक व्यय का लगभग 1% है। श्री चहल ने कहा कि इन सांस्कृतिक प्रयासों को संस्थागत समर्थन प्रदान करने के लिए, एनडीएमसी ने एक औपचारिक परिषद प्रस्ताव के माध्यम से एक शहरी कला और संस्कृति मंच का गठन किया है। उन्होंने कहा कि मंच को रणनीतिक आउटरीच, क्यूरेटेड कार्यक्रमों और नीति कार्यान्वयन के माध्यम से एनडीएमसी के कलात्मक और सांस्कृतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने का काम सौंपा गया है। एनडीएमसी मानती है कि कला और संस्कृति शहरी जीवन को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर महानगरों के तेज-भागमभाग वातावरण में, जहाँ दैनिक तनाव और व्यस्त दिनचर्या अक्सर लोगों को रचनात्मक अभिव्यक्ति से दूर कर देती है। एनडीएमसी अधिनियम, 1994 की धारा 12 के तहत अपने वैधानिक प्रावधान के अनुरूप, परिषद कला और संस्कृति को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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उन्होंने आगे कहा, "व्हक्स दुबई की समृद्ध विरासत से प्रेरित, इंडिया हेल्थ एग्ज़िबिशन नीति, नवाचार और उद्यमशीलता को एक साझा मंच पर लाता है—जहां केंद्र में भारत है। इस वर्ष, हमारे दोहरे ट्रैक वाले सम्मेलन, जैसे 'ग्लोबल मेडटेक कनेक्ट', गहन संवाद को बढ़ावा देंगे और भविष्य उन्मुख चर्चाओं का मार्ग प्रशस्त करेंगे। साथ ही, ‘इंडिया हेल्थनेक्स्ट अवॉर्ड्स’ की शुरुआत के माध्यम से हम हेल्थकेयर वैल्यू चेन में उत्कृष्टता को पहचानने और प्रोत्साहित करने की अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को और मजबूत कर रहे हैं।”

इंडिया हेल्थ 2025 का यह संस्करण स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की संपूर्ण श्रृंखला को समेटे हुए है और इसमें 300 से अधिक अग्रणी ब्रांड एकत्र हुए हे। प्रैक्सिस ग्लोबल अलायंस और इनफॉर्मा मार्केट्स इंडिया के सहयोग से एक विशेष श्वेत पत्र भी जारी किया गया, जिसमें हेल्थकेयर सेक्टर की मौजूदा चुनौतियों के समाधान के तौर पर सिंगल स्पेशियलिटी अस्पतालों की बढ़ती लोकप्रियता पर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गईं।

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भारत मंडपम में इंडिया हेल्थ 2025 सम्मिट, हेल्थकेयर सेक्टर क़ो मिलेगी गति

उन्होंने आगे कहा, "व्हक्स दुबई की समृद्ध विरासत से प्रेरित, इंडिया हेल्थ एग्ज़िबिशन नीति, नवाचार और उद्यमशीलता को एक साझा मंच पर लाता है—जहां केंद्र में भारत है। इस वर्ष, हमारे दोहरे ट्रैक वाले सम्मेलन, जैसे 'ग्लोबल मेडटेक कनेक्ट', गहन संवाद को बढ़ावा देंगे और भविष्य उन्मुख चर्चाओं का मार्ग प्रशस्त करेंगे। साथ ही, ‘इंडिया हेल्थनेक्स्ट अवॉर्ड्स’ की शुरुआत के माध्यम से हम हेल्थकेयर वैल्यू चेन में उत्कृष्टता को पहचानने और प्रोत्साहित करने की अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को और मजबूत कर रहे हैं।”

इंडिया हेल्थ 2025 का यह संस्करण स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की संपूर्ण श्रृंखला को समेटे हुए है और इसमें 300 से अधिक अग्रणी ब्रांड एकत्र हुए हे। प्रैक्सिस ग्लोबल अलायंस और इनफॉर्मा मार्केट्स इंडिया के सहयोग से एक विशेष श्वेत पत्र भी जारी किया गया, जिसमें हेल्थकेयर सेक्टर की मौजूदा चुनौतियों के समाधान के तौर पर सिंगल स्पेशियलिटी अस्पतालों की बढ़ती लोकप्रियता पर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गईं।

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