केवीआईसी ने दिल्ली के ग्रामीण कारीगरों को बांटे मशीनरी और टूलकिट

By: Dilip Kumar
3/18/2024 11:31:46 AM
नई दिल्ली

कुलवंत कौर के साथ बंसी लाल की रिपोर्ट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार ‘विकसित और आत्मनिर्भर भारत’ निर्माण के लिए गांव-गांव तक ‘खादी ग्राम स्वराज अभियान’ को सशक्त करने लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली के कारीगरों को आधुनिक प्रशिक्षण के बाद उच्च गुणवत्ता के टूलकिट प्रदान किये। वीआईपी पार्क केशवपुरम, त्रिनगर, उत्तर-पश्चिम दिल्ली में आयोजित वितरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने केवीआईसी के उत्तर क्षेत्र के सदस्य नागेंद्र रघुवंशी की उपस्थिति में ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत कारीगरों को 160 मशीनरी व टूलकिट प्रदान किये।

वितरण कार्यक्रम के दौरान केवीआईसी के राज्य कार्यालय दिल्ली के अंतर्गत आनेवाले 11 जिलों के 40 कुम्हारों को कुम्हार सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत 40 विद्युत चालित चाक, 10 मधुमक्खी पालकों को हनी मिशन के अंतर्गत 100 मधुमक्खी बॉक्स और 20 कारीगरों को 20 ऑटोमैटिक अगरबत्ती मशीन का वितरण किया गया। लाभार्थियों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष केवीआईसी मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केवीआईसी द्वारा बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए खादी और ग्रामोद्योग की विभिन्न योजनायें चलाई जा रही है; जैसे-खादी कारीगरों के लिए वर्कशेड, केआरडीपी, एमएमडीए, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, स्फूर्ति कार्यक्रम तथा ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के परम्परागत उद्योगों को जीवन्त रखने के लिए कुम्हार सशक्तिकरण कार्यक्रम, हनी मिशन, चर्म उद्योग, अगरबत्ती उद्योग, हाथ कागज उद्योग, टर्न वुड क्राफ्ट तथा सेवा क्षेत्र में इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर के लिए कई योजनायें चलाई जा रही है। इसी के अंतर्गत आज यहां पर वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार ‘खादी ग्राम स्वराज अभियान’ ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से सशक्त और सक्षम बना रहा है।

अध्यक्ष केवीआईसी मनोज कुमार ने कारीगरों को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में खादी की 8 संस्थाएं हैं जिन्हें केवीआईसी ने पिछले 3 वर्षों में 55 लाख रूपये से अधिक का एमएमडीए (MMDA) और लगभग 21 लाख रूपये का आईएसईसी (ISEC) आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान किया है। ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2022-23 में दिल्ली के 50 कारीगरों को फुटवियर टूलकिट, 10 मधुमक्खी पालकों को 100 मधुमक्खी बी-बॉक्स और 20 प्लंबरों को टूलकिट का वितरण किया गया। उन्होंने आगे कहा कि ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत केवीआईसी ने पूरे देश में अभी तक 27 हजार से अधिक कुम्हारों को विद्युत चालित चॉक का वितरण किया है, जिससे 1 लाख से अधिक कुम्हारों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। इसी योजना के तहत गांव में रहनेवाले कारीगरों को 6000 से अधिक टूलकिट और मशीनरी का वितरण किया गया है, जबकि हनी मिशन योजना के अंतर्गत अभी तक 20,000 से अधिक लाभार्थियों को 2 लाख से अधिक हनी बी-बॉक्स और बी कॉलोनी का वितरण किया गया है।

कारीगरों से सीधा संवाद करते हुए अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के अनुरूप पीएमईजीपी ने कुटीर उद्योगों की स्थापना के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल की है। पीएमईजीपी का आवेदन करने से लेकर सब्सिडी जारी करने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। पीएमईजीपी योजना शुरू होने से लेकर अबतक देश में 9.40 लाख नयी परियोजनाओं की स्थापना की गयी है, जिससे लगभग 81.48 लाख से अधिक नये लोगों को रोजगार मिला है। इन योजनाओं के लिए अभी तक भारत सरकार ने 24520.19 करोड़ रुपये से अधिक की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण किया है। उन्होंने आगे कहा कि 52% इकाइयां एससी/एसटी श्रेणी और महिलाओं को स्वीकृत हैं। 80% पीएमईजीपी इकाइयां ग्रामीण क्षेत्र, 20% इकाइयां शहरी क्षेत्र में स्थापित की गयी हैं। लगभग 67% पीएमईजीपी इकाइयां विनिर्माण क्षेत्र और 33% सेवा क्षेत्र में स्थापित हैं। इस योजना के अंतर्गत सामान्य श्रेणी के अभ्यार्थियों को 15% से 25% तथा आरक्षित श्रेणी के अभ्यार्थियों को 25% से 35% तक का अनुदान भारत सरकार द्वारा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि दिल्ली के अंतर्गत आनेवाले 11 जिलों में पिछले तीन वर्षों में 216 नयी यूनिटें लगी हैं जिसके लिए भारत सरकार ने 10.88 करोड़ रूपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण किया है। वित्तवर्ष 2023-24 में अभी तक 47 नयी यूनिटों की स्थपना हुई है जिसके लिए केवीआईसी के माध्यम से भारत सरकार ने 3.22 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की है। इसके जरिये दिल्ली के 517 नये लोगों को रोजगार मिला है।

अपने अध्यक्षीय भाषण में श्री मनोज कुमार ने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार की गारंटी ने खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया है। पिछले 10 वर्षों में ‘नये भारत की नयी खादी’ ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को नयी दिशा दी है। जिसके परिणाम स्वरूप इस कालखंड में खादी उत्पादों की बिक्री में चार गुना से अधिक की बिक्री दर्ज की गई है। खादी की उत्पादन और बिक्री बढ़ने से ग्रामीण भारत के कारीगर आर्थिक रूप से समृद्ध हुए हैं। उन्होंने आगे बताया है कारीगरों की पारिश्रमिक में पिछले 10 वर्षों में 233 फीसदी से अधिक की वृद्धि ने कारीगरों को खादी के काम की ओर आकर्षित किया है। इस अवसर पर केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' और 'मेक इन इंडिया' मंत्र ने खादी को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाया है। पिछले 10 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है, जबकि इस दौरान 9.50 लाख से अधिक नये लोगों को रोजगार मिला। वितरण कार्यक्रम में खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, खादी कार्यकर्ता और कारीगर, ग्रामोद्योग विकास योजना के लाभार्थियों समेत बैंकों के प्रतिनिधि, केवीआईसी, केवीआईबी और दिल्ली सरकार के अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित रहे।


comments