आपातकाल की दुहाई देने वाले तो इंदिरा गांधी के भी बाप निकले: सरना
By: Dilip Kumar
6/25/2025 5:38:21 PM
कुलवंत कौर के साथ बंसी लाल की रिपोर्ट। शिरोमणी अकाली दल से संबंधित दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों ने आज हुए कार्यकारिणी चुनावों का बहिष्कार किया। साथ ही अकाली नेताओं ने उक्त चुनाव प्रक्रिया को अवैध और सरकारी संरक्षण में किया गया सरकार प्रायोजित तमाशा भी बताया है। इस संबंध में मीडिया से बात करते हुए दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना और मनजीत सिंह जीके ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को ज्ञापन सौंपकर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और प्रवेश वर्मा द्वारा गुरुद्वारा प्रशासन में बेशर्मी से हस्तक्षेप करने की जानकारी दी है। सरना ने कहा कि दिल्ली कमेटी के आंतरिक चुनाव पंथ की सेवा के लिए नहीं बल्कि राजनीतिक नियंत्रण को मजबूत करने के लिए रची गई एक धोखाधड़ी प्रक्रिया है।
पिछले तीन वर्षों से पारंपरिक अकाली पक्ष को अस्थिर करने के लिए सिरसा द्वारा एक सुनियोजित अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए सरना ने कहा कि विपक्ष को तोड़ने और पारंपरिक अकाली आधार को कमजोर करने के लिए झूठे मामलों, रिश्वत और जबरदस्ती का जहरीला मिश्रण तैयार किया गया है। सरना ने भाजपा का नाम लिए बिना सख्त लहजे में कहा कि आपातकाल की दुहाई देने वाले तो इंदिरा गांधी के भी बाप निकले हैं। जिन्होंने गुरुद्वारा प्रबंध की लोकतांत्रिक हत्या की है। इसलिए इस द्रोह कमाने वाले नेस्तनाबूद जरूर होंगे। मरे हुए जमीर के लोगों को फूलों का हार पहनाकर बधाई देने वाले वास्तव में मरे हुए लोगों की अर्थी पर हार चढ़ा रहे हैं। दलबदल करने वाले कमेटी सदस्यों और सिरसा को चुनाव में तरजीह नहीं मिलने पर व्यंग्य करते हुए सरना ने कहा कि बिकाऊ लोगों को किनारे किया गया हैं। सरना ने सिरसा परिवार पर बीघड़ में दिल्ली कमेटी के संसाधनों की खुलेआम लूट करने का आरोप लगाते हुए जल्द बिघड़ जाने का ऐलान किया।
जीके ने पुराने पदाधिकारियों की पुनर्नियुक्ति पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि क्या इस बार नए 5 पदाधिकारियों और 10 कार्यकारिणी सदस्यों के नाम वाला लिफाफा रेखा गुप्ता ने भेजा था या यह लिफाफा भाजपा कार्यालय से आया था? जीके ने कहा कि आपातकाल की पचासवीं वर्षगांठ के अवसर पर एक तरफ सरकार "संविधान हत्या दिवस" मना रही है लेकिन दूसरी तरफ दिल्ली कमेटी के संविधान की मूल भावना की हत्या की जा रही है। इस कारण हमारे सदस्य जनरल हाऊस की मीटिंग में नहीं गए। हालांकि, सुरिंदर सिंह दारा और महिंदर सिंह, जिन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा वोट देने का अधिकार दिया गया था, बैठक में गए थे। जहां उन्होंने निदेशक गुरुद्वारा चुनाव को एक ज्ञापन सौंप करके मांग की कि हरमीत सिंह कालका और जगदीप सिंह काहलों की अयोग्यता का हवाला देते हुए उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं देने की मांग की थी। क्योंकि कालका और काहलों को गुरु हरिक्रिशन पब्लिक स्कूलों के कर्मचारियों के लंबित वेतन के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा अदालत के आदेश की अवहेलना करने का दोषी पाया गया था। इस कारण वे दोनों दिल्ली कमेटी एक्ट के अनुसार कमेटी सदस्य बनने के पात्र नहीं हैं। लेकिन रेखा सरकार और डायरेक्टर ने आरोपीयों को पदाधिकारी बनाकर गुरुद्वारा संविधान की हत्या की है। इसीलिए हम मौजूदा भ्रष्ट कमेटी के अवैध चुनाव में हिस्सा लेने नहीं गए। साथ ही इन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के आम चुनाव करवाने के आदेश का भी उल्लंघन किया है। यह भी माना जा रहा है कि सरकारी मशीनरी ने चुनाव को एकतरफा बनाए रखने के लिए ईडी का भी इस्तेमाल किया है। इस मौके पर बड़ी संख्या में दिल्ली कमेटी के सदस्य और अकाली नेता मौजूद थे।