इंडियन आर्मी का बड़ा ऑपरेशन, म्यांमार बॉर्डर पर नगा उग्रवादियों के कैंप तबाह
By: Dilip Kumar
9/28/2017 1:16:41 AM
भारतीय सेना ने म्यांमार बॉर्डर पर बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है. बुधवार को भारतीय सेना ने म्यांमार के नगा इंसर्जेंट कैंप पर जवाबी कार्रवाई की. इस कार्रवाई में कई उग्रवादियों के मारे जाने और कैंप तबाह होने की खबर है. जहां इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, वो जगह भारत-म्यांमार बॉर्डर से 10-15 किलोमीटर दूर है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना ने इंडो-म्यांमार बॉर्डर के लंगखू गांव में सुबह 4:45 बजे ये जवाबी कार्रवाई की है. भारतीय सेना के ईस्टर्न कमांड ने यहां से नगा उग्रवादियों के कई कैंप बर्बाद किए. भारत की इस कार्रवाई में कई आतंकियों के मरने की सूचना है, लेकिन आधिकारिक तौर पर अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
भारतीय सेना ने बेहद सुनियोजित तरीके से ऑपरेशन को अंजाम दिया. सूत्रों के मुताबिक, साढ़े तीन घंटे तक चले ऑपरेशन में कई कैंप नष्ट हुए हैं. भारतीय सेना के ईस्टर्न कमांड के मुताबिक, इस दौरान इंडो-म्यांमार बॉर्डर को क्रॉस नहीं किया गया. सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है, लेकिन यह जरूर कहा कि भारत-म्यांमार सीमा पर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. एनएससीएन (के) के कई उग्रवादी इस कार्रवाई में मारे गए हैं. भारतीय सेना के किसी भी जवान को नुकसान नहीं पहुंचा है.
बता दें कि पिछले साल 28-29 सितंबर की दरमियानी रात को भारतीय सेना ने एलओसी पार करके आतंकी लॉन्च पैड पर हमले किए थे. इनमें पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को बहुत नुकसान हुआ था. सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक के लिए उरी हमले में नुकसान झेलने वाले यूनिटों के सैनिकों के इस्तेमाल का निर्णय किया.
सर्जिकल स्ट्राइक कहने से क्यों बच रही है भारतीय सेना
बुधवार को जैसे ही म्यांमार बॉर्डर से 10-12 किमी. दूर नगा इलाके में लांगखू गांव में उग्रवादियों के खिलाफ सेना की बड़ी कार्रवाई की खबर सामने आई. चारों तरफ सर्जिकल स्ट्राइक की चर्चा होने लगी. भारतीय सेना को चारों तरफ से बधाई मिलने लगी. लेकिन इसी बीच भारतीय सेना, और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि यह ऑपरेशन सर्जिकल स्ट्राइक नहीं है. अब सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या है कि सेना अपनी इस सफलता को सर्जिकल स्ट्राइक कहने से बच रही है. इसके दो बड़े कारण सामने आ रहे हैं...सेना का कहना है कि यह ऑपरेशन भारतीय सीमा पर हुआ. उसने इंटरनेशनल सीमा पार नहीं की. म्यांमार से हमारे दोस्ताना संबंध हैं. उग्रवादियों की घुसपैठ के अलावा म्यांमार बॉर्डर पर किसी तरह का कोई तनाव नहीं है. ऐसे में अगर भारत इस ऑपरेशन को सर्जिकल स्ट्राइक कहता है एक मित्र राष्ट्र की भावनाएं आहत हो सकती हैं.
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी यही बात कही थी कि म्यांमार के साथ हमारे मित्रवत संबंध हैं. यह कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं थी. हमले के बारे में आगे जो भी जानकारी मिलेगी आफ सभी तक पहुंचाई जाएगी. 27 सितंबर को तड़के जब भारतीय फौज की एक टुकड़ी भारत-म्यांमार सीमा की निगरानी कर रही थी तभी अज्ञात उग्रवादियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी. हमारे जवानों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उग्रवादियों पर भारी गोलाबारी की और उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया. इसके बाद उग्रवादी मौके से भाग खड़े हुए. जानकारी के मुताबिक सेना के जवाबी हमले में काफी संख्या में उग्रवादी मारे गए हैं. बताया जा रहा है कि इस हमले में NSCN (K) के कई उग्रवादी ढेर हुए हैं. इस गोलीबारी में हमारे जवानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. यहां ये बताना जरूरी है कि हमारी सेना ने इंटरनेशनल बॉर्डर पार नहीं किया.
रक्षा मंत्री का पदभार संभालने के 20वें दिन सेना ने दिखाया दमखम
केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अपना पदभार संभालने के बाद से ही एक्शन में दिखाई दे रही हैं। भारतीय सैनिकों ने उनके कार्यकाल शुरू होने के साथ ही एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे दिया है। भारतीय सुरक्षाकर्मियों ने म्यांमार सीमा पर अपना दमखम दिखाया है और उग्रवादियों को काफी क्षति पहुंचाई है। सेना की तरफ से ऑपरेशन बॉर्डर के 10-15 किलोमीटर दूर लंग्खू गांव के पास किया गया है। आपको बता दें कि पदभार संभालने के साथ ही केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सितारमण एक्शन में दिखाई दें रही हैं। उन्होंने अपना पहला फैसला लिया था तो उसमें उन्होंने एक्स सर्विसमैन फंड से वित्तीय सहायता को मंजूरी दिलाई थी। जानकारी है कि रक्षा मंत्री रोजाना आर्मी, नेवी और एयरफोर्स प्रमुखों से वार्तालाप करती हैं।
जानिए सेना कैसे देती है सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम
एक साल पहले भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को मार गिराया। जो उरी हमले का बदला था। लेकिन आज सुबह ऐसा ही सर्जिकल स्ट्राइक भारत और प्यांमार सीमा पर किया गया।जिसमें नागा उग्रवादि संगठन के उग्रवादियों को भारतीय सेना के जवानों ने ढेर कर दिया। यह हमला सुबह 4.45 पर किया गया था। जब सेना गश्त दे रही थी। सर्जिकल स्ट्राइक का मतलब होता है कि किसी भी सीमित इलाके में सेना जब दुश्मनों और आतंकियों को नुकसान पहुंचाने और उन्हें मार गिराने के लिए सैन्य कार्रवाई करती है, तो उसे सर्जिकल स्ट्राइक कहते हैं।
सर्जिकल स्ट्राइक में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि जिस जगह या जिस इलाके में आतंकी या दुश्मन छिपे हुए हैं, सिर्फ उसी जगह को निशाना बनाया जाए और इससे बाकी लोगों को कोई नुकसान न पहुंचे। इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए सेना के स्पेशल कमांडो को कमान सौंपी जाती है।
चिदंबरम ने म्यांमार में की गई ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ पर उठाए सवाल
कांग्रेस ने नागा विद्रोही गुट NSCN (K) के खिलाफ किए गए आर्मी ऑपरेशन की टाइमिंग पर सवाल खड़े किए हैं. पार्टी नेता चिदंबरम ने ऑपरेशन के बहाने सरकार पर निशाना साधा. इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट में कांग्रेस नेता चिदंबरम के हवाले से कहा गया है कि सरकार जब भी मुश्किल में होती है, सर्जिकल स्ट्राइक का सहारा लेती है. समय-समय पर हमारे सुरक्षाबलों और विद्रोहियों के बीच संघर्ष होता रहा है. जब मैं गृहमंत्री था, तब भी कई बार ऐसे ऑपरेशन हुए. अगर आप आडवाणी जी से पूछेंगे तो वे भी यही बताएंगे, अगर आप शिंदे जी (सुशील कुमार शिंदे, पूर्व गृह मंत्री) से पूछेंगे, तो वे भी इस बात की पुष्टि करेंगे. लेकिन आजकल जब भी सरकार का कोई दिन बुरा साबित होता है, वे कहीं सर्जिकल स्ट्राइक कर देते हैं. भारत-म्यांमार बॉर्डर पर घने जंगल हैं. विद्रोहियों को छुपने के लिए ये हमेशा से अच्छा विकल्प रहे हैं. चिदंबरम ने मामले में मीडिया की रिपोर्टिंग पर भी सवाल उठाए. चिदंबरम ने कहा,मीडिया इस संघर्ष को सर्जिकल स्ट्राइक का नाम दे रही है, जबकि सरकार इससे साफ इंकार कर चुकी है. वहीं आर्मी ने कहा है, कि आज सुबह ‘जबावी कार्रवाई’ में उग्रवादी गुट NSCN (K) को भारी नुकसान पहुंचाया गया है.
दुनिया की शीर्ष आक्रामक सेनाओं में शामिल होती जा रही भारतीय फ़ौज
पहले एक एक कर के कश्मीर के उन सभी कातिलों को मारा जिनके हाथो में बंदूक ऐसी दिखती थी जैसे उन्होंने इसका सरकारी परमिट लिया हो . , फिर पाकिस्तान में घुस गयी . फिर पत्थर बाजो को खामोश करा दिया धीरे धीरे अब एक बार फिर से ऐसा कदम उठाया जिस से हर भारतवासी को अपने देश के सैनिकों पर गर्व होगा...हमारे सैनिकों हमारे सैनिकों ने एक बार फिर से सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए भारत का नाम रौशन कर दुनिया को ये दिखाया है कि भारत की सेना किसी दूसरे देश की सेना से किसी भी तरीके से कम नहीं है...भारतीय सेना दुश्मनों को मुहंतोड़ जवाब देने के लिए पूरा दमखंब रखती है और इसी का परिचय देते हुए भारतीय सेना ने म्यांमार सीमा पर बड़ी कार्रवाई की है