ओडिशा में 'तितली' का विकराल रूप
By: Dilip Kumar
10/11/2018 12:00:25 PM
ओडिशा में चक्रवाती तूफान तितली भयंकर रूप धारण कर चुका है। तूफान के प्रभाव से एक तरफ जहां 140 से 150 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ राज्य के विभिन्न जिलों में भारी बारिश हो रही है। ओडिशा के बाद अब मौसम विभाग ने उत्तराखंड में भी तूफान का अलर्ट जारी किया है। वहीं यहां के सात जिलों को सबसे ज्यादा खतरा बताया है। पुलिस प्रशासन भी इसकाे लेकर सतर्क हो गया है। दिल्ली में भी मौसम शुष्क है लेकिन, अलवर, मथुरा और आगरा में हुई बारिश का असर यहां देखने को मिल रहा है। अधिकतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। वहीं न्यूनतम तापमान भी कम हुआ है।
उत्तराखंड में तूफान का अलर्ट
उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर, पिथौरागढ़ और चम्पावत में भी मंगलवार को तूफान, बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गयी थी। वहीं एडीजी अशोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड ने भी इस सम्बन्ध में नदी तटों, घटों व झरनों के किनारे स्नान व फोटो खींचने वाले स्थानों पर प्रर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात करने तथा चार-धाम में आने वाले श्रद्धालुओं/पर्यटकों को इस सम्बन्ध में समय से सूचित करने के आदेश दिए हैं।
ओडिशा में लाेगोें की सहायता में जुटा प्रशासन
गौरतलब है कि चक्रवात के खतरे को देखते हुए ओडिशा में बुधवार से रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया था। ऐसे में इस तूफान से लोगों को बचाने को लेकर पूरे प्रशासन को हाई अलर्ट पर कर दिया गया है। गंजाम के गोपालपुर के पास तितली चक्रवात के कारण सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर भूस्खलन हुआ। निचले इलाकों में रहने वाले 10,000 लोगों को बुधवार रात सरकारी आश्रय में भेजा गया।
तितली को लेकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की समीक्षा बैठक
गौरतलब है कि तूफान से निपटने के लिए राज्य सचिवालय में बुधवार को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने विभिन्न विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की थी। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए जीरो कैजुएल्टी पर जोर दिया था और कहा था कि इस हेतु जो भी जरूरी कदम उठाने की जरूरत हो उठाएं जाएं। निचले इलाके के लोगों को फौरन सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि बाढ़ आश्रय स्थल में रहने वाले लोगों को पका हुआ खाद्य, शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य सेवा की बेहतर व्यवस्था की जाए।