पाइका के अस्तित्व पर खतरा मंडराया
By: Dilip Kumar
7/9/2019 2:59:41 PM
पाइका पहले केवल जड़ी-बूटी खाते थे। वन और वन्य जंतु विशेषज्ञों का मानना है अब दूसरी वनस्पतियों पर भी उनकी निर्भरता बढ़ी है। तीन से पांच हजार मीटर तक की ऊंचाई पर पाया जाने वाला यह जीव कई बार ढाई हजार मीटर की ऊंचाई पर भी मिल जा रहा है। इसका मूल आशियाना टूटी चट्टानों बीच माना जाता है।
पिछली कुछ अनुसंधानों में यह बात सामने आयी है कि हिमालयी जीव पाइका का भोजन नम और ठंडे इलाकों में पाए जाने वाले औषधीय पौधे और इनके बीज होते हैं। इन्हें एल्पाइन सी 3 प्लांट भी कहते हैं। जलवायु परिवर्तन से ये पौधे प्रभावित हो रहे हैं, जिससे पाइका के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। इस घटना को जन्तु वैज्ञानिक अच्छा संकेत नहीं मानते हैं। पाइका उन जीवों में माना जाता है, जो जलवायु परिवर्तन के संकेत बेहद स्पष्ट तरीके से देते हैं।
जलवायु परिवर्तन होने पर उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले पक्षी आदि अपने स्थानों को छोड़कर उन स्थानों को चले जाते हैं, जो उनके अनुकूल हों लेकिन पाइका की मजबूरी कहें या फिर जरूरत वह अन्य स्थानों पर जाने की बजाय अपनी ईकोलॉजी को बदलता है। पाइका की क्षमता को देखते हुए वन विभाग ने इस पर अनुसंधान का निर्णय लिया है, ताकि पर्यावरण में होने वाले बदलाव का अध्ययन करने में मदद मिल सके।