चंद्रयान-2 की लैंडिंग शुक्रवार-शनिवार की मध्यरात्रि चांद पर होगी

By: Dilip Kumar
9/5/2019 6:54:49 PM
नई दिल्ली

चंद्रयान-2 मिशन पूरा होने में अब 48 घंटे से भी कम समय बचा है। भारत का चंद्रयान-2 इतिहास रचने के बेहद करीब पहुंच चुका है। छह-सात सितंबर की रात करीब दो बजे चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह पर उतरकर इतिहास रच देगा। मिशन की तमाम बाधाओं को सफलतापूर्वक पार करने की वजह से Moon Mission (मून मिशन) के सफल होने की उम्मीदें काफी बढ़ चुकी हैं।  16 साल पहले चांद पर पांच एकड़ का प्लॉट खरीदने वाले हैदराबाद के राजीव वी. बागडी को उम्मीद है कि चंद्रयान-2 अभियान की सफलता से उनका चांद पर घर बनाने का सपना साकार होगा। राजीव ने न्यूयार्क स्थित लूनर सोसाइटी इंटरनेशनल से 2003 में 140 डॉलर में चांद पर पांच एकड़ का प्लॉट खरीदा था। राजीव ने कहा, चंद्रयान-2 अभियान पूरी मानवता के लिए अच्छा है।

15 बाधाओं को किया पार

चंद्रयान-2 ने अपने 48 दिन के सफर में से लगभग 46 दिन पूरे कर लिए हैं। इस दौरान चंद्रयान-2 ने मिशन की 15 बड़ी बाधाओं को सफलतापूर्व पार कर लिया है। अब चांद पर सफल लैडिंग इसकी अंतिम बाधा है। माना जा रहा है कि चंद्रयान-2 पहले की सभी बाधाओं की तरह ही चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की अंतिम चरण भी आसानी से पूरा कर लेगा।

11 साल पहले भेजा था चंद्रयान-1

11 साल पहले चंद्रयान-1 के रूप में भारत ने चांद की ओर पहला मिशन भेजा था। यह एक ऑर्बिटर मिशन था, जिसने 10 महीने चांद का चक्कर लगाया था। चांद पर पानी की खोज का श्रेय भारत के इसी अभियान को जाता है। अब चंद्रयान-2 इसी उपलब्धि की आगे की कड़ियां जोड़ेगा और चांद के पानी व विभिन्न खनिजों की उपस्थिति के प्रमाण जुटाएगा।

22 जुलाई को किया गया लॉच

चंद्रयान-2 को 22 जुलाई 2019 को राजस्थान के श्रीहरिकोटा स्थित विक्रम साराभाई स्पेस एंड रिसर्च संस्थान (इसरो) से दोपहर 2:43 बजे लॉच किया गया था। इसरो के बाहुबली रॉकेट ने प्रक्षेपण के ठीक 16 मिनट बाद ही यान को सुरक्षित तरीके से पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया था। इसके बाद यान ने रॉकेट से अलग होकर चंद्रमा की तरफ अपना सफर शुरू कर दिया।

चंद्रयान-2 का सफर

- धरती के इर्द-गिर्द : 1 से 23वें दिन तक
- चांद की ओर रवाना : 23वें दिन
- चांद के सफर पर : 23वें से 30वें दिन
- चांद की कक्षा में प्रवेश : 30वें दिन
- चांद के इर्द-गिर्द : 30वें से 42वें दिन
- लैंडर-ऑर्बिटर का अलगाव : 43वें दिन
- रफ्तार धीमी करने की प्रक्रिया : 44वें दिन
- नियंत्रित लैंडिंग की प्रक्रिया : 48वें दिन
- लैंडिंग : 48वें दिन (छह-सात सितंबर की रात करीब दो बजे)




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