सरस आजीविका मेला : दिल्ली वालों को लुभा रहा छत्तीसगढ़ी डोकरा आर्ट

By: Dilip Kumar
11/16/2022 6:01:12 PM

नई दिल्ली से बंसी लाल की रिपोर्ट। सरस आजीविका मेला में पारंपरिक कलाओं को देखने व खरीदने आ रहे लोग। छत्तीसगढ़ की कोंडागांव जिला के छोटे राजपुर गांव से आईं पवित्रा एसएचजी ग्रुप की परमीला मरकाम व अनंत राम मरकाम बताती हैं कि 12लोग हमारे एसएचजी में हैं, लगभढ़ चार पीढियों से बस्तर आर्ट के तहत घर को डेकोरेट करने वाली सामान बनाती हैं। और दिल्ली वालों के लिए वो बस्तर आर्ट की बनी हुई दिया, सुरजमुखी, चांद-सूरज, हेंगर, मड़िया-माड़ी (लव बर्ड्स) तराजू, नाविक, हिरण, जैसे सामान बनाती हैं। बस्तर आर्ट लगभग पांच हजार साल पुराना आर्ट है जो कि रॉट आयरन से बनाया जाता है। यह आप को सरस पैवेलियन में 39 नंबर स्टॉल पर मौजूद हैं जहां से आप खरीदारी कर सकते हैं।

इसी तरह 38 नंबर स्टॉल पर भी छत्तीसगढ़ी डोकरा आर्ट जो कि ब्रास मेटल के बनाए जाते हैं, यहां पर भी आप को घर को सजाने के लिए सामान मिल जाएगा। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से आईं एकताल गांव से आई हुईं सहोदरा स्वयं सहायता समूह की बुधियारिन बाईबताती हैं कि हमारे एसएचजी में 12 लोग हैं। यहां आप को पीतल या ब्रास से बने घर के सजावटी आयटम के लिए मड़िया-माड़ी, हिरण, नंदी, कछुआ, म्युजिशियन, राधा-कृष्ण की जाली, नौका, गाय बछड़ा जैसे सजावटी सामान उपलब्ध हैं। यहां आप को दस रुपये से लेकर पचास हजार तक के सामान उपलब्ध हैं। ज्ञात हो कि बुधियारिन बाई स्टेट अवार्डी रह चुकी हैं वहीं उनके पति उदय राम राष्ट्रपति अवार्डी रह चुके हैं।

ज्ञात हो कि दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 41वें विश्व व्यापार मेले मेंएक बार फिर परंपरा, क्राफ्ट,कलाएवंसंस्कृति से सराबोर“वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबल”थीमकेसाथ, 14नवंबर से27नवंबर तक प्रसिद्ध सरस आजीविका मेला2022 का आयोजन किया जा रहा है।केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालयऔर राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान(एनआईआरडीपीआर)द्वारा आयोजित इस सरस आजीविका मेला 2022 में ग्रामीण भारत की शिल्पकलाओं का मुख्यरूप से प्रदर्शन किया जा रहा है। 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस उत्सव में 300 के करीब महिला शिल्पकलाकार, 150 के करीबस्टॉलों पर अपनी अपनी उत्कृष्टप्रदर्शनी का प्रदर्शन करेंगे। 

सरस आजीविका मेला 2022 में कुछ उत्कृष्ट प्रदर्शन जो विभिन्न राज्यों से हैंवो इस प्रकार हैं - अंडमान एंड निकोबार से बैंबू प्रोडक्ट, अरुणाचल प्रदेश से पारंपरिक कपड़े, बैंबू प्रोडक्ट्स, आसाम से असामीज कपड़े के मेटेरियल, वाटर हायसिन्थ प्रोडक्ट्स, केन एंड बैंबू प्रोडक्ट्स, आंध्रप्रदेश से साउथ इंडियन पिकल, तेल, हर्बल हनी, वुडेन हेंडीक्राफ्ट, साड़ी और सॉफ्ट खिलौने आदि रहेंगे। बिहार से मधुबनी पेंटिंग, सिल्क साड़ी, सोलर टार्च, लाह की चूड़ियां और प्राकृतिक शहद रहेंगे। छत्तीसगढ़ से कॉटन सूट, फुलकारी सूट, सिल्क साड़ी, मेटल आर्ट, बेल मेटल, ड्राई फ्रूट्स और स्नैक्स, पापड़, आम के अचार और हल्दी पाउडर वहीं, गुजरात से मिस्लेनियस हेंडलूम आइटम, सिल्क साड़ी, दुपट्टा, बेल मेटल, गारलेंड्स, वुडेन हेंडीक्राफ्ट, पैटचित्रा के साथ साथ बेड डेकोरेटिव आइटम रहेंगे। जबकि गोवा से कुची हेंडीक्राफ्ट्स और स्नैक्स रहेंगे। हरियाणा से कॉटन सूट, साड़ी, दुपट्टा, टेराकोटा आइटम, क्लाउथ मेटेरियल, ड्रेस मेटेरियल, ज्वेलड़ी, स्नैक्स में मशहूर महुआ लड्डू। हिमाचल प्रदेश से मिस्लेनियस हेंडलुम आइटम, साक्स, हेंडबैग, साबुन वहीं, जम्मु कश्मीर से गोल्डन ग्रास प्रोडक्ट, कुची हेंडीक्राफ्ट, क्लाउथ मेटेरियल आदि।

झारखंड से ट्राइबल ज्वेलरी, हनी, मिक्स अचार, दाल, आम के अचार, फ्लोर, आर्गेनिक वेजीटेबल और मशाले, चावल, दाल, साबुन के साथ ही स्नैक्स में हाथ के बनाए हुए चॉकलेट मशहूर रहेंगे। कर्नाटका से वुडेन खिलौने, पेपर, कॉफी पाउडर, कार्डामॉम क्लाउथ मेटेरियल, हनी,मिक्सड पीकल, जैगरी, पेंटिंग, वुडेन हेंडीक्राफ्ट. साथ ही केरला से कोकोनट ऑयल, कार्डामॉम,पेपर, मिस्लेनियस हेंडलुम आइटम, बनाना चिप्स, स्नैक्स, हेडमेड चॉकलेट, मशाले, क्ले डेकोरेटिव आइटम। लद्दाख से ड्राई फ्रूट्स, हेंड एमब्रोडरी वर्क, कार्पेट, लेदर पर्स और तेल। मध्य प्रदेश से मिस्लेनियस हेंडलुम आइटम, चंधेरी साड़ी, जैगरी, बैंबू प्रोडक्ट, दुपट्टा, गोंद, डेकोरेटिव आइटम। महाराष्ट्र से एमब्रोडरी ड्रेस, वुडेन खिलौने, लेमन पिकल। मणीपुर से वाटर हायसिन्थ प्रोडक्ट, मिजोरम से कड़ी पाउडर, ब्लैक पेपड़, नागालैंड से बासकेट, सैंडल, ट्राइबल ज्वेलरी, ओडिशा से सबाई हेंडीक्राफ्ट, काश ग्रास, तासर साड़ी, पंजाब से जूट बैग, कुशा मैट्स, कुची हेंडीक्राफ्ट, वुलेन जैकट। पुडुचेड़ी से बेड्स ज्वेलड़ी, इमीटेशन ज्वेलड़ी। 

राजस्थान से ब्लॉक प्रिंटेड बेडसीट, आर्टीफैक्ट्स और आयरन टुल्स प्रोडक्ट, तमिलनाडु के पारंपरिक कपड़े और स्पेशल साड़ी आदि। तेलंगाना से स्पेशल साड़ी, त्रिपुड़ा के पारंपरिक कपड़े। उत्तराखंड के आर्गेनिक दालें, ग्रास बॉक्स, टेराकोटा आइटम, ब्लॉक प्रिंटेड बेडशीट, आयरन टुल्स प्रोडक्ट। उत्तर प्रदेश से हेंड एमब्रोडरी वर्क, पॉटरी वर्क, स्टोल, डिजायनर बेडशीट, शिल्क साड़ी, मेटल डेकोरेटिव आयटम। वेस्ट बंगाल से होम डेकोर प्रोडक्ट, बैंगल, ज्वेलड़ी, कांथा स्टीच आदि हैं इसके साथ ही प्राकृतिक खाद्य पदार्थ भी फूड स्टाल पर मौजूद हैं,प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के रूप में अदरक, चाय, दाल,कॉफी, पापड़, एपलजैम और अचार आदि उपलब्ध रहेंगे।

सरस आजीविका मेला के दौरान देश भर के 24राज्योंके हजारों उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री होगी। ग्रामीण विकास मंत्रालयद्वारा यह एक मुहिम की शुरुआत की गई है जिससे कि हमारे देश के हस्तशिल्पियों और हस्तकारों को कोरोना के बाद एक बार फिर से अपनी रोजगार शुरु करने का मौका मिल सके।


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