'बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान' की लॉन्गलिस्ट जारी, चयनित 12 कृतियां हैं ये

By: Dilip Kumar
5/29/2023 5:28:47 PM

बैंक ऑफ बड़ौदा भारत के अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक है. बैंक ने ‘बैंक ऑफ़ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान’ 2023 के प्रथम संस्करण के लिए नामित 12 उपन्यासों की लॉन्गलिस्ट की घोषणा की. इस अनूठे अवार्ड की शुरुआत विभिन्न भारतीय भाषाओं के साहित्यिक लेखन को सम्मानित और संवर्धन करने के लिए की गई है. इसका उद्देश्य हिंदी पाठकों को अनुवाद के माध्यम से श्रेष्ठ भारतीय साहित्य को उपलब्ध कराना है ताकि पाठकों की रूचि को विस्तार प्राप्‍त हो सके और उपन्यासों को एक बड़े पाठक वर्ग तक पहुंचाया जा सके.

‘बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान’ मूल कृति के लेखक के साथ-साथ उसके हिंदी अनुवादक को भी प्रदान किया जाएगा. विजेता कृति के मूल लेखक को 21 लाख रुपये और उसके हिंदी अनुवादक को 15 लाख रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी. मुख्य पुरस्कार के अलावा अन्य 5 चयनित श्रेष्‍ठ कृतियों को भी सम्मानित किया जाएगा. इसमें मूल लेखकों को 3 लाख रुपये और उनके हिंदी अनुवादकों को दो लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी.

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और प्रबंध निदेशक संजीव चड्ढा ने लॉन्गलिस्ट की घोषणा करते हुए कहा कि भारत विविधताओं से भरा देश है- जहां संस्कृतियां, धर्म और भाषाएं एक दूसरे की पूरक हैं. इसकी विविधता ही इसकी शक्ति और विशिष्टता है. हमारा मानना है कि सभी भारतीय भाषाओं के साहित्य के संवर्धन से हमारी सांस्कृतिक विविधता और सुदृढ़ होगी. हमने ‘बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान’ की शुरुआत भारतीय भाषाओं के मूल साहित्य और उनके हिंदी अनुवाद को सम्मानित और प्रोत्साहित करने हेतु की है. ‘बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान’ देश के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभावान भारतीय लेखकों को राष्ट्रीय मंच प्रदान करेगा तथा भारतीय भाषाओं के साहित्य लेखन और उनके अनुवाद कर्म को बढ़ावा देगा.

सम्‍मान निर्धारण के लिए गठित पांच सदस्यीय निर्णायक मंडल की अध्यक्षता प्रसिद्ध लेखि‍का और बुकर पुरस्कार विजेता गीतांजलि श्री कर रही हैं. निर्णायक मंडल के अन्य चार सदस्यों में प्रसिद्ध कवि अरुण कमल, शिक्षाविद् और इतिहासकार पुष्पेश पंत, कवयित्री और उपन्यासकार अनामिका और हिंदी कथा लेखक तथा अनुवादक प्रभात रंजन शामिल हैं. बैंक ने इस वर्ष मार्च-अप्रैल के दौरान प्रविष्टियां आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू की थी. बैंक को इस सम्‍मान के लिए विभिन्न भारतीय भाषाओं में लिखी गई कई प्रविष्टियां प्राप्त हुईं, जिनमें से निर्णायक मंडल ने 12 पुस्तकों की एक लॉन्‍गलिस्‍ट तैयार की है. ‘बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान’ के विजेता की घोषणा 10 जून को दिल्ली में की जाएगी.

लॉन्गलिस्ट में 12 उपन्यास शामिल

लॉन्‍गलिस्‍ट में उड़िया लेखक पारमिता शतपथी का उपन्यास ‘अभिप्रेत काल’ (हिंदी अनुवादक अजय कुमार पटनायक), उर्दू लेखक मोहसिन खान का ‘अल्लाह मियां का कारखाना’ (अनुवादक सईद अहमद), पंजाबी लेखक रूप सिंह का ‘बाकी सफ़ा 5 ते’ (अनुवादक सुभाष नीरव), उर्दू लेखक सिद्दीक आलम का चीनी कोठी (अनुवादक अर्जुमंद आरा), उर्दू लेखक खालिद जावेद का उपन्यास ‘एक खंजर पानी में’ (अनुवादक रिजवानुल हक), खालिद जावेद का ही अन्य उपन्यास ‘नेमत खाना’ (अनुवादक जमान तारिक), नेपाली लेखक छुदेन काविमो का उपन्यास ‘फात्सुंग’ (अनुवादक नम्रता चतुर्वेदी), बंगाली लेखक मनोरंजन ब्यापारी का उपन्यास ‘घर पलानो छेले’ (अनुवादक अमृता बेरा), बंगाली लेखक अनिता अग्निहोत्री का उपन्यास ‘महानदी’ (अनुवादक लिपिका साहा), मराठी लेखक मनोज बोरगावकर का ‘नदीष्ट’ (अनुवादक गोरख थोरात), तमिल लेखक वासंती का ‘पोईमुगम’ (अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा) और तमिल लेखक वासंती का ही ‘थिरक्काथा जन्नालकल’ (अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा) शामिल हैं.

 


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