उत्तराखंड में अक्षय पात्रा के पांच रसोई घर आने वाले दिनों में बच्चों को लिए वरदान साबित होगा
By: Imran Choudhray
2/25/2024 12:01:10 AM
देश की सोलह राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों में करीब 22 लाख बच्चों को प्रति दिवस मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने वाली संस्था अक्षय पात्र फाउंडेशन ने हंस फाउंडेशन के सहयोग से उत्तराखंड में अपने तीसरे रसोई घर पर काम शुरू कर दिया है। उत्तराखंड ऊधम सिंह नगर के काशीपुर में एक नए रसोई घर का काम शुरू हो गया है। पिछले दिनों भूमि-पूजन के बाद दो एकड़ भूमि पर इसका निर्माण कार्य शुरू हो गया हे। रसोई घर का संचालन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर होगा। इस दौरान फाउंडेशन के स्वामी गोविंद दत्त दास व उत्तराखंड के प्रमुख स्वामी वैंतैया ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए उत्तराखंड सरकार और हंस फाउंडेशन का ध्यानवाद देता हूं। इस रसोई घर से चालीस हजार बच्चों को मुफ्त मिड डे मिल वितरित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अक्षय पात्र फाउंडेशन के दो रसोई घर से करीब 38 हजार बच्चों को प्रत्येक दिन भोजन मुहैया कराया जा रहा है। देहराूदन में पहली रसोई साल 2022 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 120 सरकारी विद्यालयों के 15,500 छात्रों के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन की रसोई का उद्घाटन किया था, जो आज 240 सरकारी स्कूलों के 24 हजार बच्चों को प्रतिदिवस खाना पहुंचा रही है। यह रसोई घ्रर सुधौला में है। संस्था की दूसरी संचालित रसोई घर ऊममसिंह नगर जिले के गदरपुर में है। इस रसोई घर से करीब 174 स्कूलों में 14 हजार से ज्यादा बच्चों को भोजन परोसा जाता है। अक्षय पात्र की आगामी प्रोजेक्ट के रुप में हरिद्वार को देखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हम सरकार के मानकों के अनुसार खाना पराेसती है। इसी को ध्यान में रखते हुए भोजन माता कार्यक्रम पर लगातार काम रही है। इसके तहत स्कूलों में भोजन पराेसने वाली भोजन माताओं को खाना परोसने में किस प्रकार के मानकों का ध्यान रखना चाहिए ताकि बच्चे स्वचछ खाना पराेसा जा सके। इसके लिए समय-समय पर भोजन माताओं का ट्रेनिंग दी जाती है। इसका फायदा भी देखने को मिला है। भोजन माताएं पहले से ज्यादा सर्तकता से खाना परोस रही है।
बच्चों को स्कूलों में मध्याह्न भोजन उपलबध कराने के सेवा कार्य में लगी अक्षय पात्र फाउंडेशन ने कहा कि उसका लक्ष्य 2025 तक पचास लाख बच्चों तक मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने का है। देश में इस स्वयंसेवी संगठन की पहली रसोई की शुरुआत 20 साल पहले 11 नवंबर 2000 को की गई थी। तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री मुरली मनोहर जोशी और कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री एस एम कृष्णा ने इसका उद्घाटन किया था। फाउंडेशन ने एक बयान में कहा, बच्चों को संपूर्ण मध्याह्न भोजन मुहैया करा जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए हमारे दो दशक पूरे हो गये हैं। हमने विद्यालयों में मध्याह्न भोजन मुहैया कराने की केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजना में भागीदारी करते हुए 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 24,000 से अधिक स्कूलों में प्रतिदिन 2.2 मिलियन से अधिक बच्चों को मध्याह्न भोजन मुहैया कराया है। फाउंडेशन ने कहा कि उसने 2000 में शुरुआत के बाद अब तक बच्चों को कुल मिलाकर 3.3 अरब से अधिक थाली भोजन मुहैया कराया है।
गौरतलब है कि अक्षय पात्र फाउंडेशन देश की ही नहीं विश्व की अग्रणी सामाजिक संस्था है,जिसने कोविड महामारी के दौरान करीब 24.4 करोड़ लोगों तक भोजन का वितरण किया और अपने सामजिक दायित्वों के निर्वहन किया। वर्तमान में यूक्रेन-रुस युद्ध व अन्य आपदाओं में लगातार भोजन का अनवरत वितरण कर रही है। कुछ ही दिनों में विश्व के बड़े पटल पर अक्षय पात्र फाउंडेशन अपनी चार अरबवीं थाली परोसती हुई दिखाई देगी। इसके बाद बधाईयों का सिलसिला शुरू हो गया है। रसोई घर के लिए केडीए अध्यक्ष राजीव घई ने संस्था के साथ सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया।