सूर्या फाउंडेशन : बच्चों के ध्यान प्रशिक्षण, सर्वांगीण विकास और तनाव रहित शिक्षा पर सेमिनार 

By: Dilip Kumar
7/23/2024 5:51:13 PM
नई दिल्ली

कुलवंत कौर के साथ बंसी लाल की रिपोर्ट। सूर्या फाउण्डेशन की शैक्षिक विंग स्कूल भारती आर्गेनाइजेशन द्वारा एक सेमिनार का आयोजन B -3/330 , पश्चिम विहार (सूर्या फाउण्डेशन केन्द्रीय कार्यालय) में प्रातः 10:00 बजे से 4:00 बजे अपराह्न तक उपर्युक्त विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सूर्या फाउण्डेशन एजुकेशन थिंक टैंक के कन्वीनर प्रो. एच एल शर्मा ने आए हुए अतिथि वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत करते बताया कि सूर्या फाउण्डेशन के चेयरमैन पद्मश्री जय प्रकाश अग्रवाल के निर्देशानुसार बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने के लिए 'एक कक्षा एक किताब' परियोजना के तहत कक्षा 1 से 5 तक सूर्य भारती पुस्तकों की रचना की गई है जो देश के अनेक विद्यालयों, संस्कार केन्द्रों और एकल विद्यालयों में पढ़ाई जा रही हैं।

विशिष्ट वक्ता के रूप में महर्षि आईटी यूनिवर्सिटी की डीन डॉ मुदिता अग्रवाल ने बताया कि ध्यान से स्ट्रेस मैंनेजमेंट करते हुए क्रिएटीविटी, प्रैक्टिकल इन्टेलिजेंस, लॉजिकल डिसीजन मेकिंग और कन्सन्ट्रेशन स्पैन को बढ़ाया जा सकता है। महर्षि महेश योगी द्वारा प्रचारित भावातीत ध्यान का विस्तृत परिचय देते हुए उन्होंने बताया यह बहुत ही सरल, नेचुरल और एफर्टलेस टेक्निक है। 4 वर्ष से ऊपर कोई भी व्यक्ति इसे सीखकर अपने मानसिक तनाव से पूरी तरह मुक्ति पा सकता है। इससे व्यक्ति का इम्यून सिस्टम स्ट्रांग बनता है।

शिक्षा के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए श्री विजय कुमार उप्पल ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल रोटी, कपड़ा और मकान की व्यवस्था करना ही नहीं बल्कि शारीरिक, बौद्धिक मानसिक और आध्यात्मिक विकास करना है। पंच कोशों - अन्नमय कोश, प्राणमय कोश, मनोमय कोश, विज्ञान कोश और आनंदमय कोश के विकास से व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करते हुए उसे परिवार, समाज, देश और विश्व के सुयोग्य नागरिक के रूप में रूपान्तरित किया जा सकता है। ध्यान का उपयोग करके पंचकोशीय विकास सरलता से किया जा सकता है।

सेमिनार की मुख्य वक्ता प्रो. सगीता चौहान (इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली ) ने NEP -2020 के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए बताया कि शिक्षण प्रक्रिया में टीचर्स का रोल ट्रान्सफार्मेटिव होता है। भारतीय ज्ञान परंपरा को शिक्षण में उच्च स्थान देने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीयता से जोड़ने का काम भी शिक्षा का अनिवार्य विषय है। अन्त में उन्होंने शिक्षा के 5 पिलर्स - एक्सेस, इक्विटी, क्वालिटी, अफोर्डेबिलिटी और अकाउण्टेबिलिटी की व्याख्या करते हुए कहा कि इससे शिक्षा के द्वारा समाज और देश को पूर्ण शिक्षित, समतामूलक और वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाया जा सकता है।इस अवसर पर दिल्ली एनसीआर के प्राइवेट स्कूलों के अध्यक्ष प्रधानाचार्य शिक्षक और सूर्या फाउंडेशन के कार्यकर्ता शामिल रहे


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