दक्षिणी दिल्ली में बच्चों में सर्वांगीग विकास के लिए कार्यशाला का आयोजन

By: Dilip Kumar
10/18/2024 5:13:31 PM
नई दिल्ली

बंसी लाल के साथ कुलवंत कौर की रिपोर्ट। सूर्या फाउंडेशन की शैक्षिक विंग स्कूल भारती आर्गेनाइजेशन एवं साउथ दिल्ली पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा। न्यू एजुकेशन पॉलिसी-2020, बच्चों के सर्वांगीण विकास एवं विद्यालय प्रबन्धन पर वर्कशॉप का आयोजन माया गोयल विद्या निकेतन स्कूल, देवली संगम विहार, दिल्ली में किया गया। जिसमें मुख्यवक्ता डा. कुलभूषण शर्मा (अध्यक्ष, नेशनल इन्डिपेन्डेन्ट स्कूल एलायंस ), मुख्य अतिथि डॉ. नाहर सिंह जी  जॉइंट डायरेक्टर (एससीईआरटी ), ममता यादव (निगम पार्षद खान पुर, दिल्ली ), अनिल गोयल जी (अध्यक्ष, साउथ  दिल्ली पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन),  प्रो. एच एल शर्मा (अकैडेमिक हेड, सूर्या फाउण्डेशन थिंक टैंक ), सुशील घनकड़ जैसे विद्वान् एवं 30 से अधिक मान्यताप्राप्त विद्यालयों के चेयरमैन, प्रिंसिपल तथा अनुभवी शिक्षक-शिक्षिकाएँ प्रतिभागी के रूप में उपस्थित हुए थे। प्रो. एच एल शर्मा ने अतिथि वक्ताओं एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए बताया कि बच्चों के बस्ते का बोझ एवं मानसिक तनाव कम करने की दिशा में शिक्षा को सर्वसुलभ और अफोर्डेबल बनाने के उद्देश्य से सूर्या फाउंडेशन वर्षों (सन् 1998) से काम कर रहा है।

डॉ. नाहर सिंह जॉइंट डायरेक्टर  एससीईआरटी ने कहा कि बच्चों द्वारा माता पिता का सम्मान शिक्षा की प्राथमिकता होना चाहिए। अपनी संस्कृति के अनुसार हमें बुढ़ापे में माता-पिता आदि वृद्ध परिजनों को अपने साथ रखकर उनकी सेवा और सम्मान करना चाहिए। उन्होंने एस बी ओ द्वारा तैयार की गई सूर्य भारती पुस्तकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इनमें आवश्यक शैक्षिक ज्ञान के साथ संस्कार एवं मूल्यपरक शिक्षा विद्यमान है। इनके पठन-पाठन से हम बच्चों को विवेक पूर्ण, स्वस्थ एवं संस्कार युक्त बना सकते हैं। अन्त में उन्होंने स्कूल प्रबन्धन एवं शिक्षण से संबंधित सभी प्रतिभागियों से जोर देकर कहा कि वे एन ई पी-2020 के प्रथम 14 पृष्ठ अवश्य पढ़ें क्योंकि स्कूल प्रबन्धन एवं शिक्षण के विषय में सभी महत्वपूर्ण बिन्दु इसमें निहित हैं। ममता यादव ने इस कार्यक्रम के द्वारा शिक्षा के विषय में जागरूकता लाने के प्रयास की सराहना की और विभिन्न विद्यालयों के प्रतिभागियों को प्रशासनिक सहयोग दिलाने का वचन दिया।

डॉ. कुलभूषण शर्मा अध्यक्ष, नेशनल इन्डिपेन्डेन्ट स्कूल एलायंस ने कोठारी कमीशन का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे विद्यालय हर बस्ती में सबके लिए इतने निकट होने चाहिए कि हमें बच्चों को बसों से स्कूल भेजने की जरूरत ही न हो। इससे अभिभावकों पर कनवेंस के खर्च का अतिरिक्त भार भी नहीं होगा और हमारे बच्चे अधिक सुरक्षित होंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा में सुधार लाने के लिए हमें शिक्षक के खोए सम्मान को वापस लाना होगा। शिक्षक केवल कर्मचारी बनकर न रह जाए बल्कि वह सच्चे अर्थों में राष्ट्रनिर्माता हो। इसके लिए शिक्षक को सर्वगुणसंपन्न एवं समाज का  सर्वोच्च सम्मान प्राप्त नागरिक बनाना आवश्यक है।


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