70साल का मरीज 60 मिनट की सर्जरी,8,125,टुकड़े पथरी के निकले: डॉ. अमित जावेद
By: Dilip Kumar
5/28/2025 5:10:09 PM
कुलवंत कौर के साथ बंसी लाल की रिपोर्ट। फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के डॉक्टरों ने एक दुर्लभ सर्जरी कर 70 वर्षीय मरीज के पित्ताशय से 8,125 स्टोन्स (पथरी) सफलतापूर्वक निकालकर मरीज को पिछले लंबे समय से हो रही पीड़ा और बेचैनी से राहत दिलायी। मरीज कई वर्षों से पेट के दर्द, बीच-बीच में बुखार आने, भूख न लगने और कमजोरी की शिकायत से जूझ रहे थे और उन्हें सीने में भी भारीपन महसूस हो रहा था।
डॉ अमित जावेद, सीनियरडायरेक्टर, गैस्ट्रोइंस्टेस्टाइनल ओंकोलॉजी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम तथा डॉ नरोला येंगर, प्रिंसीपल कंसल्टेंट – जीआई, जीआई ओंकोलॉजी, मिनीमल एक्सेस एंड बेरियाट्रिक सर्जरी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के नेतृत्व में डॉक्टरों की कुशल टीम ने इस जटिल एवं चुनौतीपूर्ण मामले को संभाला और करीब घंटे भर चली सर्जरी के दौरान मरीज के पेट में पित्ताशय की थैली से पथरी निकालकर उनकी वर्षों पुरानी तकलीफ का दूर किया।
, डॉ अमित जावेद, डायरेक्टर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ओंकोलॉजी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने कहा, “यह मामला वाकई दुर्लभ था, भले ही अभूतपूर्व न रहा हो। यदि पित्ताशय की पथरी का उपचार नहीं किया जाए, तो धीरे-धीरे पथरी बढ़ती रहती है। हमने तुरंत फैसला लेकर मरीज का अल्ट्रासॉउन्ड कर उसे ऑपरेशन के लिए तैयार किया बतादे कि इस मामले में, मरीज द्वारा पिछले कई वर्षों तक उपेक्षा का ही नतीजा था कि पथरी इस हद तक बढ़ गई थी। यहां तक की गॉलब्लैडर के कैंसर की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता। सर्जरी के बाद, मरीज की हालत स्थिर है और उन्हें कोई खास बेचैनी भी नहीं है। इस मामले को दुर्लभ बनाया मरीज के पित्ताशय में भारी संख्या में मौजूद स्टोन्स ने जो आमतौर पर कलेस्ट्रोल से बने होते हैं और प्रायः इनका संबंध मोटापे तथा अधिक-कलेस्ट्रोल युक्त खुराक से होता है।
उन्होने बताया कि लेपरोसकेपी,रोबोटिक से सर्जरी कर 8125 टुकड़े पित कि थैली से निकले गये यह एक कठिन ऑपरेशन भी हो सकता था लेकिन सभी आसानी से हो गया अब मरीज पूरी तरह स्वास्थ्य है। यश रावत, वाइस प्रेसीडेंट एंड फेसिलिटी डायरेक्टर, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने कहा, “मरीज के गॉलस्टोन में बड़ी संख्या में मौजूद पथरी ने इस पूरे मामले को बेहद गंभीर और काफी दुर्लभ बना दिया। लेकिन इसके बावजूद, डॉ अमित जावेद के नेतृत्व में हमारे डॉक्टरों की टीम ने असाधारण कुशलता का परिचय देते हुए मामले को संभाला।