जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की सेंट्रल लाइब्रेरी में शनिवार को नई प्रवेश व्यवस्था को लेकर गंभीर विवाद सामने आया। एंट्री सिस्टम को नुकसान पहुंचाए जाने की घटना के बाद परिसर में तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस मामले में ABVP की जेएनयू इकाई ने वामपंथी छात्र संगठनों और जेएनयूएसयू पर हिंसा और तोड़फोड़ का आरोप लगाया है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, जेएनयू इकाई, विश्वविद्यालय के जेएनयू सेंट्रल लाइब्रेरी में घटित शर्मनाक, हिंसक और पूर्णतः छात्र-विरोधी घटना की कड़ी निंदा करती है। वामपंथी नेतृत्व वाले जेएनयूएसयू और उसके साथ सक्रिय वामपंथी गुंडों ने नई प्रवेश व्यवस्था को जिस तरीके से तोड़फोड़ कर नुकसान पहुँचाया है, उसने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि ये समूह किसी भी प्रकार की लोकतांत्रिक प्रक्रिया, संवाद या संस्थागत मर्यादा में विश्वास नहीं रखते। इनका एकमात्र उद्देश्य विश्वविद्यालय के माहौल को अशांत करना और छात्रों के शैक्षणिक अधिकारों को बलपूर्वक बाधित करना है।
यह तथ्य भी महत्वपूर्ण है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह व्यवस्था बिना छात्र समुदाय की व्यापक सहमति और औपचारिक परामर्श के लागू की। इस प्रक्रिया पर वैध आपत्तियाँ मौजूद थीं, और छात्रों के भीतर इससे संबंधित कई वास्तविक चिंताएँ थीं। किंतु इन चिंताओं पर विचार-विमर्श, बातचीत और समाधान खोजना एक लोकतांत्रिक तरीका होता जिसे वामपंथी समूहों ने हमेशा की तरह नज़रअंदाज़ किया। प्रशासन की कमियों के विरुद्ध भी इन संगठनों ने संवाद का रास्ता नहीं चुना, बल्कि सीधे हिंसा और तोड़फोड़ का सहारा लिया। जिस तरह से वामपंथी गुंडों ने पूरी व्यवस्था को जड़ से उखाड़ने का प्रयास किया, वह उनके आक्रामक, कानून-विरोधी और शिक्षण-विरोधी चरित्र को खुलकर उजागर करता है।
बाहरी लोगों की अनियंत्रित मौजूदगी और सीट न मिलने जैसी गंभीर समस्याओं और प्रशासन की कार्यशैली पर बहस हो सकती है, लेकिन यह कभी भी वामपंथी गुंडों की हिंसा और उपद्रव को उचित नहीं ठहराती। उनके इस कृत्य ने स्पष्ट कर दिया है कि वे जेएनयू के वास्तविक छात्रों के हित में नहीं, बल्कि अवैध प्रविष्टियों, बाहरी तत्वों और अपने राजनीतिक हितों की रक्षा में अधिक रुचि रखते हैं।
इस घटना ने विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्र समुदाय दोनों के सामने एक गंभीर प्रश्न खड़ा कर दिया है क्या जेएनयू को वामपंथी समूहों की इस गुंडागर्दी और अराजक राजनीति की बंधक में रहने दिया जाएगा, या एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में उसकी गरिमा को पुनः स्थापित किया जाएगा? इन संगठनों का इतिहास दिखाता है कि जब भी कोई व्यवस्था छात्रों को वास्तविक लाभ पहुँचाती है, वह उसकी राह में अड़चन डालकर अपना राजनीतिक एजेंडा साधने की कोशिश करते हैं। आज की हिंसक तोड़फोड़ भी उसी मानसिकता का परिणाम है अकादमिक माहौल को अस्थिर करो, अनुशासन खत्म करो और विश्वविद्यालय को अपनी राजनीति की प्रयोगशाला बनाओ।
अभाविप जेएनयू अध्यक्ष मयंक पंचाल ने कहा कि प्रशासन को इस घटना पर न केवल तत्काल संज्ञान लेना चाहिए, बल्कि पुस्तकालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करते हुए जिम्मेदार तत्वों की पहचान कर कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वामपंथी गुंडों की यह हरकत सीधे-सीधे छात्रों के अधिकारों का हनन है, इसलिए ऐसे उपद्रवियों को विश्वविद्यालय के भीतर शैक्षणिक संसाधनों और राजनीतिक पदों तक किसी भी प्रकार की पहुँच नहीं मिलनी चाहिए। पंचाल ने यह भी कहा कि “अभाविप हमेशा इस बात पर जोर देती है कि किसी भी नीति या व्यवस्था को लागू करते समय छात्रों की राय को प्राथमिकता दी जाए। लेकिन संवाद की कमी का समाधान हिंसा नहीं है, यह बात वामपंथी संगठनों को समझनी चाहिए।”
अभाविप जेएनयू मंत्री प्रवीण पीयूष ने कहा कि अभाविप छात्रों के अधिकारों, उनकी सुरक्षा और अध्ययन-अनुकूल वातावरण के लिए हमेशा संघर्षरत रहेगी। उन्होंने कहा कि “वामपंथी तत्वों द्वारा की गई यह हिंसा सिर्फ एक गेट या मशीन की तोड़फोड़ नहीं है, बल्कि यह विश्वविद्यालय की पहचान, उसकी शैक्षणिक परंपरा और छात्रों के भविष्य पर हमला है। अभाविप ऐसे किसी भी तत्व को इस कैंपस की शांतिपूर्ण शैक्षणिक संस्कृति को नुकसान पहुँचाने नहीं देगी।”
अभाविप जेएनयू मांग करती है कि न केवल इस घटना में शामिल सभी लोगों की पहचान कर उनके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई हो, बल्कि भविष्य में प्रशासन ऐसी किसी भी व्यवस्था को लागू करने से पहले औपचारिक रूप से पूरे छात्र समुदाय से संवाद स्थापित करे। विश्वविद्यालय को राजनीतिक अराजकता का नहीं, बल्कि ज्ञान, शोध और शैक्षणिक स्वतंत्रता का केंद्र बने रहना चाहिए और इसके लिए हिंसा करने वाले समूहों पर निर्णायक कार्यवाही समय की माँग है।
कुलवंत कौर के साथ बंसी लाल की रिपोर्ट। लगभग डेढ़ साल से ज्यादा समय से बिल्डर के करकमलो, ..Read More
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की सेंट्रल लाइब्रेरी में शनिवार को नई प्रवेश व्य ..Read More
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) ने नवंबर 2025 में एक और बड़ा मुकाम हासिल किया ह ..Read More
एशियन पेंट्स ने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में केंद्रित नवाचार, अच्छे निष्पादन और प ..Read More
भारत मे उभरते खेल को मजबूती देने की अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए अदाणी ग्रुप, इं ..Read More
कर्ण कायस्थ महासभा (पंजी.) दिल्ली प्रदेश के प्रांतीय समिति के द्वारा रविवार को आयोजित ..Read More
BRIC-Translational Health Science and Technology Institute (BRIC-THSTI), in collaborat ..Read More