डाइटीशियन: खानपान का ज्ञान और ध्यान

By: Dilip Kumar
9/20/2016 5:57:05 PM
नई दिल्ली

आजकल लोग अपनी हेल्थ और फिटनेस को लेकर बहुत जागरूक हो गए हैं। वे यह भी समझ गए हैं कि केवल व्यायाम करने से शरीर को स्वस्थ नहीं रखा जा सकता। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित और पौष्टिक भोजन किया जाना भी जरूरी है। इससे न सिर्फ शरीर चुस्त- दुरुस्त रहता है, बल्कि कार्य करने की क्षमता भी बढ़ती है। दूसरी तरफ इसके अभाव में मनुष्य कुपोषण का शिकार हो जाता है और उसके अंदर क्रोध, तनाव, ईर्ष्या व भय जैसे गुण पनपते हैं।

इसके अलावा पाचन क्रिया के अध्ययन और प्रमुख शोधों से यह भी पता चला है कि शरीर में अधिकांश रिएक्शन व शारीरिक परेशानियां संतुलित आहार न लेने की वजह से होती हैं। लोगों की बदलती जीवनशैली ने यह असंतुलन पैदा किया है और लोगों का स्वास्थ्य इससे प्रभावित हो रहा है। ऐसे में लोगों को एक ऐसे विशेषज्ञ की जरूरत पड़ती है, जो उन्हें इन समस्याओं के प्रति जागरूक करने के अलावा उन्हें सही राय दे सके।

यह काम डाइटीशियन बखूबी अंजाम दे सकते हैं। इनका कार्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता का विश्लेषण करना और स्वास्थ्य सुधारने के लिए सलाह-मशविरा कर उपाय बताना है। इस पूरी विधा को आहार विज्ञान (डाइटेटिक्स) कहा जाता है। इस प्रक्रिया में केवल खाने से पहले ही आहार की गुणवत्ता का निर्धारण नहीं किया जाता, बल्कि आहार के शरीर पर पडम्ने वाले प्रभाव का भी विश्लेषण किया जाता है।


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