सैनिक, आध्यात्मिक गुरु 'दो स्तंभ' हैं जिन पर देश की उम्मीदें टिकती हैं: राष्ट्रपति कोविंद

By: Dilip Kumar
10/9/2017 1:09:40 AM
नई दिल्ली

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सैनिकों और आध्यात्मिक गुरुओं के योगदान की सराहना करते हुए रविवार (8 अक्टूबर) को कहा कि यह वे ‘‘दो स्तंभ’’ हैं जिन पर देश की उम्मीदें टिकती हैं. कोविंद ने वल्लीक्कावू के पास स्थित माता अमृतानंदमयी मठ मुख्यालय में मठ की 100 करोड़ रुपये की पहलों की शुरुआत करते हुए विभिन्न धर्मों को समायोजित करने में केरल की सदियों पुरानी विरासत की भी प्रशंसा की. उन्होंने आध्यात्मिक गुरु माता अमृतानंदमयी के 64वें जन्मदिवस समारोहों के संबंध में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह एक ऐसा राज्य है जहां एक समुदाय ने स्वेच्छा से दूसरे को जगह दी.’’ माता अमृतानंदमयी को उनके श्रद्धालु ‘‘अम्मा’’ के नाम से जानते हैं.

राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद नयी दिल्ली के बाहर उनकी पहली यात्रा जम्मू कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र के लेह नगर में सैनिकों से मुलाकात करने के लिए थी. उन्होंने कहा कि सैनिक अत्यंत मुश्किल परिस्थितियों में देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘एक ओर हमारे सैनिकों की वीरता और दूसरी ओर हमारे आध्यात्मिक गुरुओं की करूणा, प्रेम और ज्ञान... यह दो स्तंभ हैं जिन पर हमारी उम्मीदें टिकती हैं.’’

कोविंद ने केरल की प्रशंसा एक ऐसे राज्य के तौर पर की जिसने ‘‘हमारे लोकाचार और संस्कृति की रक्षा के लिए काफी कुछ किया है.’’ उन्होंने कहा कि भारत में जो पहली मस्जिद बनी थी वह केरल में बनी थी. उन्होंने कहा कि उसका निर्माण अरब व्यापारियों द्वारा सातवीं शताब्दी में पैगंबर के जीवनकाल में ही किया गया था. उन्होंने कहा कि केरल में यहूदियों की भी समृद्ध परंपरा है जो राज्य में 2000 वर्ष पहले बसे थे.

कोविंद ने कहा, ‘‘ये ऐतिहासिक उदाहरण केरल के इतिहास में विभिन्न आस्थाओं एवं धार्मिक समुदायों के परस्पर निवास और समझ को प्रतिबिंबित करते हैं.’’ उन्होंने माता अमृतानंदमयी के योगदानों की सराहना करते हुए कहा कि ‘‘अम्मा’’ केरल की प्रबुद्ध आध्यात्मिक परंपरा का प्रतिनिधित्व करती हैं. राष्ट्रपति ने उनके आध्यात्मिक मिशन को देश निर्माण में एक योगदान बताया.

उन्होंने देश में एक करोड़ ग्रामीणों को पेयजल मुहैया कराने के लिए परिकल्पित मठ की ‘जीवमृतम’ परियोजना शुरू की. मठ पदाधिकारियों के अनुसार जीवमृतम परियोजना के प्रारंभिक चरण का उद्देश्य पांच हजार गांवों में स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए विशेष रूप से डिजाइन ‘फिल्ट्रेशन सिस्टम’ स्थापित करना है. इससे पहले केरल के राज्यपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) पी सदाशिवम और मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने कोविंद के तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पहुंचने पर उनकी एयरफोर्स टेक्निकल एरिया में अगवानी की.


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