रोमांच और ठहाकों संग चलती है 'ग्रिंगो' की कहानी
By: Dilip Kumar
3/16/2018 7:19:59 PM
रोलरकोस्टर में तो आप बैठे ही होंगे। क्या कभी ऐसा लगा है कि,बॉस, मजा तो आया, पर स्पीड थोड़ी और तेज होनी चाहिए थी! तो... इस फिल्म को भी आप एक रोलरकोस्टर ही मानिये। इसे देखते हुए दिल रोमांच की पटरियों पर तो भागता है, पर कहीं न कहीं लगता है कि स्पीड कुछ और तेज होनी चाहिए थी।फिल्म शुरू होती है हेरॉल्ड (डेविड ओयलोवो) नामक एक कर्मचारी के रहस्यमय फोन कॉल के साथ। वह अपने बॉस को बताता है कि, मुझे किसी ने किडनैप कर लिया है...मैं मेक्सिको में हूं और मेरे सिर पर बंदूक तनी हुई है... और बस फोन कट जाता है। इसके बाद कहानी फ्लैशबैक में जाती है और हम जानते हैं कि आखिर यह हुआ कैसे और किन परिस्थितियों में। हमारी मुलाकात होती है एक ‘मिस्टर बेचारा’ टाइप किरदार हेरॉल्ड से। शरीफ इतना, कि कोई उसका फायदा न उठाए, तो उसकी शराफत बुरा मान जाए! इस फट्टू, रोंदू और ‘एक दिन खुद को साबित करके रहूंगा की सोच रखने वाले किरदार में डेविड इस कदर फिट हुए हैं मानो डायरेक्टर ने उन्हें देखकर ही यह कहानी लिखी हो।
लगता है कि डायरेक्टर ने जब उन्हें पहली बार देखा होगा, तो उनके दिल से यही बात निकली होगी, कि बेटा, तुम इतने अतरंगी इंसान हो, तुम पर तो पिक्चर बननी चाहिए!’ बहरहाल, इस मासूमियत की चाशनी में डूबे किरदार के बारे में हमें यह पता लगता है कि वह एक ऐसी ट्रेडमिल पर खड़ा भाग रहा है, जिसे बंद करने वाला बटन कोई उखाड़ ले गया है। ईमानदारी से काम कर रहे हेरॉल्ड को एक दिन पता लगता है कि जिस कंपनी में वह काम कर रहा है, उसका एक दूसरी कंपनी के साथ विलयन (मर्जर) होने वाला है और उसकी नौकरी खतरे में हैं। बंदे के ऊपर भारी कर्ज है। कंपनी का मालिक रिचर्ड (जोल एगर्टन) उसका दोस्त भी है। रिचर्ड उसके साथ कुछ गलत कर सकता है, इस बात पर विश्वास करना उसके लिए मुश्किल है, पर वह अफवाहों को पूरी तरह नजरअंदाज भी नहीं कर पा रहा है।
एलन मार्किन्सन (चार्लिज थेरॉन) इस कंपनी की दूसरी बॉस है, जिसका रिचर्ड के साथ अफेयर चल रहा है। एलन और मार्किन्सन के नेतृत्व वाली यह कंपनी दरअसल वीड पिल (दवा के रूप में इस्तेमाल होने वाली मारिजुआना) बनाती है। हेरॉल्ड यह पता लगाने के लिए जासूसी करता है कि आखिर कंपनी में चल क्या रहा है। इस बीच उसे, एलन और रिचर्ड के साथ एक बिजनेस ट्रिप पर मेक्सिको जाना पड़ता है। काम पूरा करने के बाद जहां एलन और रिचर्ड वापस आ जाते हैं, वहीं हेरॉल्ड वहीं रुक जाता है क्योंकि उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा है।
दरअसल कंपनी की पॉलिसी है कि अगर बिजनेस ट्रिप के दौरान किसी कर्मचारी को कुछ हो जाए तो उसके परिवार को दो मिलियन डॉलर की राशि दी जाती है। हैरॉल्ड सोचता है कि वह खुद को झूठमूठ किडनैप करवा दे ताकि उसे यह राशि मिल जाए और उसकी मुसीबतें कुछ कम हों। इस बीच वह सचमुच मुश्किल में फंस जाता है क्योंकि एक खतरनाक ड्रग माफिया उसके पीछे पड़ जाता है। उसे यह भी पता लगता है कि उसकी पत्नी उसे किसी और के लिए छोड़ रही है। कई दिलचस्प रास्तों से गुजरते हुए फिल्म एक प्रत्याशित ढंग से खत्म होती है।
फिल्म में सभी कलाकारों ने अपनी-अपनी भूमिका से न्याय किया है। फिर चाहे वह एक तेज-तर्रार, गुणाभाग करने वाली कॉरपोरेट महिला के किरदार में चार्लिज हों या एक धूर्त, पीठ पर छुरा घोंपने वाले इनसान के रूप में डेविड ओयलोवो हों। एक कॉमिक थ्रिलर के रूप में प्रचारित की जा रही इस फिल्म कई जगह बहुत हंसाती है। पर कहीं-कहीं इसकी गति धीमी पड़ती है। साथ ही इसका अंत भी उतना रोमांचक नहीं लगता। दोस्तों के साथ हो-हल्ला करते हुए देखने के लिए यह सही फिल्म है। बस इतना ख्याल रखियेगा कि इसे हिंसा और कुछ अंतरंग दृश्यों के चलते ए सर्टिफिकेट मिला हुआ है, तो बच्चों को घर पर ही छोड़ कर जाइएगा।