बिजली दर बढ़ोत्तरी वापस ले रघुवर सरकार, नहीं तो जन-आंदोलनः सुबोध कांत सहाय

By: Devendra Gautam
4/28/2018 6:25:56 PM
Ranchi

 

रांची। झारखण्ड में विद्युत नियामक आयोग द्वारा घोषित नई विद्युत टैरिफ पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा कि रघुवर सरकार संवेदनहीन हो गई है, बिजली बिल में अप्रत्याशित वृद्धि का जनविरोधी निर्णय लेकर जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया गया है, झारखण्ड में पावर कट की पहले से ही दयनीय स्थिति बरकरार है। सूबे के कई उद्योग धंधे बिजली के अभाव में बंदी के कगार पर है। श्री सहाय आज शनिवार को एच.ई.सी. परिसर स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे, उन्होंने कहा कि जनता पहले से ही बिजली दर की मार झेल रही है, दूसरी ओर बिजली दर में बेतहाशा वृद्वि कर जनता को परेशान किया जा रहा है, गरीबों के घरों से बिजली छीन कर बड़े-बड़े पूंजीपतियों और उद्यमियों को राहत पहुंचाने का निर्णय पूरी तरह से जनविरोधी है। श्री सहाय ने कहा कि रघुवर सरकार बिलकुल संवेदनहीन हो गई है, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिल में 98 फीसदी की वृद्वि करना न तो तर्कसंगत है और न ही न्यायसंगत। रघुवर सरकार के इस निर्णय से आम जनता पर काफी बोझ बढ़ेगा। औसतन सभी वर्गों के उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर में 40 प्रतिशत से अधिक वृद्वि की गई है। उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार की यह घोषणा कि घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बढ़े हुए बिजली दर की भरपाई सरकार द्वारा प्रस्तावित सब्सिडी से की जाएगी, महज आईवाश है, यह जनता को भरमाने की बात है। उन्होंने कहा कि पहले सरकार बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित कराए, डोमेस्टिक बिजली की दर में बढ़ोतरी राज्य के गरीब जनता के साथ अन्याय है, कांग्रेस पार्टी इसका पुरजोर विरोध करेगी, उन्होनें इस सबंध में झारखण्ड राज्य विद्युत नियामक आयोग की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा कि बिजली शुल्क बढ़ाने की प्रक्रिया में कई त्रुटियाँ है, झारखण्ड राज्य बिजली वितरण निगम लिमिटेड बिजली की क्वालिटी और क्वांटिटी मुहैया कराने में सक्षम नहीं है। बिजली की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने की बजाय बिजली दर में वृद्वि किया जाना अनुचित है, नियामक आयोग ने विद्युत आपूर्ति नियमित करने हेतु राज्य सरकार को सलाह देने की बजाय दर में वृद्वि कर दिया है, इससे रघुवर सरकार की जनविरोधी मंशा जाहिर होती है। श्री सहाय ने बताया कि झारखण्ड की जनता रघुवर सरकार के जनविरोधी क्रियाकलापों से पहले से ही त्रस्त है, महंगाई की मार झेल रही आम जनता बिजली दर मे बेतहाशा वृद्वि से पस्त हो गई है, शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को आर्थिक बोझ तले दबाया जा रहा है, वहीं पूंजीपतियों और बड़े-बड़े उद्योगपतियों को राहत देकर रघुवर सरकार अपना मतलब साधने में लगी है। उन्होंने कहा कि जल्द ही राज्य सरकार के इस जनविरोधी निर्णय के खिलाफ व्यापक जन-आंदोलन शुरू किया जायेगा। उन्होंने सभी विपक्षी दलों, सामाजिक संगठनों, छात्र संगठनों, किसानों को राज्य सरकार के इस निर्णय के विरूद्ध एकजुट होकर आंदोलन में शामिल होने की अपील की है।

 


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