MOVIE REVIEW: देसी तड़के के साथ आया हॉलीवुड का सुपरहीरो

By: Dilip Kumar
5/19/2018 9:40:55 AM
नई दिल्ली

 इस शुक्रवार मार्वेल कॉमिक्स का एक और सुपरहीरो ‘डेडपूल 2’ हाजिर है। ऐसा लगता है कि भारत में हॉलीवुड की एक्शन फिल्मों की सफलता ने वहां के फिल्मकारों को कुछ अलग सोचने पर प्रेरित कर दिया है। शायद यही वजह है कि ‘डेडपूल 2’ के निर्माताओं ने फिल्म के हिंदी संस्करण के संवादों को पूरी तरह भारतीय परिवेश में रखने की कोशिश की है। यह फिल्म 2016 में आई मार्वेल की फिल्म ‘डेडपूल’ का सीक्वल है और ‘एक्स-मेन’ सीरिज की 11वीं फिल्म। 

‘डेडपूल 2’ पहली सीरिज के बाद की कहानी कहती है। वेड (रयान रेनॉल्ड्स) अपनी प्रेमिका वेनेसा (मोरेना बकरीन) के साथ सुखद क्षण बिता रहा होता है कि कुछ लोग उस पर हमला कर देते हैं। इस हमले में वेनेसा मारी जाती है। इसके बाद वेड यानी डेडपूल को अपनी जिंदगी निरर्थक लगने लगती है। उसे एक्समैन कोलोसस संभालता है और अपने साथ काम पर लगाता है। डेडपूल को एक मिशन पर ले जाया जाता है, जहां एक अनाथालय का म्यूटेंट बच्चा रसेल यानी फायर फीस्ट्स (जूलियन डेनिसन) स्कूल के प्रिंसिपल को खत्म कर देना चाहता है। वह अपने हाथों से आग के गोले छोड़ता है, जिससे वहां सबकी जान खतरे में आ जाती है। डेडपूल उस पर काबू पा लेता है। लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनती हैं कि उसे और रसेल को ऐसी जेल में डाल दिया जाता है, जहां पहले से ही बहुत सारे म्यूटेंट मौजूद है और सबकी शक्तियों पर काबू पाने के लिए उनकी गर्दन में एक खास तरह का गैजेट डाला गया है।

इसी बीच सामने आता है केबल (जोश ब्रोलिन), जो भूत और भविष्य में यात्रा कर सकता है। इस फिल्म में वह भविष्य से यात्रा करके आया है और रसेल को मारना चाहता है। वहीं डेडपूल का मकसद है किसी तरह रसेल को बचाना और उसे सुधरने का एक मौका देना। इसके लिए वह एक टीम बनाता है, जिसका नाम है एक्स-फोर्स। इस टीम में डोमिनो (जेज बीट्स) के अलावा कुछ सदस्य और हैं, जिनके पास कुछ अलग तरह की खासियतें हैं। जैसे कि डोमिनो बहुत भाग्यशाली है और कई मौकों पर उसकी किस्मत बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। इसके बाद शुरू होती है रसेल को मारने और बचाने की जंग ।फिल्म में निर्देशन की कमान संभाली है डेविड लीच ने। दरअसल सुपरहीरो फिल्मों में किरदारों के विकास के साथ तकनीक बेहद अहम भूमिका निभाती है। इस फिल्म का तकनीकी पक्ष भी अच्छा है। हालांकि अगर आप ‘अवतार’ जैसे विजुअल इफेक्ट्स और ‘एवेंजर्स: इनफिनिटी’ जैसे एक्शन की उम्मीद कर रहे हैं तो निराशा होगी। लेकिन हां, इसका एक्शन और विजुअल इफेक्ट्स निराश भी नहीं करता है। कहानी और प्रस्तुतीकरण के नाम पर इसमें भी वही सब कुछ है, जैसा अक्सर सुपरहीरो वाली फिल्मों मे होता है। हां, यह जरूर कह सकते हैं कि यह सुपरहीरो बहुत मजाकिया है और थोड़ा भावुक भी।

सभी कलाकारों का अभिनय अच्छा है। भारतीय दर्शकों को यह किरदार बहुत पसंद आएगा। फिल्म के हिंदी संस्करण के संवादों को पूरी तरह भारतीय दर्शकों को ध्यान में रख कर लिखा गया है, जिसमें बॉलीवुड फिल्मों और उनके संवादों का उल्लेख मजेदार संदर्भों में किया है। वनलाइनर खूब हैं। संवाद बहुत द्विअर्थी हैं और परिवार के साथ बैठ कर उन्हें सुनने में आप शायद सहज न हो सकें। यह फिल्म एक सकारात्मक बिंदु पर खत्म होती है और इस बात का संकेत भी दे जाती है कि इसका अगला सीक्वल भी आएगा।

 


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