संगीत सुनकर सहजता से दूध देती हैं बाजवा की गायें 

By: Dilip Kumar
6/12/2018 5:03:15 PM
नई दिल्ली

साहीवाल नस्ल की गायें पाकिस्तान सीमा से मात्र 4 किलोमीटर और जिले के सुदूर उत्तर में गांव ओड़की के खेतों में बाजवा कृषि फार्म में संगीत सुनने की इतनी अभ्यस्त हो गई हैं कि वे बगैर बछड़े के भी सहजता से दूध दे देती हैं। डेयरी पर संगीत नहीं चलाया जाए तो गायों को पश्माने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। यह कहना है बाजवा डेयरी फार्म संचालक दलजीत सिंह बाजवा का।

बाजवा ने संगीत सुनाकर गाय पश्माने का किस्सा किसी डॉक्टर से सुना और खुद अपना लिया। उन्होंने बताया कि एक बार पशु चिकित्सक के पास एक गोपालक गया, कि उसकी गायों को पता नहीं क्या बीमारी हो गई, अच्छा खाने-पीने के बावजूद दूध घट गया। डॉक्टर ने पड़ताल की, लेकिन कोई उपचार न कर सका। एक दिन उसने देखा कि गोपालक के घर के पास मंदिर है। उसे तुरंत कान्हा और उनकी गायों का खयाल आया जो बांसुरी की आवाज सुनकर उनके पास आ जाती थीं।

उसने पूछा मंदिर में भजन-कीर्तन कब होते हैं, गोपालक ने बताया मंदिर का साउंड सिस्टम खराब है, इसलिए एक सप्ताह से भजन-कीर्तन की आवाज नहीं आ रही। इसके तुरंत बाद मंदिर का लाउडस्पीकर ठीक करवाया गया। धीरे-धीरे गायों का दूध सही पैमाने पर आ गया। बस यहीं से प्रेरणा लेकर बाजवा ने अपनी डेयरी में स्पीकर लगा दिया। वे दूध दूहने से लगभग एक घंटा पहले डेयरी में गुरबाणी और भजन कीर्तन शुरू कर देते हैं। इससे गायों का दूध निकालना सहज हो जाता है। गायें दूध भी औसत से ज्यादा देती हैं।

नेस्ले कंपनी को जाता है दूध 

बाजवा ने बताया कि पंजाब की नेस्ले कंपनी के कारिंदे सुबह शाम उनसे दूध ले जाते हैं। इस भीषण गर्मी के बावजूद रोजाना 3 क्विंटल दूध इस कंपनी को दिया जा रहा है।  बाजवा डेयरी फार्म का रजिस्ट्रेशन करवाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों एवं प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को मिड डे मील पर दूध देने का विचार कर रही थी। इसे देखते हुए उन्होंने रजिस्ट्रेशन करवा लिया।

बाजवा के मुताबिक रजिस्ट्रेशन से उनका सारा काम ऑन रिकॉर्ड हो गया है। बाजवा अपनी गायों को पंजाब के पटियाला से मक्के से तैयार आचारनुमा विशेष किस्म का पशु आहार (साइलेज) और अपने ऑर्गेनिक फार्म में तैयार पशु आहार देते हैं। उनकी साहीवाल नस्ल की गायों से रोजाना 15 लीटर तथा एचएफ नस्ल की गायों से औसतन 35 लीटर दूध मिल रहा है।


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