'मुद्रा योजना ने ब्याजखोर लोगों के चंगुल से देश के युवा धन को बचाया'

By: Dilip Kumar
5/29/2018 2:18:22 PM
नई दिल्ली

नरेंद्र मोदी ने नमो ऐप के जरिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लाभार्थियों से बात की। उन्होंने कहा- 'हमने आजादी के बाद से ही लाइसेंस राज देखा। लोन उसे ही मिलता था जिसका बड़ा नाम होता था, जिसकी सिफारिश होती थी। गरीब को सिस्टम बाहर खड़ा कर दिया गया था। वो अपने काम का विस्तार ही नहीं कर पाते थे। हर छोटा-मोटा आदमी कुछ करना भी चाहता था, तो वह शुरुआत में ही साहूकारों के चक्कर में पड़ जाता था।

मुद्रा योजना ने ब्याजखोर लोगों के चंगुल से देश के युवा धन को बचाया है। प्रधानमंत्री ने एक दिन पहले ही उज्ज्वला योजना का लाभ पाने वाली देशभर की महिलाओं से बात की थी। नरेंद्र मोदी ने कहा- "उद्यमशील युवाओं और बहनों से बातचीत करने का मुझे यह अवसर मिला है। अब वे लोग हैं जो बंधे-बंधाए रास्ते पर चलने के बजाय खुद के रास्ते खुद तय करते हैं। देश की समृद्धि और साहस का आपकी इस पहल का अहम स्थान है। आज मेरे साथ-साथ पूरा देश आपकी इस यात्रा के संस्मरण सुनने के लिए इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ा हुआ है। पिछले दिनों मुझे मुद्रा योजना के कुछ लाभार्थियों से बात करने का मौका मिला था। उनकी कहानियां संतोष देती हैं और गौरवान्वित करती हैं। तभी मैंने तय किया कि देशभर के मुद्रा योजना के लाभार्थियों से बात करूंगा।"

नरेंद्र मोदी ने कहा- "देश के भविष्य में आप जैसे उद्यमियों का बड़ा योगदान है। आज से 20-25 साल पहले लोगों को लोन मिलता था लेकिन राजनीतिक उसूल रखने वाले चेले-चपाटे बैंकों से रुपए मार ले जाते थे। हमने मुद्रा योजना का ऐसा प्रोडक्ट तैयार किया जो देशवासियों के लिए बड़ा अवसर बन गया। हमने अपने नौजवानों पर भरोसा किया। उन्हें मुद्रा योजना के तहत लोन दिया, ताकि वे अपना कारोबार खोल सकें। अपने प्रोडक्ट बाजार में लाने के तरीके ढूंढ सकें। इससे न सिर्फ स्वरोजगार के मौके बने, बल्कि लोगों को रोजगार का अवसर मिला।"

नरेंद्र मोदी ने कहा- "मुद्रा एक ऐसी योजना है जिसमें लक्ष्य से ज्यादा लोन दिए गए हैं। सबसे खुशी की बात यह है जो 12 करोड़ लोगों को लोन दिया है उनमें 74 फीसदी यानी करीब 75 फीसदी हमारी माताएं यानी महिलाएं हैं। 55 फीसदी पिछड़े वर्ग यानी एससी-एसटी और ओबीसी समाज की महिलाओं को मिला। देश को हम गरीबी के नाम पर कैसे-कैसे गुमराह करते देखा है। कैसे-कैसे नारे हमने सुने हैं। तीस चालीस साल से यह सुनते-सुनते गरीब को तो विश्वास ही उठ गया है। जो कारवां बैंकों के साथ शुरू हुआ था आज उसमें अनेक संस्थान भी जुड़ते चले गए। इसमें 110 बैंक ही नहीं माइक्रो फाइनेंस संस्थाएं भी मुद्रा लोन दे रही हैं। बैंकों ने इस लोन को देने की प्रक्रिया को आसान बनाने का काम किया है।

इस योजना की शुरुआत 8 अप्रैल 2015 को नरेंद्र मोदी ने की थी। इसमें छोटे कारोबारियों को 10 लाख रुपए तक का कर्ज दिया जाता है।
इसमें तीन तरह के कर्ज दिए जाते हैं। शिशु ऋण, किशोर ऋण, तरुण ऋण। शिशु ऋण के तहत 50 हजार रुपए तक ऋण दिए जाते हैं। किशोर ऋण की सीमा 50 हजार से 5 लाख रुपए तक है। तरुण ऋण के तहत 5 लाख से 10 लाख रुपए तक कर्ज दिया जाता है।
मोदी ने सोमवार को उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त एलपीजी कनेक्शन पाने वाली महिलाओं से भी नमो ऐप के जरिए बात की थी। इस दौरान उन्होंने मुंशी प्रेमचंद की मशहूर कहानी ईदगाह के किरदार हामिद का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि जब हामिद को अपनी दादी के हाथ जलने की फिक्र हो सकती है देश का प्रधानमंत्री माताओं की फिक्र क्यों नहीं कर सकता।


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