श्रीमदभागवत कथा के दूसरे दिन ब्रहमचेतन जी ने गुरु द्रोणाचार्य की कथा सुनाई

By: Dilip Kumar
5/29/2018 6:10:53 PM
नई दिल्ली

एकलव्य महातीर्थ में आज श्रीमदभागवत कथा के दूसरे दिन कथाव्यास ब्रहमचेतन जी महाराज जी ने गुरु द्रोणाचार्य के त्याग की कथा सुनाई। किस प्रकार से गुरु द्रोणाचार्य ने जिस विद्या को अपने इकलौते पुत्र अश्वत्थामा को नहीं दिया, उस विद्या को शिष्य अर्जुन को दिया। इसके अतिरिक्त परिक्षित जन्म और कलियुग के आगमन और कलियुग के वास की कथा सुनाई ।

एकलव्य महातीर्थ के प्रवक्ता राजीव मित्तल ने मीडिया को जानकारी उपलब्ध कराते हुए बताया कि कथा में कथाव्यास परम् पूज्य स्वामी ब्रह्मचैतन जी महाराज ने गुरु द्रोणाचार्य के त्याग कि कथा सुनाई कि किस प्रकार से गुरु द्रोणाचार्य ने जिस विद्या का ज्ञान अपने इकलौते पुत्र अश्वत्थामा को नहीं दिया, उस ज्ञान को शिष्य अर्जुन को दिया । स्वामी ब्रह्मचैतन जी महाराज ने राजा परिक्षित जन्म की कथा सुनाई और उस समय के वर्तांत का मार्मिक ज्ञान शब्दों के माध्यम से कराया ।

स्वामी ब्रह्मचैतन जी महाराज ने कहाँ कि " पाहि पाहि महायोगिन् देव देव जगत्पते।"
"नान्यं त्वद्भयं पश्ये यत्र मृत्यु परस्परम्।।"
उत्तरा के गर्भ की रक्षा करके परिक्षित को गर्भ में बचाने के समय का श्लोक को विस्तार से श्रोताओं को श्रवण कराया ।
स्वामी ब्रह्मचैतन जी महाराज ने कहाँ कि "तस्मात् भारत सर्वात्मा भगवानीश्वरो हरिः।"
"श्रोतव्यःकिर्तितव्यश्च स्मर्तव्य श्चेच्छता भयम्।।"
शुकदेव जी द्वारा परिक्षित को परिस्थितिवश मरणासन्न व्यक्ति के लिए उपाय बताना ,
कि जो मृत्यु के भय को समाप्त करना चाहता है उसे सर्वात्मा भगवान् श्री कृष्ण की ही लीला कथाओं का श्रवण कीर्तन और मनन करना चाहिए। तभी मुक्ति और उद्धार सम्भव है।

श्री महाराज ने कलियुग के आगमन की और कलियुग के वास की कथा सुनाई और फिर परिक्षित जी के सात दिनों में मृत्यु शाप की कथा और फिर परिक्षित जी का ऋषियों से अपने मुक्ति का उपाय पूछने पर महर्षि श्री शुकदेव जी आगमन और श्री शुकदेव जी द्वारा राजा परिक्षित को श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण प्रारंभ किए जाने के सन्दर्भ में भी विस्तार से प्रकाश डाला । कथा में खांडसा ग्राम के ग्राम वासीयो समेत नगर के बुद्धिजीवी वर्ग ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया । आज कथा के इस भव्य आयोजन मे मुख्य यजमान प्रसिद्ध समाजसेवी श्री विपुल गुप्ता तथा अखिल भारतीय हिंदू क्रांति दल के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष चेतन शर्मा उपस्थित रहे।

आयोजन में गुरूग्राम सांस्कृतिक गौरव समिति के अध्यक्ष माननीय अजय सिंहल जी ने मंच से संबोधन करते हुए कहा कि 5500 साल में पहली बार इस महातीर्थ मे श्रीमद् भागवत महापुराण का आयोजन हो रहा है। और वह भी पुरुषोत्तम मास में। यह सब हम सब गुरुग्राम वासीयो के लिए ऐतिहासिक है। हम सब कथा का हिस्सा बन कर के इतिहास का अंग बने।  राज चौहान एवं शम्मी अहलावत ने सभी का अंग वस्त्र पहनाकर स्वागत किया। आयोजन में मुकुल चौहान, राजपाल त्यागी, संजू मण्ड़वाल ,  मीनाक्षी सक्सेना, विजया फ्लौरा , सीमा शर्मा, शम्मी अहलावत, राज चौहान ,संजू राघव ,अवनीश राघव, मनजीत नंबरदार, जयवीर सरपंच, बाबू राघव, हरज्ञान मित्तल, महेंद्र कुमार, आदि का योगदान सराहनीय रहा ।


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