ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में मिला पूजा का अधिकार, कोर्ट में हिंदू पक्ष की बड़ी जीत

By: Dilip Kumar
1/31/2024 7:12:54 PM
नई दिल्ली

वाराणसी जिला कोर्ट ने बुधवार को हिंदुओं को ज्ञानवापी मस्जिद के सील बंद तहखाने के अंदर पूजा करने की अनुमति दे दी. कोर्ट ने जिला प्रशासन को अगले सात दिनों में जरूरी इंतजाम करने को कहा है. अदालत के आदेश के अनुसार, हिंदू श्रद्धालु अब ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर एक सील क्षेत्र ‘व्यास का तहखाना’ में प्रार्थना कर सकते हैं. ‘व्यास का तहखाना’ ठीक नंदी के सामने है. इस फैसले का आगरा में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दिल खोलकर स्वागत किया है. फैसले के आने के बाद मुस्लिम लोगों ने आपस में एक दूसरे को मिठाई बाटी और कहा कि सारा मामला सुलहकुल से हल होना चाहिए.

क्या है व्यासजी का तहखाना और इसके अंदर क्या-क्या मौजूद?

ज्ञानवापी परिसर में मौजूद व्यासजी तहखाना में पूजा की मांग को लेकर वर्षों से अदालती लड़ाई चल रही है। ताजा फैसले में बताया गया कि वादी हिंदू पक्ष ने बताया कि मंदिर भवन के दक्षिण दिशा में स्थित तहखाने में मूर्ति की पूजा होती थी। दिसम्बर 1993 के बाद पुजारी व्यासजी को इस प्रांगण के बेरिकेट वाले क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक दिया गया। इस कारण तहखाने में होने वाले राग-भोग आदि संस्कार भी रुक गये। हिंदू पक्ष ने दलील दी कि इस बात के पर्याप्त आधार है कि वंशानुगत आधार पर पुजारी व्यासजी ब्रिटिश शासन काल में भी वहां कब्जे में थे।

व्यासजी ने दिसम्बर 1993 तक वहां भवन में पूजा अर्चना की है। बाद में तहखाने का दरवाजा हटा दिया गया। हिन्दू धर्म की पूजा से सम्बन्धित सामग्री बहुत सी प्राचीन मूर्तियां और धार्मिक महत्व की अन्य सामग्री उस तहखाने में मौजूद हैं। हिंदू पक्ष ने कहा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने बगैर किसी विधिक अधिकार के तहखाने के भीतर पूजा दिसम्बर 1993 से रोक दी।

हिंदू पक्ष ने अदालत से अनुरोध किया कि वह रिसीवर को नियुक्त करे जो तहखाने में पूजारी द्वारा पूजा किया जाना नियंत्रित करे और उसका प्रबंध करे। न्यायालय में 17 जनवरी 2024 को पारित एक आदेश में रिसीवर की नियुक्ति तो कर दी लेकिन तहखाने में पूजा-अर्चना के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया। हिंदू पक्ष ने अपनी दलील में कहा था कि तहखाने में मौजूद मूर्तियों की पूजा नियमित रूप से की जानी आवश्यक है।

अभी क्या फैसला आया है?

बुधवार को जिला जज की कोर्ट ने अपने एक आदेश में व्यासजी के तहखाने में पूजा की अनुमति दे दी। ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा किए संबंधी आवेदन पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दोनों पक्ष की तरफ से मंगलवार को बहस पूरी कर ली गई थी। अदालत ने इस प्रकरण में बुधवार को अपना आदेश सुनाया। तहखाने में पूजा करने की अनुमति मिल गई है। हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी कहते ने कहा व्यासजी के तहखाने में पूजा करने का अधिकार दिया गया है और कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर आदेश का अनुपालन करने का आदेश जिला अधिकारी को दिया है।

ज्ञानवापी परिसर में मौजूद व्यास जी का तहखाना 31 साल के बाद खुलने जा रहा है. कोर्ट ने स्थानीय प्रशासन को 7 दिनों के अंदर पूजा कराने की सारी व्यवस्था करने का आदेश दिया है. इस फैसले का आगरा के मुसलमानों ने गर्मजोशी के साथ दिल खोलकर स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि जो हिंदुओं का है वह हिंदुओं को मिले और जो मुसलमानों का है वह मुसलमानों को मिले. इस झगड़े को राजनीतिक रूप नहीं दिया जाए क्योंकि जब से देश आजाद हुआ है तब से कई राजनीतिक पार्टियों हिंदू-मुस्लिम कर राजनीतिक रोटियां सेंक रही है.

आगरा के मुस्लिम समुदाय ने ज्ञानवापी मंदिर मस्जिद विवाद पर कहा कि इस तरह के विवादों में कई साल से देश का विकास रुका हुआ है. साथ ही मुस्लिम लोगों का भी विकास रुका है. हर राजनीतिक पार्टी ने उन्हें केवल वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया है. जिससे उनके समाज के विकास नहीं हुआ है. अब वह विवादों में फंसने वाले नहीं है. अब उन्हें देश की प्रगति में योगदान देना है. आगरा को सुलहकुल और गंगा जमुना तहज़ीब के वजह से जाना जाता है. इसलिए यह संदेश पूरे देश में आगरा से गूजना चाहिए. ज्ञानवापी का विवाद मोहब्बत से हल हो सकता है.


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