बोगीबील पुल के बारे में जानिए पूरा एबीसीडी, एक साथ दौड़ेंगी कारें और ट्रेन
By: Dilip Kumar
12/25/2018 5:20:32 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के सबसे लंबे रेल सह सड़क बोगीबील पुल का शुभारंभ किया. उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने पुल की खूबियां जानीं. उद्घाटन के बाद पीएम मोदी इस पुल पर पहुंचे और यहां पैदल और अपनी कार के जरिये इस पुल का जायजा भी लिया.
- बोगीबील पुल के पूरा होने में दो दशक से अधिक का समय लगा। बीजी (बड़ी लाइन) ट्रैक पर डबल लाइन और सड़क के तीन लेन के साथ निर्मित यह पुल देश के अधिकत्तर पूवोर्त्तर इलाकों की लाइफ लाइन है। यह असम और अरुणाचल प्रदेश के पूवीर् क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तर और दक्षिण तट के बीच संपर्क की सुविधा भी प्रदान करेगा।
- बोगीबील पुल परियोजना असम समझौते 1985 का एक हिस्सा है और इसे वर्ष 1997-98 में स्वीकृत किया गया था। तत्कालीन प्रधान मंत्री एच डी देवेगौड़ा ने 22 जनवरी 1997 को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 21 अप्रैल 2002 को इस परियोजना का काम शुरू किया गया था और उनकी जयंती के मौके पर मंगलवार को पुल राष्ट्र को समर्पित किया जा रहा है।
- केंद्र सरकार ने वर्ष 2007 में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया था, जिससे शीघ्र निमार्ण के लिए निधि की उपलब्धता सुनिश्चित हुई। परियोजना की स्वीकृत अनुमानित लागत 3230.02 करोड़ रुपये थी जो कि संशोधित अनुमान के साथ 4,857 करोड़ रुपये हो गयी है। रेलवे बोर्ड ने बढ़ाई गई पुल की लंबाई को मंजूरी दी है। रेल लिंक ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी और दक्षिणी सिरों पर चलने वाले दो मौजूदा रेलवे नेटवर्क को भी जोड़ेगी।
- रेल संपर्क प्रदान करने के अलावा यह पुल दो मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्गों- दक्षिण में स्थित एनएच-37 को उत्तरी क्षेत्र के एनएच-52 को जोड़ेगा। इससे अरुणाचल प्रदेश के सुदूरवर्ती जिलों अंज, चांगलांग, लोहित, निचली दिबांग घाटी, दिबांग घाटी और तिरप को काफी फायदा होगा। भारत के चीन के साथ 4 हजार किलोमीटर लंबी सीमा का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा अरुणाचल प्रदेश में है और यह पुल भारतीय सेना को इस सीमा में प्रवेश करने में मदद करेगा।
- यह पुल असम के पूर्वी भाग में डिब्रूगढ़ को ब्रह्मपुत्र के उत्तर हिस्से के जरिये दिल्ली और कोलकाता का भाया रंगिया से वैकल्पिक और छोटा मार्ग प्रदान करेगा। डिब्रूगढ़ से रंगिया की दूरी 170 किमी कम हो जाएगी। असम के ईटानगर में डिब्रूगढ़ से सड़क की दूरी 150 किलोमीटर कम हो जाएगी और इन दोनों बिंदुओं के बीच की रेलवे यात्रा दूरी 708 किमी कम हो जाएगी।