कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्‍नर राजीव कुमार पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

By: Dilip Kumar
5/17/2019 1:03:32 PM
नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने सारधा चिट फंड केस में कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्‍नर राजीव कुमार (Rajeev Kumar) को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान करने वाला अपना आदेश वापस ले लिया है। साथ ही सीबीआइ को कानून के मुताबिक कार्रवाई की छूट दे दी। हालांकि, राजीव कुमार को भी गिरफ्तारी से सात दिन का संरक्षण दिया है। न्‍यायालय ने शुक्रवार को उस याचिका पर अपना फैसला दिया जिसमें सीबीआइ (CBI) ने राजीव कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की इजाजत मांगी है।

सीबीआइ ने सर्वोच्‍च अदालत से गुजारिश की थी कि राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटा दी जाए क्योंकि सारधा चिट फंड केस में उन्‍हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने पांच फरवरी के आदेश में संशोधन करते हुए रोक हटा दी लेकिन राजीव को संबंधित कोर्ट से राहत पाने के लिए सात दिन का संरक्षण भी दिया। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी से कहा था कि यदि वह पूर्व कोलकाता पुलिस कमिश्‍नर राजीव कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है तो उसे इसके लिए ठोस सबूत दाखिल करने होंगे।

बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने राजीव कुमार से पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की मांग को लेकर शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की थी। केंद्रीय जांच एजेंसी का आरोप है कि राजीव कुमार जब सारधा चिटफंड घोटाले की जांच कर रही पश्चिम बंगाल एसआईटी के प्रमुख थे तो उस समय जुटाए गए सारे साक्ष्य और दस्तावेज उन्होंने सीबीआइ को नहीं सौंपे हैं। सीबीआइ का आरोप है कि राजीव कुमार ने साक्ष्यों से छेड़छाड़ की है और उसकी पूछताछ में सहयोग भी नहीं कर रहे हैं।

सीबीआइ ने राजीव कुमार पर सर्वोच्‍च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने का भी आरोप लगाया है। इसी मामले में राजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करके आरोप लगाया था कि सीबीआइ कथित तौर पर भाजपा नेता मुकुल रॉय और कैलाश विजयवर्गीय के इशारे पर काम कर रही है। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार से हुई पूछताछ के बारे में दाखिल स्टेटस रिपोर्ट को देखकर कहा था कि रिपोर्ट में बहुत गंभीर बातें हैं।

इस मामले में नाटकीय मोड़ तब आया जब तीन फरवरी को सीबीआइ अधिकारी कोलकाता के तत्कालीन पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के घर गए और उन्हें राज्य पुलिस ने बंधक बना लिया। बाद में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी  सीबीआइ कार्रवाई के खिलाफ धरने पर बैठ गई थीं और उनके साथ राजीव कुमार भी धरने में शामिल थे। इस घटना के अगले ही दिन आनन फानन में सीबीआइ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी और उसने अधिकारियों पर कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगाया था।


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