गणेश चतुर्थी व्रत : भगवान के 12 नाम मंत्रों का जाप करें

By: Dilip Kumar
5/21/2019 8:28:50 PM
नई दिल्ली

22 मई को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस तिथि पर गणेशजी के लिए व्रत किया जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार गणेश पूजा में भगवान के 12 नाम मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करें। पूजा करते समय गणेशजी की पीठ के दर्शन न करें।

कैसे करें गणेशजी की पूजा

गणेश चतुर्थी पर सुबह जल्दी उठें, स्नान के बाद सोने, चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी से बनी भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित करें। गणेशजी को जनेऊ पहनाएं। अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, इत्र आदि चढ़ाएं। चावल सहित अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें।
गणेश मंत्र ऊँ गं गणपतयै नम: बोलते हुए दूर्वा की 21 गांठ चढ़ाएं। लड्डुओं का भोग लगाएं। कर्पूर से आरती करें। पूजा के बाद प्रसाद वितरित करें। गणेश चतुर्थी का व्रत करने वाले व्यक्ति को शाम को चंद्र दर्शन करने की परंपरा है।

गणेशजी के 12 नाम वाले मंत्र

गणेशजी को दूर्वा की 11 या 21 गांठ चढ़ाएं और दूर्वा चढ़ाते समय इन मंत्रों का जाप करें। ऊँ गणाधिपतयै नम:, ऊँ उमापुत्राय नम:, ऊँ विघ्ननाशनाय नम:, ऊँ विनायकाय नम:, ऊँ ईशपुत्राय नम:, ऊँ सर्वसिद्धप्रदाय नम:, ऊँ एकदन्ताय नम:, ऊँ इभवक्त्राय नम:, ऊँ मूषकवाहनाय नम:, ऊँ कुमारगुरवे नम:

 

 


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