हुर्रियत नेताओं ने टेरर फंडिंग की बात स्वीकारी: एनआईए

By: Dilip Kumar
6/16/2019 9:04:02 PM
नई दिल्ली

राष्ट्रीय सुरक्षा जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को कहा कि हुर्रियत नेताओं को विदेशों से टेरर फंडिंग मिल रही थी। इसका इस्तेमाल घाटी में अशांति फैलाने और अन्य आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जाता रहा है। एनआईए ने कहा कि हुर्रियत नेताओं ने विदेशों से मिलने वाले धन का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए भी किया। उन्होंने इस धन का इस्तेमाल निजी संपत्ति बनाने से लेकर विदेशों में पढ़ रहे बच्चों की शिक्षा पर भी किया। वहीं, कश्मीरी पत्थरबाजों के पोस्टर बॉय मशरत आलम और आसिया अंद्राबी ने भी पूछताछ के दौरान यह बात स्वीकारी है कि पाकिस्तान स्थित एजेंटों द्वारा हवाला के जरिए रुपए यहां भेजे जाते हैं।

टेरर फंडिंग मामले में जांच कर रही एनआईए ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और अन्य संगठनों के कई शीर्ष नेताओं से पूछताछ की। अंद्राबी ने मलेशिया में पढ़ रहे अपने बेटे की पढ़ाई में भी इस पैसे का इस्तेमाल किया। आसिया के बेटे द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे कुछ बैंक अकाउंट्स की जानकारी पहले ही संबंधित अधिकारियों को दी गई थी।

जांच एजेंसी ने कहा कि अलगाववादी नेता शब्बीर शाह को भी पाकिस्तान से फंडिंग मिली, जिसका इस्तेमाल उन्होंने होटल और अन्य व्यवसाय बढ़ाने में किया। पूछताछ के दौरान शब्बीर ने बताया कि पाकिस्तान स्थित एजेंटों और ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) के प्रतिनिधियों द्वारा फंडिंग की गई।

एनआईए ने मई 2017 में जमात-उद दावा, दुख्तेरान-ए-मिलात, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल-मुजाहिदीन और अन्य अलगाववादी नेताओं के खिलाफ फंड रेजिंग कर राज्य में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के मामले में केस दर्ज किया था। एजेंसी ने अब तक 13 आरोपियों पर मामला दर्ज किया है। इसमें जमात-उद-दावा के नेता हाफिज मोहम्मद सईद, हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन, सात अलगाववादी नेता, दो हवाला कारोबारी और कुछ पत्थरबाज शामिल हैं।

आतंकी फंडिंग के मामले में पिछले साल कश्मीरी व्यापारी जाहूर वटाली को भी गिरफ्तार किया गया था। वटाली उन मुख्य हवाला कारोबारियों में से एक है जो पाकिस्तान, आईएसआई, यूएई से धन प्राप्त करता था। एजेंसी ने कहा कि इन फंडों का इस्तेमाल कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने, हिंसक आंदोलन और भारत विरोधी गतिविधियों के लिए हुआ था। इसकी वजह से बड़े पैमाने पर हिंसा हुई, जिसमें कई नागरिक और सुरक्षाकर्मी मारे गए और घायल हुए।

जांच एजेंसी ने कहा कि पाकिस्तान, यूएई के व्यवसायियों, आईएसआई, दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायोग के जरिए धन एकत्र करने से संबंधित सबूत मिले हैं। एजेंसी ने चार जून को यासीन मलिक, आसिया अंद्राबी और शब्बीर शाह को गिरफ्तार किया था। मलिक ने एजेंसी को बताया कि उसने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के धड़ों को साथ लाने में मदद की थी। उसने जॉइंट रेसिसटेंस लीडरशीप (जेआरएल) का गठन किया था। 2016 में कश्मीर घाटी में हिंसक आंदोलन की अगुवाई की थी।

 


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