पाक अधिकृत कश्मीर (PoK)कैसा है, जिस पर पाकिस्तान का कब्ज़ा

By: Dilip Kumar
8/5/2019 6:32:58 PM
नई दिल्ली

 1947 में जम्मू-कश्मीर के राजा महाराज हरि सिंह के पास दो विकल्प थे. वो या तो अपनी रियासत को भारत में शामिल करें, या पाकिस्तान में. लेकिन यह फैसला कर पाने में हरि सिंह ने काफी समय लिया. इसी दौरान पाकिस्तान की तरफ वाले कश्मीरियों (मुस्लिम बहुल आबादी) ने हरि सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. इस विद्रोह से निपटने के लिए हरि सिंह ने भारतीय सेना की मदद मांगी, तो भारत ने उन्हें शर्तों पर मदद देने का भरोसा दिया.

जम्मू-कश्मीर को भारत के राज्य के तौर पर खुद को स्वीकार करना था और भारत को रक्षा, विदेश नीति और संचार जैसे कुछ हक देने थे. हरि सिंह ने इसे कबूल किया लेकिन तब तक विद्रोहियों ने एक बड़े हिस्से पर अपना कब्ज़ा कर लिया था. बाद में सियासत देखते हुए इस हिस्से के कश्मीरियों ने खुद को आज़ाद घोषित किया. तबसे ये इलाका आज़ाद कश्मीर या पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) कहलाता है.

पीओके का कुल क्षेत्रफल करीब 13 हजार वर्ग किलोमीटर है, जहां करीब 30 लाख लोग रहते हैं. वैसे तो यह हिस्सा अधिकतर गुमनामी में रहता है लेकिन पीओके पर सीधे तौर पर पाकिस्तान का दखल है. भारत और पाकिस्तान दोनों ही इस हिस्से पर अपने अधिकार क्षेत्र का दावा करते रहे और कई बार कई तरह के दावे पेश किए जाते रहे. अब भी ये हिस्सा एक राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है. लेकिन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) है कैसा? वहां के लोग क्या करते हैं? कैसे जीते हैं? आइए 15 बिंदुओं में इस हिस्से के बारे में आपको बताते हैं. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर दो हिस्सों में बंटा हुआ है, औपचारिक तौर पर एक को जम्मू-कश्मीर और दूसरे को गिलगिट बाल्टिस्तान कहा जाता है. लेकिन, पाकिस्तान में इन दोनों हिस्सों को मिलाकर आज़ाद कश्मीर भी कहा जाता है.

पीओके की संरचना और भूगोल

पाक अधिकृत कश्मीर का प्रमुख राष्ट्रपति होता है और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के तौर प्रधानमंत्री होता है, जो अपने मंत्रियों की परिषद के साथ काम करता है. पाक अधिकृत या आज़ाद कश्मीर दावा करता है कि उसकी अपनी सरकार है लेकिन सच ये है कि ये सरकार पाकिस्तान के नियंत्रण में ही काम करती है. पीओके का अपना सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट भी है. ये कश्मीर का ही हिस्सा है, जिसकी सीमाएं पाकिस्तान के पंजाब प्रांत, अफगानिस्तान के वाखान कॉरिडोर, चीन के झिनझियांग और भारत के कश्मीर के पूर्व से मिलती हैं. अगर गिलगिट बाल्टिस्तान को हटा दिया जाए तो आज़ाद कश्मीर का इलाका 13 हज़ार 300 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जिसकी आबादी 40 लाख है. ये इलाका भारतीय कश्मीर से करीब तीन गुना ज़्यादा है. पाक अधिकृत कश्मीर की राजधानी मुज़फ्फराबाद है. यहां 8 ज़िले मीरपुर, भीमबर, कोटली, मुज़फ्फराबाद, बाग, नीलम, सूधानोटी और रावलकोट के अलावा 19 तहसीलें और 182 संघीय परिषदें हैं.

इतिहास का एक और सिरा

 पाक अधिकृत कश्मीर का एक बड़ा हिस्सा हुनज़ा गिलगिट, शक्सगाम घाटी और रक्साम है. बाल्टिस्तान के इलाके 1963 में पाकिस्तान ने चीन को सौंपे थे. इस सत्तांतरित इलाके को ट्रांस काराकोरम कहा जाता है. भारतीय जम्मू-कश्मीर का वह हिस्सा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर कहलाया, जिस पर 1947 के बंटवारे के दौरान पाकिस्तान ने कब्ज़ा कर लिया था.

ऐसा है पीओके में आम जनजीवन

पीओके के लोग मुख्य तौर से कृषि पर निर्भर हैं. मक्का, गेहूं, वन्य उत्पाद और पशुपालन यहां की आय के मुख्य स्रोत हैं. इस इलाके में कोयले व चॉक के कुछ रिज़र्व हैं, बॉक्साइट भी पाया जाता है. यहां के उद्योग प्रमुखत: लकड़ी की चीज़ें, कपड़ा और कालीन जैसे उत्पाद बनाते हैं.
कृषि से यहां मशरूम, शहद, अखरोट, सेब, चेरी, कुछ औषधियां, मेवा और जलाऊ लकड़ी मिलती है. पश्तो, उर्दू, कश्मीरी और पंजाबी इस इलाके की प्रमुख भाषाएं हैं.

ऐसे हैं हालात

पाक अधिकृत कश्मीर में स्कूलों व कॉलेजों की कमी है, फिर भी यहां साक्षरता दर 72 फीसदी है. 2011 में, पीओके की जीडीपी 3.2 अरब डॉलर आंकी गई थी. इसके दक्षिणी ज़िलों से कई लोग पाकिस्तानी सेना में भर्ती किए जाते रहे हैं. यहां के अन्य इलाकों के लोग यूरोप और मध्य पूर्व में मज़दूरों का काम करने जाते हैं. आंकड़ों की मानें तो पीओके की हालत बेहद खराब है. यहां विकास नहीं हुआ है और इस इलाके पर पाकिस्तान का नियंत्रण होने के बावजूद इसे पिछड़ा रहने दिया गया है. पाकिस्तान यहां के लोगों को भारत के खिलाफ आतंकवाद के तौर पर इस्तेमाल करता रहा है. मुंबई हमलों के दोषी अजमल कसाब की ट्रेनिंग मुज़फ्फराबाद में ही हुई थी. पिछड़ेपन और हाशिए पर धकेले जाने के कारणों से यहां पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा रहता है.


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