पुलिस-सीआरपीएफ के जवानों की दरिंदगी, बच्ची को पटककर मार डाला

By: Dilip Kumar
8/25/2019 10:20:17 AM
नई दिल्ली

जेजेएमपी उग्रवादी की सूचना मिलने पर झारखंड के पलामू जिले के बकोरिया गई पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने तीन साल की बच्ची की पटक कर हत्या कर दी। जिसके बाद बच्ची के पिता और मां ने सतबरवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया। उधर, आरोपी थानेदार प्रभाकर मुंडा ने कहा कि छापेमारी के दौरान हमारे थाने के जवान ने नहीं बल्कि सीआरपीएफ के जवान गए थे। थानेदार ने कहा पुलिस को इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं, पलामू एसपी अजय लिंडा ने कहा कि बच्ची के पिता के आवेदन पर केस दर्ज कर जांच की जाएगी। जो भी दोषी पाया जाएगा उनपर कार्रवाई की जाएगी।

बच्ची के पिता ने आवेदन में कहा कि शुक्रवार को रात करीब एक बजे मनिका पुलिस और सीआरपीएफ के जवान उसे जेजेएमपी उग्रवादी होने के संदेह में पकड़ने आए थे। जिसके बाद वह डर कर बक्से में छिप गया। जिसके बाद जवानों ने दरवाजे को खोलने का प्रयास किया। जब दरवाजा नहीं खुला तो एक जवान रोशनदान से अंदर घुसा और दरवाजा खोल दिया। पत्नी से मेरे बारे में पूछताछ की। पत्नी ने जब जवानों को कमरे में घुसने से रोका तो जवानों ने उसकी गोद से तीन साल की बेटी को छीनकर जमीन पर पटक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। जवानों ने मेरी पत्नी को बंदूक दिखाकर अंदर से घर बंद करने को कहा और चले गए। शनिवार सुबह इस घटना की सूचना ग्रामीणों ने सतबरवा पुलिस को दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भिजवाया।

पिता कहना है कि वह उग्रवादी नहीं है, उसने जरुर एक दो बार उग्रवादियों को खाना खिलाया है। सतबरवा थाने के इंस्पेक्टर प्रमोद रंजन ने कहा कि पोस्टमार्टम और परिजनों के बयान के आधार पर मामले की जांच की जाएगी। बाहर की पुलिस बिना सूचना दिए नहीं आ सकती। मनिका पुलिस किन पिरस्थितियों में सतबरवा क्षेत्र के गांव में घुसी, इस बात की जांच की जाएगी।

उन्होंने बताया कि बच्ची के पिता पर सतबरवा थाने में कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। मनिका थाने में उसके ऊपर कोई केस है या नहीं, यो जांच के बाद ही पता चलेगा। सीआरपीएफ-133 टू वाईसी बटालियन के द्वितीय कमान अधिकारी ने कहा है कि जवान इतने असंवेदनशील नहीं हो सकते कि बच्ची की हत्या कर दें। फिलहाल वे छुट्टी पर हैं इसलिए मामले की जानकारी नहीं है। उन्होनें कहा कि सीआरपीएफ जवान वहां क्यों गए थे, जानकारी ली जाएगी। हालांकि, सीआरपीएफ के जवान छापामारी करने किसी भी जिले में जा सकते हैं। उन्हें अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।


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