एशियाई चैंपियन बना भारत, विश्व विजेता बनने की प्रबल दावेदारी पेश की
By: Dilip Kumar
9/18/2023 12:51:37 AM
एशिया कप 2023 के फाइनल मैच भारत ने श्रीलंका को 10 विकेट से हरा दिया है। भारतीय टीम रिकॉर्ड आठवीं बार एशियाई चैंपियन बनी है। पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने 50 रन बनाए। एशिया कप के फाइनल में यह सबसे छोटा स्कोर है। टीम इंडिया ने आसानी से यह लक्ष्य हासिल कर लिया और विश्व कप जीतने के लिए प्रबल दावेदारी पेश की है। एशिया कप से पहले भारतीय टीम को लेकर कई सवाल उठ रहे थे, लेकिन इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया ने हर सवाल का जवाब दिया है। भारतीय तेज गेंदबाजी से लेकर स्पिन विभाग तक सभी गेंदबाज शानदार लय में हैं। शीर्ष क्रम में रोहित-गिल और विराट ने बड़ी पारियां खेली हैं। वहीं, मध्यक्रम में ईशान-राहुल और हार्दिक ने भी अच्छे रन बनाए हैं।
विश्व कप के लिए तैयार है टीम इंडिया
एशिया कप 2023 से पहले भारतीय सलामी जोड़ी को लेकर कई सवाल थे। रोहित और गिल की फॉर्म कुछ खास नहीं थी। मध्यक्रम में कौन खेलेगा, यह भी नहीं पता था। ईशान किशन कभी पांचवें नंबर पर नहीं खेले थे। चोट से वापस लौटे बुमराह और राहुल की फिटनेस पर सवाल थे, लेकिन इस टूर्नामेंट में भारत ने हर सवाल के जवाब दिए। रोहित ने लगातार अर्धशतक लगाए। गिल ने शानदार बल्लेबाजी की और मुश्किल पिच पर शतकीय पारी खेली। मध्यक्रम में लोकेश राहुल और ईशान किशन ने पांचवें नंबर पर कमाल किया। हार्दिक ने भी बल्ले से रन बनाए। तेज गेंदबाजी में बुमराह, सिराज और हार्दिक ने शानदार प्रदर्शन किया। स्पिन में कुलदीप की फिरकी का जलवा दिखा। एक टीम के रूप में भारत ने बेहतरीन खेल दिखाया है और विश्व कप से पहले खिताब जीतने की सबसे प्रबल दावेदारी पेश की है।
इस मैच में श्रीलंकाई बल्लेबाज भारतीय तेज गेंदबाजों को नहीं खेल पाए। खासकर सिराज ने छह विकेट लेकर इतिहास रच दिया। हार्दिक ने तीन और बुमराह ने एक विकेट लिया। एशिया कप के इतिहास में दूसरी बार सभी 10 विकेट तेज गेंदबाजों ने लिए। इससे पहले भारत और पाकिस्तान के मैच में सभी 10 विकेट पाकिस्तान के तेज गेंदबाजों ने लिए थे। हालांकि, उस मैच में भारत 266 रन बनाने में सफल रहा था। श्रीलंकाई टीम की खराब बल्लेबाजी ने फाइनल मैच का रोमांच पूरी तरह खत्म कर दिया। भारतीय बल्लेबाजों ने 37 गेंद के अंदर लक्ष्य हासिल कर लिया। आइए जानते हैं कैसे भारतीय तेज गेंदबाजों ने श्रीलंकाई बल्लेबाजी को धराशायी कर दिया और आसानी से टीम इंडिया एशिया कप चैंपियन बनी।
सिराज-बुमराह का कमाल
वनडे विश्व कप से पहले भारतीय तेज गेंदबाज शानदार फॉर्म में हैं। मोहम्मद शमी टीम से बाहर चल रहे हैं, क्योंकि अच्छी लय के बावजूद उनकी जगह नहीं बन पा रही है। एक साल बाद चोट से वापस लौटे बुमराह कमाल कर रहे हैं और सिराज ने भी इस मैच में छह विकेट लेकर दिखाया कि वह कितने खतरनाक गेंदबाज हैं। हार्दिक भी बेहतरीन लय में हैं। शार्दुल लगातार विकेट ले रहे हैं। ऐसे में विश्व कप से पहले भारत के लिए यह बहुत अच्छी खबर है। स्पिन विभाग में कुलदीप भी कमाल की गेंदबाजी कर रहे हैं और टीम इंडिया की गेंदबाजी विश्व कप से पहले बहुत दमदार दिख रही है।
बारिश का फायदा मिला?
मैच शुरू होने से ठीक पहले बारिश होने की वजह से हवा में नमी आ गई और इसका फायदा भारतीय तेज गेंदबाजों को मिला। बुमराह ने पहले ही ओवर में एक विकेट लिया। वहीं, सिराज ने अपने दूसरे ओवर में चार विकेट लेकर श्रीलंका की आधी टीम को पवेलियन भेज दिया। इसके बाद श्रीलंका का छोटे स्कोर पर आउट होना तय था। हालांकि, पुछल्ले बल्लेबाजों ने थोड़ा संघर्ष किया और टीम को 50 रन के स्कोर तक पहुंचाया।
श्रीलंकाई कप्तान का गलत फैसला
कोलंबो के मैदान पर बादल छाए हुए थे। ऐसे में तेज गेंदबाजों को मदद मिलना लाजिमी था। इसके बावजूद श्रीलंकाई कप्तान दसून शनाका ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पूरे एशिया कप के दौरान तेज गेंदबाजों को बारिश होने पर मदद मिली है। भारत ने भी अपने पहले मैच में पाकिस्तान के खिलाफ पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था और पाकिस्तानी तेज गेंदबाजों ने 66 रन पर भारत के चार अहम विकेट ले लिए थे। हालांकि, ईशान किशन और हार्दिक ने बेहतरीन साझेदारी कर भारत को अच्छे स्कोर तक पहुंचा दिया था। इस टूर्नामेंट में शामिल बाकी टीमों के तेज गेंदबाज इतने दमदार नहीं थे। इस वजह से टीमें अच्छी शुरुआत करने में सफल रहीं। हालांकि, इस मैच में श्रीलंका ने पहले गेंदबाजी चुनी और बारिश के बाद खेल शुरू हुआ तो भारतीय गेंदबाजों ने कमाल कर दिया।
श्रीलंकाई बल्लेबाजों का खराब खेल
इस मैच में भारतीय गेंदबाजों के पिच से मदद मिल रही थी और गेंद स्विंग हो रही थी। ऐसे में श्रीलंकाई बल्लेबाजों को अच्छी तकनीकि के साथ क्रीज पर जमकर खेलने की जरूरत थी। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं। श्रीलंकाई बल्लेबाजों की खराब तकनीकि के चलते वह सिराज का सामना नहीं कर सके और पांच बल्लेबाज तो अपना खाता तक नहीं खोल सके। सिर्फ कुसल मेंडिस (17 रन) और दुसन हेमंता (13* रन) ही दहाई का आंकड़ा पार कर पाए। यही श्रीलंका के खराब प्रदर्शन की सबसे बड़ी वजह रही। श्रीलंकाई खिलाड़ी कदमों का इस्तेमाल कर बड़ा शॉट खेल सकते थे और भारतीयय गेंदबाजों की लाइन लेंथ खराब करने की कोशिश कर सकते थे, लेकिन शुरुआती विकेट गिरने के बाद पूरी टीम ने घुटने टेक दिए और किसी ने बड़ा स्कोर बनाने या लड़ाई करने की कोशिश नहीं की।
भारतीय बल्लेबाजों ने नहीं दिया मौका
50 रन पर सिमटने के बाद श्रीलंका के लिए जीतने का एकमात्र तरीका शुरुआती ओवरों में विकेट लेकर दबाव बनाने का था। हालांकि, युवा शुभमन गिल और ईशान किशन ने इसका कोई मौका नहीं दिया। दोनों ने तेज गति से रन बनाए और पावरप्ले के अंदर ही मैच खत्म कर दिया। जिस विकेट पर भारतीय तेज गेंदबाजों को खेलना लगभग असंभव लग रहा था। उसी पिच पर श्रीलंका को चौथे ओवर में स्पिन गेंदबाज को लाना पड़ा। भारत के लिए सिराज ने चौथे ओवर में ही चार विकेट लिए थे, लेकिन श्रीलंकाई कप्तान अपने तेज गेंदबाजों पर भरोसा नहीं जता सके और मैच में उनकी टीम कोई टक्कर नहीं दे सकी।