दुनिया का पहला ऊर्जा साक्षर बनेगा इंदौर शहर : मेयर भार्गव

By: Dilip Kumar
12/28/2024 8:26:53 PM
नई दिल्ली

कुलवंत कौर के साथ बंसी लाल की रिपोर्ट। लगातार इंदौर शहर स्वच्छता रेंक में पहले नंबर पर रहता ही है,वहीं अब इंदौर नगर निगम के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के सहयोग से 100 दिवसीय ‘इंदौर क्लाइमेट मिशन’ की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य इंदौर को भारत का पहला ऊर्जा-साक्षर शहर बनाना है। इस अभिनव पहल का उद्देश्य शहर भर में बिजली की खपत के साथ कार्बन उत्सर्जन को कम करना और अन्य शहरों को भी इस दिशा में प्रेरित करना है।इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, इंदौर ने लगातार पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि इंदौर शहर का अपना क्लाइमेट एक्शन प्लान तैयार है।उन्होंने कहा कि सात बार भारत के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीतने के बाद, इंदौर क्लाइमेट मिशन की पहल इंदौरवासियों और नगर निगम के अथक समर्पण को दर्शाती है। एक अनुमान के आधार पर हमारे शहरों में निवासी एक परिवार से प्रतिदिन करीब 450 ग्राम कचरा पैदा होता है, जो दिखाई देता है, जबकि ना दिखने वाला यानि कार्बन से जुडा कचरा करीब 27 किलो प्रतिदिन पैदा होता है। इसी सब को ध्यान में रखते हुए हमने एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के साथ मिलकर एक नवाचार करने का निर्णय लिया है, ताकि इंदौर धरती की गर्मी को कम करने में भी अपना योगदान दे सके। यह क्लाइमेट मिशन एक विरासत का निर्माण करने जा रहा है, जो पर्यावरणीय संरक्षण के प्रति इंदौर की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के संस्थापक प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी ने मिशन के मुख्य उद्देश्यों के बारे में कहा इंदौर अब न दिखने वाले कचरे पर, जो कि दिखने वाले कचरे की तुलना में कई गुना ज्यादा है, उस पर ध्यान देने वाला है। 1 दिसंबर, 2024 से 10 मार्च, 2025 तक, हमने सामूहिक रूप से इंदौर शहर की बिजली की खपत को कम करने का लक्ष्य रखा है। 3-5 लाख इंदौरवासियों को ऊर्जा खपत और कार्बन उत्सर्जन के बीच महत्वपूर्ण संबंध के बारे में शिक्षित करने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं, जिससे शहर भर में ऊर्जा साक्षरता को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही, हम सक्रिय रूप से निवासियों को ऊर्जा-बचत की आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, बिजली की खपत में 7-10% की कमी का स्वैच्छिक लक्ष्य निर्धारित करेंगे। इस सामूहिक प्रयास के माध्यम से, हम अगले एक वर्ष के भीतर करीब 20 करोड़ यूनिट बिजली की बचत कर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल करना चाहते है। नागरिकों को प्रभावी ढंग से जोड़ने के लिए, एनर्जी स्वराज फाउंडेशन एक बहुआयामी दृष्टिकोण लागू कर रहा है। साइकिल चलाने के पर्यावरणीय लाभों में साईकिल ट्रेक बढ़ाने और सार्वजानिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन किया जायेगा।

प्रोफेसर सोलंकी नें बताया कि स्कूलों, कॉलेजों और कॉर्पोरेट कार्यालयों के साथ क्लाइमेट चौपाल कार्यशाला, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा संरक्षण और स्थायी जीवन शैली के बारे में जानने के लिए एक मंच प्रदान कर रहा है।उन्होंने आगे कहा कि ऊर्जा मानव अस्तित्व के सभी पहलुओं को चलाने वाली मूलभूत शक्ति है। अफसोस की बात है कि कार्बन-आधारित ऊर्जा स्रोतों पर हमारी निर्भरता के परिणामस्वरूप गंभीर और दूरगामी परिणाम सामने आए हैं, जिनमें ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन शामिल हैं, जो अब पूरे ग्रह के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा बन गए हैं। इसलिए हमें ऊर्जा स्वराज को अपनाकर, स्वच्छ ऊर्जा की और बढ़ना है। छात्रों को शामिल कर , क्विज़, प्रतियोगिताओं और जागरूकता अभियानों की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी,नुक्कड़ नाटक, खेल प्रतियोगिता जिससे और अन्य साधनों से भागीदारी और सामूहिक कार्रवाई को बढ़ावा मिलेगा।


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