नई दिल्ली में विकसित भारत कॉन्क्लेव 2025 का सफल आयोजन
By: Dilip Kumar
3/29/2025 11:52:04 AM
कुलवंत कौर के साथ बंसी लाल की रिपोर्ट। रीस्किलिंग एचआर फाउंडेशन द्वारा इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में विकसित भारत कॉन्क्लेव 2025 का भव्य आयोजन किया गया। इस वर्ष के कॉन्क्लेव की थीम थी "दूरदर्शी नेतृत्व और भारत को सशक्त बनाना।" इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में कॉर्पोरेट जगत के शीर्ष नेता, मानव संसाधन विशेषज्ञ, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, शिक्षाविद, शोधकर्ता और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में विकसित भारत कॉन्क्लेव 2025 के आयोजन सचिव, डॉ. बिनय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के विकास के लिए मजबूत अर्थव्यवस्था और कुशल कार्यबल की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन क्षेत्र को अपनी रणनीतियों में नवाचार और बदलाव लाकर देश की प्रगति में योगदान देना चाहिए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कॉर्पोरेट नेतृत्व की भूमिका केवल व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि वे समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
मुख्य अतिथि, अमिताभ खरे, पूर्व मुख्य कार्यकारी निदेशक, आरआरबी, रेल मंत्रालय, ने भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं द्वारा उत्पन्न रोजगार के अवसरों पर चर्चा की और कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास' की भावना को आत्मसात करते हुए मानव संसाधन क्षेत्र को इसमें विशेष योगदान देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए नीति निर्माताओं, उद्यमियों और कॉर्पोरेट जगत को मिलकर काम करना होगा, जिससे देश के युवाओं को अधिकतम अवसर मिल सकें। ब्रिगेडियर संजय अग्रवाल, पूर्व सुरक्षा सलाहकार, गृह मंत्रालय एवं पूर्व सलाहकार, एनएचएआई, ने छात्रों को उद्योग जगत के साथ जुड़कर अपने कौशल को विकसित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि नवाचार और आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाकर युवा अपने कौशल को उन्नत कर सकते हैं, जिससे भारत का भविष्य उज्ज्वल होगा।
इस सम्मेलन में कई विशिष्ट अतिथियों ने अपने विचार साझा किए, जिनमें सीए मुकेश सिंह कुशवाह, राकेश सिन्हा, जी. एस. बावा (पूर्व महाप्रबंधक, पीआर, एएआई), चकित स्वरूप (बिग डेटा आर्किटेक्ट, यूके टेलीकॉम एवं पूर्व राष्ट्रीय परियोजना प्रबंधक, भारत सरकार), प्रो. (डॉ.) के. एन. चौबे और डॉ. डी.पी. सिंह (निदेशक, हिंदू ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन्स, सोनीपत) शामिल थे। सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि नवाचार, प्रौद्योगिकी और मानव संसाधन विकास को अपनाकर एक कुशल एवं योग्य कार्यबल तैयार करना समय की मांग है। उन्होंने इंडस्ट्री-अकादमिकिया सहयोग को बढ़ाने और युवाओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर बल दिया।
कॉन्क्लेव में छात्रों के लिए एक केस स्टडी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में ड्रोणाचार्य ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन्स ने प्रथम स्थान, मंगलमय इंस्टिट्यूट ने द्वितीय स्थान, और हिंदू ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन्स ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक चुनौतियों से अवगत कराना और उन्हें समस्या समाधान कौशल विकसित करने के लिए प्रेरित करना था। कार्यक्रम के समापन पर आईआईएचआर के कार्यक्रम निदेशक महेश गोलानी और डॉ. साहब सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए सभी प्रतिभागियों, वक्ताओं और आयोजकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह कॉन्क्लेव भारत के भविष्य के नेतृत्व के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और कॉर्पोरेट जगत एवं शैक्षिक संस्थानों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करेगा।
विकसित भारत कॉन्क्लेव 2025 देश में नेतृत्व, नवाचार, मानव संसाधन विकास और कॉर्पोरेट भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावशाली मंच साबित हुआ। इस सम्मेलन में हुई चर्चाएं और मिले सुझाव भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को और मजबूत करेंगे।