किसी भी सिख को राजनितिक पार्टी मे जाने के लिया बंदिश नहीं:सरना
By: Dilip Kumar
3/31/2025 4:09:19 PM
कुलवंत कौर के साथ बंसी लाल की रिपोर्ट। किसी भी सिख का धार्मिक ओर राजनितिक पार्टी मे जाने के लिए स्वतंत्र है लेकिन सिखी मर्यादा का भी ख्याल रखना होगा यह कहना है,शिरोमणि अकाली दल दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सरदार परमजीत सिंह सरना का उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि 2 दिसम्बर को श्री अकाल तख़्त साहिब द्वारा फैसले सुनाए गए थे। यह फैसले अकाली दल की नेतृत्व द्वारा सिर झुका कर मंजूर किए गए थे और उन पर अमल किया गया था। उस समय एक कमेटी अकाल तख़्त साहिब द्वारा बनाई गई थी। वह कमेटी अब स्वतंत्र रूप से अपना काम कर रही है। लेकिन कुछ लोग यह भ्रम फैला रहे हैं कि हर सिख का इस कमेटी द्वारा चलाए जा रहे भर्ती अभियान का सदस्य बनना ज़रूरी है। उन्होने बताया कि यह बात पूरी तरह गलत है और श्री अकाल तख़्त साहिब के दिशा-निर्देशों के खिलाफ है।क्योंकि जब यह कमेटी श्री अकाल तख़्त साहिब के तत्कालीन सिंह साहिब द्वारा बनाई गई थी, तो उस समय शिरोमणि अकाली दल और बागी धड़े के अलावा और भी कई अकाली दल काम कर रहे थे। लेकिन ज्ञानी रघबीर सिंह द्वारा किसी को भी अपनी पार्टी तोड़ने के लिए नहीं कहा गया था और इनसे बाहर भी हर पार्टी में सिख सक्रिय हैं। इसलिए अकाल तख़्त द्वारा किसी भी सिख को यह आदेश नहीं दिया गया कि वह अपनी पार्टी छोड़कर इस कमेटी द्वारा चलाए जा रहे भर्ती अभियान का हिस्सा बने। इसलिए यह हर सिख की अपनी इच्छा है कि वह किस पार्टी में रहकर राजनीति करना चाहता है, वह कर सकता है।
सरना का कहना है कि यदि वह कमेटी अपनी सदस्यता मुहिम चलाना चाहती है, तो वह खुशी से चला सकती है। लेकिन हमें यह जानकारी मिली है कि कुछ नेता श्री अकाल तख़्त साहिब का नाम लेकर भावनात्मक रूप से लोगों को प्रभावित कर रहे हैं, और इस प्रकार वे आम सिख और श्री अकाल तख़्त साहिब दोनों को धोखा दे रहे हैं। क्योंकि किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़ना हर सिख की व्यक्तिगत इच्छा है, इसलिए किसी को भी किसी तरह से मजबूर नहीं किया जा सकता और न ही ऐसा कोई निर्देश श्री अकाल तख़्त साहिब द्वारा दिया गया है। उन्होंने कहा कि यहां श्री अकाल तख़्त साहिब द्वारा यह कमेटी एकता स्थापित करने के लिए बनाई गई थी, न कि नई धड़ेबंदी उत्पन्न करने के लिए। और श्री सुखबीर सिंह बादल के इस्तीफे और अकाली दल द्वारा नई भर्ती शुरू करने का स्वागत स्वयं ज्ञानी रघबीर सिंह द्वारा विदेश जाने से पहले किया गया था। इसलिए इस कमेटी को पंथिक हित को प्राथमिकता देते हुए, निजी स्वार्थ के लिए भ्रम फैलाने वाले प्रचार से बचना चाहिए।