आज की भागदौड़भरी जिंदगी में लोगों के लिए खुलकर सांस ले पाना भी मुश्किल हो गया है। बढ़ती स्पर्धा के कारण कम या ज्यादा तनाव का रहना भी रोजमर्रा की बात हो गई है। दैनिक जीवन से जुड़ी इन थका देने वाली समस्याओं से पार पाने के लिए लोग नए उपायों को तलाश रहे हैं। मसाज ऐसा ही एक उपाय है, जो व्यक्ति को आराम पहुंचाकर उसे फिर से ऊर्जा से भर देता है।
अगर आप उपचार की वैकल्पिक पद्धतियों में विश्वास करते हैं और अपने हाथों से काम करने में खुशी महसूस करते हैं, तो आप मसाज थेरेपिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं। उपचार की एक विधा के रूप में मसाज के प्रयोग का आरंभ जिन परंपराओं और तकनीकों से हुआ, उनके प्रमाण प्राचीन इतिहास में मिलते हैं। भारत में मसाज थेरेपी की शुरुआत करीब तीन हजार ईसा पूर्व में हुई थी।
आधुनिक समय में मसाज के लाभकारी प्रभावों को नए सिरे से तलाशा जा रहा है। मसाज थेरेपी की उपयोगिता के कारण इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। इस वजह से वैकल्पिक स्वास्थ्य सेवाओं पर आधारित उद्योग क्षेत्र (वेल्नेस इंडस्ट्री) के दायरे में भी वृद्धि हुई है। नतीजा पेशेवर मसाज थेरेपिस्टों की मांग भी पैदा हो रही है। पेशे के रूप में मसाज थेरेपिस्ट के काम को देखें, तो यह एक ऐसा कार्य है, जो अच्छी कमाई के साथ-साथ क्लाइंट (मसाज कराने वाले) से दुआएं और शुभकामनाएं पाने का मौका देता है।
लोग किसी मसाज थेरेपिस्ट के पास इसलिए जाते हैं, ताकि वह तनाव और चिंता से मुक्त होकर शारीरिक और मानसिक सुकून हासिल कर सकें। उम्मीद के मुताबिक मसाज थेरेपिस्ट की सेवा का लाभ मिलने पर क्लाइंट खुद को इतना आनंदित महसूस करते हैं कि संबंधित थेरेपिस्ट के प्रति कृतज्ञता भी व्यक्त करने लगते हैं। मसाज के दौरान उंगुलियों, हथेलियों और कोहनी का इस्तेमाल करके क्लाइंट के शरीर की मालिश की जाती है।
इससे शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है, तंत्रिकाओं की सक्रियता बढ़ती है और मांसपेशियों को आराम मिलता है। इन लाभों की वजह से ही मसाज थेरेपी का प्रयोग तनाव, थकान, पुरानी बीमारियों और दुर्घटनाओं के कारण शरीर को पहुंची चोटों के ईलाज में किया जाता है। मसाज थेरेपिस्ट अपना काम शुरू करने से पहले मसाज के लिए आने वाले मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री, खानपान और जीवनशैली से जुड़ी आदतों का अध्ययन करते हैं। फिर अपने निष्कर्षो के आधार पर थेरेपिस्ट संबंधित क्लाइंट के लिए उपचार की एक योजना (ट्रीटमेंट प्लान) तैयार करते हैं।
क्लाइंट के शारीरिक लक्षणों और उपचार के प्रभाव को देखते हुए वह उपचार योजना में बदलाव भी करते हैं। मसाज के लिए थेरेपिस्ट कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। कभी वह क्लाइंट के तनाव को कम करने के लिए मसाज के दौरान शरीर के कुछ भागों पर अतिरिक्त दबाव देते हैं, तो कभी खास औषधीय गुण वाले तेलों का प्रयोग करते हैं। रोग की प्रकृति के अनुसार मसाज थेरेपी की अवधि भी अलग-अलग होती है।
यह कुछ महीने से लेकर सालभर तक हो सकती है। उपचार के बाद थेरेपिस्ट अपने क्लाइंट को बेहतर दिनचर्या और स्वास्थ्य के लिए जरूरी सलाह भी देते हैं। वह क्लाइंट के स्वास्थ्य और उपचार से संबंधित विस्तृत रिकॉर्ड भी रखते हैं, जो जरूरत के समय क्लाइंट के डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट के लिए मददगार साबित होते हैं। यह पेशा काम के लंबे घंटों की मांग करता है।
क्लाइंट की आवश्यकता और उनकी संख्या के अनुसार लगातार घंटों तक काम करना पड़ सकता है। कई बार साप्ताहिक अवकाश और शाम के समय भी काम करना पड़ जाता है। आमतौर पर किसी एक क्लाइंट के मसाज पर 45 मिनट से दो घंटे तक का वक्त देना पड़ता है। समय की यह अवधि क्लाइंट की चिकित्सकीय जरूरत पर निर्भर करती है। मसाज थेरेपिस्ट को स्पा, ब्यूटी सलून, हॉलिस्टिक हेल्थ क्लिनिक, फिटनेस सेंटर में नियुक्त किया जाता है।
इसके अलावा उन्हें खिलाड़ियों को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए खेल टीमों और स्पोर्ट्स क्लबों में भी रखा जाता है। नौकरी करने का मन न होने पर मसाज थेरेपिस्ट स्वतंत्र रूप से भी काम कर सकते हैं। अपनी इस भूमिका में वह क्लाइंट के घर जाकर या उसके कार्यस्थल पर पहुंचकर अपनी सेवाएं दे सकते हैं।
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