विज्ञापन की दुनिया में चमकाएं अपना करियर
By: Dilip Kumar
9/20/2016 5:50:22 PM
आप क्रिएटिव है और आपको बाजार की समझ है तो क्रिएटिविटी की दुनिया यानी एडवरटाइजिंग के क्षेत्र में शानदार करियर बना सकते है। आज समाचार पत्र पत्रिका टी.वी रेडियो फिल्म और न जाने पत्र पत्रिका, टी.वी, रोडियो, फिल्म और ना जाने कहां-कहां हर क्षेत्र में विज्ञापन छाया हुआ है। मीडिया जगत में चाहे वह प्रिंट मीडिया हो या इलैक्टॉनिक मीडिया सभी एडवरटाइजिंग के बल पर टिके हुए है। दरअसल किसी भी उत्पाद को सफल बनाने और बाजार में अपनी पैठ बनाने के लिए विज्ञापन की आवश्यकता पड़ती है।
विज्ञापन दो तीरके के होते है विजुअल या मौखिक किसी उत्पाद या सेवा का विज्ञापन इसलिए किया जाता हे। ताकि उस प्रॉडक्ट के बारे लोगों के जागरूक किया जा सके। एडवरटाइजिंग में चुनौती एडवरटाइजिंग का क्षेत्र काफी चुनौतीपूर्ण है। इसके लिए जो टीम होती है। उसमें कॉपी राइटसर्स और आर्ट डाइरेक्टर्स होते है। कॉपी राइटर्स पंच लाइन लिखते है। मसलन 'लेटस लर्न टू टीच इंडिया', 'कर लो मुटठी में ''बड़ा है तो बेहतर है', 'कनेक्टिंग पीपल', 'मनोरंजन का बाप' आदि वही आर्ट डाइरेक्टर विजुअल पर कार्य करते है।
इलैक्ट्रॉनिक या प्रिंट के विज्ञापन इंपेक्ट अधिक से अधक लोगों पर हो इसके लिए पंच लाइन और दृश्यों में सामंजस्य होना बहुत जरूरी होता है। आज नामी ब्राइंस कंपनियों और धार्मिक संस्थाएं अपनी उत्पाद व सेवाओं के प्रचार प्रसार के लिए विज्ञापन का उपयोग करती है। ज्यादा -से-ज्यादा लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए विज्ञापन को बेहद प्रभावी बनाया जाने लगा है। अगर आप में वाकई इस दिशा में कुछ कर गुजरने का जज्बा है,तो प्रगति करने के कई मौके है।
इस क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए जरूरी है कि आपकी सोच कलात्मक होने के साथ ही आपके भीतर दबाव में काम करने की क्षमता भी हो क्वालिफिकेशन इस फील्ड में करियर बनाने के लिए मैनेजमेंट मास कम्युनिकेशन या फिर एडवरटाइजिंग के जुड़ा कोर्स होना जरूरी है। हालांकि, मार्केटिंग रिसर्च क्लाइंट सर्विस और मीडिया प्लानिंग के लिए एमबीए डिग्रीधारियों को प्राथमिकता दी जाती है। जबकि क्रिएटिव विभाग में सामान्य स्नातक भी प्रवेश कर सकता है। लेकिन इन्हें कम्युनिकेशन स्किल भाषा की पकड़ डिजाइन पैकेज जैसे फोटोशॉप कोरल ड्रा के अलावा फाइन आटर्स की जानकारी होना जरूरी है।
पर्सनल स्किल इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए क्रिएटिव राइटिंग में माहिर होने के साथ-साथ किसी भी विचार को विजुअल(दृश्य) रूप में सामने लाने की काबिलियत होनी चाहिए। इन लोगों को समाज के हर स्तर से आने वाले लोगों की रूचियों की जानकारी होनी चाहिए। कुल मिलाकर आपके द्वारा पेश किया जाने वाला विज्ञापन इस तरह का उभर कर सामने आना चाहिए कि यह ज्यादा से ज्यादा लोगों को आकर्षित कर सके। किस तरह के कोर्स विज्ञापन मास कम्युनिकेशन में विशेष कोर्स के अलावा डिप्लोमा व स्नातकोत्तर स्तर तक के कोर्स मौजूद हैं। इस सभी के लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक है। कुछ संस्थानों में स्नतक के डिग्री कोर्स में भी विज्ञापन को एक विषय बतौर लिया जा सकता है, जिसके लिए न्यूनतम योग्यता बारहवीं है।
विज्ञापन के स्वरूप आज विज्ञापन में कुछ नए क्षेत्र भी उभर रहे हैं जैसे इवेंट मैनेजमेंट, इमेज मैनेजमेंट, इंटरनेट मार्केटिंग। इमेज मैनेजमेंट के तहत किसी विशेष प्रोफाइल के व्यक्ति या संस्था को केंद्रित करते हुए मार्केटिंग की जाती है। इंटरनेट मार्केटिंग न इस दिशा में व्यापक बदलाव किया है। लेकिन फिर भी इसे सीमित दायरे के लोगों के बीच की जा रही मार्केटिंग ही कहा जाएगा। बड़े समूह को केंद्रित मार्केटिंग में यह शामिल नहीं है।
रोजगार के अवसर विज्ञापन उद्योग में हर साल तकरीबन २० प्रतिशत के हिसाब से वृद्धि हो रही है। आने वाले समय में इसकी रफ्तार अधिक हाने की संभावना है। वैसे भी जब आप किसी अच्छे संस्थान से विज्ञापन का कोर्स कर लेते तो इंटरव्यू के समय आपका पक्ष मजबूत हो जाता है। विशेषकर तब जब आपके पास कोई अनुभव नही हो। इस उद्योग में जॉब दोनों तरह की कंपनियों में उपलब्ध रहता है। पहली कंपनी वह जो अपना बंै्रड चलाने के लिए विज्ञापन करना चाहती है। और दूसरी वह जो इसमें मदद करती है।
अगर काम को पूर्ण करने का जुनून हो तो जल्द-से-जल्द सफलता मिलना आसान हो जाता है। विज्ञापन उद्योग में रोजगार के अवसर मूलत: विज्ञापन एजेंसियों सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के विज्ञापन एजेंसियों सार्वजानिक या निजी क्षेत्र के विज्ञापन विभाग समाचार पत्रों के विज्ञापन विभाग में जर्नल्स पत्रिकाओं रेडियो या टीवी के वाणिज्या विभाग मार्केटिंग रिसर्च संस्थाओं में या फिर फ्रीलांसर के तौर पर मिल सकते है।
कार्य का स्वरूप विज्ञापन उद्योग को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है एक एग्जिक्यूटिव और दूसरा क्रिएटिव एग्जिक्यूटिव विभाग में क्लाइंट सार्विस मार्केट रिसर्च और मीडिया रिसर्च शामिल है। जबकि क्रिएटिव क्षेत्र में कॉपी राइटर, स्क्रिप्ट राइटर विज्युलाइजर फोटोग्राफर व टायपोग्राफर्स आते है एग्जिक्यूटिव विभाग ग्राहक की जरूरत बाजार का हालिया रुख मीडिया के सही माध्यम का चुनाव आर्थिक पहलू और विज्ञापन को बाजार में लाने के सही समय पर नजर रखता है।
क्रिएटिव विभाग विज्ञापन तैयार करता है और विजुअल तौर पर ग्राहक की अपेक्षा को मद्देनजर रखता है विज्ञापन की डिजाइन और संकल्पना इन्ही के जिम्मे होती है फोटोग्राफर किसी भी विज्ञापन कंपनी में फोटो ग्राफर बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। यह न सिर्फ किसी साधारण बात को विशेष एंगल या सही लाइट के प्रयोग से खास बनाते हैं, बल्कि प्रॉडक्ट के मूल विचार को तस्वीर के जरिए बयां कर देते हैं। इनका तकनीकी रूप से सक्षम होना भी जरूरी है। क्लाइंट सर्विसिन्ग इनका कार्य क्लाइंट और क्रिएटिव के बीच पुल का होता हैं।
क्लाइंट को किस तरह का विज्ञापन चाहिए और उसको अधिक-से-अधिक फायदा कहां पर मिलेगा। यह बताने का कार्य इन्हीं का होता है। इसके लिए ये क्रिएटिव के साथ मिलकर योजना बनाते हैं। इस जॉब में सफल होने के लिए बेहतर कम्युनिकेशन स्किल का होना भी जरूरी है। अगर हिंदी के साथ अग्रेंजी पर भी पकड़ हो तो सोने पर सुहागा है।
यह हकीकत है कि क्लाइंट सर्विसिन्ग का कार्य करते हुए आपको देश और विदेश के विभिन्न लोगों से मिलना पड़ता है। ऐसे में यहजरूरी नहन्ी कि सामने वाला हिंदी जानता हो जिन लोगों को मार्केट रिसर्च में दिलचस्पी है। उनके लिए भी जॉब उपलब्ध है मीडिया प्लानिंग मीडिया से संबंधित काम मीडिया प्लानर्स सका हाता है। अपनी ग्राहकों तक बात पहुंचाने के लिए मीडिया का कौन सा माध्यम सबसे उपयुक्त होगा।
यह निर्णय इनका ही होता है। पर इसके लिए ये लोग अकाउंट प्लानर और क्रिएटिव के साथ मिलनकर निर्ण लेमिे है। ये विभिन्न विज्ञापन एजेंसियों को भी सलाह देते है। ये समाचार पत्र और मैगजीन में किस पेज पर ऐडवर्टाग्जिंग करवाना है। बताते हैत् वही इलैक्टोनिक मीडिया का कौना सा चैनल और कार्यक्रम सही होगा इसका निर्णय भी करते है। सैलरी पैकेज जहां तक वेतन की बात है तो यह आपके कार्य और अनुभव के अनुसार निर्धारित होगा फिर भी आप विज्ञापन उद्योग में बिल्कुल नए है तो २० हजार रूपऐ प्रतिमाह से कम नहीं हो चाहिए यह राशि अनुभव के साथ ही बढ़ती जाएगी।